माँ बेटी को एक बेड में देसी सेक्स का मजा दिया - [भाग 1]

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अनूप नाम हैं मेरा और कोलेज के लड़के मुझे प्लेबॉय और राऊडी राठोड कह के बुलाते हैं. मेरे दो शौक हैं; पहला देसी सेक्स और दूसरा घूमना. होश संभाला तब से ही मेरे ऊपर चुतो की बरसात रही हैं जैसे. मेरा पहला देसी सेक्स संजना चाची के साथ हुआ थी; जो मेरी सगी चाची हैं. संजना चाची ने मुझे चुदाई के वो दाव सिखाएं हैं जो कोई पैसे ले के भी नहीं सिखाता. संजना चाची की चूत चोदने से शरु हुई मेरी देसी सेक्स की गाथा एक गुत्थी के साथ आगे बढती गई हैं. वैसे मेरा लंड तो कोई भी चूत को देख के खड़ा हो जाता हैं लेकिन मुझे मच्योर आंटियों के साथ सेक्स करने में बड़ा मजा आता हैं. पता नहीं क्यूँ टाईट काने से ज्यादा प्लेज़र मुझे वो ढीले भोसडी और बम भोसड़ीयों में आता हैं. यह देसी सेक्स कहानी लता आंटी और उसकी बिटिया मुनमुन की हैं. लता दीदी मेरी गर्लफ्रेंड हैं.

लता आंटी को चोद के मैं निकलने लगा

अब लता दीदी को कैसे पटाया और कैसे उसने मुझे अपनी चूत पहले देसी सेक्स में दी; वो कहानी तो नार्मल हैं. मैं आप को जो कहानी बताने जा रहा हूँ उसमे आप को बहुत ही मजा आयेंगा. तो उस शाम की बात हैं जब लता दीदी ने मुझे अपने घर पे बुलाया चूत मरवाने के लिए. यह आंटियों में एक अच्छी बात होती हैं; जिसका लंड पसंद आ जाएँ उसकी गुलाम हो जाती हैं जैसे. लता आंटी भी ऐसी ही थी. लेकिन उसे यह पता नहीं था की उसकी बेटी मुनमुन मेरे क्लास में ही पढ़ती हैं और मैं कितने दिन से उसके फ्रेंड सर्कल में भी था. लता आंटी अगर यह जान लेती की मैंने उसकी बेटी मुनमुन की भी चुदाई की हैं तो वो आश्चर्य से पागल ही हो जाती. लता आंटी की चुंचिया दबाते हुए मैंने उसकी चूत चोदनी चालू कर दी. पर मन में मुनमुन की चूत के भी दीदार हो रहे थे; उसके साथ किये हुए देसी सेक्स के द्रश्य सामने आ रहे थे. लता आंटी की चुदाई ख़तम होते ही मैंने कपडे पहने और मैं निकल गया. लता आंटी को आश्चर्य और शोक हुआ होंगा क्यूंकि इसके पहले मैंने उसे आफ्टर प्ले का मजा दिए बिना कभी भी जगह नहीं छोड़ी थी. मेरे बिल्डिंग से निचे उतरते ही उसका फोन आया.

मैं, "हल्लो..बोलो आंटी."

लता आंटी, "कुछ गलती हुई मुझ से क्या? आज से पहले ऐसे तो नहीं भागे तुम."

मैं, "नहीं आंटी ऐसा कुछ नहीं हैं. बस कुछ याद आ गया मुझे इसलिए."

लता आंटी, "मुझे भी बताओ की देसी सेक्स से जरुरी बात तुम्हारे लिए आखिर कौन सी हैं."

लता आंटी जानती थी की मैं चूत के लिए सबकुछ छोड़ सकता था. इसलिए उसके आगे बहस करना बेकार था. उसे पता नहीं था की मैं नौटंकी कर रहा था; लेकिन मेरी नौटंकी को वो सच ही समझ बैठी थी. मैंने अपने पत्ते फेंकने चालू किये.

मैं, "नहीं आंटी, आप नहीं समझेंगी, रहने दे."

लता आंटी, "तुम्हे मेरी कसम हैं अगर नहीं बताया तो."

मैं, "आंटी मैं आप की बेटी मुनमुन को चोदना चाहता हूँ."

तेरी बेटी से देसी सेक्स करना हैं मुझे

लता आंटी की गांड से गू निकल गया शायद. 20 सेकण्ड तक तो सांस की भी आवाज नहीं आई. लेकिन जैसे की मैंने बताया की यह आंटियां जिस से देसी सेक्स करती हैं उसके लिए कुछ भी करने के लिए रेडी होती हैं; और यही सोच के तो मैंने यह प्लानिंग किया था. मुनमुन और लता आंटी को अलग अलग तो पहले ही चोद चूका था मैं. बस एक मन की इच्छा थी की इन दोनों माँ बेटी को एक ही बिस्तर में ले जा के दोनों को चोदूं. वैसे लता आंटी किसी भी सूरत में अपनी बेटी की माँ नहीं लगती थी. 36 के करीब थी लता आंटी, और डिवोर्सड थी इसलिए मेरे झांसे में आ गई थी. फिर लता आंटी की आवाज आई, "अरे ऐसे थोड़ी हो सकता हैं. वो मेरी बेटी हैं. और मैं कैसे उसके साथ आउंगी."

मैंने आंटी को कहा, "आंटी आप को आना भी उसके साथ हैं और उसे बतायेंगी भी आप ही."

लता आंटी हंसने लगी, "अरे पागल हो गए हो क्या तुम.?"

मैंने फोन काट दिया. और उसके बाद लता आंटी की 10-12 रिंग को बजने ही दी. बाद में मैंने फोन उठाया, लता आंटी हथियार डाल चुकी थी. वो बोली, "ठीक हैं चलो तुम कहते हो तो मैं मान लेती हूँ इसका प्रयत्न करने के लिए. लेकिन तुम मुझे यह बताओ की मैं यह करुँगी कैसे."

मैंने फोन पे ही लता आंटी को समझा दिया की इसे अंजाम कैसे दे सकते हैं. लता आंटी मेरी बातें सुन के थोड़ी आस्वस्त लगी अब.

जैसे मैंने लता आंटी को समझाया था; उस दिन के बाद वो मुनमुन के सामने ढीले और भडकाऊ कपड़ो में आनेजाने लगी. मुनमुन भी दूध तो नहीं पीती थी; 18 साल की थी और 18 लौड़े लेने की शक्तिमान थी वो भी. लता आंटी को मैंने बताया था की मुनमुन को अपने चुंचे दिखाओ और गांड को जरा उसके सामने और मटकाओ. लता आंटी को साथ में मैंने यह भी कहा की घर में वो पेंटी ना पहने जिस से उसकी सलवार उसकी गांड में फंसती रहे और मुनमुन उसे देखती रहें. देसी सेक्स की प्यासी आंटी मुझे नहीं छोड़ना चाहती थी इसलिए उसने यह सभी करना चालू कर दिया.

फिर दूसरा राउंड शरु हुआ मेरे और लता आंटी के प्लानिंग का. मैंने लता आंटी को बोला की वो अपने रूम के दरवाजे को खुला रख के हस्तमैथुन और डिल्डो प्ले करें. लता आंटी ने यह भी करना चालू कर दिया. उसने मुझे यह भी बताया की मुनमुन उसे ऐसा करते हुए एक दो बार देख भी चुकी थी. अब मैंने लता आंटी को हमारे देसी सेक्स की प्लानिंग का अंतिम दाव अजमाने को कहा. जिस में लता आंटी अपनी बेटी को अपनी देसी सेक्स की प्यास के बारे में बताने वाली थी. लता आंटी थोडा डर रही थी; लेकिन मैंने उसे बताया की सब सेट हैं उसे जरा भी घबराने की जरुरत नहीं हैं. मेरी हिम्मत देने के बाद रात में लता आंटी पतली नाईटी पहने के मुनमुन के कमरे में चली गई...क्रमश:
 
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