लंड देख बोली इतना काला

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Antarvasna, sex stories in hindi: मैं जयपुर का रहने वाला एक सामान्य से परिवार का नौजवान युवक हूं मेरी उम्र 25 वर्ष है मेरे आंखों में बड़े सपने थे। मुझे अपने सपनों को पूरा करना था और अपने सपने पूरे करने के लिए मैं बहुत मेहनत करता लेकिन मेरे सपनों को उस वक्त ऊंची उड़ान मिली जब मेरी मुलाकात महेश से हुई। महेश से मेरी मुलाकात पहली बार जयपुर में ही हुई थी महेश एक दिन रेस्टोरेंट्स में ही बैठा हुआ था मैं उस रेस्टोरेंट में अक्सर जाया करता था। मेरी मुलाकात जब महेश के साथ हुई तो उसने मेरे सपनों को नए पंख दिए और उसके बाद तो जैसे मेरा कारोबार अच्छा चलने लगा। मैंने अपने हैंडलूम के कारोबार को देश-विदेश तक पहुंचाने के बारे में सोचा था अब मेरा काम बहुत अच्छे से चलने लगा था और महेश के साथ मेरी दोस्ती भी अब गहरी हो चली थी।

एक दिन महेश और मैं कार से जा रहे थे लेकिन उस दिन महेश कुछ ज्यादा ही परेशान नजर आ रहा था मैंने महेश को उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे बताया कि उसकी बहन किसी लड़के से प्यार करती है और उसके परिवार वाले नहीं चाहते कि वह उसकी शादी उस लड़के से करवाए लेकिन उसकी बहन इसी जिद पर अड़ी हुई है कि वह उस लड़के से ही शादी करेगी। महेश मुझे कहने लगा कि रोहित तुम मुझे बताओ क्या हम लोग अपनी बहन का बुरा चाहेंगे मैंने महेश से कहा लेकिन तुम मुझे पूरी बात बताओ आखिर हुआ क्या है। महेश ने उस दिन मुझे पूरी बात बताई और कहने लगा कि उसकी बहन हमारे ही पड़ोस में एक लड़के से प्यार करती है लेकिन वह हमें बिल्कुल भी पसंद नहीं है क्योंकि उसकी नीयत में ही खोट है और हमारा पूरा मोहल्ला जानता है कि वह लड़का बिल्कुल भी अच्छा नहीं है ना जाने मेरी बहन की आंखों में उसने प्यार का ऐसा क्या जादू कर दिया है कि वह अच्छे और बुरे में समझ कर ही नहीं पा रही है। मैंने महेश को कहा महेश तुम्हें मेरी मदद की आवश्यकता है तो मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं महेश मुझे कहने लगा कि रोहित यदि तुम ऐसा करो तो मुझे बहुत खुशी होगी। महेश चाहता था कि उसकी बहन रचना जो कि उनके ही मोहल्ले में रहने वाले लड़के रजत के प्यार में पागल थी उसे मैं अपना बना लूं। महेश मुझे कहने लगा कि रचना को तुम स्वीकार कर लो मैंने महेश को कहा लेकिन महेश यह इतना आसान भी नहीं होने वाला है।

महेश कहने लगा रोहित मैं तुम्हें अच्छे से जानता हूं तुम एक ईमानदार और अच्छे लड़के हो यदि तुम्हारी शादी रचना के साथ हो जाएगी तो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। रोहित अपनी बहन का हाथ मेरे हाथों में देना चाहता था और इसीलिए हम लोगों ने अब रचना से मिलने का फैसला किया। मैं रचना से पहली बार ही मिलने वाला था जब मैं महेश के घर पर गया तो मैं रचना से मिला रचना से पहली मुलाकात मेंरी कुछ अच्छी नहीं रही। उसने मेरी तरफ देखा तक नहीं लेकिन रचना मुझे भा गई थी और मैं चाहता था कि रचना को मैं अपना बना लूं और उससे मैं शादी करने के लिए तैयार था। महेश को मुझ पर पूरा भरोसा था और महेश के परिवार वाले भी चाहते थे कि मेरी शादी रचना से हो जाए उन्हें उसमें कोई भी आपत्ति नहीं थी लेकिन उसके लिए मुझे काफी मेहनत करनी पड़ी। रचना रजत से बहुत प्यार करती थी जब रजत के बारे में मैंने पता करवाया तो मुझे उसकी सारी असलियत पता चल गई। रजत बिल्कुल भी अच्छा लड़का नहीं है उसने कई लड़कियों की जिंदगी पहले भी खराब की है लेकिन मैं अब रचना की जिंदगी ऐसे ही खराब होने देना नहीं चाहता था क्योंकि मैं रचना को दिल ही दिल चाहने लगा था। रचना और रजत जब भी मिलते थे तो मैं उन दोनों पर हमेशा ही नजर रखा करता था महेश ने भी इसमें मेरी बहुत मदद की। रचना को उस वक्त बहुत बड़ा धक्का लगा जब रजत की असलियत उसके सामने आ गई। रजत ने एक लड़की को धोखा दिया था और उसकी मुलाकात जब हमने रचना से करवाई तो रचना रजत को कभी भी माफ नहीं करना चाहती थी और उसने अब रजत को अपने दिल और दिमाग से निकालने का फैसला कर लिया था। महेश और मैं अपने मकसद में कामयाब हो चुके थे हालांकि ऐसा करना ठीक नहीं था लेकिन शायद हम लोगों के पास अब और कोई दूसरा रास्ता भी तो नहीं था इसलिए हम लोगों को ऐसा करना पड़ा। इस बात से रचना बहुत ही दुखी हो गई और वह घर में किसी से भी बात नहीं करती थी लेकिन मैंने रचना को खुश करने का फैसला कर लिया था।

एक दिन महेश का पूरा परिवार और मैं घूमने के लिए चले गए उस दिन मेरी बात रचना से हुई तो रचना को भी मुझसे बात कर के अच्छा लगा पहली बार उसके चेहरे पर मुझसे बात कर के खुशी थी। मैं अपने मकसद में कामयाब रहा और मैंने रचना को अपने दिल की बात कह दी रचना भी शायद अब मेरे रिश्ते को स्वीकार करने के लिए तैयार थी और उसने मेरे सवाल का जवाब हां में कर दिया। अब सब कुछ ठीक हो चुका था महेश भी बहुत खुश था और मुझे भी बहुत खुशी थी कि कम से कम मैं रचना के साथ अब रिलेशन में हूं। हम दोनों एक दूसरे से बहुत प्यार करने लगे थे और रचना के बिना एक पल भी मेरा जीना दुश्वार हो चुका था मैं जब भी रचना से फोन पर बात नहीं करता तो मुझे बहुत अजीब महसूस होता और रचना को देखे बिना भी मुझे अच्छा नही लगता था। हम दोनों एक दूसरे को बहुत अच्छे से समय दे पा रहे थे और मुझे इस बात की खुशी भी थी कि कम से कम मैं रचना को समय दे पा रहा हूं। मेरा काम भी बहुत अच्छे से चलने लगा और मुझे बहुत खुशी थी कि काम भी अच्छा चल रहा है और रचना से मैं प्यार करता हूं और रचना भी मुझसे प्यार करती है। रचना का साथ में पूरी तरीके से दिया करता था वह मेरे साथ होती तो बहुत खुश रहती थी रचना और मैं फोन पर बहुत देर तक बात किया करते थे। मुझे उससे बात करना अच्छा लगता जब भी मैं रचना के साथ होता तो हम दोनों के बीच किस जरूर हो जाया करता था।

जब मैंने रचना को पहली बार किस किया तो उसे अजीब सा महसूस हो रहा था वह मुझे कहने लगी मुझे अजीब सा महसूस हो रहा है। मैंने रचना से कहां तुमने इससे पहले किसी के साथ किस नहीं किया? वह कहने लगी नहीं मैंने पहली बार किस किया है मैं रचना की बदन को हमेशा महसूस करने की कोशिश किया करता। जब भी मैं उसके बदन को महसूस करता तो उसे अच्छा लगता रचना भी बहुत खुश हो जाया करती थी। रचना को देखकर एक दिन मेरा लंड खड़ा होने लगा मैंने रचना से कहा आज मै तुम्हे अपना लंड दिखाऊ वह कहने लगी तुम यह कैसी बात कर रहे हो। मैंने रचना को कहा कभी ना कभी तो हमारे बीच शारीरिक संबंध बनने है वह शरमा रही थी। मैने उसे अपने लंड को दिखाया तो वह मुझे कहने लगी मुझे आपके लंड को देखकर अच्छा लगा उसने मेरे लंड को अपने हाथों में लिया और हिलाना शुरू कर दिया। वह मेरे लंड को हिलाती तो मुझे अच्छा लगता मैंने रचना से कहा तुम जब मेरे लंड को हिला रही हो तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। वह कहने लगी अच्छा तो मुझे भी बहुत लग रहा है रचना ने जब मेरे लंड को अपने मुंह के अंदर समाना शुरू किया तो उसे बड़ा मजा आने लगा। वह काफी देर तक ऐसा ही करती रही मेरा लंड पूरी तरीके से खडा हो चुका था वह उत्तेजित होकर मुझे कहने लगी आप मेरी चूत को चाटो। मैंने उसे कहा ठीक है मैंने जब उसके कपड़े उतारने शुरू किए तो उसके स्तनों का रसपान मुझे मजा आया जब मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसे बड़ा अच्छा लगने लगा और काफी देर तक मैं उसकी योनि को चाटता रहा।

वह उत्तेजित हो चुकी थी वह मुझे कहने लगी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा है। मैं भी रह नहीं पा रहा था मैंने अपने लंड को रचना की योनि के अंदर प्रवेश करवाया तो वह चिल्ला उठी। उसके मुंह से तेज चीख निकलने लगी वह मुझे कहने लगी मुझे दर्द हो रहा है उसकी योनि से खून बाहर निकल रहा था मुझे बिल्कुल भी आभास नहीं था कि वह बिल्कुल फ्रेश माल है। जिस प्रकार से रचना की योनि से खून निकल रहा था उस से मेरे जोश में और भी बढ़ोतरी होने लगी। मैंने उसके पैरों को खोलकर अपने कंधों पर रखा और उसे बड़ी तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए कुछ देर बाद वह मेरे ऊपर से आ गई और कहने लगी मुझे आपके लंड को चूत में लेना है। उसने जैसे ही मेरे लंड को चूत के अंदर लिया तो उसके मुंह से हल्की सी आवाज निकाली। वह अपनी चूतडो को बड़ी तेजी से ऊपर नीचे करने लगी मुझे अच्छा लग रहा था काफी देर तक में उसे तेज गति से धक्के मारता रहा।

मुझे उसे चोदने में मजा आ रहा था वह मेरा बड़े अच्छे तरीके से साथ दे रही थी काफी देर ऐसा करने के बाद जब मेरा वीर्य मेरे अंडकोष से बाहर की तरफ को निकलने लगा तो मैंने रचना को कहा मेरा वीर्य गिरने वाला है। रचना कहने लगी कोई बात नहीं आप उसे अंदर ही गिरा दिजिए जब मैंने अपने वीर्य को रचना की योनि के अंदर ही गिरा दिया तो वह खुश थी वह मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लगा। उसके बाद तो जैसे वह मुझसे सेक्स करने के लिए हमेशा तैयार रहती थी जब भी उसका मन होता तो हमेशा वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए आ जाती। मैंने यह बात महेश को पता नहीं चलने दी मेरे और महेश के बीच बहुत अच्छी दोस्ती थी इसलिए मैं कभी यह बात उसे बताना नहीं चहता था। महेश और मैं अब भी एक साथ काम कर रहे हैं हम दोनों एक दूसरे को अच्छे से समझते हैं रचना और मेरी हर रोज फोन पर बात हो जाती है। मैं अपने काम को और बढ़ाना चाहता हूं उसमें महेश ने मेरी बहुत मदद की है। महेश मुझे कहता तुम रचना से जल्दी शादी कर लो लेकिन अभी तक मैंने इस बारे में कोई फैसला नहीं किया।
 
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