Hindi sex kahani, antarvasna मैं अपने कॉलेज के आखिरी वर्ष में था और अब मेरा कॉलेज पूरा होने वाला था सब लोग जब आखिरी बार मिले तो मैं यही सोच रहा था कि क्या रचना के साथ अब मेरी कभी बात हो पाएगी या नहीं। मैं रचना को दिल से चाहता हूं लेकिन उससे मैं कभी भी कुछ कह नहीं पाया था परंतु फिर मुझे लगने लगा था कि मुझे रचना को अपने दिल की बात कह देनी चाहिए लेकिन उस दिन भी रचना से मैं कुछ कह ना सका। कॉलेज पूरा हो जाने के बाद कुछ ही समय बाद मैं पुणे चला गया और पुणे में मेरी जॉब लग चुकी थी। पुणे में मैं अपने मामा जी के घर पर ही रह रहा था कुछ समय तक मैं उनके घर पर ही रहा फिर मैंने अपने लिए अलग से फ्लैट ले लिया था और मैं वहां पर रहने लगा। मेरी जिंदगी में सब कुछ ठीक चल रहा था मेरी जॉब भी अच्छे से चल रही थी और मैं काफी खुश भी था जिस तरीके से मेरी जिंदगी चल रही थी लेकिन मैं हमेशा ही यह सोचता कि मैं रचना से कभी भी अपने दिल की बात नहीं कह पाया।
मेरे दिल में यह बात हमेशा ही दबकर रह गई कि मैं रचना से कभी भी अपने दिल की बात नहीं कर पाया था मै इस बारे में हमेशा हो सोचा करता। मेरे लिए इतना आसान नहीं था कि मैं रचना को भूल जाऊं मैंने अपने दिल में रचना को हमेशा ही जिंदा रखा था लेकिन शायद यह मेरी खुश किस्मती थी या फिर कोई इत्तेफाक जो कि मुझे रचना पुणे में मिली। जब रचना से मेरी मुलाकात हुई तो उसने मुझे बताया कि वह भी पुणे में ही जॉब कर रही है। मेरे लिए तो यह बहुत ही खुशी की बात थी और मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं और रचना एक दूसरे के साथ में बातें कर रहे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश भी थे मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि रचना और मैं एक दूसरे के साथ में अब समय बिताया करते हैं और हम एक दूसरे को मिलने भी लगे थे। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि रचना भी पुणे में ही जॉब करने लगेगी और वह जब पुणे में जॉब करने लगी थी तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था और अब तो रचना भी मेरी जिंदगी में आ चुकी थी और मेरे लिए यह बड़ी खुशी की बात थी की मैं रचना के साथ में बात कर पा रहा था।
मैं चाहता था कि रचना को मैं अब अपने प्यार का इजहार कर दूं और मैंने ऐसा ही किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि रचना मुझसे दूर हो और अब मैं रचना को किसी भी प्रकार से खोना नहीं चाहता था। मैंने रचना को अपने प्यार का इजहार कर दिया था तो मैं बहुत ही खुश था जिस तरीके से रचना और मैंने एक दूसरे के प्यार को स्वीकार कर लिया था और हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। मैं जब भी रचना के साथ होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और रचना को भी बहुत अच्छा लगता जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं। मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना था मैं उस दिन रचना को मिला और जब रचना और मैं कॉफी शॉप में बैठे हुए थे तो मैंने रचना को यह बात बताइ कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं।
रचना ने मुझसे पूछा कि तुम मुंबई से कब वापस लौट आओगे तो मैंने रचना से कहा कि मैं दो या तीन दिन में मुंबई से लौट आऊंगा। रचना ने मुझे कहा कि ठीक है जव तुम वहां से लौट आओगे तो उसके बाद हम दोनों साथ में ही लखनऊ जाएंगे। मैंने रचना से कहा ठीक है हम दोनों साथ में ही लखनऊ जाएंगे। मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेना चाहता था और मैं सोच रहा था कि कुछ दिनों के लिए अपने पापा मम्मी से मिल आता हूं। रचना और मैंने लखनऊ जाने का फैसला कर लिया था लेकिन उससे पहले मुझे कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना था तो मैं मुंबई चला गया था। जब मैं मुंबई गया तो मैं तीन दिन तक मुंबई में रुका उस दौरान मेरी रचना से फोन पर ही बात हो पा रही थी। मैं रचना से जब बात करता तो मुझे अच्छा लगता है। मैं तीन दिन बाद मुम्बई से वापस लौट आया था, जब मैं वापस लौटा तो उसके बाद मैं और चना एक दूसरे के साथ में बैठे हुए थे और हम लोग बातें कर रहे थे। मैंने रचना से कहा कि मैं चाहता हूं कि हम लोग अगले हफ्ते घर जाए क्योंकि मुझे छुट्टी मिल पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था इसलिए रचना ने मुझे कहा कि कोई बात नहीं। हम लोगों ने अब अगले हफ्ते घर जाने का फैसला कर लिया था।
एक हफ्ते के बाद हम दोनों घर जाना चाहते थे और हम दोनों ने ही ट्रेन का रिजर्वेशन करवा दिया था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जब हम लोग साथ में घर गए। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी जिस तरीके से मैं और रचना एक दूसरे के साथ में ट्रेवल कर रहे थे। जब हम लोग लखनऊ पहुंच गए तो उसके बाद हम दोनों कुछ दिनों तक लखनऊ में ही रुके। हम लोग वहां से करीब 20 दिनों के बाद मुम्बई वापस लौट आए थे, जब हम लोग पुणे वापस लौटे तो मेरा जन्मदिन भी नजदीक आने वाला था और रचना चाहती थी कि हम दोनों मेरे जन्मदिन को अच्छे से सेलिब्रेट करें। मैंने रचना से कहा की हम दोनों ही मेरे जन्मदिन को अच्छे से सेलिब्रेट करेंगे। मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से रचना और मैं एक दूसरे के साथ में समय बिता रहे थे। हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते है। मेरे जन्मदिन वाले दिन हम दोनों साथ में ही थे। हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया हम दोनों ने मेरे बर्थडे को अच्छे से सेलिब्रेट किया लेकिन जब उस दिन मैं और रचना के साथ में थे मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी। मैंने रचना से कहा मैं तुम्हारे होंठों को चूमना चाहता हूं। रचना ने मेरी तरफ देखा वह मुस्कुराने लगी मैंने रचना को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और रचना के गुलाबी होठों को मैं किस करने लगा था।
मैं जिस तरीके से रचना के होठों को किस कर रहा था मुझे मजा आ रहा था और रचना को भी बड़ा अच्छा लग रहा था हम दोनो पूरी तरीके से गर्म हो गए थे। अब हमारी गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे ना तो मैं अपने आपको रोक पा रहा था और ना ही रचना अपने आपको रोक पा रही थी। रचना ने अपने कपड़े खोल दिए थे जब उसने अपने बदन से कपड़ा को उतारा तो मैं उसके नंगे बदन को देखकर और भी ज्यादा उत्तेजित हो गया था वह सिर्फ पैंटी और ब्रा में थी। मैंने उसके स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था मै उसके स्तनों को दबाए जा रहा था। उसे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जब वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों पूरी तरीके से गर्म हो चुकी थे मेरी गर्मी अब इतनी ज्यादा बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी अपने आप पर काबू नहीं कर पा रहा था और ना तो वह अपने आपको रोक पा रही थी यही वजह थी हम दोनों अब बहुत ही ज्यादा गरम हो गए। मैंने अपने लंड को बाहर निकाल दिया था। रचना ने उसे अपने मुंह में ले लिया वह उसे सकिंग करने लगी थी। वह जिस तरीके से मेरे मोटे लंड को चूसने की कोशिश कर रही थी उस से हम दोनों को ही मजा आने लगा था और अब वह बहुत ज्यादा गरम होने लगी थी।
हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी थी। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैं बहुत ही ज्यादा गरम हो गया था मैंने जब रचना से कहा मुझे तुम्हारी चूत मारनी है तो उसने अपनी पैंटी को नीचे कर लिया था और मैंने उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत को देखकर मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी। मेरी गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैं आप अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था ना तो मैं अपने आपको रोक पाया और ना ही रचना अपने आपको रोक पा रही थी।
मैंने पहले तो उसकी चूत को चाटना चाहता था उसकी चूत को चाटने के बाद जब उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था तो उसे मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। हम दोनों ने अब एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। मेरे गर्मी बहुत बढ़ चुकी थी मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाया था। मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया था जैसे ही मेरा मोटा लंड रचना की योनि के अंदर गया तो वह मुझे कहने लगी मेरी योनि में दर्द होने लगा है। अब रचना की योनि में दर्द होने लगा था उसे बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से हम दोनों अब एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे।
हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा दिया था जैसे ही मैंने रचना की योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो रचना बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और उसके चेहरे की खुशी यह बयां कर रही थी उसे अपनी चूत मरवाने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। मैंने रचना कि चूत का मजा अच्छे से लिया था मैं चाहता था मै दोबारा से उसके साथ में सेक्स करूं। मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया था मैंने उसे बहुत देर तक चोदा। मेरी गर्मी बढ गई थी वह भी खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से तुमने मुझे चोदा है। मैंने उसकी योनि में अपने माल को गिरा दिया था वह बड़ी खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए थे।
मेरे दिल में यह बात हमेशा ही दबकर रह गई कि मैं रचना से कभी भी अपने दिल की बात नहीं कर पाया था मै इस बारे में हमेशा हो सोचा करता। मेरे लिए इतना आसान नहीं था कि मैं रचना को भूल जाऊं मैंने अपने दिल में रचना को हमेशा ही जिंदा रखा था लेकिन शायद यह मेरी खुश किस्मती थी या फिर कोई इत्तेफाक जो कि मुझे रचना पुणे में मिली। जब रचना से मेरी मुलाकात हुई तो उसने मुझे बताया कि वह भी पुणे में ही जॉब कर रही है। मेरे लिए तो यह बहुत ही खुशी की बात थी और मैं बहुत ज्यादा खुश था जिस तरीके से मैं और रचना एक दूसरे के साथ में बातें कर रहे थे। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत खुश भी थे मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि रचना और मैं एक दूसरे के साथ में अब समय बिताया करते हैं और हम एक दूसरे को मिलने भी लगे थे। मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि रचना भी पुणे में ही जॉब करने लगेगी और वह जब पुणे में जॉब करने लगी थी तो मैं बहुत ही ज्यादा खुश था। मेरी जिंदगी में सब कुछ अच्छे से चल रहा था और अब तो रचना भी मेरी जिंदगी में आ चुकी थी और मेरे लिए यह बड़ी खुशी की बात थी की मैं रचना के साथ में बात कर पा रहा था।
मैं चाहता था कि रचना को मैं अब अपने प्यार का इजहार कर दूं और मैंने ऐसा ही किया क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि रचना मुझसे दूर हो और अब मैं रचना को किसी भी प्रकार से खोना नहीं चाहता था। मैंने रचना को अपने प्यार का इजहार कर दिया था तो मैं बहुत ही खुश था जिस तरीके से रचना और मैंने एक दूसरे के प्यार को स्वीकार कर लिया था और हम दोनों एक दूसरे के साथ में ज्यादा से ज्यादा समय बिताने की कोशिश किया करते। मैं जब भी रचना के साथ होता तो मुझे बहुत ही अच्छा लगता और रचना को भी बहुत अच्छा लगता जिस तरीके से हम दोनों एक दूसरे के साथ में समय बिताया करते हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ बहुत ही ज्यादा खुश हैं। मुझे अपने ऑफिस के काम के सिलसिले में कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना था मैं उस दिन रचना को मिला और जब रचना और मैं कॉफी शॉप में बैठे हुए थे तो मैंने रचना को यह बात बताइ कि मैं कुछ दिनों के लिए मुंबई जा रहा हूं।
रचना ने मुझसे पूछा कि तुम मुंबई से कब वापस लौट आओगे तो मैंने रचना से कहा कि मैं दो या तीन दिन में मुंबई से लौट आऊंगा। रचना ने मुझे कहा कि ठीक है जव तुम वहां से लौट आओगे तो उसके बाद हम दोनों साथ में ही लखनऊ जाएंगे। मैंने रचना से कहा ठीक है हम दोनों साथ में ही लखनऊ जाएंगे। मैं भी कुछ दिनों की छुट्टी लेना चाहता था और मैं सोच रहा था कि कुछ दिनों के लिए अपने पापा मम्मी से मिल आता हूं। रचना और मैंने लखनऊ जाने का फैसला कर लिया था लेकिन उससे पहले मुझे कुछ दिनों के लिए मुंबई जाना था तो मैं मुंबई चला गया था। जब मैं मुंबई गया तो मैं तीन दिन तक मुंबई में रुका उस दौरान मेरी रचना से फोन पर ही बात हो पा रही थी। मैं रचना से जब बात करता तो मुझे अच्छा लगता है। मैं तीन दिन बाद मुम्बई से वापस लौट आया था, जब मैं वापस लौटा तो उसके बाद मैं और चना एक दूसरे के साथ में बैठे हुए थे और हम लोग बातें कर रहे थे। मैंने रचना से कहा कि मैं चाहता हूं कि हम लोग अगले हफ्ते घर जाए क्योंकि मुझे छुट्टी मिल पाना थोड़ा मुश्किल हो रहा था इसलिए रचना ने मुझे कहा कि कोई बात नहीं। हम लोगों ने अब अगले हफ्ते घर जाने का फैसला कर लिया था।
एक हफ्ते के बाद हम दोनों घर जाना चाहते थे और हम दोनों ने ही ट्रेन का रिजर्वेशन करवा दिया था। मैं बहुत ही ज्यादा खुश था जब हम लोग साथ में घर गए। मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी जिस तरीके से मैं और रचना एक दूसरे के साथ में ट्रेवल कर रहे थे। जब हम लोग लखनऊ पहुंच गए तो उसके बाद हम दोनों कुछ दिनों तक लखनऊ में ही रुके। हम लोग वहां से करीब 20 दिनों के बाद मुम्बई वापस लौट आए थे, जब हम लोग पुणे वापस लौटे तो मेरा जन्मदिन भी नजदीक आने वाला था और रचना चाहती थी कि हम दोनों मेरे जन्मदिन को अच्छे से सेलिब्रेट करें। मैंने रचना से कहा की हम दोनों ही मेरे जन्मदिन को अच्छे से सेलिब्रेट करेंगे। मैं बड़ा खुश था जिस तरीके से रचना और मैं एक दूसरे के साथ में समय बिता रहे थे। हम दोनों को ही बहुत अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ में होते है। मेरे जन्मदिन वाले दिन हम दोनों साथ में ही थे। हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया हम दोनों ने मेरे बर्थडे को अच्छे से सेलिब्रेट किया लेकिन जब उस दिन मैं और रचना के साथ में थे मेरे अंदर की गर्मी बढ़ रही थी। मैंने रचना से कहा मैं तुम्हारे होंठों को चूमना चाहता हूं। रचना ने मेरी तरफ देखा वह मुस्कुराने लगी मैंने रचना को कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और रचना के गुलाबी होठों को मैं किस करने लगा था।
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हम दोनों की गर्मी बहुत ज्यादा बढने लगी थी। हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैं बहुत ही ज्यादा गरम हो गया था मैंने जब रचना से कहा मुझे तुम्हारी चूत मारनी है तो उसने अपनी पैंटी को नीचे कर लिया था और मैंने उसकी चूत को देखा तो उसकी चूत को देखकर मेरी गर्मी बढ़ने लगी थी। मेरी गर्मी इस कदर बढ़ने लगी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था मैं आप अपने आपको बिल्कुल भी रोक नहीं पा रहा था ना तो मैं अपने आपको रोक पाया और ना ही रचना अपने आपको रोक पा रही थी।
मैंने पहले तो उसकी चूत को चाटना चाहता था उसकी चूत को चाटने के बाद जब उसकी योनि से पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था तो उसे मजा आने लगा था और मुझे भी बहुत ही ज्यादा अच्छा लग रहा था। हम दोनों ने अब एक दूसरे की गर्मी को बहुत ज्यादा बढ़ा दिया था मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था। वह मुझे कहने लगी मेरी गर्मी को तुमने बहुत ज्यादा बढ़ा दिया है। मेरे गर्मी बहुत बढ़ चुकी थी मैं अपने आप पर बिल्कुल भी काबू नहीं कर पाया था। मैंने अपने लंड को उसकी योनि के अंदर घुसा दिया था जैसे ही मेरा मोटा लंड रचना की योनि के अंदर गया तो वह मुझे कहने लगी मेरी योनि में दर्द होने लगा है। अब रचना की योनि में दर्द होने लगा था उसे बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से हम दोनों अब एक दूसरे की गर्मी को बढाए जा रहे थे।
हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा दिया था जैसे ही मैंने रचना की योनि के अंदर अपने माल को गिराया तो रचना बहुत ज्यादा खुश हो गई थी और उसके चेहरे की खुशी यह बयां कर रही थी उसे अपनी चूत मरवाने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा है। मैंने रचना कि चूत का मजा अच्छे से लिया था मैं चाहता था मै दोबारा से उसके साथ में सेक्स करूं। मैंने उसे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू कर दिया था मैंने उसे बहुत देर तक चोदा। मेरी गर्मी बढ गई थी वह भी खुश हो गई थी और मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही अच्छा लगा जिस तरीके से तुमने मुझे चोदा है। मैंने उसकी योनि में अपने माल को गिरा दिया था वह बड़ी खुश थी जिस तरीके से हम दोनों ने एक दूसरे के साथ में सेक्स संबंध बनाए थे।