Antarvasna, desi kahani: पढ़ाई के लिए अपने गांव से शहर आता हूं तो सब कुछ नया सा लगता है क्योंकि मैं गांव के परिवेश में ही पला बड़ा था इसलिए मैं गांव के तौर-तरीके ही जानता था लेकिन अब मैं चंडीगढ़ में पढ़ाई करने लगा था। जब मेरा कॉलेज में दाखिला हुआ तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था मेरे माता-पिता भी बहुत खुश थे हम लोग खेती पर ही निर्भर रहते हैं हमारी खेती काफी अच्छी हो जाती है जिससे कि हमें अच्छा खासा मुनाफा हो जाता है। हमारे परिवार में कोई भी पढ़ा लिखा नहीं था इसलिए पिताजी चाहते थे कि मैं एक अच्छे कॉलेज से पढ़ाई करूं इसलिए उन्होंने मुझे चंडीगढ़ भेज दिया। मेरा गांव चंडीगढ़ से 100 किलोमीटर की दूरी पर था और जब पहली बार मैं चंडीगढ़ में आया तो मैं काफी सिंपल और सामान्य सा दिखने वाला लड़का था मुझे कॉलेज में सब लोग परेशान किया करते थे और कोई भी मुझसे दोस्ती करने को तैयार नहीं था मैं इस बात से बहुत ही ज्यादा दुखी हो चुका था।
मैं जिस हॉस्टल में रहता था वहां पर मेरा कोई दोस्त नहीं था मुझे शुरुआत में तो बहुत ही खराब लग रहा था क्योंकि मैं किसी से भी कॉलेज में बात नहीं किया करता था। सबसे पहले मेरा दोस्त रोहित बना, रोहित के साथ जब मेरी दोस्ती हुई तो वह हमेशा मेरा बचाव करने के लिए आ जाता क्योंकि सब लोग मुझे अपने से अलग आंकते थे इसलिए कोई भी मेरे साथ दोस्ती करने को तैयार नहीं था लेकिन रोहित ने मेरी तरफ़ अपनी दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो मैंने भी उसके हाथ को थाम लिया और हम दोनों एक साथ रहा करते थे। रोहित भी हॉस्टल में ही रहता था इसलिए रोहित बहुत ही अच्छा और सुलझा हुआ लड़का है रोहित से मेरी दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ हर बात को साझा किया करते थे इस बात से रोहित भी बहुत खुश था क्योंकि रोहित भी कहीं ना कहीं मेरी तरह ही तो था। उसके पापा भी एक मिडल क्लास फैमिली से हैं और मध्यम वर्गीय परिवार से होने के चलते रोहित के पिताजी ने उसके एडमिशन के लिए अपने रिश्तेदार से पैसे लिए थे।
रोहित ने ही मुझे यह बात बताई थी और कहा था कि जब मेरी नौकरी लग जाएगी तो सबसे पहले मैं पापा को ही पैसे दूंगा। मैंने रोहित से कहा कि तुम देख लेना एक दिन तुम जरूर एक बड़े आदमी बनोगे और अपने पापा मम्मी का नाम रोशन करोगे। रोहित पढ़ने में बहुत ही अच्छा था इसलिए वह अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस रहता था रोहित ने मेरे अंदर भी बदलाव पैदा कर दिए थे और मैं भी अब पढ़ाई में पूरा ध्यान देने लगा था। मैं पहले पढ़ाई में ध्यान नहीं देता था लेकिन रोहित की वजह से मैं अब अपनी पढ़ाई में भी ध्यान देने लगा था। हम लोग आपस में इस बारे में भी बात किया करते थे वह रोहित ने मुझे बदलने की पूरी कोशिश की और मैं भी अब पैंट शर्ट छोड़कर जींस और टीशर्ट में आ चुका था मेरे अंदर भी अब बदलाव आ चुका था और मैं भी अब शहर की तरह ही अपने आप को बड़ी तेजी से ढालने लगा था। हम लोगों का एक वर्ष पता नहीं कैसे निकला कुछ मालूम ही नहीं पड़ा और एक वर्ष खत्म हो जाने के बाद मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर चला गया था। मेरे पेपर खत्म हो चुके थे और मैं अपने घर गया तो एक दिन रोहित का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि मोहन तुम कैसे हो। मैंने उसे बताया मैं तो ठीक हूं लेकिन तुमने आज मुझे कैसे फोन किया तो वह मुझे कहने लगा कि बस यार ऐसे ही सोचा कि तुम्हे फोन कर लूं और तुमसे बात करने का भी मन हो रहा था। जब मुझे रोहित ने यह बात कही तो मैंने उसे कहा तुम आजकल घर पर क्या कर रहे हो वह मुझे कहने लगा कि कुछ भी तो नहीं कर रहा बस घर में बोर हो रहा हूं। मैंने रोहित से कहा तो फिर तुम यहां मेरे पास आ जाओ रोहित कहने लगा यार वहां आकर मैं क्या करूंगा बेवजह ही तुम्हारे परिवार के ऊपर बोझ बन जाऊंगा। मैंने रोहित से कहा अरे दोस्त ऐसा नहीं है तुम ऐसा क्यों समझ रहे हो तुम मेरे परिवार से मिलोगे तो तुम्हें बिल्कुल भी ऐसा प्रतीत नहीं होगा। रोहित मेरी बात मान गया और वह मेरे गांव आने की तैयारी में था मैंने उसे रास्ता बता दिया था और मैंने उसे कहा कि जब तुम गांव के बस स्टॉप पर उतरोगे तो मुझे बता देना। हमारे गांव से होते हुए भी हाईवे गुजरता था तो रोहित ने मुझे फोन कर दिया था और वह जब बस स्टॉप पर पहुंचा तो उसने मुझे फोन कर दिया था और कहा कि मैं बस स्टॉप पर पहुंच चुका हूं।
मैंने उससे कहा मैं तुम्हें अभी लेने के लिए आता हूं, मैं उसे लेने के लिए अपनी मोटरसाइकिल से चला गया रोहित जब मुझे मिला तो वह कहने लगा यार तुम्हारे गांव में तो बड़ी हरियाली है और खेती भी बहुत ज्यादा है। मैंने उसे कहा यहां पर ज्यादातर लोग खेती पर ही निर्भर हैं रोहित कहने लगा तब तो मुझे यहां पर बहुत अच्छा लगेगा यहां आकर ही मुझे अच्छा अहसास हो रहा है। मैंने रोहित से कहा तुम मेरे परिवार वालों से मिलोगे तो तुम्हें उनसे मिल कर भी अच्छा लगेगा। जब रोहित मेरे पिताजी और मां से मिला तो वह बहुत खुश हो गया क्योंकि हमारा परिवार अब भी संयुक्त परिवार में ही रहता है इसलिए रोहित सबके साथ घुल मिल गया था। उसका स्वभाव भी अच्छा है और वह सब के साथ बहुत जल्दी ही घुल मिल गया सब लोग रोहित के साथ खुश थे रोहित मुझे कहने लगा कि मुझे तुम्हारे यहां बहुत अच्छा लग रहा है ऐसा लग रहा है कि मुझे भी यहीं रहना चाहिए। मैंने रोहित से कहा क्यों नहीं जब तक तुम्हारा मन हो तुम यहां रह सकते हो यह तुम्हारा ही घर है। रोहित और मेरे बीच बहुत घनिष्ठता बढ़ चुकी थी और हम दोनों के बीच इतनी ज्यादा गहरी दोस्ती हो गई कि रोहित मेरे साथ ही काफी दिनों तक रहा और फिर उसके बाद हम चंडीगढ़ वापस लौट आए थे।
हम लोग अब चंडीगढ़ वापस लौट चुके थे और चंडीगढ़ लौटने के बाद जब हमारे कॉलेज में नई प्रोफ़ेसर आई तो उनके पीछे सारे लड़के पड़े हुए थे लेकिन ना जाने उन्हें मुझमें ऐसा क्या लगा कि वह मुझे लाइन देने लगी। मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई लेकिन जब मैंने यह बात रोहित को बताई तो रोहित मुझे कहने लगा तुम रवीना मैडम से दूर ही रहो मुझे वह कुछ ठीक नहीं लगती। जब वह साड़ी पहन कर कॉलेज में आती थी तो वह कहर ठाती थी और उनकी आगे सब पानी मांगते नजर आते थे मैं उनकी बड़ी गांड देखकर अपने आपको ना रोक सका। उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया वह घर पर अकेली ही रहती थी उनकी नई नई शादी हुई थी लेकिन उनके पति उनसे दूर रहते थे इसलिए तो वह चाहती थी कि उनकी इच्छा कोई पूरा कर सकें। जब मैं उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे कहा तुम क्या पियोगे तो मैंने उन्हें कहा आप मुझे आज अपना दूध पिला दीजिए। वह मुझे कहने लगी वह तो मैं तुम्हें पिला ही दूंगी अब हम दोनों शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने जब मैडम की चूतडो को सहलाना शुरू किया तो वो मुझे कहने लगी कि तुम्हें देखकर ना जाने मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तुम्हारे अंदर कुछ तो बात है। मैंने उन्हें कहा रवीना मैडम मैं नहीं जानता कि आपके अंदर ऐसी क्या बात है लेकिन मैं भी आपको देखकर पागल हो जाता हूं और जब भी मैं आपको देखता हूं तो मेरे अंदर कुछ ना कुछ तो चलता ही रहता है। जब रवीना मैडम ने मुझे कहा कि आज तुम मेरी इच्छा पूरी कर दोगे तो मैंने मैडम से कहा हां मैडम क्यों नहीं आपकी इच्छा तो मैं आज पूरी कर के ही अपने हॉस्टल लौटूंगा। मैंने मैडम के बदन से कपड़े उतारे और उनका नंगा बदन मेरे सामने था उन्होंने पिंक कलर की पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी।
वह कहर ढा रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोलते हुए उनके स्तनों से दूध बाहर निकालना शुरू किया मैंने उनके स्तनों पर ना जाने कितने ही निशान मार दिए थे और अपनी प्यार की निशानी में उनके स्तनों पर छोड़ दिया था। रवीना मैडम कहने लगी तुम तो बड़े हरामी किस्म के हो मैंने कहा मैडम यह मेरा पहला मौका है और आज आपके साथ में अपनी रात को रंगीन बनाने जा रहा हूं। मैंने जब रवीना मैडम की गांड को दबाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा मैंने अब उनकी चूत को चाटना शुरू किया तो उनकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था। वह अपने पैरों को चौड़ा करने लगी उन्होंने मुझे कहा ऐसे ही तुम मेरी चूत को चाटते रहो मुझे अच्छा लग रहा है काफी देर मैंने उनकी चूत को चाटा जब मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हुआ तो वह मचल उठी थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने बड़ी तेजी से उन्हें धकके देना शुरू किया मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मै रवीना मैडम के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कामयाब हो पाया हूं।
मेरा लंड पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुका था लेकिन रवीना मैडम को तो जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था उन्हें कुछ भी नहीं हुआ था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मैं उनको मजा नहीं दे पा रहा हूं मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और अपने लंड पर सरसों का तेल लगाते हुए उनकी बड़ी गांड को भी तेल से लतपत कर दिया था उनकी गांड पूरी चिकनी हो चुकी थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो मेरी जान लेकर मानेगा। मैंने रवीना मैडम की चूतडो को कसकर पकड़ लिया था और उनकी चिकनी गांड के अंदर जैसी ही मेरा लंड अंदर बाहर होता तो मुझे भी अच्छा लगता है वह भ खुश हो चुकी थी। वह अपने मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी और उनकी चूतडे मेरे लंड से बार बार टच हो रही थी मेरा अंडकोष जब उनकी चूतडो से टकराकर वीर्य बाहर की तरफ को छोड़ने लगे तो मैंने अपने वीर्य को उनकी गांड के अंदर डाला दिया। वह मुझे कहने लगी आज के बाद तुम्हारा इंतजार में करती रहूंगी।
मैं जिस हॉस्टल में रहता था वहां पर मेरा कोई दोस्त नहीं था मुझे शुरुआत में तो बहुत ही खराब लग रहा था क्योंकि मैं किसी से भी कॉलेज में बात नहीं किया करता था। सबसे पहले मेरा दोस्त रोहित बना, रोहित के साथ जब मेरी दोस्ती हुई तो वह हमेशा मेरा बचाव करने के लिए आ जाता क्योंकि सब लोग मुझे अपने से अलग आंकते थे इसलिए कोई भी मेरे साथ दोस्ती करने को तैयार नहीं था लेकिन रोहित ने मेरी तरफ़ अपनी दोस्ती का हाथ बढ़ाया तो मैंने भी उसके हाथ को थाम लिया और हम दोनों एक साथ रहा करते थे। रोहित भी हॉस्टल में ही रहता था इसलिए रोहित बहुत ही अच्छा और सुलझा हुआ लड़का है रोहित से मेरी दोस्ती बहुत गहरी हो चुकी थी और हम दोनों एक दूसरे के साथ हर बात को साझा किया करते थे इस बात से रोहित भी बहुत खुश था क्योंकि रोहित भी कहीं ना कहीं मेरी तरह ही तो था। उसके पापा भी एक मिडल क्लास फैमिली से हैं और मध्यम वर्गीय परिवार से होने के चलते रोहित के पिताजी ने उसके एडमिशन के लिए अपने रिश्तेदार से पैसे लिए थे।
रोहित ने ही मुझे यह बात बताई थी और कहा था कि जब मेरी नौकरी लग जाएगी तो सबसे पहले मैं पापा को ही पैसे दूंगा। मैंने रोहित से कहा कि तुम देख लेना एक दिन तुम जरूर एक बड़े आदमी बनोगे और अपने पापा मम्मी का नाम रोशन करोगे। रोहित पढ़ने में बहुत ही अच्छा था इसलिए वह अपनी पढ़ाई को लेकर बहुत ज्यादा सीरियस रहता था रोहित ने मेरे अंदर भी बदलाव पैदा कर दिए थे और मैं भी अब पढ़ाई में पूरा ध्यान देने लगा था। मैं पहले पढ़ाई में ध्यान नहीं देता था लेकिन रोहित की वजह से मैं अब अपनी पढ़ाई में भी ध्यान देने लगा था। हम लोग आपस में इस बारे में भी बात किया करते थे वह रोहित ने मुझे बदलने की पूरी कोशिश की और मैं भी अब पैंट शर्ट छोड़कर जींस और टीशर्ट में आ चुका था मेरे अंदर भी अब बदलाव आ चुका था और मैं भी अब शहर की तरह ही अपने आप को बड़ी तेजी से ढालने लगा था। हम लोगों का एक वर्ष पता नहीं कैसे निकला कुछ मालूम ही नहीं पड़ा और एक वर्ष खत्म हो जाने के बाद मैं कुछ दिनों के लिए अपने घर चला गया था। मेरे पेपर खत्म हो चुके थे और मैं अपने घर गया तो एक दिन रोहित का मुझे फोन आया और वह मुझे कहने लगा कि मोहन तुम कैसे हो। मैंने उसे बताया मैं तो ठीक हूं लेकिन तुमने आज मुझे कैसे फोन किया तो वह मुझे कहने लगा कि बस यार ऐसे ही सोचा कि तुम्हे फोन कर लूं और तुमसे बात करने का भी मन हो रहा था। जब मुझे रोहित ने यह बात कही तो मैंने उसे कहा तुम आजकल घर पर क्या कर रहे हो वह मुझे कहने लगा कि कुछ भी तो नहीं कर रहा बस घर में बोर हो रहा हूं। मैंने रोहित से कहा तो फिर तुम यहां मेरे पास आ जाओ रोहित कहने लगा यार वहां आकर मैं क्या करूंगा बेवजह ही तुम्हारे परिवार के ऊपर बोझ बन जाऊंगा। मैंने रोहित से कहा अरे दोस्त ऐसा नहीं है तुम ऐसा क्यों समझ रहे हो तुम मेरे परिवार से मिलोगे तो तुम्हें बिल्कुल भी ऐसा प्रतीत नहीं होगा। रोहित मेरी बात मान गया और वह मेरे गांव आने की तैयारी में था मैंने उसे रास्ता बता दिया था और मैंने उसे कहा कि जब तुम गांव के बस स्टॉप पर उतरोगे तो मुझे बता देना। हमारे गांव से होते हुए भी हाईवे गुजरता था तो रोहित ने मुझे फोन कर दिया था और वह जब बस स्टॉप पर पहुंचा तो उसने मुझे फोन कर दिया था और कहा कि मैं बस स्टॉप पर पहुंच चुका हूं।
मैंने उससे कहा मैं तुम्हें अभी लेने के लिए आता हूं, मैं उसे लेने के लिए अपनी मोटरसाइकिल से चला गया रोहित जब मुझे मिला तो वह कहने लगा यार तुम्हारे गांव में तो बड़ी हरियाली है और खेती भी बहुत ज्यादा है। मैंने उसे कहा यहां पर ज्यादातर लोग खेती पर ही निर्भर हैं रोहित कहने लगा तब तो मुझे यहां पर बहुत अच्छा लगेगा यहां आकर ही मुझे अच्छा अहसास हो रहा है। मैंने रोहित से कहा तुम मेरे परिवार वालों से मिलोगे तो तुम्हें उनसे मिल कर भी अच्छा लगेगा। जब रोहित मेरे पिताजी और मां से मिला तो वह बहुत खुश हो गया क्योंकि हमारा परिवार अब भी संयुक्त परिवार में ही रहता है इसलिए रोहित सबके साथ घुल मिल गया था। उसका स्वभाव भी अच्छा है और वह सब के साथ बहुत जल्दी ही घुल मिल गया सब लोग रोहित के साथ खुश थे रोहित मुझे कहने लगा कि मुझे तुम्हारे यहां बहुत अच्छा लग रहा है ऐसा लग रहा है कि मुझे भी यहीं रहना चाहिए। मैंने रोहित से कहा क्यों नहीं जब तक तुम्हारा मन हो तुम यहां रह सकते हो यह तुम्हारा ही घर है। रोहित और मेरे बीच बहुत घनिष्ठता बढ़ चुकी थी और हम दोनों के बीच इतनी ज्यादा गहरी दोस्ती हो गई कि रोहित मेरे साथ ही काफी दिनों तक रहा और फिर उसके बाद हम चंडीगढ़ वापस लौट आए थे।
हम लोग अब चंडीगढ़ वापस लौट चुके थे और चंडीगढ़ लौटने के बाद जब हमारे कॉलेज में नई प्रोफ़ेसर आई तो उनके पीछे सारे लड़के पड़े हुए थे लेकिन ना जाने उन्हें मुझमें ऐसा क्या लगा कि वह मुझे लाइन देने लगी। मैंने यह बात किसी को भी नहीं बताई लेकिन जब मैंने यह बात रोहित को बताई तो रोहित मुझे कहने लगा तुम रवीना मैडम से दूर ही रहो मुझे वह कुछ ठीक नहीं लगती। जब वह साड़ी पहन कर कॉलेज में आती थी तो वह कहर ठाती थी और उनकी आगे सब पानी मांगते नजर आते थे मैं उनकी बड़ी गांड देखकर अपने आपको ना रोक सका। उन्होंने मुझे अपने घर पर बुला लिया वह घर पर अकेली ही रहती थी उनकी नई नई शादी हुई थी लेकिन उनके पति उनसे दूर रहते थे इसलिए तो वह चाहती थी कि उनकी इच्छा कोई पूरा कर सकें। जब मैं उनके घर पर गया तो उन्होंने मुझे कहा तुम क्या पियोगे तो मैंने उन्हें कहा आप मुझे आज अपना दूध पिला दीजिए। वह मुझे कहने लगी वह तो मैं तुम्हें पिला ही दूंगी अब हम दोनों शारीरिक संबंध बनाने के लिए तैयार हो चुके थे। मैंने जब मैडम की चूतडो को सहलाना शुरू किया तो वो मुझे कहने लगी कि तुम्हें देखकर ना जाने मुझे ऐसा क्यों लगता है कि तुम्हारे अंदर कुछ तो बात है। मैंने उन्हें कहा रवीना मैडम मैं नहीं जानता कि आपके अंदर ऐसी क्या बात है लेकिन मैं भी आपको देखकर पागल हो जाता हूं और जब भी मैं आपको देखता हूं तो मेरे अंदर कुछ ना कुछ तो चलता ही रहता है। जब रवीना मैडम ने मुझे कहा कि आज तुम मेरी इच्छा पूरी कर दोगे तो मैंने मैडम से कहा हां मैडम क्यों नहीं आपकी इच्छा तो मैं आज पूरी कर के ही अपने हॉस्टल लौटूंगा। मैंने मैडम के बदन से कपड़े उतारे और उनका नंगा बदन मेरे सामने था उन्होंने पिंक कलर की पैंटी और ब्रा पहनी हुई थी।
वह कहर ढा रही थी मुझे बहुत अच्छा लग रहा था मैंने उनकी ब्रा के हुक को खोलते हुए उनके स्तनों से दूध बाहर निकालना शुरू किया मैंने उनके स्तनों पर ना जाने कितने ही निशान मार दिए थे और अपनी प्यार की निशानी में उनके स्तनों पर छोड़ दिया था। रवीना मैडम कहने लगी तुम तो बड़े हरामी किस्म के हो मैंने कहा मैडम यह मेरा पहला मौका है और आज आपके साथ में अपनी रात को रंगीन बनाने जा रहा हूं। मैंने जब रवीना मैडम की गांड को दबाना शुरू किया तो मुझे अच्छा लगने लगा मैंने अब उनकी चूत को चाटना शुरू किया तो उनकी चूत से पानी बाहर निकलने लगा था। वह अपने पैरों को चौड़ा करने लगी उन्होंने मुझे कहा ऐसे ही तुम मेरी चूत को चाटते रहो मुझे अच्छा लग रहा है काफी देर मैंने उनकी चूत को चाटा जब मेरा लंड उनकी योनि में प्रवेश हुआ तो वह मचल उठी थी और मुझे भी बहुत अच्छा लग रहा था। मैंने बड़ी तेजी से उन्हें धकके देना शुरू किया मुझे बहुत खुशी हो रही थी कि मै रवीना मैडम के साथ शारीरिक संबंध बनाने में कामयाब हो पाया हूं।
मेरा लंड पूरी तरीके से छिलकर बेहाल हो चुका था लेकिन रवीना मैडम को तो जैसे कुछ फर्क ही नहीं पड़ रहा था उन्हें कुछ भी नहीं हुआ था। मुझे ऐसा लग रहा था कि शायद मैं उनको मजा नहीं दे पा रहा हूं मैंने उन्हें घोड़ी बनाया और अपने लंड पर सरसों का तेल लगाते हुए उनकी बड़ी गांड को भी तेल से लतपत कर दिया था उनकी गांड पूरी चिकनी हो चुकी थी। मैंने जैसे ही अपने लंड को उनकी गांड के अंदर प्रवेश करवाया तो वह मुझे कहने लगी तुम्हारा लंड तो मेरी जान लेकर मानेगा। मैंने रवीना मैडम की चूतडो को कसकर पकड़ लिया था और उनकी चिकनी गांड के अंदर जैसी ही मेरा लंड अंदर बाहर होता तो मुझे भी अच्छा लगता है वह भ खुश हो चुकी थी। वह अपने मुंह से मादक आवाज निकाल रही थी और उनकी चूतडे मेरे लंड से बार बार टच हो रही थी मेरा अंडकोष जब उनकी चूतडो से टकराकर वीर्य बाहर की तरफ को छोड़ने लगे तो मैंने अपने वीर्य को उनकी गांड के अंदर डाला दिया। वह मुझे कहने लगी आज के बाद तुम्हारा इंतजार में करती रहूंगी।