मौसी के स्तनों पर अपना वीर्य गिराया

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(Mausi Ke Stano Par Apna Virya Giraya)

हमारे घर में बड़ा ही अच्छा माहौल था और सब लोग शादी की खुशी में एंजॉय कर रहे थे लेकिन मैं अपनी शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं था क्योंकि मेरी शादी मेरे पिताजी जबरदस्ती अपने दोस्त की लड़की से करवा रहे थे, मैं किसी और लड़की को ही चाहता था परंतु मेरे माता-पिता ने उससे मेरी शादी नहीं होने दी क्योंकि उसके परिवार वाले गरीब थे, मुझे इस बात का बहुत दुख था और मैं अपने कमरे में ही बैठा हुआ था. Mausi Ke Stano Par Apna Virya Giraya.

तभी मेरी मौसी मेरे पास आई और कहने लगी बेटा सब लोग बाहर इतना इंजॉय कर रहे हैं और तुम यहां उदास बैठे हो, मैंने उन्हें कहा आप ही बताइए मैं क्या करूं, वह मुझे कहने लगे तुम बाहर चल कर हमारे साथ डांस करो तुम्हारी शादी होने वाली है और तुम एक कमरे में चुपचाप बैठे हुए हो, यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं है, मैंने उन्हें कहा मौसी यह शादी तो जबरदस्ती हो रही है, मैं नहीं चाहता था कि मैं प्रिया के साथ शादी करूं लेकिन पिताजी की जिद की वजह से मुझे शादी करनी पड़ रही है।

मेरी मौसी बड़ी ही खुले विचारों की हैं उनका नाम नीतू है, वह मुझे कहने लगी बेटा तुम यह बात पहले मुझे नहीं बता सकते थे यदि तुम पहले मुझे यह बता देंते तो शायद मैं तुम्हारी शादी रुकवा देती, मैंने नीतू मौसी से कहा मौसी यह सब तो पिताजी ने पहले ही तय कर दिया था और आप को तो पता है उनकी बात को घर में कोई भी मना करता है तो उनका व्यवहार किस प्रकार से हो जाता है, वह मुझे कहने लगी मुझे यह बात तो अच्छे से पता है कि जीजा जी का नेचर थोड़ा गुस्सैल किस्म का है लेकिन वह दिल के इतने भी बुरे नहीं हैं और क्या पता तुम उन्हें पहले बता देते तो वह तुम्हारी शादी प्रिया से नहीं करवाते, मैंने अपनी मौसी से कहा मौसी मैंने उन्हें पहले ही बता दिया था और मैं जिसे प्यार करता हूं मैंने उसके बारे में भी मम्मी पापा से बात कर ली थी लेकिन वह लोग तो जैसे मुझे अपना दुश्मन समझते हैं और वह बिल्कुल भी मेरी शादी स्वाति के साथ करवाने को तैयार नहीं थे। मेरी मौसी पूछने लगी यह स्वाति कौन है? मैं उन्हें दो साल पुरानी बात बताने लगा की कैसे मेरी मुलाकात स्वाति के साथ हुई।

मैंने मौसी को बताया कि स्वाति मुझे दो साल पहले बस स्टॉप पर मिली थी मेरी मुलाकात उससे पहली बार बस स्टॉप पर ही हुई थी मैं भी बस से अपने ऑफिस जा रहा था और उसी दौरान मेरी मुलाकात स्वाति से हुई उसके बाद वह अक्सर उसी बस में जाती थी जिसमें मैं जाता था और फिर हम दोनों बातें करने लगे थे, धीरे-धीरे हम दोनों के बीच दोस्ती होने लगी लेकिन जब उसने मुझे अपने परिवार की स्थिति के बारे में बताया तो मुझे काफी बुरा लगा उसके पिताजी का देहांत काफी वर्षों पहले ही हो चुका है और उसकी मम्मी ही घर का सारा खर्चा चलाती हैं उसकी मम्मी किसी फैक्ट्री में नौकरी करती हैं और अब स्वाति भी नौकरी करने लगी है लेकिन उन दोनों की सैलरी काफी कम है इसलिए वह घर का खर्चा ठीक से नहीं चला पाते। "Mausi Ke Stano Par"

मेरी मौसी मुझसे पूछने लगी तो इसमें दिक्कत कहां थी तुमने क्यों नहीं स्वाति से शादी की? मैंने उन्हें बताया जब मैंने मम्मी पापा को इस बारे में बताया तो वह लोग एक बार स्वाति से मिले और कहने लगे वह लोग काफी करीब हैं यदि स्वाति की शादी तुमसे हो जाएगी तो उसकी मम्मी का खर्चा भी हमें ही उठाना पड़ेगा इसलिए तुम उसके बारे में भूल जाओ, मेरे पापा ने भी ऐसे ही कहा था क्योंकि उन्होंने अपने दोस्त को पहले ही जवान दे दी थी "Mausi Ke Stano Par"

और वह अपनी जुबान से मुकरना नहीं चाहते थे इसीलिए तो वह मेरी शादी प्रिया से कराने को तैयार हो गए। जब उन्होंने मुझे प्रिया से मिलाया तो मैंने साफ मना कर दिया था लेकिन पापा मम्मी को यह बात बिल्कुल भी मंजूर नहीं थी और उन्होंने प्रिया से जबरदस्ती मेरी सगाई करवा दी, जब मेरी सगाई हो गई तो स्वाति को काफी तकलीफ हुई और मैं काफी समय तक यही कहता रहा कि आप क्यों नहीं मेरी शादी स्वाति से करवा देते लेकिन पापा ने मुझे कहा यदि तुम इस प्रकार की बात दोबारा करोगे तो तुम हमें अपनी सूरत भी मत दिखाना इसी वजह से मैंने अपने दिमाग से यह ख्यालात निकाल दिए लेकिन मुझे बहुत ही बुरा लग रहा है कि वह मेरे बारे में ऐसा सोचते हैं कि जैसे मैं उनका लड़का हूं ही नही।

मेरी मौसी कहने लगी देखो बेटा हर मां-बाप यही चाहते हैं कि जो भी बहु हमारे घर आये उसकी स्थिति ठीक हो और वह लोग आर्थिक रूप से मजबूत हो और यदि तुम स्वाति से शादी कर लेते तो भी कौन सा तुम खुश रहते, उसकी जिम्मेदारियां भी तुम्हारे कंधों पर ही आ जाती और तुम्हें तो पता ही है तुम्हारे पापा जब एक बात को ठान लेते हैं तो वह उसके बाद कभी भी अपनी बात से नहीं पलटते इसीलिए तो उन्होंने तुम्हें स्वाति से शादी करने के लिए मना किया और वह प्रिया के पिताजी को पहले ही जवान दे चुके थे तो अब उनके अपने जबान से पलटने का मतलब ही नहीं बनता, मैंने रमा मौसी से कहा लेकिन मैं प्रिया से बिल्कुल भी शादी के पक्ष में नहीं हूं और उसे देख कर मुझे ऐसा लगता ही नहीं है कि मैं उसके साथ अपना जीवन व्यतीत कर पाऊंगा। मौसी मुझे कहने लगी यह सब सिर्फ एक दो दिन की चांदनी है उसके बाद तुम्हे यह सब अच्छा नहीं लगेगा। मैं उनका मतलब नहीं समझा वह कहने लगी देखो बेटा सूरज तुम क्यों नहीं समझते यह सब शारीरिक जरूरतों के लिए है। "Mausi Ke Stano Par"

जब तुम प्रिया के साथ सेक्स करोगे तो तुम्हें बहुत मजा आएगा। मैंने उन्हें कहा मौसी यह आप किस प्रकार की बात कर रहे हैं मेरे दिल में तो उसको लेकर बिल्कुल भी ऐसी फीलिंग नहीं है। रमा मौसी मुझसे कहने लगी क्या तुमने स्वाति के साथ भी सेक्स किया था। मैंने उन्हें कहा उसके साथ तो मैंने तीन बार सेक्स किया है वह मुझे कहने लगी इसीलिए तो तुम्हारा झुकाव उसकी तरफ है यदि तुम मेरे साथ भी सेक्स करोगे तो तुम्हारा झुकाव मेरी तरफ हो जाएगा। मैंने उन्हें कहा ऐसा कुछ नहीं होता जब मैंने उन्हें यह बात कही तो उन्होंने मेरे सामने अपने सारे कपड़े उतार दिए। जब मैंने उनके पिंक कलर के अंतर्वस्त्र के देखा तो मेरा लंड एकदम तन कर खड़ा हो गया मैंने उन्हें अपने नीचे लेटा दिया। "Mausi Ke Stano Par"

जब वह मेरे नीचे थी तो मुझे उनके बदन को चूसने में बहुत मजा आ रहा था मैंने उनके बदन के चाटा। जब मैंने चूत के अंदर लंड डाला तो मेरा लंड उनकी गहराइयों में चला गया, उनकी चूत से इतना ज्यादा तरल पदार्थ बाहर निकल रहा था मुझे उन्हें धक्के मारने में बहुत मजा आने लगा। मैं उन्हें लगातार तेज गति से चोद रहा था मै जिस प्रकार से उनकी चूत मरता तो मेरा लंड भी पूरा गीला हो चुका था। मैंने उनके स्तनों को अपने मुंह में लेकर चूसना शुरू किया उनके नरम होठों को भी मैं अपने मुंह में लेकर चूसता। जैसे जैसे हम दोनों की गर्मी बढ़ने लगी मेरी मौसी की चूत गिली होने लगी वह मुझे कहने लगी सूरज तुम्हारा लंड तो बहुत मोटा है मुझे ऐसे मोटे लंड बहुत पसंद है।

मैंने मौसी से पूछा आपने इससे पहले कितने लंड अपनी चूत में लिए हैं। वह मुझसे कहने लगी मैंने इससे पहले अपनी चूत मे कई लंड लिया है मेरे पड़ोस मे रहने वाले श्याम हलवाई ने तो मेरी चूत का भरता बना रखा दिया था, वह तो मुझे कुत्ते की तरह चोदता था, जब वह मेरे पास आता तो मुझे बहुत अच्छा लगता है लेकिन उसके साथ में अब सेक्स करके थक चुकी हूं इसलिए मुझे अब नए लंड की तलाश थी। तुम्हारा लंड भी कम मोटा और बड़ा नहीं है ऐसा लंड मुझे अपनी योनि में लेने में बहुत आनंद आता है, तुम जिस प्रकार से मुझे चोद रहे हो मुझे इस बात का अंदाजा हो चुका है कि प्रिया तुम्हारे साथ बहुत खुश रहेगी। "Mausi Ke Stano Par"

जब उसको इस बारे में पता चलेगा तो तुम्हारा लंड इतना बड़ा है तो वह तुम्हारी ही हो जाएगी इसलिए तुम स्वाति का ख्याल अपने दिमाग से निकाल दो। मैंने मौसी से कहा मैं फिलहाल तो स्वाति के बारे में भूल चुका हूं लेकिन मुझे तो अभी आप के साथ सेक्स करने में मजा आ रहा है। जिस प्रकार से आप मेरा साथ दे रही हैं मुझे बहुत आनंद आ रहा है मैंने उनके पैरों को अपने कंधों पर रखा और उनके चूतड़ों पर तेज प्रहार करने लगा मुझे उन्हें धक्के मारने में बहुत अच्छा लग रहा था। जब हम दोनों क शरीर से कुछ ज्यादा ही गर्मी निकलने लगी तो मेरा वीर्य बाहर की तरफ निकाल गया, मैंने अपने वीर्य को उनके स्तनों पर गिरा दिया। "Mausi Ke Stano Par"
 
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