लंड पकड़ने की बेताबी चढ़ी भैया भाभी का सेक्स

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(Lund Pakadne Ki Betabi Chadhi Bhaiya Bhabhi Ka Sex)

Desi Chudai Ki Kahani भाभी मुझसे कहने लगी कि संध्या तुम्हारे एग्जाम कैसे हो रहे हैं मैं भाभी को कहा भाभी मेरे एग्जाम तो अच्छे हो रहे हैं भाभी कहने लगी कि लगता है इस वर्ष भी तुम टॉप करने वाली हो। मैंने भाभी को कहा भाभी यह तो समय ही बताएगा अब मैं इसमें क्या बोल सकती हूं वैसे कोशिश तो मैं पूरी कर रही हूं कि मेरे अच्छे नंबर आ जाएं अब देखते हैं कि मेरी कोशिश कितना रंग लाती है। भाभी और मैं आपस में बात कर रहे थे तभी मां भी आ गई और कहने लगी कि आज तुम दोनों क्या बात कर रहे हो मैंने कहा कुछ नहीं मां बस भाभी और मैं आपस में बात कर रहे थे वह मेरे एग्जाम के बारे में पूछ रही थी। Lund Pakadne Ki Betabi Chadhi Bhaiya Bhabhi Ka Sex Dekh Ke.

मां कहने लगी कि बेटा मैं तो तुमसे पूछना ही भूल गई कि तुम्हारे एग्जाम कैसे चल रहे हैं मैंने मां को कहा मां मेरे एग्जाम तो ठीक हुए हैं। मैंने मां को कहा मां पापा कब आने वाले हैं तो वह कहने लगी कि पापा तो बेटा शाम के वक्त ही लौटेंगे क्यों तुम्हें क्या पापा से कोई जरूरी काम था। मैंने मां से कहा हां मां मुझे पापा से जरूरी काम था मां मुझे कहने लगी कि तुम मुझे भी बता सकती हो मैंने मां को कहा मां मैं यह कहना चाहती हूं कि मुझे कुछ पैसों की आवश्यकता थी। वैसे तो मैं घर से कम पैसे लिया करती थी क्योंकि पापा मुझे बिना बोले ही पैसे दे दिया करते थे और कभी कबार भैया भी मुझे पैसे दे देते थे।

जब मैंने मां को यह बात कही तो मां कहने लगी कि ठीक है बेटा मैं तुम्हारे पापा से इस बारे में बात करती हूं जब वह आ जाएंगे तो मैं उनसे कह दूंगी। जब शाम के वक्त पापा आए तो पापा ने मुझे कुछ पैसे दे दिए पापा ने मुझसे यह भी नहीं पूछा कि मुझे किस लिए पैसों की जरूरत है पापा मुझसे बहुत कम ही पूछा करते थे कि तुम्हें किस लिए पैसों की जरूरत है। अगले दिन मेरा एग्जाम था और मैं एग्जाम देकर अपनी सहेली पूजा के साथ शॉपिंग करने के लिए चली गई मैं काफी समय से अपने लिए कुछ खरीद नहीं पाई थी तो मैंने पूजा को कहा यदि तुम्हारे पास समय है तो हम लोग शॉपिंग कर आते हैं।

हम लोग लोकल मार्केट में शॉपिंग करने के लिए चले गए वहां शॉपिंग के दौरान मेरा पर्स किसी ने चोरी कर लिया जैसे ही मेरा पर्स चोरी हुआ तो मैं उस लड़के के पीछे भागी लेकिन तब तक वह काफी आगे जा चुका था। मैं बहुत ज्यादा उदास हो गई मैं सोचने लगी कि उसमें तो मेरे जरूरी डॉक्यूमेंट भी थे मैं बहुत उदास हो गई तो पूजा मुझे कहने लगी कि संध्या तुम चिंता मत करो हम लोग अभी पुलिस स्टेशन में जाकर कंप्लेंट करवा देते हैं। हम लोग जब वहां से थोड़ा सा आगे निकले तो तभी मुझे किसी ने आवाज दी मैंने पीछे पलट कर देखा तो एक लड़का खड़ा था उसके हाथ में मेरा पर्स था उसने मुझे पर्स देते हुए कहा कि मैडम जी ये लीजिये आपका पर्स। मैंने उससे कहा मैं आपका धन्यवाद कैसे कहूं तो वह लड़का मुझे कहने लगा कि आप को मेरा धन्यवाद कहने की कोई जरूरत नहीं है।

मैंने उसे कहा मैं तो बहुत ज्यादा घबरा गई थी और मैं सोचने लगी थी कि कैसे मेरा पर्स मुझे वापस मिलेगा लेकिन आप की बदौलत मेरा पर्स मुझे वापस मिल गया उसके लिए मैं आपकी बहुत शुक्रगुजार हूं। वह लड़का मुझे कहने लगा कि कोई बात नहीं यह तो मेरा फर्ज था, मैंने उसने उस लड़के का नाम तक नहीं पूछा मैं और पूजा घर चले गए काफी दिनों बाद मुझे वह लड़का दोबारा से दिखाई दिया। जब वह मुझे दोबारा मिला तो मैंने उसे कहा कि उस दिन तो मैं आपसे आपका नाम भी पूछना भूल गई थी वह लड़का मेरी तरफ मुस्कुरा कर देखने लगा और कहने लगा कि मैडम कोई बात नहीं उसने मुझे अपना नाम बता दिया उसका नाम अनिल है।

अनिल मुझे कहने लगा कि आप क्या करती हैं तो मैंने उसे बताया कि यह मेरे कॉलेज का आखरी वर्ष है और मैं अपना एग्जाम देकर कॉलेज से लौट रही थी तो मैंने सोचा कि कुछ शॉपिंग कर लूं लेकिन उसी दौरान पीछे से एक लड़का बड़ी तेजी से आया और मेरा पर्स चोरी करके भागा। अनिल से उस दिन के बाद तो मेरी मुलाकात काफी समय बाद हुई लेकिन जब अनिल मुझे मिला तो मुझे उसके साथ बात करना अच्छा लगा अनिल और मैं जब एक दूसरे से बात करते तो मुझे बहुत खुशी होती थी। धीरे-धीरे हम दोनों की बातें फोन पर होने लगी मेरे एग्जाम खत्म हो चुके थे और अब मैं घर पर ही थी।

एक दिन मुझे अनिल कहने लगा कि क्या तुम मेरे साथ घूमने के लिए चलोगी मैं अनिल को मना ना कर सकी और अनिल के साथ में घूमने के लिए चली गई। जब मैं अनिल के साथ घूमने के लिए गई तो मुझे बहुत अच्छा लगा उस दिन हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा समय बिताया और एक दूसरे के साथ इतना अच्छा समय बिताकर मैं बहुत खुश थी। अनिल से बात करना मुझे अच्छा लगता और अनिल ने मुझे अपने परिवार वालों से भी मिलवाया अनिल के पापा एक पुलिस स्पेक्टर हैं। अनिल ने जब अपने पापा को उस दिन मेरे बारे में बताया कि कैसे मेरा पर्स एक लड़के ने चोरी कर लिया था तो अनिल के पापा कहने लगे कि बेटा आजकल यह चोर चक्के अक्सर ऐसी जगह घूमते रहते हैं तो तुम अपना ध्यान रखा करो।

अनिल भी अपने पापा की तरह ही पुलिस इंस्पेक्टर बनना चाहता है और वह उसी की तैयारी में लगा हुआ है। कुछ ही समय बाद अनिल का भी पुलिस में सिलेक्शन हो गया और अनिल अपनी ट्रेनिंग के लिए जा चुका था लेकिन फिर भी हम दोनों की बातें फोन पर होती थी। एक दिन अनिल ने मुझसे अपने दिल की बात कह दी तो मैं भी अनिल को मना ना कर सकी मुझे मालूम नहीं था कि मैं भी अनिल से प्यार करती हूं। जब उसने मुझे अपने दिल की बात कही तो मैं अनिल को मना ना कर सकी और हम दोनों के बीच प्यार अब आगे बढ़ने लगा था। "Lund Pakadne Ki Betabi"

अनिल की ट्रेनिंग अभी भी चल रही थी मैंने यह बात अपनी भाभी अनामिका को बता दी थी। जब मैंने यह बात भाभी को बताई तो भाभी कहने लगी कि संध्या तुम्हें यह बात मम्मी को भी बता देनी चाहिए लेकिन मेरे अंदर हिम्मत नहीं हो रही थी तो भाभी ने हीं अनिल के बारे में मम्मी को बता दिया। जब भाभी ने अनिल के बारे में मम्मी को बताया तो वह लोग भी अनिल से मिलना चाहते थे लेकिन अनिल अभी अपनी ट्रेनिंग खत्म कर के लौटा नहीं था। जब अनिल की ट्रेनिंग खत्म हो गई तो उसके बाद मैंने अनिल को अपने पापा मम्मी से मिलवाया। मैं नहीं चाहती थी कि हम लोग किसी भी प्रकार से अपने रिश्ते को किसी से छुपाये इसलिए मैं पापा मम्मी को अनिल से मिलाना चाहती थी। अनिल और मेरे रिश्ते किसी से छुपे नहीं थे मैं अनिल को अक्सर घर पर बुलाती रहती थी।

एक दिन मैंने भैया और भाभी के बीच के अंतरंग संबंधों को देख लिया भैया जिस प्रकार से भाभी को चोद रहे थे उससे मेरे अंदर एक अलग ही उत्तेजना जागने लगी मेरा भी मन अनिल के साथ शारीरिक संबंध बनाने का होने लगा। मैं चाहती थी कि अनिल के साथ में अपने संबंध स्थापित कर लूं मैंने जब अनिल को घर पर बुलाया तो वह आ गया। हम दोनो साथ में बैठे हुए थे मै अनिल की तरफ बड़े ध्यान से देख रही थी। अनिल को नहीं पता था कि मैं अपनी चूत मरवाना चाहती हूं जब मैंने अनिल को कहा कि मुझे तुम्हें देखकर कुछ अलग ही फीलिंग आ रही है तो वह कहने लगा कि मुझे भी आज कुछ अजीब सा लग रहा है। मैंने अनिल के होठों को किस कर लिया अनिल ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया अनिल ने जिस प्रकार से मुझे अपनी बाहों में लिया तो मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी।

मैंने उसके लंड को बड़ी तेजी से दबाया अनिल ने भी मेरे स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था वह मेरे स्तनों को बड़े ही अच्छे से दबा रहा था। मैंने अनिल के लंड को उसकी पैंट से बाहर निकाला तो मैं उसके लंड को अपने मुंह के अंदर लेने लगी मुझे अच्छा लगने लगा। मैंने उसके लंड को अपने मुंह मे अंदर तक समा रही थी मैंने उसके मोटे लंड को बहुत देर तक अपने मुंह के अंदर बाहर किया और अनिल का पानी भी अब निकल आया था। वह भी रह नहीं पा रहा था उसने मुझे कहा कि तुम भी अपने बदन से कपड़े उतार दो। मैंने जब अपने बदन से कपड़े उतारे तो अनिल ने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और वह मेरे स्तनों का रसपान करने लगा काफी देर तक वह मेरे स्तनो का रसपान करता रहा और मेरे अंदर की गर्मी को बढ़ाता रहा। हम दोनों ही पूरी तरीके से उत्तेजित हो गए थे अनिल ने मेरी चूत को चाटा तो मैं और भी ज्यादा उत्तेजित हो गई।

हम दोनों ही रह ना सके मैंने अनिल से कहा तुम अपने लंड को चूत के अंदर डाल दो तो अनिल ने मेरी चूत के अंदर अपने लंड को घुसाया तो मेरी चूत से खून बाहर निकलने लगा। जिस प्रकार से मेरी चूत से खून निकाल रहा था उस से मै बहुत ज्यादा उत्तेजित हो गई थी और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। वह लगातार तेज गति से मुझे धक्के मार रहा था मेरे पैरों को उसने चौड़ा भी कर लिया था जब मैं पूरी तरीके से चरम सीमा पर पहुंच गई तो मैंने अपने पैरों से अनिल को जकडना शुरू किया। अनिल को मैंने अपने दोनों पैरों के बीच में कसकर जकड़ लिया था लेकिन वह तेज गति से मुझे धक्के मार रहा था जिस प्रकार से वह मुझे तेज गति से चोद रहा था मेरे मुंह से सिसकिया बढ़ती जा रही थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रही थी मैं पूरी तरीके से जोश में आ चुकी थी। जब अनिल ने अपने वीर्य को मेरे मुंह के अंदर गिराया तो मैंने उसे कहा आई लव यू। "Lund Pakadne Ki Betabi"
 
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