मुनमुन अपनी माँ को इस हालत में देख के चौंकी क्यूंकि इसके पहले मुनमुन के कमरे में ऐसे गई नहीं थी. मुनमुन उस वक्त पोर्न मैगज़ीन पढ़ रही थी. उसने माँ को देख के फट से मैगज़ीन को बेड पर की रजाई के निचे डाल दिया. लता आंटी वहाँ बैठी और मुनमुन से बाते करने लगी. बातों बातों में वो अपने देसी सेक्स के लिए जुजते हुए चुंचे बार बार दिखा रही थी. मैंने लता आंटी को कहा था की अंदर कोई ब्रा पहने बिना मुनमुन के पास जाना ताकि मुनमुन उसके उभरे हुए स्तन को देख के कुछ उत्तेजित हो जाएँ.
लता आंटी ने मुनमुन से कहा, "मुनमुन मैं तुमसे एक बात करने आई हूँ. अगर तुम कहो तो?"
मुनमुन, "हाँ बोलियें क्या हुआ मम्मी."
लता आंटी, "मुनमुन काफी दिनों से मैं सोच रही थी यह तुम्हे बताने के लिए लेकिन जबान नहीं खुल पा रही थी. तुम्हे तो पता ही हैं की तुम्हारे पिता के जाने के बाद मैं बहुत अकेली पड़ गई हूँ. मुझे भी देसी सेक्स की प्यास रहती हैं. वैसे ऑफर्स तो बहुत आई हैं लेकिन मैं तुम्हारी राय जानना चाहती थी. क्या मैं शादी करूँ तो तुम्हे कोई एतराज हैं?"
मुनमुन चौंक सी गई क्यूंकि उसे कतई भी अंदाजा नहीं था की उसकी माँ के मुहं से वो देसी सेक्स सुनेगी कभी. उसकी चूत भी सलवटें लेने लगी. उसने अपनी माँ के कंधे पे हाथ रखा और बोली, "आई अंडरस्टेंड, आप को जो ठीक लगता हैं वो करो."
आंटी ने मुनमुन को बताया की उसे चुदना हैं
लता आंटी, "पर उसमे मुझे दो समस्याएँ आ रही हैं. पहली की शादी होने के बाद तुम्हारें लिए लड़का ढूंढने में दिक्कत होगीं. और दूसरी और अहम बात यह हैं की तुम्हारे डेड के परिवार वाले मुझे जायदाद से बर्खास्त कर सकते हैं इस शादी का मौका ले के."
मुनमुन बोली, "तो फिर क्या सोचा हैं आप ने?"
लता आंटी, "मैं सोच रही थी अफेर करने के बारें में."
मुनमुन समझ गई की उसकी माँ चुदना चाहती हैं. और उसने सोचा की उसमे कोई हरज भी नहीं थी क्यूंकि जब उसकी चूत के अंदर खुजली आ सकती हैं तो उसकी माँ की चूत के अंदर देसी सेक्स की तड़प हो उसमे कुछ बुरा नहीं हैं. मुनमुन अपनी माँ के सामने देख रही थी. लता आंटी मेरा पढ़ाया हुआ तोता था. उसने मुनमुन से कहा, "तेरे ध्यान में तेरा कोई बॉयफ्रेंड हैं जो इसके लिए रेडी हो.!"
मुनमुन ने एक पल के लिए तो सोचा ही होंगा की कैसे माँ हैं पहले देसी सेक्स की प्यास बताती हैं और फिर चुदना भी उसकी बेटी के बॉयफ्रेंड से ही चाहती हैं. मुनमुन 2 मिनिट के लिए सोचने लगी. अगले ही दिन मैंने मुनमुन की चूत चोदते हुए उसे कहा था की मुझे बड़ी उम्र वाली स्त्रियों के साथ संभोग करने में बहुत ही मजा आता हैं. मुनमुन अभी मेरा नाम सजेस करे उसके पहले ही लता आंटी बोली, "वैसे अनूप ठीक लगता हैं मुझे. उसकी आँखों में मेरे लिए कुछ अलग भाव देखें हैं मैंने पहले भी."
और मुनमुन समझ गई की मैंने लता आंटी को पटाया हैं. लेकिन उसे यह पता नहीं था की उसके पहले मैंने उसकी माँ को चोदा था; और लता आंटी के अंदर उस से ज्यादा देसी सेक्स भरा पड़ा था. मुनमुन कैसे अपनी माँ को बताती की यह वही अनूप हैं जो उसे भी देसी सेक्स का मजा देता हैं. लेकिन मुनमुन को पता नहीं था की मैं उसकी माँ की चूत भी तो चोद चूका था. मुनमुन ने अपने मोबाइल को निकाल के मुझे फोन किया.
मुनमुन: हल्लो अनूप कहाँ हो डियर.
मैं: बस बैठा हु घर पे.
मुनमुन: मेरी एक दोस्त हैं तुम पे फ़िदा हैं.
मैं: तो क्या हरज हैं ले आओ मेरे पास; उसको और फ़िदा करने पे मजबूर कर देंगे.
मुनमुन: तुम मेरे घर आ जाओ अभी.
मैं: क्यों सब ठीक तो हैं ना.
मुनमुन: बस तुम आ जाओ फिर बात करते हैं हम लोग.
माँ बेटी दोनों देसी सेक्स की प्यासी
मैंने बाइक निकाली और मुनमुन के घर में आ गया. घर आते ही मैंने देखा की मुनमुन अंदर सोफे पे बैठी थी और उसके पीछे उसकी माँ खड़ी थी. मैंने जानबूझ के शराफत का चोला पहना था; क्यूंकि मुनमुन को शक हुआ तो वो थ्रीसम के लिए कतई राजी नहीं होनेवाली थी. मैंने सोफे में बैठा और लता आंटी किचन में गई चाय बनाने के लिए. मुनमुन मेरे करीब आई और बोली, "अनूप बड़ी उलझन हैं. मेरी माँ तुम से चुदवाना चाहती हैं. उसे देसी सेक्स की सनक चढ़ी हैं. प्लीज़ उसके साथ सेक्स कर लो एकबार."
मैंने अपनी गर्दन खुजाते हुए कहा, "अरे क्या बात कर रही हैं मुनमुन ऐसा कैसे हो सकता हैं. मुझे डर लगता हैं."
मुनमुन, "अरे तब तो बड़ा कह रहा था की मुझे बड़ी उम्र की औरतो के साथ देसी सेक्स करने में बड़ा मजा आता हैं."
मैं, "अरे मुझे थोड़ी पता था की तेरी माँ ही चोदनी पड़ेंगी."
मुनमुन,"प्लीज़ अनूप, कोई और चोदे उस से अच्छा तुम ही चोद दो."
मैंने कहा, "ठीक हैं लेकिन तुझे भी ज्वाइन करना पड़ेंगा हम दोनों के साथ."
मुनमुन की चूत फट गई, "अरे बाप रे, मोम के साथ थ्रीसम. पागल हैं क्या."
मैं, "देख ले मेरी कंडिशन ही यह हैं समझ ले."
मुनमुन, "ठीक हैं तू स्टार्ट कर मैं फिर आती हूँ."
मुनमुन चाय पीने के बाद बोली, "अनूप मैं आई जरा 10-15 मिनिट में."
उसके जाते ही लता आंटी मेरे पास आई और धीरे से बोली, "क्या हुआ अनूप सेटिंग हुआ की नहीं."
मैंने उसकी चुंचिया मसलते हुए कहा, "सब सेट हैं वो थोड़ी देर में हमें ज्वाइन करेंगी. तब तक तुम अपने कपडे उतारो और मेरा लंड चूसो." लता आंटी तो देसी सेक्स के लिए तो कभी भी तैयार ही रहती थी. उसने फट से अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और पेंट उतारने लगी. मुझे पता था की मुनमुन सिर्फ जगह छोड़ के गई थी; और वो जरुर कुछ देर में वापस आके यह द्रश्य देखने वाली थी. लता आंटी ने मेरे सुपाड़े को अपने मुहं में लिया और वो लग गई मस्त लंड चुसाई में...! आगे मुनमुन की चुदाई बाकी हैं..क्रमश:
लता आंटी ने मुनमुन से कहा, "मुनमुन मैं तुमसे एक बात करने आई हूँ. अगर तुम कहो तो?"
मुनमुन, "हाँ बोलियें क्या हुआ मम्मी."
लता आंटी, "मुनमुन काफी दिनों से मैं सोच रही थी यह तुम्हे बताने के लिए लेकिन जबान नहीं खुल पा रही थी. तुम्हे तो पता ही हैं की तुम्हारे पिता के जाने के बाद मैं बहुत अकेली पड़ गई हूँ. मुझे भी देसी सेक्स की प्यास रहती हैं. वैसे ऑफर्स तो बहुत आई हैं लेकिन मैं तुम्हारी राय जानना चाहती थी. क्या मैं शादी करूँ तो तुम्हे कोई एतराज हैं?"
मुनमुन चौंक सी गई क्यूंकि उसे कतई भी अंदाजा नहीं था की उसकी माँ के मुहं से वो देसी सेक्स सुनेगी कभी. उसकी चूत भी सलवटें लेने लगी. उसने अपनी माँ के कंधे पे हाथ रखा और बोली, "आई अंडरस्टेंड, आप को जो ठीक लगता हैं वो करो."
आंटी ने मुनमुन को बताया की उसे चुदना हैं
लता आंटी, "पर उसमे मुझे दो समस्याएँ आ रही हैं. पहली की शादी होने के बाद तुम्हारें लिए लड़का ढूंढने में दिक्कत होगीं. और दूसरी और अहम बात यह हैं की तुम्हारे डेड के परिवार वाले मुझे जायदाद से बर्खास्त कर सकते हैं इस शादी का मौका ले के."
मुनमुन बोली, "तो फिर क्या सोचा हैं आप ने?"
लता आंटी, "मैं सोच रही थी अफेर करने के बारें में."
मुनमुन समझ गई की उसकी माँ चुदना चाहती हैं. और उसने सोचा की उसमे कोई हरज भी नहीं थी क्यूंकि जब उसकी चूत के अंदर खुजली आ सकती हैं तो उसकी माँ की चूत के अंदर देसी सेक्स की तड़प हो उसमे कुछ बुरा नहीं हैं. मुनमुन अपनी माँ के सामने देख रही थी. लता आंटी मेरा पढ़ाया हुआ तोता था. उसने मुनमुन से कहा, "तेरे ध्यान में तेरा कोई बॉयफ्रेंड हैं जो इसके लिए रेडी हो.!"
मुनमुन ने एक पल के लिए तो सोचा ही होंगा की कैसे माँ हैं पहले देसी सेक्स की प्यास बताती हैं और फिर चुदना भी उसकी बेटी के बॉयफ्रेंड से ही चाहती हैं. मुनमुन 2 मिनिट के लिए सोचने लगी. अगले ही दिन मैंने मुनमुन की चूत चोदते हुए उसे कहा था की मुझे बड़ी उम्र वाली स्त्रियों के साथ संभोग करने में बहुत ही मजा आता हैं. मुनमुन अभी मेरा नाम सजेस करे उसके पहले ही लता आंटी बोली, "वैसे अनूप ठीक लगता हैं मुझे. उसकी आँखों में मेरे लिए कुछ अलग भाव देखें हैं मैंने पहले भी."
और मुनमुन समझ गई की मैंने लता आंटी को पटाया हैं. लेकिन उसे यह पता नहीं था की उसके पहले मैंने उसकी माँ को चोदा था; और लता आंटी के अंदर उस से ज्यादा देसी सेक्स भरा पड़ा था. मुनमुन कैसे अपनी माँ को बताती की यह वही अनूप हैं जो उसे भी देसी सेक्स का मजा देता हैं. लेकिन मुनमुन को पता नहीं था की मैं उसकी माँ की चूत भी तो चोद चूका था. मुनमुन ने अपने मोबाइल को निकाल के मुझे फोन किया.
मुनमुन: हल्लो अनूप कहाँ हो डियर.
मैं: बस बैठा हु घर पे.
मुनमुन: मेरी एक दोस्त हैं तुम पे फ़िदा हैं.
मैं: तो क्या हरज हैं ले आओ मेरे पास; उसको और फ़िदा करने पे मजबूर कर देंगे.
मुनमुन: तुम मेरे घर आ जाओ अभी.
मैं: क्यों सब ठीक तो हैं ना.
मुनमुन: बस तुम आ जाओ फिर बात करते हैं हम लोग.
माँ बेटी दोनों देसी सेक्स की प्यासी
मैंने बाइक निकाली और मुनमुन के घर में आ गया. घर आते ही मैंने देखा की मुनमुन अंदर सोफे पे बैठी थी और उसके पीछे उसकी माँ खड़ी थी. मैंने जानबूझ के शराफत का चोला पहना था; क्यूंकि मुनमुन को शक हुआ तो वो थ्रीसम के लिए कतई राजी नहीं होनेवाली थी. मैंने सोफे में बैठा और लता आंटी किचन में गई चाय बनाने के लिए. मुनमुन मेरे करीब आई और बोली, "अनूप बड़ी उलझन हैं. मेरी माँ तुम से चुदवाना चाहती हैं. उसे देसी सेक्स की सनक चढ़ी हैं. प्लीज़ उसके साथ सेक्स कर लो एकबार."
मैंने अपनी गर्दन खुजाते हुए कहा, "अरे क्या बात कर रही हैं मुनमुन ऐसा कैसे हो सकता हैं. मुझे डर लगता हैं."
मुनमुन, "अरे तब तो बड़ा कह रहा था की मुझे बड़ी उम्र की औरतो के साथ देसी सेक्स करने में बड़ा मजा आता हैं."
मैं, "अरे मुझे थोड़ी पता था की तेरी माँ ही चोदनी पड़ेंगी."
मुनमुन,"प्लीज़ अनूप, कोई और चोदे उस से अच्छा तुम ही चोद दो."
मैंने कहा, "ठीक हैं लेकिन तुझे भी ज्वाइन करना पड़ेंगा हम दोनों के साथ."
मुनमुन की चूत फट गई, "अरे बाप रे, मोम के साथ थ्रीसम. पागल हैं क्या."
मैं, "देख ले मेरी कंडिशन ही यह हैं समझ ले."
मुनमुन, "ठीक हैं तू स्टार्ट कर मैं फिर आती हूँ."
मुनमुन चाय पीने के बाद बोली, "अनूप मैं आई जरा 10-15 मिनिट में."
उसके जाते ही लता आंटी मेरे पास आई और धीरे से बोली, "क्या हुआ अनूप सेटिंग हुआ की नहीं."
मैंने उसकी चुंचिया मसलते हुए कहा, "सब सेट हैं वो थोड़ी देर में हमें ज्वाइन करेंगी. तब तक तुम अपने कपडे उतारो और मेरा लंड चूसो." लता आंटी तो देसी सेक्स के लिए तो कभी भी तैयार ही रहती थी. उसने फट से अपने हाथों से मेरे लंड को पकड़ा और पेंट उतारने लगी. मुझे पता था की मुनमुन सिर्फ जगह छोड़ के गई थी; और वो जरुर कुछ देर में वापस आके यह द्रश्य देखने वाली थी. लता आंटी ने मेरे सुपाड़े को अपने मुहं में लिया और वो लग गई मस्त लंड चुसाई में...! आगे मुनमुन की चुदाई बाकी हैं..क्रमश: