मेरा माल गिरने के लिए तैयार था

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Antarvasna, desi kahani: काफी देर से कोई डोर बेल बजा रहा था मैं जब दरवाजे पर गया तो दरवाजे पर एक व्यक्ति खड़ा था वह मुझे कहने लगा कि क्या यहां पर सुनील वर्मा जी रहते हैं। मैंने उन्हें कहा कि नहीं यह सुनील वर्मा जी का घर नहीं है आप गलत आ गए हैं, मैंने उन्हें कहा आप सिक्योरिटी गार्ड से पूछ लीजिए वह आपको उनका घर बता देगा उसके बाद वह व्यक्ति वहां से चले गए। मैं घर पर अकेले ही था घर पर कोई भी नहीं था क्योंकि सब लोग शादी में गए हुए थे हमारे एक परिचित की शादी थी तो वहीं पर पापा मम्मी और मेरी बहन गए हुए थे मैं घर पर अकेला था। वह लोग अभी तक लौटे नहीं थे इसलिए मुझे भी उस दिन अपने ऑफिस से छुट्टी लेनी पड़ी थी। मम्मी पापा ने मुझे अपने साथ शादी में चलने के लिए तो कहा था लेकिन मैंने उन्हें मना कर दिया क्योंकि मेरा मन शादी में जाने का नहीं था इसलिए मैं उनके साथ शादी में नहीं गया। मैं घर पर अकेला बोर हो रहा था तो सोचा की अपने दोस्त को मिल आता हूँ तो मैं उस दिन अपने दोस्त रमेश को मिलने के लिए उसके घर पर चला गया रमेश हमारी सोसाइटी में ही रहता है।

मैं उसे मिलने के लिए उसके घर गया तो वह घर पर ही था और तभी उसकी मम्मी हम दोनों के लिए चाय बना कर ले आई। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने रमेश से कहा तुम्हारी जॉब कैसी चल रही है तो वह कहने लगा कि जॉब तो अच्छी चल रही है। मैंने रमेश से कहा कि मैं घर पर अकेले बोर हो गया था तो सोचा कि तुमसे मिल लूँ। रमेश ने कहा कि क्या घर पर कोई नहीं है तो मैंने रमेश को बताया कि नहीं वह लोग शादी में गए हुए हैं रमेश कहने लगा कि अच्छा वह लोग शादी में गए हुए हैं मैंने रमेश को कहा हां। रमेश ने मुझसे पूछा वह लोग कब वापस लौटेंगे तो मैंने रमेश को कहा अभी इस बारे में तो मुझे भी नहीं पता कि वह लोग वापस कब लौट आएंगे लेकिन शायद एक दो दिन में वह लोग वापस लौट आएंगे। हम दोनों चाय पीते पीते दूसरे से बात कर रहे थे रमेश ने मुझे बताया कि वह अपने ऑफिस में हीं काम करने वाली लड़की को पसंद करने लगा है। मैंने रमेश को कहा क्या तुम दोनों एक दूसरे को डेट भी करने लगे हो तो रमेश मुझे कहने लगा कि हां हम दोनों एक दूसरे को डेट तो कर ही रहे है लेकिन अभी तक मैंने उसे अपने दिल की बात कही नहीं है।

मैंने रमेश को कहा जरा मुझे उस लड़की का नाम और तस्वीर तो दिखाओ तो रमेश ने मुझे अपने मोबाइल उस और लड़की की तस्वीर दिखाई और कहा कि इसका नाम सुहानी है। मैंने रमेश को कहा सुहानी दिखने में तो बहुत सुंदर है रमेश कहने लगा कि हां यार इसीलिए तो मेरा सुहानी पर दिल आ गया था। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे तो रमेश ने मुझे सुहानी के बारे में बताया मैंने रमेश को कहा कि क्या तुम सुहानी के साथ शादी करने वाले हो तो रमेश कहने लगा कि हां मैं सुहानी के साथ शादी करने के लिए तैयार हूं लेकिन अभी तक मैं अपने दिल की बात उससे नहीं कर पाया हूं। मैंने रमेश से कहा की तुम उसे अपने दिल की बात क्यो नहीं बता देते तो रमेश कहने लगा कि तुम तो जानते ही हो कि मेरे अंदर बिल्कुल भी हिम्मत नहीं है। मैंने उसे कहा तुम्हें सुहानी को प्रपोज तो करना ही पड़ेगा तभी तो वह तुम्हारे दिल की भावनाओं को समझ पाएगी। मैंने रमेश को समझाया तो रमेश ने कहा हां मैं सुहानी से कल ही अपने दिल की बात कह दूंगा। मैं और रमेश एक दूसरे के साथ बात कर रहे थे फिर मैंने रमेश से कहा कि अब मैं घर चलता हूं और फिर मैं अपने घर लौट आया था। मैं घर पर आया तो अकेला बोर हो रहा था मैंने सोचा कि थोड़ी देर टीवी देख लेता हूं और मैं टीवी देखने लगा लेकिन मेरा मन टीवी देखने में भी नहीं लग रहा था। मुझे काफी भूख लग रही थी तो मैंने सोचा कि कुछ आर्डर करवा लेता हूं।

हमारे सोसाइटी के बाहर ही एक रेस्टोरेंट है मैंने वहां पर फोन किया और थोड़ी देर बाद ही वहां से मेरा आर्डर आ गया। मुझे बहुत तेज भूख लग रही थी इसलिए मैं खाना खाने लगा मैंने जब खाना खत्म किया उसके बाद मैं अपने रूम में चला गया। मैं अपने रूम में गया तो पापा का फोन आया मैंने पापा से कहा आप लोग कब आ रहे हैं तो वह मुझे कहने लगे कि बेटा हम लोग दो दिन बाद घर वापस आ जाएंगे। मैंने पापा को कहा आप लोगों को काफी दिन हो गए हैं और कल मुझे ऑफिस जाना है तो पापा कहने लगे कि हां बेटा हमें मालूम है लेकिन हम लोग दो दिन बाद ही घर लौट पाएंगे। मैंने भी उसके बाद फोन रख दिया था और मैं अपने मोबाइल में अपने कुछ पुराने दोस्तों के नंबर देख रहा था मैंने सोचा कि उनसे मैं बात करूं लेकिन मेरे पास काफी कम लोगों के ही नंबर थे। मैंने अपने दोस्त सोहन को फोन किया सोहन से मेरी काफी देर तक बात हुई और मैंने सोहन को कहा कभी तुम मुझसे मुलाकात भी कर लो। सोहन मुझे कहने लगा कि रोहित तुम तो जानते ही हो कि ऑफिस में कितना ज्यादा काम रहता है इसलिए मैं बिल्कुल भी समय नहीं निकाल पाता लेकिन मैं कोशिश करूंगा कि तुमसे मैं मुलाकात करूं।

मेरी और सोहन की काफी देर तक एक दूसरे से बातें हुई बात करने के बाद मैंने फोन रख दिया था और उसके बाद मुझे काफी गहरी नींद भी आ रही थी। अगले दिन मुझे ऑफिस जाना था इसलिए मैं जल्दी सो गया कुछ ही देर में मैं सो चुका था और अगले दिन मैं जब सुबह उठा तो मैं जल्दी से तैयार होकर अपने ऑफिस के लिए निकल गया। मैं अपने ऑफिस पहुंचा तो उस दिन ऑफिस में काफी ज्यादा काम था इसलिए मुझे घर लौटने में देरी हो गई थी। मैं जब घर लौट रहा था तो रास्ते में एक भाभी ने मुझसे लिपट मांगी। मैंने उन्हें लिफ्ट दी जब वह मेरी मोटरसाइकिल मे बैठी तो वह मुझसे बिल्कुल ही चिपक कर बैठी हुई थी उनके स्तनों मुझसे टकरा रहे थे। मैंने उनकी जांघ पर हाथ रख दिया उन्होंने कुछ नहीं कहा। जब मैंने उनकी जांघ को सहलाना शुरु किया तो मुझे मजा आने लगा उन्होंने मुझसे बड़े ही प्यार से मेरा नाम पूछा और मैंने उन्हें अपना नाम बताया। मैंने उन्हें कहा आपको कहां जाना है मैं आपके घर तक ही आपको छोड देता हूं। उन्होंने कहा ठीक है आप मुझे मेरे घर तक ही छोड दीजिए। मैं उन्हें छोडने के लिए उनके घर गया। उन्होंने मुझे कहा आप अंदर आ जाएगी उन्होंने मुझे घर पर बुला लिया। उनके घर में कोई भी नहीं था मैंने उन्हें कहा क्या घर पर कोई भी नहीं है। उन्होंने मुझे कहा नहीं मेरा पति आज काम से बाहर गए हुए हैं और वह कुछ दिनों बाद ही लौटेंगे।

मैंने उन्हें कहा भाभी आपका नाम क्या है? उन्होंने मुझे बताया मेरा नाम कावेरी है। कावेरी भाभी दिखने में सुंदर है मेरा मन उनकी गांड को दबाने का हो रहा था। मैं अपने आपको रोक ना पाया मैंने उन्हें कस कर पकड़ लिया जब मैंने उन्हें पकड़ा तो मै उनकी गांड को दबाने लगा। मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था जब मैं उनकी गांड को दबा रहा था वह मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाती जा रही थी और मेरे अंदर की गर्मी इस कदर बढने लगी थी कि मैं बिल्कुल भी रह नहीं पाया। मैंने उन्हें कहा अब रहा नहीं जा रहा है उन्होंने कहा रहा तो मुझसे भी नहीं जाएगा। जब उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों में निकाल कर उसे हिलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा। वह मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाए जा रही थी उन्हें बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और मुझे भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मेरे अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। उन्होंने मेरे अंदर की गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा दिया था। मैंने अब उनकी चूत को चाटना शुरू किया मैं जब उनकी योनि को चाट रहा था तो मुझे मजा आने लगा। उनकी चूत से हल्की सी खुशबू आ रही थी उनकी चूत से निकलता हुआ पानी बहुत ज्यादा बढ़ चुका था।

मैंने उन्हे कहा मुझे अच्छा लग रहा है। उन्होने मुझे कहा तुम मेरे स्तनों को चूसो। मैंने उनके स्तनों का रसपान करना शुरू किया उनके बड़े स्तनों को मै चूसता तो मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और उन्हे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मेरा लंड उनकी चूत मे जाने को तैयार था। जिस कारण मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी उन्होंने मुझे कहा तुम्हारा लंड मेरी चूत में जाने के लिए तैयार है। मैंने भी धीरे से अपने लंड को उनकी योनि के अंदर घुसाया और मेरा लंड उनकी चूत के अंदर तक चला गया। मेरा लंड उनकी चूत में घुस चुका था जिसके बाद वह अपने आपको रोक नहीं पा रही थी। वह जिस प्रकार से मुझे गर्म करने की कोशिश करती हूं मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था और उन्हें भी काफी ज्यादा मजा आ रहा था। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित होते जा रहे थे और हम दोनों के अंदर की गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। अब हम दोनों के अंदर से इतनी ज्यादा गर्मी बढ़ने लगी थी कि हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पाए।

मैंने उन्हें कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है भाभी की चूत के अंदर बाहर मेरा लंड हो रहा था। उन्हें बहुत ज्यादा मजा आ रहा था वह मुझे कहती बस तुम मुझे ऐसे ही धक्के मारते रहो। मैंने उन्हें ऐसे ही काफी देर तक धक्के मारे। जब मुझे लगने लगा मेरे अंदर की गर्मी बाहर के निकलने के लिए तैयार है तो मैंने उनके दोनों पैरों को आपस मे मिला लिया और मैंने अपने माल को उनकी चूत मे गिराकर उनकी चूत को रंगीन बना दिया वह खुश हो गई थी। वह कहने लगी तुम बडे कमाल के हो। उसके बाद तो जैसे वह मेरे लिए बहुत तड़पने लगी थी जब भी उन्हें मेरी जरूरत होती तो मैं उन्हे अपने पास बुला लिया करता है या फिर वह मुझे अपने पास बुला लिया करती और हम दोनों एक दूसरे के साथ सेक्स का खुलकर मजा लिया करते।
 
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