मेरी माधुरी को लेकर स्वीकार्यता

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Antarvasna, sex stories in hindi मैं बहुत देर से देखे जा रहा था कि माधुरी जी अपने टेबल पर अपने पेपर को इधर से उधर घुमा रही थी मेरी कुछ समझ में नहीं आ रहा था कुछ देर बाद वह अपने नाखूनों को चबाने लगी। मैं उन्हें देख कर समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार वह ऐसा क्यों कर रही हैं इससे पहले उन्होंने कभी ऐसा नहीं किया था परंतु उस दिन मुझे कुछ समझ में नहीं आया। मैंने उनसे पूछ ही लिया मैडम आप ठीक तो है ना वह कहने लगी हां सुरेश जी मैं ठीक हूं। हम दोनों एक ही केबिन में बैठा करते थे इसलिए मैं माधुरी जी को अच्छे से जानता हूं उनकी उम्र यही कोई 40 वर्ष की होगी उनका नेचर बहुत अच्छा है और वह हमारे ऑफिस में अपनी साड़ी के लिए बड़े फेमस है। वह जिस प्रकार की साड़ी पहन कर आती हैं उससे उनकी काया ही पलट हो जाती है वह साड़ी में बहुत सुंदर दिखते हैं साड़ी उनकी सुंदरता में जैसे चार चांद लगा देती है लेकिन माधुरी जी की चिंता मुझे कुछ समझ नहीं आ रही थी कि आखिरकार वह इतना चिंतित क्यों है।

उस दिन तो उन्होंने मुझे कुछ नहीं बताया लेकिन अगले दिन जब वह ऑफिस आए तो उस दिन भी वह काफी परेशान प्रतीत हो रही थी उनकी परेशानी देखते ही बनती थी उनके चेहरे का रंग उड़ा हुआ था और वह ना जाने कहां खोई हुई थी। तभी हमारे ऑफिस का चपरासी आया और कहने लगा साहब आपको निर्देशिका साहिबा बुला रही हैं। हमारे ऑफिस की निर्देशिका भी महिला थी और मैं जब उनके पास गया तो उन्होंने मुझे कहा सुरेश जी मैं आपको एक फाइल सौप रही हूं आप जरा देखिए इसमें हम लोग क्या कर सकते हैं मैंने उन्हें कहा जी मैडम। उन्होंने मुझे फाइल दिया और मैं उनके ऑफिस से बाहर आ गया मैं जब अपने केबिन में बैठा था मैं वह फाइल खोलकर देख रहा था कि तभी माधुरी मैडम का टेबल पर रखा हुआ बैग नीचे गिर पड़ा। मेरी नजर जैसे ही उनकी तरफ गई तो मैंने देखा माधुरी मैडम चकरा कर जमीन पर गिरी हुई है मैंने पानी का गिलास लिया और उनके मुंह पर कुछ पानी की बूंदे मारी जिससे कि वह होश में तो आ गई लेकिन उनकी तबीयत अभी पूरी तरीके से ठीक नहीं हुई थी। मैंने उन्हें घर छोड़ना ही मुनासिब समझा और मैं उन्हें कार से घर ले गया उनके पति को भी इस बात की जानकारी हो चुकी थी तो वह भी अपने ऑफिस से घर आ चुके थे।

उनके पति पुलिस में नौकरी करते हैं वह भी घर आ गए मैंने उन्हें सारी जानकारी दी और कहा मैडम चकरा कर नीचे गिर गई थी। वह कहने लगे ठीक है मैं डॉक्टर को बुला लेता हूं उन्होंने डॉक्टर को बुलाया तो डॉक्टर ने उन्हें देख कर कहा की यह कोई टेंशन ले रही है तो उनके पति घबरा से गए वह कहने लगे नहीं नहीं ऐसा तो कुछ भी नहीं है भला माधुरी को किस बात की टेंशन होगी। मुझे ऐसा लगा कि जैसे उनके पति बचने की कोशिश कर रहे हैं कोई तो ऐसी बात थी जिसे वह छुपाने की कोशिश कर रहे थे। मैं ज्यादा देर तक उनके घर पर नहीं रुका और मैं अब अपने ऑफिस लौट आया था ऑफिस में सब लोग मुझसे माधुरी मैडम के बारे में पूछ रहे थे तो मैंने उन्हें बताया की उनकी तबीयत कुछ ठीक नहीं थी जिस वजह से वह चकरा कर नीचे गिर पड़ी। सब लोगों के मन में ना जाने कितने सवाल उठ रहे थे और मेरे मन में भी काफी सवाल थे कि आखिर कार माधुरी मैडम के जीवन में अचानक से ऐसा क्या हुआ जिससे कि वह इतनी ज्यादा परेशान रहने लगी है। अपनी परेशानी की वजह से उन्हें अब चक्कर तक आने लगे थे वह किसी बात से तो परेशान थी जो वह किसी को भी नहीं बताना चाह रही थी। जब वह अगले दिन ऑफिस आए तो सब लोग उनसे तरह तरह के सवाल पूछने लगे और मैंने भी उनसे सवाल किया क्योंकि मेरे जहन में भी ना जाने कितने सवाल उठ रहे थे। मैंने माधुरी मैडम से कहा मैडम आजकल आप कुछ ज्यादा ही परेशान लग रही है मैं काफी दिनों से देख रहा हूं आपकी परेशानी कुछ ज्यादा ही बढ़ रही हैं। माधुरी मैडम मुझे कहने लगी मैं आपको क्या बताऊं मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली है जिस वजह से मुझे अपनी और अपने बच्चे की भविष्य की चिंता होने लगी है।

मैंने माधुरी जी से कहा आप क्या बात कर रही हैं मैंने एकदम चौक ते हुए उन्हें कहा तो वह मुझे कहने लगी जी सुरेश जी मैं बिल्कुल ठीक कह रही हूं मेरे पति ने दूसरी शादी कर ली है जिस वजह से वह बचने की कोशिश करने लगे हैं मैं तो बहुत टेंशन में हूं और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा कि ऐसी परिस्थिति में मुझे क्या करना चाहिए। मैंने माधुरी मैडम को हिम्मत देते हुए कहा मैडम आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन मुझे इस बारे में बिल्कुल भी जानकारी नहीं थी कि उनके पति ने दूसरी शादी कर ली है उन दोनों के बीच में ना जाने किस बात को लेकर झगड़े थे जिस वजह से माधुरी मैडम और उनके पति के बीच में दूरियां पैदा हो गई थी। उनके चेहरे पर अब पहले की तरह मुस्कान नहीं थी और उनके चेहरे से उनकी मुस्कान गायब हो चुकी थी मैंने काफी कोशिश की थी वह पहले जैसे सामान्य हो पाए लेकिन वह फिर भी दुखी रहती थी। अब उनके पति उनके साथ भी नहीं रहते थे ऑफिस में भी यह बात बड़ी तेजी से फैल चुकी थी और अब सब को यह बात मालूम चल चुकी थी कि माधुरी मैडम के पति ने उन्हें छोड़ दिया है। एक महिला के लिए कितना मुश्किल होता है कि उसके पति के साथ उसकी बिल्कुल नहीं बनती इस बात से वह काफी ज्यादा परेशान थी वह बहुत तनाव में भी आ चुकी थी। दिन-ब-दिन उनकी सेहत गिरती जा रही थी और वह ज्यादातर बीमार ही रहने लगी थी मैंने उनसे कहा कि मैडम आप चिंता मत कीजिए सब कुछ ठीक हो जाएगा लेकिन वह कहां मानने वाली थी उनकी परेशानी की वजह तो उनके पति से उनका अलग होना था और वह दोनों अब एक दूसरे से अलग हो चुके थे।

उनके बेटे की परवरिश पर भी इस बात का असर पड़ने लगा था और माधुरी मैडम मुझसे कई बार जिक्र किया करती कि उनके बेटे की संगत भी अब कुछ ठीक नहीं है। जब से उसके पिताजी ने हमें छोड़ा है तब से वह भी ना जाने कैसे-कैसे लड़कों के साथ घूमता रहता है और अब वह बहुत ज्यादा बिगड़ चुका है उनके बेटे की उम्र यही कोई 15 वर्ष के आसपास रही होगी। वह उसको लेकर भी बहुत चिंतित रहने लगी थी और उनकी चिंता बिल्कुल जायज थी मैंने उन्हें कहा माधुरी मैडम आप अपने मम्मी पापा के पास क्यों नहीं चली जाती। वह कहने लगी अब भला मैं अपने मम्मी पापा के पास क्यों जाऊंगी लेकिन उनके जीवन से जैसे सब कुछ खत्म हो चुका था और उनके जीवन में अब कोई उम्मीद नहीं बची थी उनके पति ने उन्हें छोड़ दिया था और उनके बेटे की स्थिति भी कुछ ठीक नहीं थी। माधुरी जी के चेहरे की रंगत उडती जा रही थी वह काफी ज्यादा परेशान भी रहने लगी थी। उन्हें किसी की कंधे की जरूरत थी वह अधिकतर समय मेरे साथ ऑफिस में ही रहती थी अब उन्हें मुझ में ही अपने साथी के रूप में कोई दिखने लगा था इसलिए वह मुझसे ही बात किया करती। माधुरी जी मेरे लिए दोपहर का खाना बनाकर लाने लगी मैं समझ नहीं पा रहा था कि आखिरकार उन्हें क्या चाहिए। उन्होंने खुद ही अपने मुंह से अपनी पीड़ा व्यक्त की और कहा मैं कितनी अकेली हो चुकी हूं जब मै अपने आप को शीशे मे देखती हूं मुझे अब श्रृंगार करने का मन भी नहीं करता। मैंने उन्हें कहा माधुरी जी आप बहुत ही सुंदर हैं आप ऐसा ना कहें। वह कहने लगी मैं श्रृंगार किसके लिए करूं। मैंने उन्हें कहा आप मेरे लिए श्रृंगार कीजिए मेरे इतने ही कहते हुए वह मुझसे गले मिल गई और कहने लगी कम से कम किसी ने मुझे अपना तो कहा।

वह मेरी ओर अपनी प्यास भरी नजरों से देख रही थी मैं भी उन्हें देखने लगा जब मैंने अपने होठों से उनके गालों को चूमना शुरू किया तो वह उत्तेजित हो गई और कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। यह कहते हुए उन्होंने मुझे कहा आप डिनर पर घर पर आइए ना मैं भी उनके घर पर चला गया। जब मैं उनके घर पर गया तो उन्होंने मेरे लिए खाना बनाया हुआ था मैंने जब उनके बेडरूम की तरफ नजर मारी तो उन्होने लाल रंग की चादर बिस्तर पर भी बिछाई हुई थी। जिस प्रकार से उनका बदन है मुझे प्रतीत हो रहा था उनकी मंशा कुछ ठीक नहीं लग रही थी वह जल्द ही अपनी चूत मरवानी चाहती थी। मैं अपनी जगह बिल्कुल सही था उन्होंने मुझे बेडरूम में आने का न्योता दिया उसके बाद उन्होंने अपने कपड़ों को मेरे सामने उतारना शुरू किया। मैं यह सब देखे जा रहा था मैंने जब उनके स्तन के ऊपर एक तिल देखा तो मैंने उन्हें अपने गोद में बैठा लिया। अब मैं भी उन्हें देखकर रह ना सका मैंने उनके स्तनों को चूसना शुरू किया मैं पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगा था जैसे ही माधुरी ने मेरे खड़े लंड को अपने मुंह में लिया तो मुझे मज़ा आने लगा।

काफी देर तक तो वह मेरे लंड को चूसती रही वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी। जैसे ही मैंने अपने लंड को उनके चूत के अंदर प्रवेश करवाया तो वह मचलते हुए कहने लगी काश कि मेरे पति भी मेरा साथ ऐसे ही देते। मैंने उन्हें कहा आज से मैं ही आपका पति हूं और यह कहते ही उन्होंने मुझे अपने गले लगा लिया काफी देर तक मैंने उनके साथ सेक्स संबंध बनाए। जब मैने घोड़ी बनाकर चोदना शुरु किया तो मुझे और भी ज्यादा मजा आने लगा। मैं तेजी से धक्के दिए जा रहा था वह मेरा पूरा साथ देती मैंने उन्हें कहा आपका बदन बड़ा लाजवाब है। वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाए जाती जिस गति से मैंने उन्हें धक्के कर दिए उसी गति से मेरा वीर्य भी बाहर की तरफ को निकला और उनकी चूत के अंदर समा गया। वह भी खुश हो चुकी थी और मैं भी बहुत खुश था उसके बाद तो जैसे मैंने उन्हें स्वीकार कर लिया था।
 
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