मेरी योनि से पानी का रिसाव

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Antarvasna, hindi sex story मैंने एक दिन आकाश से कहां आकाश क्यों ना हम लोग मम्मी पापा को अपने पास ही बुला ले। आकाश कहने लगे सोचता तो मैं भी हूं कि मम्मी पापा हमारे पास आ जाए लेकिन तुम्हें तो मालूम है कि हमारी नौकरी की वजह से हम दोनों को कई बार विदेश के टूर पर जाना पड़ता है इसीलिए तो मम्मी पापा को मैं अपने पास नहीं बुला सकता। हम दोनों की शादी को डेट वर्ष ही हुआ था मैं और आकाश एक ही कंपनी में जॉब करते हैं हम दोनों की मुलाकात बेंगलूर में हुई थी। मेरी मुलाकात आकाश से पहली बार एक कॉफी शॉप में हुई थी आकाश के साथ मेरे एक फ्रेंड भी थी वह दोनों आपस में बात कर रहे थे। मुझे नहीं मालूम था कि आकाश उसे अच्छे से पहचानता है इसलिए मेरे फ्रेंड ने मुझे आकाश से मिलवाया मैं छोटे शहर की रहने वाली सामान्य से परिवार की लड़की हूं। जब मैं बेंगलुरु से शहर में आई तो मेरे अंदर बदलाव आना लाजमी था और मेरी एक अच्छी कंपनी में नौकरी में लग चुकी थी।

उसके कुछ समय बाद ही आकाश ने भी उसी कंपनी में जॉब कर ली जिसमें मैं करती थी इसलिए हम दोनों की बातें अब धीरे-धीरे बढ़ती चली गई। मुझे आकाश का साथ पाकर भी अच्छा लगने लगा था। मैं अपने घर से इतनी दूर थी मुझे अपने माता पिता की याद हमेशा सताती रहती थी और मैं किसी अच्छे दोस्त की तलाश में थी तो मुझे आकाश के रूप में एक अच्छा दोस्त और एक जीवनसाथी मिला। मुझे उम्मीद नहीं थी कि हम दोनों जल्द ही एक दूसरे से शादी कर लेंगे और हम दोनों की राहे भी एक होंगी यह सब बड़ी जल्दी में हुआ मुझे कुछ पता ही नहीं चला कि कब मेरे और आकाश के बीच में इतनी जल्दी अच्छे संबंध बन चुके हैं। मैं आकाश को अपने साथ अजमेर लेकर गई यह पहला ही मौका था जब आकाश के साथ मै अजमेर गई थी मैंने आकाश को अपने मम्मी पापा से मिलाया तो उन्होंने आकाश को देखते ही पसंद कर लिया। मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे माता-पिता आकाश को कभी स्वीकार कर पाएंगे लेकिन मेरे माता-पिता ने आकाश को स्वीकार कर लिया था। मुझे इस बात की बहुत ज्यादा खुशी थी कि उन्होंने आकाश को स्वीकार कर लिया है मैं भी आकाश के परिवार से मिली तो मुझे भी उनसे मिलकर बहुत अच्छा लगा। यह पहला ही मौका था जब मेरी मुलाकात आकाश के मम्मी पापा से हुई और उन्होंने मुझे अपनी बहू के रूप में स्वीकार कर लिया।

मेरी शादी अब जल्द ही होने वाली थी क्योंकि हम दोनों परिवारों की रजामंदी शादी को लेकर हो चुकी थी लेकिन हम दोनों अब बेंगलुरु में साथ नहीं रहते थे। कई बार मुझे अपने माता पिता की याद आती तो मैं आकाश से कहा करती कि तुम अपने मम्मी पापा को यहां बुला लो लेकिन आकाश भी अपनी जगह सही थे क्योंकि हम दोनों ज्यादातर अपने विदेश के टूर पर जाते रहते थे इसीलिए आकाश अपने माता पिता को बुलाना नहीं चाहते थे। मैंने एक दिन अपने भैया को फोन किया और कहा भैया आप कैसे हैं काफी दिनों बाद मेरे भैया से मेरी बात हुई थी वह मुझे कहने लगे मैं तो ठीक हूं तुम कैसी हो और आकाश ठीक है। मैंने उन्हें कहा हां भैया मैं और आकाश दोनों ही ठीक है वह मुझे कहने लगे मैं कुछ दिनों बाद बेंगलुरु आने वाला हूं और वहां पर मेरा एक कंपनी में इंटरव्यू होना है मैंने उन्हें कहा हां भैया क्यों नहीं आप आ जाइए। भैया कुछ दिनों बाद ही बेंगलुरु आए गए उनके आने से मुझे बहुत अच्छा लगा इतने समय बाद मैं अपने परिवार के किसी सदस्य से मिल रही थी। भैया का इंटरव्यू भी बहुत अच्छा रहा और वह कहने लगे लगता है मेरा सिलेक्शन यहां हो जाएगा भैया कुछ दिनों तक हमारे साथ ही रुकने वाले थे मैंने आकाश से कहा आज हम लोग ऑफिस से जल्दी आ जाएंगे और भैया का भी बर्थडे है। आकाश कहने लगे तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया मैंने आकाश से कहा मेरे भी दिमाग से उतर चुका था कि भैया का बर्थडे है लेकिन जब आकाश भैया के लिए केक लेकर घर पर आए तो भैया शायद कहीं गए हुए थे। भैया जब एक घंटे बाद आए तो भैया को हमने सरप्राइज़ दिया वह बहुत खुश हुए और उन्होंने मुझे गले लगाते हुए कहा तुम अभी भी पहले के जैसे ही मेरा ध्यान रखती हो मैंने कई सालों से अपना बर्थडे सेलिब्रेट नहीं किया है। मैंने भैया को गिफ्ट दिया तो वह कहने लगे तुम यह क्यों लेकर आई मैंने भैया से कहा भैया यह आपके लिए है क्या मैं आपको गिफ्ट भी नहीं दे सकती। भैया ने मुझे कहा नहीं बहन ऐसी बात नहीं है और उस रात हम लोग अपने घर के पास के ही इटालियन रेस्टोरेंट में चले गए वहां पर हम लोगों ने काफी अच्छा समय साथ में बिताया। काफी समय बाद मुझे थोड़ा चेंज सा लग रहा था क्योंकि भैया जो हमारे साथ थे भैया की भी अब जॉब लगने वाली थी और भैया कहने लगे मुझे कंपनी की तरफ से फ्लैट दिया जा रहा है तो मैं वहीं पर रहूंगा।

मैंने भैया से कहा भाई आप हमारे साथ ही रह लीजिये लेकिन भैया कहने लगे नहीं ललिता मुझे कंपनी की तरफ से फ्लैट मिल रहा है तो मैं सोच रहा हूं मम्मी पापा को भी यहीं बुला लूँ। मैंने भैया से कहा हां भैया आप मम्मी पापा को भी यहीं बुला लीजिए मुझे भी अच्छा लगेगा और कुछ ही दिनों बाद भैया ने अपना सामान फ्लैट में शिफ्ट कर लिया हम लोगों को काफी सामान खरीदना पड़ा क्योंकि भैया के पास कुछ भी सामान नहीं था इसलिए मुझे ही भैया की मदद करनी पड़ी। करीब दो महीने बाद मम्मी पापा भी बेंगलुरु में आ गए और मुझे बहुत खुशी हुई कि मम्मी पापा भी बेंगलुरु में हमारे साथ ही आ चुके है। अब मैं मम्मी पापा से मिलने के लिए हर हफ्ते जाया करती थी मैं आकाश से कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है जबसे मम्मी पापा यहां रहने के लिए आए हैं आकाश कहने लगे हां तुम्हारे भैया ने बहुत अच्छा किया जो उन्हें अपने पास बुला लिया। आकाश को भी लगने लगा कि उन्हें अपने माता पिता को अपने पास बुला लेना चाहिए क्योंकि आकाश अपने घर में एकलौते हैं इसलिए आकाश ने भी अपने माता पिता को अपने पास बुला लिया। अब हम दोनों के परिवार हमारे साथ रहने लगे थे तो मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कि मेरे माता पिता और मेरे सास-ससुर हमारे साथ रहने के लिए आ चुके हैं।

हम लोगों के कई बार फॉरेन टूर भी लगते रहते थे लेकिन उसके बावजूद भी आकाश के मम्मी पापा को अब कोई परेशानी नहीं होती थी क्योंकि मेरे माता-पिता भी अब बैंगलुरु में ही रहते थे इसलिए जब भी हम लोग कहीं बाहर जाते तो आकाश के माता-पिता मेरे मम्मी पापा के पास चले जाया करते थे। मैं और आकाश अपने माता-पिता का बहुत ध्यान रखते थे। आकाश को अपने टूर के सिलसिले में जाना था मैं ऑफिस में ही थी। वह करीब एक महीने के लिए जाने वाले थे आकाश ने मुझे कहा ललिता तुम मम्मी पापा का ध्यान रखना। मैंने उन्हें कहा हां मै उनका ध्यान रखूंगी तुम चिंता ना करो। आकाश अपने विदेश के ऑफिस टूर से चले गए वह मुझे वहां से फोन के माध्यम से संपर्क में थे मुझे बहुत खुशी थी की मेरे साथ मेरे सासू मां और पापा हैं। एक दिन मेरी इच्छा सेक्स करने की हो रही थी उस दिन मैं घर पर थी। मेरी सासू मां और पापा कह रहे थे बेटा हम लोग घुम आते हैं। मैंने उन्हें कहा ठीक है पापा जी आप लोग घूम आईए वह पार्क में चले गए। मैं घर पर ही बैठी थी मैंने अपनी अलमारी से डिलडो को बाहर निकाला और उसे अपनी चूत मे लगाने लगी। मैं जब उसे अपनी चूत मे डाल रही थी तो हमारे पड़ोस में रहने वाले व्यक्ति के घर पर शायद पानी नही आ रहा था। मैं उन्हें कभी मिली नहीं थी उन्होंने हमारे घर की डोर बेल बजाई। मैंने जैसे ही अपने फ्लैट का दरवाजा खोला तो मैने सामने देखा एक व्यक्ति खड़े हैं वह मुझे कहने लगे मैडम हमारे घर पर पानी नहीं आ रहा है आप पानी दे देंगी।

मैंने उन्हें कहा हां क्यों नहीं वह अंदर आ गए जब वह अंदर आए तो उन्होने देखा मेरे मेज पर डिलडो पड़ा हुआ है। वह मुस्कुराने लगी और उन्होंने मुझसे आखिरकार पूछ लिया कि वह किसका है। मैंने उन्हें जवाब देते हुए कहा मेरा है वह मेरी तरफ प्यास भरी नजरों से देख रहे थे। मैं भी उन्हें देख जा रही थी काफी देर तक मैंने देखा तो वह अपनी प्यासी नजरों से मुझे देखने लगे। मैंने भी अपने स्तनों को उनको दिखाना शुरू किया तो वह उत्तेजित होने लगे। मैं उन्हे अपने बेडरूम में ले आई उन्होंने अपने चश्मे को किनारे रखा और मुझे कहने लगे मैडम आप तो बडी लाजवाब है आपका हुस्न तो बड़ा गजब का है। उन्होंने तो मेरी तारीफों के पुल बांध दिए थे मैं बहुत ज्यादा खुश थी। जैसे ही उन्होंने मेरी चूत को चाटना शुरू किया तो मै उत्तेजित होने लगी थी मेरा अंदर की उत्तेजना बढ़ने लगी। मैंने कहा मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है वह कहने लगी ठीक है मैं अभी आपकी इच्छा पूरी कर देता हूं। यह कहते ही उन्होंने अपने मोटे लंड को मेरी चूत के अंदर प्रवेश करवाया और मुझे तेजी से धक्के मारने लगे।

उनके धक्को में बड़ी तेजी होती मैंने अपने दोनों पैरों को खोल दिया था ताकि उनका लंड मेरी चूत मे जा सके। वह बड़ी तेजी से अपने लंड को मेरी चूत के अंदर बाहर किए जा रहे थे लेकिन जब उन्होंने मुझे डॉगी स्टाइल में चोदा तो मेरी योनि से पानी का रिसाव हो रहा था। मेरी गर्मी बढ़ती जा रही थी मैंने उन्हें कहा क्या आप अकेले रहते हैं? वह मुझे धक्के देते हुए कहने लगे हां मैं अकेला रहता हूं इसीलिए तो आपके साथ इतनी देर से में सेक्स संबंध के मजे ले रहा हूं मैंने तो ना जाने कितने समय से किसी के साथ अच्छे से सेक्स भी नहीं किया है और यह कहते ही मेरी योनि के अंदर अपने वीर्य को गिरा दिया। उसके बाद हम लोग साथ में बैठे रहे और एक दूसरे के बारे मे जानेनी की कोशिश करने लगे और कुछ देर बाद मेरे सास ससुर भी आ गए।
 
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