मेरा वीर्य अदिति की योनि में

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Sex stories in hindi, antarvasna: कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट हो जाने के बाद मेरी नौकरी दिल्ली में ही लग गई थी। पापा और मम्मी भी बहुत ज्यादा खुश थे हम लोग दिल्ली में ही रहते हैं। पापा के कपड़ों का कारोबार है वह काफी वर्षों से यह काम कर रहे हैं। मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी है पापा ने हमेशा मेरा सपोर्ट किया है उन्होंने मुझे कभी भी किसी चीज की कोई कमी महसूस नहीं होने दी। जब घर की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी उस समय भी उन्होंने मेरी पढ़ाई में कभी भी कोई कमी नहीं होने दी और अब मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चलने लगा है मेरी जॉब भी लग चुकी है। पापा का बिजनेस भी बहुत ही अच्छे से चल रहा है कभी-कभार पापा और मैं एक दूसरे के साथ बैठकर इस बारे में बात कर लिया करते हैं। भैया कि जिंदगी में कुछ ठीक नहीं चल रहा था क्योंकि भैया के डिवोर्स हो जाने के बाद वह पूरी तरीके से टूट चुके थे।

मैंने कभी भी यह सोचा नहीं था भैया का डिवोर्स हो जाएगा लेकिन भाभी और भैया के बीच के बढ़ते झगड़ों की वजह से घर का माहौल भी खराब होने लगा था और उन दोनों के डिवोर्स की नौबत आ चुकी थी। पापा ने कई बार भैया को समझाने की कोशिश की थी लेकिन भैया इस बात को नहीं माने भैया और भाभी ने डिवोर्स लेने का फैसला कर लिया था। वह दोनों अलग रहते हैं भैया बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे। उनकि नौकरी पर भी इस बात का असर होने लगा था भैया ने अपनी जॉब से रिजाइन दे दिया था। भैया अपनी जॉब से रिजाइन देने के बाद बहुत ज्यादा परेशान रहने लगे थे उनकी परेशानी दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही थी उनकी परेशानी का कारण सिर्फ और सिर्फ यही था वह भाभी से अलग हो चुके थे। पापा चाहते थे वह दूसरी शादी कर ले लेकिन भैया इस बात के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं थे। भैया ने साफ तौर पर मना कर दिया था वह कहने लगे मैं दूसरी शादी करने के बिल्कुल भी पक्ष में नहीं हूं। वह दूसरी शादी करने के लिए तैयार नहीं थे हम दोनों की जिंदगी काफी ज्यादा बदल चुकी थी।

भाभी की जिंदगी भी बहुत ज्यादा बदल चुकी थी सब लोगों ने उन दोनों को समझाने की कोशिश की थी लेकिन अब कोई फायदा नहीं था क्योंकि वह दोनों अलग ही रहने लगे थे और उन दोनों की जिंदगी में बहुत ज्यादा बदलाव आने लगा था। भैया ने अपनी जॉब से भी रिजाइन दे दिया था इसलिए पापा चाहते थे भैया उनका बिजनेस संभाल ले और भैया ने पापा का बिजनेस संभाल लिया था वह बहुत अच्छे से काम कर रहे थे सब कुछ बहुत ही अच्छे से चल रहा था। भैया कि जिंदगी में पहले जैसी खुशियां वापस लौट चुकी थी और भैया इस बात से बड़े खुश थे जिस तरीके से उनकी जिंदगी मे खुशियां लौट चुकी थी। भैया की जिंदगी में अब सब कुछ ठीक से चलने लगा था मैं भी बहुत ज्यादा खुश था। भैया चाहते थे वह पापा और मम्मी की बात मान जाए और उन्होंने पापा और मम्मी की बात मान ली उन्होने शादी करने का फैसला कर लिया था। वह पापा और मम्मी की बात मान चुके थे जब भैया ने उनकी बात मान ली थी तो मुझे भी इस बात की बड़ी खुशी थी भैया ने उनकी बात मान ली थी।

भैया की अब शादी हो चुकी थी। भैया शादी करने के बाद अपनी जिंदगी में आगे बढ़ने की कोशिश कर रहे थे और उनकी जिंदगी अच्छे से चलने लगी थी वह बहुत ही ज्यादा खुश थे जिस तरीके से उनकी जिंदगी में खुशियां वापस लौट चुकी थी। भैया ने पापा के बिजनेस को भी आगे बढ़ा दिया था वह लोग बड़े ही खुश थे जिस तरीके से भैया की जिंदगी अच्छे से चल रही थी मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी भैया की जिंदगी अच्छे से चलने लगी थी। एक दिन में अपने ऑफिस से घर लौट रहा था उस दिन मुझे घर आने में देर हो गई थी। भैया ने मुझे फोन किया जब उन्होने मुझे फोन कर के कहा कमल तुम कहां पर हो? मैंने भैया को कहा भैया मैं बस थोड़ी देर बाद घर पहुंच रहा हूं। भैया ने मुझे कहा तुम्हारी भाभी की तबीयत ठीक नहीं है तुम उन्हें हॉस्पिटल लेकर चला जाना मुझे घर आने में देर हो जाएगी। मैंने उन्हे कहा ठीक है। मैं थोड़ी देर बाद घर पहुंचा तो मैं भाभी को हॉस्पिटल लेकर गया। भाभी की तबीयत ठीक नहीं थी उनको बुखार आ रहा था डॉक्टर ने उन्हें कुछ दवाइयां दी थी।

मैं भाभी को घर ले आया था उसके बाद मैं घर पर बैठा ही हुआ था भैया भी आ गए थे। भैया और मैंने उस दिन साथ मे डिनर किया मुझे काफी अच्छा लगा था भैया और मैंने उस दिन साथ में डिनर किया था। मेरी जिंदगी बहुत ही अच्छा से चल रही है अब मुझे इस बात की खुशी है भैया की जिंदगी अच्छे से चल रही थी। भैया की जिंदगी मे पहले की तरह खुशियां वापस लौट चुकी थी और उनकी जिंदगी में सब कुछ ठीक हो चुका था। मेरे ऑफिस में जॉब करने के लिए अदिति आई। अदिति से मेरी काफी अच्छी बनने लगी थी अदिति को ऑफिस में आए हुए सिर्फ 15 दिन ही हुए थे। वह जब भी मुझे देखती मुझे देखकर उसके चेहरे पर एक मुस्कुराहट आ जाती और मैं भी जब उसे देखता तो वह भी खुश हो जाती थी। मुझे बहुत ही अच्छा लगता था जिस तरीके से मैं और अदिति एक दूसरे के साथ होते और एक दूसरे से बातें करते। मुझे नहीं मालूम था अदिति के दिल में मेरे लिए क्या चल रहा है वह मेरे साथ में शारीरिक सुख का मजा लेना चाहती थी और कहीं ना कहीं वह मुझे इशारो इशारो में यह बात बता दिया करती थी। मैं भी अदिति को एक दिन घूमने के लिए ले गया।

उस दिन हम दोनों साथ में घूमने के लिए गए मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से मैं और अदिति एक दूसरे के साथ में समय बिता रहे थे। मुझे अदिति के साथ समय बिताना अच्छा लग रहा था। मैंने उसके होठों को भी बहुत ही अच्छे से किस किया था। मैंने अदिति को अपने साथ होटल में चलने के लिए कहा था वह मेरे साथ चलने को तैयार हो चुकी थी हम दोनों साथ में ही लेटे हुए थे मैं उसके होठों को चूमने लगा था और उसकी गर्मी को मैंने पूरी तरीके से बढा कर रख दिया था। उसकी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी वह बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी मैं भी बिल्कुल नहीं रह पा रहा था जिस तरीके से मैं और अदिति एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बना रहे थे हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था और अदिति को भी बहुत ज्यादा मजा आने लगा था। मुझे और अदिति हम दोनों को बहुत अच्छा लगने लगा था मैं जिस तरीके से अदिति की गर्मी को बढ़ा रहा था और उस से वह बड़ी खुश थी और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था।

जब अदिति और मैं एक दूसरे की बाहों में थे तो हम दोनों को बड़ा अच्छा लग रहा था जिस तरीके से मैं अदिति के होठों को चूम रहा था उससे उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी और वह बहुत ही ज्यादा तड़पने लगी थी। मैं उसके होंठों को चूमता जा रहा था और जब मै उसके होठों को चूम रहा था तो उससे मुझे बहुत ही अच्छा लग रहा था और अदिति की गर्मी को मैं पूरी तरीके से बढा चुका था। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे। मैंने जब अपने लंड को बाहर निकाला तो अदिति ने उसे अपने हाथों में ले लिया और वह उसे हिलाने लगी। कुछ देर तक अदिति ने मेरे लंड को अपने हाथों से हिलाया लेकिन फिर उसे मैंने कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो। अदिति ने मेरे लंड को अपने मुंह में ले लिया था और उसने मेरे लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे मजा आने लगा था और अदिति को भी बहुत ज्यादा आनंद आ रहा था जिस तरीके से वह मेरा साथ दे रही थी। अब अदिति और मैं एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे।

जब हम दोनों की गर्मी बढ रही थी तो मैं बिल्कुल भी नहीं रह पा रहा था और अदिति ने मेरे लंड को बहुत देर तक चूसा अदिति ने मेरे माल को भी बाहर निकाल दिया था। हम दोनों बहुत ज्यादा गरम हो चुके थे हम लोगों की गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ चुकी थी। अदिति ने भी अपनी पैंटी को नीचे किया उसकी गुलाबी चूत को देखकर मैं बिल्कुल भी रह ना सका और उसकी चूत को मुझे चाटने का मन होने लगा। मैंने उसकी चूत को चाटा जिससे वह बहुत ज्यादा गर्म होने लगी और वह तड़पने लगी थी। वह मुझे कहने लगी मुझे अच्छा लग रहा है अब हम दोनों पूरी तरीके से गर्म होते चले गए और मेरी गर्मी बहुत ही ज्यादा बढ़ने लगी थी। अदिति की योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकल आया था इसलिए वह बिल्कुल भी रह ना सकी और मैंने उसकी योनि में अपने लंड को घुसा दिया था। मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो वह जोर से चिल्ला कर मुझे बोली मेरी चूत में दर्द होने लगा है। मैंने देखा अदिति की योनि से खून निकल आया है जिससे कि वह पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थी और मैं उसे बड़ी ही तेजी से चोद रहा था। मैं उसे जिस तरीके से चोद रहा था उससे वह बहुत गर्म हो रही थी और मुझे कहने लगी मुझे तुम ऐसे ही धक्के मारते जाओ। मैंने अदिति को बहुत देर तक चोदा।

जब मुझे एहसास होने लगा मैं उसकी टाइट चूत का मजा ले नहीं पाऊंगा तो मैंने अदिति की योनि में अपने माल को गिराने का फैसला कर लिया था और मैं उसे बड़ी ही तेजी से धक्के दिए जा रहा था। उसकी गर्म सिसकारियां बढ रही थी और मेरी गर्मी को भी वह बहुत ज्यादा बढ़ा चुकी थी। मेरा वीर्य मेरे लंड को तक आ चुका था। जैसे ही मेरा वीर्य अदिति की योनि में गिरा तो मुझे मजा आ गया। उसके बाद मेरा मन उसे दोबारा से चोदने का हुआ। मैंने अदिति की योनि को साफ करते हुए अपने मोटे लंड को उसकी चूत में ही घुसा दिया था। जब मेरा लंड उसकी योनि में घुसा तो मुझे बड़ा ही मजा आया और मैं अच्छी तरीके से उसको चोदने लगा था। मैंने अदिति के दोनों पैरों को चौडा कर लिया था और उसकी जांघे मेरे हाथों में थी। जब मैं उसे चोद रहा था उसका शरीर हिल रहा था और उसकी गर्मी बहुत ज्यादा बढती जा रही थी। जैसे ही मैंने अपने वीर्य को उसकी चूत में गिराया तो अदिति को मजा आने लगा था और वह कहने लगी आज हम दोनों ने बहुत ही अच्छे से सेक्स किया है। अदिति के चेहरे की खुशी बता रही थी वह बहुत ही ज्यादा खुश है और मैं भी बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स किया था।
 
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