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Mumbai me maine didi ki chudai ki

यह एक सच्ची सेक्स स्टोरी है, कभी- कभी कोई अनवांटेड गिफ्ट मिल जाये तो कितनी ख़ुशी होती है न.. होती है न.., ऐसे ही अनवांटेड गिफ्ट की तरह मिली मुझे मेरी बहिन की चूत, हमें भी ख़ुशी हुई. आइये पूरा किस्सा बताते है कि क्या हुआ, कैसे मिली मुझे मेरी बहिन की चूत.

पहली बात यह कि ये एक रियल स्टोरी है. मैं मुंबई(कल्याण) में अपने दीदी जीजू के साथ रहता हूँ, एक साल से वैसे मेरे दीदी जीजू में सब कुछ ठीक था पर मेरी दीदी को जीजू सेक्सुअली संतुष्ट नहीं कर पाते थे, जो मुझे बाद में दीदी ने बताया और हां दीदी का नाम बताना तो भूल गया उनका नाम रिया है, बुब्ब ३६ है उनके और..

चलिए अब उस इतेफाक के दिन की बात करते है जब यह सब हुआ.

पहले मैं अपने बारे में बता दू. मैं सुदीप, २१ साल का हूँ, मेरा लंड साइज़ ७ इंच है और यह कहानी मेरे और मेरी सगी बहिन के बीच की है जिसकी उम्र है २४ साल.

अब आगे..

मैं सेक्स स्टोरी का रेगुलर रीडर हूँ, अधिकतर मैं रात में सेक्स स्टोरी पढता था और अपना हिलाता था. पर करीब ३ महीने पहले की बात है, मैं घर में था दीदी अपने कमरे में और मैं दुसरे कमरे में था बिकॉज़ जीजू का फ्लैट २ बी अच के है और मैं बोर हो रहा था तो सोचा की चलो सेक्स स्टोरी ही पढ़ लेता हूँ.

मैं साईट पर गया तो लंड पर भी हाथ चला गया, थोडा टाइम तो वैसे अंडरवियर में हाथ डाल कर सहलाता रहा पर आख़िरकार हाथ में ले लिया. मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है इसलिए मुंबई में तो हिलाना आम बात थी.

मैं स्टोरी पढ़ रहा था और साथ में लंड भी हिला रहा था.

मुझे यह एहसास ही नहीं हुआ कि दी कब से कमरे के सामने से यह सब देख रही है. खैर तभी मेरी नज़र घूम गयी दीदी को देखते ही मेरे होश हवास उड गए. कुछ समझ नहीं आ रहा था .

जो भी कुछ हुआ बहुत बुरा लग रहा था. दी सामने से हट गयी, मैंने भी मेरा लंड अंदर किया और पड़ा रहा. फिर दीदी को काम करते देख चुपके से घर से निकल गया. खैर मैंने मेरी दीदी को चोदने के बारे में ना पहले कभी सोचा था न आज ही सोचा.

ये बात भी धीरे- धीरे निकल गयी. एक दो दिन में दीदी के सामने कम पड़ा, पर उन्होंने भी इस पर कोई बात नहीं की. बात आई गयी हो गयी.

कहानी का दूसरा पार्ट यहाँ से शुरू होता है. मेरे जीजू एक बड़ी कंपनी में सेल्स ऑफिसर है. तो वो लगभग सुबह को निकलते है और देर रात घर आते है. इस वजह से दीदी की चुदाई ठीक ढंग से नहीं कर पते बिकॉज़ वो खुद थके होते है.

पर इस बार हुआ यह की जीजू को कंपनी ने ३ दिन के लिए गोवा भेज दिया, कंपनी के ही काम से.

बात सिर्फ ३ दिन की थी बड़ी बात नहीं थी और जीजू चले गए.

मैं उस दिन रात ८ बजे घर आया तो दीदी ने कहा चल खाना खा ले. आज तेरे जीजू का वेट नहीं करना है वो ३ दिन के लिए गोवा गए है. मैंने कहा ठीक है.

हम दोनों खाना खाने बैठ गए, दी की शादी को ४ साल हो चुके थे पर कोई बच्चा नहीं था.

तभी दीदी ने कहा भाई तेरी शादी हो जानी चाहिए, ऐसा मुझे लगता है.

मैं समझ गया कि दीदी उस दिन की घटना के लिए बोल रही है. मैने कुछ बोला नहीं बस चुप रहा.

दी ने कहा क्या हुआ भाई कुछ बोल नहीं रहा.

मैंने कहा सॉरी दी उस दीन के लिए और मुझे कुछ नहीं बोलना.

वो बोली नहीं भाई.. ऐसा कुछ नहीं, ऐसा तो होता ही है, सब लड़के करते है कोई बात नहीं. चल ठीक है.

और फिर हम दोनों अपने अपने कमरे में चले गए.

तभी दीदी ने बुलाया सुदीप सुनो.

मैंने कहा हां दी.

दी बोली तुम आज मेरे कमरे में सो जयो क्यूंकि मुझे अकेले सोने में डर लगता है.

मैंने कहा पर दी बेड तो एक ही है तो दी ने कहा तो क्या हुआ तू मेरा भाई है.

मैंने कहा ओके.

और मैं उनके बेड पर आ गया.

अब मेरे दिमाग में कुछ शक का कीड़ा कुलबुलाने लगा की दीदी के दिमाग में कुछ चल तो नहीं रहा.

पर उस रात दोनों थोडा जागने के बाद सो गए.

दूसरा दिन..

आज मैं बिना कहे बेड पर आ गया खाना खा कर.

दी भी आ गयी और सच बोलू तो कल से और आज भी दी के हाव भाव से मैं शशंकित था.

वही हुआ रात मेरी अचानक में नींद खुल गयी तो देखा दीदी का हाथ मेरे अंडरवियर में था बिकॉज़ मैं बरमुडे में था तो उन्हें जयादा दिक्कत नहीं हुयी थी.

अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था क्या करू, यह जाहिर करू की नहीं कि में जाग गया.

मैं थोडा समय तक वैसे ही पड़ा रहा, तभी दीदी मेरा बरमुडा निचे सरका कर और अंडरवियर से लंड निकल कर मुठ मरने लगी तो मैंने नींद में होने का नाटक कर यह बोल दिया की ये क्या कर रही हो.

दी बोली नाटक मत कर मुझे पता है तुम काफी देर से जाग रहे हो और तुम्हे भी यह सब अच्छा लग रहा है.

और चल अब तू भी शुरू हो जा.

मैं बोला क्या करू दी.

दी. कुछ भी जो तुझे अच्छा लगे.

मेरे हाथ दीदी के बूब्स पर चले गए और फिर मैंने उनके बूब्स को मसलना शुरू किया. कभी चूत सहलाता तो कभी बूब और पूरा शरीर भी. अब हम दोनों नंगे हो गए थे.

तभी दीदी ने अपना मुह मेरे लंड पर टिका दिया.

एक सुखद एहसास से शरीर तर बतर हो गया. यह मेरी ज़िन्दगी का पहला अनुभव था लंड चुस्वाने का. पहले सिर्फ एक बार सेक्स कर चूका था अपनी गर्ल फ्रेंड के साथ बस.

दी बहुत अच्छी तरह चूस रही थी बोली तेरा बड़ा है. मैं बोला क्या..?

बोली कुछ नहीं.

अब मुझे बोली चल मेरी चूत चूस.

मैंने कभी चूत चुसी तो नहीं थी , पर दी के बोलने पर मैंने ज़बरदस्त चुसाईं करी. हम दोनों आधे घंटे तक ऐसे ही एक दुसरे से उलझे रहे और फिर दी ने कहा अब आगे भी कुछ करेगा या नहीं?

मैंने कहा हां..

और लंड उनकी चूत में डाल दिया. दी की चूत टाइट थी, जीजू के कम चोदने के कारन.

इस तरह उस रात और दुसरे दिन पूरी रात चुदाई करी.

बाद में जीजू आ गए पर तब भी उनके ऑफिस से घर आने से पहले हम चुदाई कर लिया करते थे.

२० दिन पहले पता चला दी माँ बनने वाली है.

मैंने पुछा दी किसका बच्चा है तो दीदी ने बहुत रूखे से बोला तुम्हारे जीजू का होगा और किस का होगा.

फिर मैंने कुछ ऊपर करना चाहां तो उन्होंने साफ़ मना कर दिया.

बोली हम भाई बहिन है, तुम्हे पता है ना. फिर मैंने कहा जो अभी तक हुआ उसका क्या.

वो बोली भूल जयो उसे तुम भी और मैं भी भूल गयी हूँ..

वो एक सपना था..

२० दिन से दी का व्यवहार भी बदल गया है और मैं अब चूत के लिए तड़प रहा हु.

कहानी पढने के बाद अपने विचार मुझे जरुर भेजे..
 
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