sexstories

Administrator
Staff member
Bhabhi ki bra party

हेल्लो दोस्तों ! मेरा नाम अजय है और मेरी ऐज २३ साल है. इस स्टोरी में कोई चुदाई नहीं है सिर्फ मेरा ब्रा पेंटी और औरतो के कपडे से खेलने के बारे में है.

यह बात तब कि है जब में बाहरवी में था, मेरे भाई कि शादी हो चुकी थी और मेरी भाभी भी एक दम मस्त थी पर मैंने कुछ नहीं किया एक बार जब मैंने बाथरूम में नहाने गया तो वह भाभी कि ब्रा और पेंटी पड़ी थी.

तो मैंने उनकी ब्रा पेंटी उठाई. उनकी पेंटी थोड़ी फटी हुई थी जिसे सिल रखा था. मैंने उसे चाटना शुरू कर दिया. क्या टेस्ट था उसका, मैंने ५ मिनट तक पेंटी को चाटा मेरी जीभ नमकीन हो गयी.

फिर मैंने भाभी कि सफ़ेद ब्रा उठाई और उसके दोनों कपो को चाटने लगा, उसमे से दूध कि महक आ रही थी. और दूध का टेस्ट भी आ रहा था क्यों कि भाभी के २ महीने का बेबी था.

मैंने ब्रा को चाट कर गिला कर दिया फिर लंड बाहर निकला और पेंटी में लंड रख कर मुठ मरने लगा. मैंने लगभग १० मिनट तक लंड हिलाया और सारा माल पेंटी में चोद दिया और फिर मैंने ब्रा में भी मुठ मरी और बाथरूम से बाहर आ गया.

अब मैंने रोज़ भाभी कि ब्रा पेंटी में मुठ मारनी शुरू कर दी. एक दिन भाभी बेबी को दूध पिला रही थी. तभी बेबी ने दूध मुह से निकल दिया और उनकी साड़ी ब्लाउज और ब्रा गन्दी हो गयी. भाभी बाथरूम में कपडे चेंज करने गयी और बेबी को सुला दिया. मैंने सोचा भाभी अपने कपडे साफ़ कर के निकलेगी.

तो मैंने बेबी को जगा दिया और भाभी फटाफट कपडे चंगे कर के रूम में आ गयी.

तो मैंने कहा भाभी में रूम में जा रहा हु.

तो भाभी ने कहा कि उनके कपडे रखे ही तो में उनको पानी में डाल दू.

में अन्दर गया तो भाभी कि रेड कलर कि ब्रा साड़ी पर राखी थी मैंने जहा भाभी का दूध गिरा था वह पर चाटना शुरू कर दिया. क्या अमृत था.

मैंने उनका ब्लाउज जिस पर सब से जयादा दूध लगा था सारा चाट कर साफ़ किया और बाल्टी में डाल दिया और बाथरूम से बाहर आ गया. एक बार सब के कपडे ऊपर सुख रहे थ. भाभी बेबी को दूध पिला रही थी. तो उन्होंने मुझ से कहा कि में सरे कपडे नीचे लेकर आ जायु. में ऊपर गया सब कपडे देखने के बाद भाभी कि ब्रा पेंटी तंगी हुई दिख गयी मुझे.

मैंने सोचा कि एक बार मुठ मार के सारा माल इसमें छोड़ दूंगा और साफ़ नहीं करूँगा और में ब्रा पेंटी को छोड़कर नीचे आ गया. एक दिन भाई और भाभी बाहर गए और भाभी अपने कपडे धो के गयी थी. मैंने देखा कि उनकी पेंटी बिलकुल नयी है और उस पर ९५ नंबर लिखा था.

मैंने ब्रा पेंटी उतारी और अपने रूम में आ गया. मैंने भाभी कि ब्रा पेंटी पहन ली. फिर में में भाभी कि पेंटी के अन्दर से हे मुठ मरने लगा. और मैंने सारा माल पेंटी में छोड़दिया. मुझे बहुत ख़ुशी हुई और मैंने ब्रा पेंटी को वापिस टांग दिया. अब में भाभी के रूम में गया. वह मैंने उनके कॉस्मेटिक रखे देखे. मैंने उनकी पहले तो बॉडी क्रीम निकली और अपने लंड पर लगायी. फिर मैंने लिपिस्टिक ली और बाहर निकला और उसको लंड के मुह पर लगाया. वो लाल हो गया. मैंने सोचा था जब भाभी लिपिस्टिक लगाएंगी तो मेरे लंड का स्वाद भी मिलेगा. फिर मैंने उनकी बिंदी ली और सारी बिंदी लंड पर लगायी और बिंदी और फिर बिंदी वापिस उसके रेपर पर लगा दी. भाभी अपना नहाने का साबुन अलग रखती थी और शैम्पू भी उनका अलग बोतल में था.

मैंने सब से पहले उनका साबुन लिया और लंड पर अच्छी तरह से रगडा और अपने लंड को साफ़ किया. फिर उनकी शैम्पू कि बोतल ली और उसमें अपना थोडा माल गिरा दिया. में यह सब कर बहुत खुश था.

फिर मैंने उनकी ब्रा पेंटी देखी वो सुख गयी थी और उसमें मेरे माल के दाग लगे थे. वो जयादा तो नहीं दिख रहे थे . शाम को भैया भाभी आ गए वो थक गए थे भाभी ने खाना बनाया और मैंने भी खाना खा लिए और अपने रूम में चला गया.

तभी मैंने देखा भाभी अपने कपडे ले कर बाथरूम में गयी है. भाभी नहाने गयी थी क्यूंकि वो पसीने में हो गयी थी. फिर वो थोड़ी देर बाद बाहर आ गयी पर उनके हाथ में वो साबुन का बॉक्स था जिसमे मैंने अपना लंड रगडा था.यह देख कर में बहुत खुश था.

मैंने देखा कि भाभी ने जो कपडे पहने थे वो कपडे बाहर नहीं लायी में समझ गया कि रात होने कि वजह से कपडे नहीं धोये. फिर मैंने सोचा आज तो भाभी के नए कपड़ो पर मुठ मरूँगा. मैंने अपने मोबाइल पर रात के १ बजे का अलार्म लगा दिया ताकि अगर मुझे नींद भी आये तो मैं उठ सकू.

लेकिन मुझे नींद नहीं आई. रात को १:१५ बजे में कमरे से बाहर आया और देखा सब जगह सुनसान है. में दबे पाँव बाथरूम में गया. मैंने बाथरूम में अपने मोबाइल कि टोर्च जलाई और कपडे देखने लगा. भाभी के कपडे बाल्टी में थे.

मैंने बाल्टी उठाई और रूम में आ गया. और अपने कमरे कि लाइट ओन कर दे. सब को पता था कि में रात में भी पढाई करता हु. मैंने देखा ऊपर भाभी कि ब्लू कलर कि सारी फिर नीचे पेतीकोअत और ब्लाउज लेकिन उसमें ब्रा और पेंटी नहीं थी तो में उदास हो गया.

फिर मैंने साड़ी खोली तो उसमें से ब्रा पेंटी गिरी, में तो खुश हो गया. मैंने पेंटी को देखा. भाभी कि पेंटी न्यू थी और उसमी चिकना चिकना कुछ लगा था. जब हाथ लगाया तो वो भाभी का माल था में तो पागल हे हो गया और मैंने पेंटी को चाटना शुरू कर दिया.

मैंने पूरी पेंटी को चाट कर साफ़ कर दिया. मुझे भाभी कि चूत के पानी का स्वाद बहुत अच्छा लगा फिर मैंने उनकी ब्रा को चाटा.

फिर मैंने देखा ब्लाउज में कुछ लगा है वो माल था.

लेकिन वो मर्द लग रहा था. और ऐसा लग रहा था कि किसी ने उससे पोंछ हो. में समझ गया कि यह माल भाई का है. मैंने लंड निकला और मुठ मार कर ब्लाउज से ही पोंछ लिया ताकि भाभी को लगे यह माल भाई का ही है. अब मेरा माल और भाई का माल भाभी के ब्लाउज पर चमक रहा था.

फिर मैंने साड़ी से अपना लंड पुछा और करीब रात के ३ बजे तक भाभी के कपड़ो से खेलता रहा. फिर मैमैंने सब कुछ वापिस बाथरूम में रख दिया. सुबह हुई और भाभी नहाने गयी और कल के कपडे धो कर रूम में आई.

में उस टाइम बेबी को खिला रहा था. भाभी लिप्स पर लिपिस्टिक लगा रही थी जो रात मैंने अपने लंड पर लगायी थी. मुझे बहुत ख़ुशी हुई.

अब मुझे जब भी मौका मिलता में भाभी कि ब्रा पेंटी में मुठ मरता था और उनके कॉस्मेटिक सामान पर अपना लंड चलता था.

आपको मेरी कहानी कैसे लगी वो कमेन्ट कर के जरूर बताये..
 
Back
Top