मेरा लंड दीपा की चूत में

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Hindi sex stories, antarvasna: कॉलेज में मैं और अनिका साथ में पढ़ते थे हम दोनों के बीच काफी अच्छी दोस्ती थी और हम दोनों एक दूसरे को प्यार भी करते थे। हम दोनों के बीच प्यार अब बहुत बढ़ने लगा था लेकिन मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति कुछ ठीक नहीं थी वह लोग मुझे बड़ी मुश्किल से कॉलेज पढ़ा रहे थे और फीस का खर्चा भी मेरे पापा बड़ी मुश्किल से उठा पाते थे लेकिन अनिका के पिताजी बहुत बड़े बिजनेसमैन है। मुझे कई बार लगता था कि क्या अनिका और मेरा मेल कभी हो पाएगा भी या नहीं, मैं जब भी यह सोचा करता तो मुझे ऐसा लगता कि जैसे कि अनिका और मैं एक दूसरे से बहुत अलग हैं। मैंने भी अपना कॉलेज खत्म हो जाने के बाद मैंने जॉब करनी शुरू कर दी। अनिका मुझसे बातें किया करती थी मैंने अनिका को कई बार समझाया कि अनिका हम दोनों का रिलेशन कभी हो ही नहीं पाएगा लेकिन अनिका को तो सिर्फ मुझसे बात करना अच्छा लगता था और वह मेरे साथ रिलेशन में रहना चाहती थी। मुझे यह बात मालूम थी कि कभी भी हम दोनों का मेल हो नहीं पाएगा। जब अनिका के पिताजी ने उसका रिश्ता कहीं और ही तय कर दिया तो अनिका ने भी मेरे बारे में अपने घर पर बता दिया। जब अनिका के पापा मुझसे मिले तो मुझे यह बात मालूम थी कि वह कभी भी मेरी शादी अनिका से नहीं करवाएंगे और हुआ भी यही।

अनिका की शादी उन्होंने अपने दोस्त के लड़के से तय कर दी और अनिका की शादी तय हो जाने के बाद अनिका मेरी जिंदगी से दूर जा चुकी थी। अनिका ने मुझे काफी बार कहा कि तुम मुझसे शादी कर लो मैं तुम्हारे बिना एक पल भी नहीं रह पाऊंगी लेकिन यह सब संभव नहीं था मैं नहीं चाहता था कि मैं अनिका के साथ शादी करूं। मुझे भी यह बात अच्छे से मालूम थी कि अनिका और मेरे बीच कभी भी रिश्ता हो नहीं सकता क्योकि हम दोनों एक दूसरे से काफी अलग थे। अब अनिका मेरी जिंदगी से दूर हो चुकी थी, उसकी शादी हो गई थी अनिका अब ऑस्ट्रेलिया में अपने पति के साथ ही रहने लगी थी। अनिका के पति का बिजनेस ऑस्ट्रेलिया में है और मै दिल्ली में ही जॉब कर रहा था लेकिन समय के साथ मेरा प्रमोशन भी हो गया। मेरे पापा मम्मी चाहते थे कि मैं भी अब शादी कर लूं लेकिन मैं शादी नहीं करना चाहता था, अनिका का मेरी जिंदगी से कोई लेना देना नहीं था और वह मेरी जिंदगी से बहुत ज्यादा दूर हो चुकी थी। एक दिन अनिका ने मुझे फोन किया जब उसने मुझे फोन किया तो मुझे भी अनिका से बात कर के अच्छा लगा लेकिन अब हम दोनों एक दूसरे के साथ सिर्फ बात ही कर सकते थे।

अनिका ने मुझे कहा कि वह अपने पति के साथ बहुत खुश है मैंने अनिका को कहा कि अनिका तुम्हारे पापा ने जो फैसला लिया वह ठीक है, तो अनिका मुझे कहने लगी कि देखो इस बात को हम लोग भूल ही जाए तो बेहतर होगा क्योंकि मैं नहीं चाहती कि हम इस बारे में कुछ भी याद करे। मैंने अनिका को कहा अनिका देखो मैं तुमसे शादी करना चाहता था लेकिन तुम तो जानती हो कि मेरी आर्थिक स्थिति बिल्कुल भी ठीक नहीं थी। अनिका ने मुझसे पूछा कि क्या तुमने शादी कर ली तो मैंने अनिका को कहा नहीं मैंने अभी शादी नहीं की है। हम दोनों एक दूसरे से बहुत दूर थे लेकिन फिर भी मेरे दिल में अनिका को लेकर हमेशा ही इज्जत थी। मैं जिस ऑफिस में काम करता हूं उस ऑफिस में जॉब करने के लिए एक लड़की आई उसका नाम आकांशा है।

दीपा बड़ी ही शरारती किस्म की थी उसका बोल चाल और उसका बिंदास अंदाज मुझे अच्छा लगने लगा था। शुरुआत में तो मुझे दीपा बिल्कुल भी पसंद नहीं थी लेकिन फिर दीपा मुझे अच्छी लगने लगी और समय के साथ साथ दीपा और मेरे बीच अच्छी दोस्ती भी हो गई, हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझने लगे थे। जब आकांशा ने जब मुझे अपनी फैमिली के बारे में बताया तो तब मुझे पता चला कि दीपा के ऊपर ही घर की सारी जिम्मेदारी है। दीपा ही अपने घर का सारा खर्चा उठाती है और दीपा अपने घर में अपने छोटे भाई के कॉलेज की पढ़ाई का खर्चा भी उठा रही है यह बात सुनकर मेरे दिल में दीपा को लेकर इज्जत और बढ़ने लगी। मेरे दिल में दीपा को लेकर कुछ तो चलने लगा था जब भी मैं दीपा के साथ होता तो मुझे काफी अच्छा लगता था मैं हमेशा ही दीपा की तारीफ किया करता और दीपा से कहता कि तुमने अपने घर की जिम्मेदारी बखूबी निभाई है और मुझे बहुत ही अच्छा लगता है जब भी तुम मेरे साथ होती हो।

आकांशा को भी यह बात समझ आ चुकी थी कि मैं दीपा को प्यार करने लगा हूं और उसके बाद दीपा और मेरे बीच और भी ज्यादा नज़दीकी बढ़ती चली गई। हम दोनों एक दूसरे को डेट करने लगे थे और मैं दीपा के साथ काफी ज्यादा खुश था क्योंकि मैंने कभी सोचा भी नहीं था की आकांशा और मेरे बीच इतना प्यार हो जाएगा कि हम दोनों एक दूसरे के बिना कभी रहे ही नहीं पाएंगे। दीपा और मैं एक दूसरे के बिना रह भी नहीं पाते थे हम दोनों को एक दूसरे का साथ बहुत अच्छा लगता। हम दोनों एक दूसरे के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताया करते थे लेकिन अब दीपा भी चाहती थी कि हम दोनों एक हो जाएं। मैंने दीपा को कहा कि मैं तुमसे शादी करना चाहता हूं तो दीपा को भी इस बात से कोई एतराज नहीं था और दीपा और मैंने कोर्ट मैरिज कर ली क्योंकि दीपा चाहती थी कि हम दोनों कोर्ट मैरिज करे और हम दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली। उसके बाद हम दोनों पति-पत्नी बन चुके थे और मैं काफी ज्यादा खुश था क्योंकि आकांशा मेरी जिंदगी में आ चुकी थी। हम दोनों की सुहागरात की पहली रात थी। जब आंकाक्षा और मै एक दूसरे के साथ बातें रहे थे तो दीपा ने मुझे कहा क्या सिर्फ तुम बात ही करते रहोगे या कुछ करोगे भी।

यह बात सुनकर मैंने दीपा के स्तनों के तरफ हाथ बढ़ाया और दीपा के स्तनों को दबाने लगा वह गर्म होने लगी। दीपा को मैंने बेड पर लेटा दिया। जब दीपा बिस्तर पर लेट चुकी थी तो मैं उसके गुलाबी होठों को चूसने लगा। मुझे बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था जब मैं उसके होठों को किस कर रहा था और उसकी गर्मी को मैं बढ़ाता जा रहा था। दीपा भी अब पूरी तरीके से गर्म होती जा रही थी वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने पूरी तरीके से बढ़ा दिया है। मैंने दीपा को कहा तुमने भी तो मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ा कर रख दिया है। उसने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरू किया। जब आकांशा ने मेरे मोटे लंड को अपने हाथों में लेकर हिलाना शुरू किया तो मुझे मजा आने लगा और दीपा को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था।

मेरे अंदर की आग अब बढ़ती जा रही थी मैंने उसके बदन को अच्छे से सहलाना शुरु कर दिया था। जब मैं ऐसा कर रहा था तो वह पूरी तरीके से गरम हो गई थी। मैंने उसके गुलाबी होठों को चूमना शुरू कर दिया था। दीपा के होठों से मैने खून निकाल दिया था। मुझे मजा आने लगा था। मेरे लंड से भी पानी निकलने को तैयार था। मैने दीपा की ब्रा को उतारा तो मै उसके स्तनो को देखता रहा। जब मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरु किया तो मुझे मजा आने लगा था। मैं उसके स्तनों को दबाता जा रहा था और मुझे बहुत ही मजा आता। दीपा पूरी तरीके से मचलने लगी थी वह मुझे कहने लगी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही हूं। वह अपने पैरो को आपस मे मिलाने लगी थी मै भी उसकी आग पूरी तरीके से बढा चुका था। जब मैंने अपने लंड को बाहर निकाला तो दीपा मेरे लंड को देख बोली कितना मोटा लंड है। मैने उसे कहा तुम इसे अपने मुंह में लेकर चूसा। वह बोली नहीं मै तुम्हारे लंड को मुंह मे नहीं ले सकती। मैने उसे कहा तुम एक बार तो मेरे लंड को मुंह मे लो। उसने लंड को मुंह मे ले लिया और वह मेरे लंड को चूसने लगी। वह जिस तरह से मेरे लंड को चूस रही थी उस से मुझे बहुत ही ज्यादा मजा आ रहा था और उसे भी बड़ा मजा आ रहा था।

उसने मेरे लंड को गले तक ले लिया था वह खुश हो गई थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। अब वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से चूस रही थी वह मेरी गर्मी को पूरी तरीके से बढ़ाती जाती। मैने दीपा की पैंटी को खोल दिया और मैं अब उसकी चूत को चाटने लगा था। मै जब उसकी चूत को चाट रहा था तो उसे बहुत ज्यादा मजा आने लगा था और मुझे उसकी चूत को चाटने में इतना मजा आने लगा कि उसकी चूत से निकलता हुआ पानी कुछ ज्यादा ही बढ़ने लगा था। मैंने काफी देर तक दीपा की चूत का रसपान किया और उसे गरम कर दिया था। जब मैंने अपने मोटे लंड को दीपा की चूत के अंदर डालाने की कोशिश की तो मेरा लंड अंदर नहीं गया।

अब मैने लंड पर तेल लगाया और दीपा की चूत को मेरा लंड फाडता हुआ अंदर चला गया वह जोर से चिल्लाई और बोली मेरी चूत मे दर्द हो रहा है। मै उसे तेजी से चोदता रहा और मैने उसे बोला कुछ देर रूक जाओ तुम्हे भी मजा आएगा। कुछ देर बाद वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। अब मुझे भी बहुत मजा आने लगा था। मैं दीपा की चूत के अंदर बाहर अपने लंड को बडी आसानी से कर रहा था। उसकी चूत से खून बाहर निकल रहा था इस बात से मै बहुत ही ज्यादा खुश हो था। दीपा मुझे कहने लगी मेरी चूत से कुछ ज्यादा ही अधिक मात्रा में खून निकलने लगा है। मै खुश था दीपा की सील पैक चूत मारकर मैंने उसे कहा मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा हूं। अब मुझे बहुत मजा आ रहा था मै दीपा को तेजी से चोद रहा था। वह मुझे अपने दोनों पैरों के बीच मे मुझे जकडने लगी। जब उसने मुझे अपने पैरों के बीच में जकड़ना शुरू किया तो मुझे बड़ा आनंद आने लगा था और दीपा की चूत मुझे टाइट महसूस हो रही थी।

मैं बहुत ही ज्यादा खुश हो चुका था। मैने अपने माल को दीपा की चूत मे गिरा दिया और मै उसके ऊपर से लेटा हुआ था मेरा लंड अभी भी दीपा की चूत मे था। मैने अपने लंड को बाहर निकाला और दीपा को कहा मुझे तुम्हे चोदना है वह बोली मार लो मेरी चूत। मैंने दोबारा दीपा की चूत मे लंड लगाया उसकी चूत से अभी भी वीर्य बाहर की तरफ निकल रहा था। उसकी चूत से निकलता हुआ वीर्य बहुत अधिक था। मैंने उसके दोनों पैरों को अपने हाथों से पकड़ लिया और मैने उसकी मोटी जांघ को कसकर पकड़ा हुआ था। मैने अपने लंड को दीपा की चूत मे डाला अब मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मेरा लंड दीपा की चूत मे जा चुका था। उसकी चूत और मेरे लंड की टक्कर से जो गर्मी पैदा होती वह मेरे शरीर मे गर्मी पैदा कर रही थी। मुझे बहुत मजा आ रहा था। जब मैंने दीपा को घोडी बनाया और उसकी चूत के अंदर बाहर अपने लंड को करने लगा तो उसकी चूत के अंदर बाहर मेरे अपने लंड हो रहा था और मुझे बहुत मजा आ रहा था। वह मेरा साथ बड़े ही अच्छे से दे रही थी। मै उसकी चूतड़ों पर जिस प्रकार से प्रहार करता उससे एक अलग ही आवाज पैदा होती जा रही थी। दीपा की चूतडे लाल हो गई थी। मैंने उसे बहुत देर तक ऐसे ही चोदा जब मुझे एहसास होने लगा मैं ज्यादा समय तक अपने आपको रोक नहीं पाऊंगा तो मैंने उसे कहा मैं तुम्हारी चूत में वीर्य गिराने जा रहा हूं। वह बोली मेरी चूत मे माल गिरा दो। दीपा की चूत के अंदर मैंने अपने वीर्य को गिराकर अपनी पहली रात को सफल बना दिया। मै और दीपा एक दूसरे की बांहो मे थे।
 
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