मान्या ने मारी मेरी गांड[भाग1]

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अजीबो गरीब सेक्स टेस्ट वाली मान्या

हमारे कालेज की सबसे बिन्दास लँडकी मान्या, चौतीस, अठाइस और छत्तीस की टीनेजर साईज पर इरादे पतुरियों वाले। हमेशा चुदासी रहने वाली। केला दे दो तो छील के ऐसे मुह में डालेगी जैसे कि लंड अंदर बाहर कर रही हो। भावनाओं को भड़काने में अव्वल, लंड को धड़काने में एकदम टाप माल। पर तरीके ऐसे कि आप सुनकर दंग रह जाएंगे। उसकी फंटासियों को जानने का मौका मुझे तब मिला जब उसकी सबसे फास्ट फ्रेंड भावना मेरी गर्लफ्रेंड हुआ करती थी। भावना अक्सर अपनी सहेली की कल्पनाएं बताती, जैसे कि मान्या को चलती ट्रेन में चुदने का बहुत शौक है। उसे गैंग बैंग की बहुत इच्छा होती है और कुतिया की तरह से स्लर्प स्लर्प करके लंड चूसने और किसी लड़की की गांड काटने की इच्छा भी होती है। अव्वल इच्छा उसकी ये होती है कि वह अपने ब्वायफ्रेंड की गांड पहले डिल्डो से मारे और फिर अपनी चूत उससे मरवाए। वो बहुत खतरनाक इरादो वाली लड़की थी जिसकी अप्राकृतिक सेक्स कल्पनाओं के चलते लड़के जल्द ही उसे छोड़ देते थे। यह बात वाक ई किसी लड़के को गंवारा न होती कि उसकी गांड में मोटा डिल्डो डालकर उसकी गर्लफ्रेंड उसकी गांड मार ले।

आखिर भावना से एक साल बाद मेरा ब्रेक अप हो गया। हम दोनों नवीनता चाहते थे सेक्स में और एक साल साथ रह के हमने अपना अनुबंध पूरा कर लिया था। बीटेक का आखिरी चौथा साल था और हमें अब नये साथी की तलाश थी। हमने और भावना ने फैसला किया था कि हम एक दूसरे के लिए नये साथी की तलाश में मदद करेंगे। और इस करार के मुताबिक मैने भावना को अप्ने दोस्त अमन के साथ सेट कर दिया। वो अक्सर उसके साथ चुदती और मजे करती। अब उसको अपना वादा पूरा करना था और इसके लिए मान्या ने मुझे एक दिन मान्या से मिलवाया। मिलते ही मुझे आंख मारी और बोली - ये छोकरा तो तेरे साथ तीन साल रहा है भावना, जरा बता लंबी रेस का घोड़ा तो है ना ये। दोनों सहेलियां एक दम मुहंफट और चूतफट थी। मान्या के इस प्रशन पर भावना बोली, अरे मेरी रानी तेरे साथ जाएगा तो तेरे को खुद पता चल जाएगा जब तू ब्रह्मांड की सैर करेगी इसके लौड़े पर चढ करके। खैर खाली और उल्ट दिमाग वाली मान्या का हाथ पकड़ के मैने अपनी बाइक पर बिठाया और पार्टी के लिए रेस्टोरेंट ले गया। वहां मान्या ने मुझे बताया कि उसके सेक्स को लेकर कैसी अजीबो गरीब धारणाएं हैं और वो किस प्रकार से अपने साथी का मानमर्दन करना चाहती है। मैने कहा कि तुम्हे पाने के लिए सब सहन कर लूंगा जानेमन, क्योंकि तुम चीज ही ऐसी हो। हम सब ने डिनर साथ किया उस दिन और फिर मैं उसे लेकर अपने फ्लैट पर आ गया। हम सब आज चुदने के मूड में थे। चुदना तो उसको भी था और चुदना मुझको भी था पर मैने उसको चोदने के लिए देसी शिलाजीत और दूध दो ग्लास आकर घर पर पिया, मुझे पता था साली हराम की, कुछ भी कर सकती है और मुझे इसका बदला तो उसे चोद कर ही लेना होगा।

मान्या के पास दो मुहां डिल्डो था जो एक बेल्ट में बंधा था।

फिर बेडरुम में आते ही वो रोमांटिक होने लगी। अपने कपड़े पूरे ऐसे फेंक दिये जैसे कि वो अब तक उसे चुभ रहे थे। इसके बाद मान्या ने अपने पर्स से एक मोटा बेल्ट वाला डिल्डो निकाला। वो पता नहीं क्या करना चाह रही थी पर शायद वो मेरी गांड मारने के इरादे से आज आई थी। डिल्डो निकाल कर मान्या ने अपने मुह में ऐसे इस स्टाइल से डाला जैसे वो कोई लालीपाप हो। डिल्डो अपने थूक मे भिगोने के बाद मान्या ने अपने कमर में उस बेल्ट वाले डील्डो को बांध लिया। वो तो ऐसे फिट हुआ जैसे कि उसको लंड उग आया हो। अरे हां वो तो दो मुहां डिल्डो था जिसका एक हिस्सा पीछे वाला उसकी चूत में घुसा हुआ था और एक हिस्सा आगे लंड की तरह निकला हुआ था। पिछला हिस्सा कोई 6 इंच का होगा और अगला हिस्सा कोई सात इंच का होगा। मान्या ने अपने चूत में तो लंड डाल लिया पर मेरे लिए छेद बंद कर दिया। इसका मतलब मेरी खैर न थी। खैर मैने अपने तकदीर को मनाते हुए उसको कुछ भी करने का मौका देने की ठान रखी थी, इसलिए मैं कुछ कह न सकता था। वो मेरी तरफ आई और मेरे कपड़े प्याज के छिलकों की तरह से उतार के फेंक दिये। अब मैं नंगा खड़ा था और वो मेरे पैरों के पीछे बैठ गयी। अपने हाथों से मेरे अंडों को सहलाते हुए मान्या ने अपना मुह मेरी गांड पर लगा दिया। साली एक दम वियर्ड थी, अजीबो गरीब टेस्ट था उसका सेक्स को लेकर। मान्या ने अपनी जीभ से मेरी गांड को चाटते हुए मेरे अंडों को मसाज करना जारी रखा, हालांकि यह अजीब अवश्य था पर सनसनी भरा था। मुझे मस्ती आ रही थी और मैने उसके इस प्रयास की मन ही मन दाद दी।

पर जल्दी ही स्थिति बदल गयी। मुझे पलंग के किनारे को पकड़ कर चौपाया बनने को कहा। मैने वैसा ही किया। उसकी चूत चोदने के लिए मैं किसी भी हद तक गिर सकता था और अपनी गांड भी मरवा सकता था हालांकि गांड मराने का अपना एक अलग मजा है पर उसको पटाने के लिए यह करना जरुरी था। मान्या ने मेरे पीछे आकर अपने थूक से गीला कर चुकी गांड पर मोटे डिल्डो का सुपाड़ा रखा और धकियाने लगी। मेरी कमर पकड़ कर मान्या ने मुझे पीछे हटने से रोका और मोटा नकली लंड अंदर धकेल दिया। मेरे मुह से निकला - आह्ह, रुको मारोगी क्या, पर पलक झपकते ही वो रावल पिंडी एक्सप्रेस बन चुकी थी। वो मेरे पीठ पर झुक के बिल्कुल चिपक गयी थी। उसके भारी भरकम चूंचे मेरे पीठ पर सरक रहे थे और मस्ती दे रहे थे। वो पूरा डील्डो धीरे धीरे अंदर घुसा चुकी थी और अब बारी थी मस्ती की जो हम कर रहे थे। मुझे भी यह अनोखा मजा आनंद दे रहा था। वो मेरी गर्दन पकड़ के मुझे किस कर रही थी। जैसे जैसे वो धक्के मारती, उसको खुद भी मजा आ रहा था काहे कि डिल्डो का पीछे वाला दूसरा डील्डो उसकी चूत में जो घुसा था। हम दोनों मजे मे थे। आगे पढें चुदवाया मुझसे कैसे।
 
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