लंबा इंतजार खत्म हुआ

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Hindi sex story, kamukta मेरा नाम कंचन है मैं बरेली की रहने वाली हूं मैं स्कूल के समय से ही आकाश से प्यार किया करती थी लेकिन मैंने कभी भी आकाश को अपने दिल की बात नहीं बताई। जब स्कूल में हमारा आखरी वर्ष था तो उस वक्त भी मैं आकाश को अपने दिल की बात ना कह सकी आकाश हमारे क्लास का मॉनिटर था वह पढ़ने में भी बड़ा अच्छा था और वह स्पोर्ट्स में भी बहुत अच्छा था लेकिन मैंने आकाश से कभी भी अपने दिल की बात नहीं कही उसके बाद हम लोग एक ही कॉलेज में पढ़े हम लोग आपस में बात भी करते थे मैं आकाश को दिल ही दिल चाहती थी लेकिन उसे देख कर मेरी कभी उससे कुछ कहने की हिम्मत ही नहीं हो पाई।

हम लोगों के बीच अच्छी दोस्ती हो चुकी थी मेरी और आकाश की बातचीत होती रहती थी लेकिन जब भी मुझे उससे अपने दिल की बात कहनी होती तो मैं कभी कह ही नहीं पाती थी लेकिन शायद मैंने बहुत देर कर दी थी कॉलेज में ही हमारी एक सहेली थी उसने आकाश से अपने दिल की बात कह दी और आकाश भी उसे मना ना कर सका क्योंकि आकाश भी उसे चाहता था और उन दोनों के बीच में प्रेम प्रसंग चलने लगा उसका नाम मोनिका है। मोनिका और आकाश के बीच में बहुत प्यार था वह जब भी एक-दूसरे को मिलते तो उनकी खुशी से ही पता लग जाता कि उन दोनों के बीच में कितना प्यार है मैं जब भी आकाश को देखती तो मैं खुश जरूर होती थी लेकिन मुझे लगता था कि शायद मेरे ना कहने की वजह से ही आकाश आज मेरे साथ नहीं है हालांकि हम लोग बहुत अच्छे दोस्त हैं और कॉलेज में हम सब लोग साथ में समय बिताया करते थे हम लोगों के ग्रुप में बड़ी अच्छी दोस्ती थी और जब भी किसी को आवश्यकता होती तो वह हमेशा मदद के लिए तैयार रहता। धीरे-धीरे कॉलेज का समय भी बीतने लगा और जब हमारे कॉलेज का आखिरी वर्ष था तो एक दिन सब लोग साथ में बैठे हुए थे हम लोग कैंटीन में बैठे हुए थे मैंने आकाश से पूछा आकाश तुमने आगे क्या सोचा है तो आकाश कहने लगा यार मैंने अभी तो कुछ सोचा नहीं है लेकिन कॉलेज पूरा होने के बाद ही मैं कोई फैसला ले पाऊंगा।

आकाश भी मुझसे पूछने लगा मैंने कहा मैं तो अपनी टीचिंग की तैयारी करने वाली हूं और तुम्हें तो मालूम है कि मैं पहले से ही टीचर बनना चाहती थी आकाश मुझे कहने लगा तुमने कम से कम अपने फ्यूचर के बारे में सोच तो लिया है लेकिन मैं तो अभी तक कोई फैसला ही नहीं कर पाया हूं। आकाश और मेरे बीच में अच्छी दोस्ती थी आकाश को जब भी कोई ऐसी बात लगती कि वह टेंशन में है तो वह मुझसे शेयर जरूर किया करता था मोनिका और उसके बीच में भी प्रेम प्रसंग पूरी तरीके से परवान चढ़ चुका था और उन दोनों ने एक दूसरे के साथ जीवन बिताने का फैसला कर लिया था क्योंकि वह लोग एक साथ ही ज्यादातर समय बिताया करते थे और इस बात का पता हमें लग ही जाता था। एक दिन मोनिका मुझसे कहने लगी यार कंचन मेरे घर वाले मेरे लिए लड़का देखने लगे हैं और आकाश अभी तो कुछ भी नहीं करता है मुझे क्या करना चाहिए, मैंने मोनिका से कहा तुम्हें यह बात आकाश को बता देनी चाहिए और अपने परिवार में भी आकाश के बारे में सबको बता देना चाहिए कि तुम आकाश से प्यार करती हो लेकिन मोनिका के अंदर शायद वह हिम्मत ना थी वह ना तो आकाश को बताना चाहती थी और ना ही अपने परिवार को आकाश के बारे में कुछ बताना चाहती थी। मैंने मोनिका को समझाने की कोशिश की और उसे कहा यदि तुम किसी को नहीं बताओगी तो इससे आकाश को बहुत बुरा लगेगा और आकाश शायद इस सदमे को झेल नही पाएगा लेकिन तुम्हें आकाश से इस बारे में बात करनी चाहिए। ना जाने मोनिका को क्यों ऐसा लग रहा था कि वह आकाश को यह सब नहीं बता पाएगी और उसने आकाश को इस बारे में कुछ भी नहीं बताया मुझे सब कुछ पता था मैं चाहती थी कि आकाश को इस बारे में सब कुछ मालूम पड़े लेकिन मोनिका ने मुझे मना किया था कि तुम आकाश को कुछ भी मत बताना इसके चलते मैंने आकाश को कुछ भी नहीं बताया और सब कुछ बड़ी ही जल्दी में हो रहा था मोनिका की सगाई हो चुकी थी लेकिन इस बारे में आकाश को कुछ जानकारी नहीं थी मुझे मोनिका ने सब कुछ बता दिया था।

मैंने मोनिका से कहा कि अब तुम आकाश को सब बता दो मोनिका मुझे कहने लगी मैं आकाश से बहुत प्यार करती हूं लेकिन मैं अपने परिवार वालों को भी तकलीफ नहीं देना चाहती। मैंने मोनिका से कहा लेकिन तुम्हें कोई ना कोई तो फैसला लेना ही पड़ेगा यदि तुम कोई फैसला नहीं लोगी तो इससे तुम अपनी जिंदगी भी खराब कर बैठोगी और आकाश की तो जिंदगी खराब होगी ही यदि तुमने उसे इस बारे में नहीं बताया तो उसे बहुत ज्यादा बुरा लगेगा परंतु मोनिका तो आकाश को कुछ बताना ही नहीं चाहती थी और जब हमारा कॉलेज पूरा हो गया तो उसके कुछ ही समय बाद मोनिका ने शादी कर ली जब यह बात आकाश को पता चली तो आकाश बहुत दुखी हो गया और वह मुझे जब भी फोन करता तो उसके दुख का पता मुझे चल जाता कि वह कितना दुखी है लेकिन मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी यदि मैं आकाश को अपने दिल की बात कह देती तो शायद उसे लगता कहीं मेरी वजह से ही तो मोनिका उससे अलग नहीं हुई इसलिए मैंने आकाश को उस वक्त भी कुछ नहीं बताया। मैं आकाश का साथ बड़े अच्छे से दे रही थी उसे जो भी दिक्कत होती तो मैं उससे मिलती और उसे समझाने की कोशिश करती कि जो होना था वह तो हो चुका है लेकिन अब तुम्हे आगे अपने जीवन के बारे में सोचना चाहिए। आकाश को भी शायद मेरी बात समझ में आ चुकी थी और आकाश अब अपने आगे की तैयारी करने लगा।

मैंने आकाश को कहा तुम पढ़ने में अच्छे हो और हर एक चीज में तुम अच्छे हो तुम बहुत अच्छा कर सकते हो लेकिन तुम्हें अब मोनिका को अपने दिमाग से निकालना होगा आकाश मुझे कहता मुझे बहुत तकलीफ होगी इतने वर्षों तक हम दोनों एक दूसरे के साथ थे और ना जाने मोनिका ने मेरे साथ ऐसा क्यों किया। मोनिका से मेरी बात भी होती है लेकिन जब भी आकाश उसे फोन करता है तो वह उसका फोन नहीं उठाती क्यों कि अब वह आकाश से कोई संबंध रखना ही नहीं चाहती थी उसने अपने नए जीवन की शुरुआत कर ली थी और आकाश भी अपने नए जीवन को शुरू कर चुका था। आकाश ने भी अपने आगे की पढ़ाई जारी रखी और उसके बाद उसने अपने आगे की पढ़ाई जारी रखी तो वह कॉलेज में ही प्रोफेसर बन गया मैं भी टीचर बन चुकी थी आकाश और मेरी दोस्ती अब भी पहले जैसी ही थी मेरे लिए भी अब रिश्ते आने लगे थे लेकिन मैं तो दिल ही दिल आकाश को चाहती थी लेकिन आकाश को इस बारे में कुछ पता नहीं था आकाश और मेरी मुलाकात अभी भी पहले जैसी ही होती है और हम दोनों के बीच अब भी उतनी ही गहरी दोस्ती है जितनी पहले थी। आकाश अब कभी भी मोनिका के बारे में बात नहीं करता वह सिर्फ अपने बारे में बात किया करता है उसने मोनिका को अपने दिल और दिमाग दोनों से ही हटा दिया है अब आकाश की जिंदगी पूरी तरीके से नॉर्मल हो चुकी है लेकिन मेरी हिम्मत आज भी आकाश से अपने दिल की बात कहने की ना हो सकी। मैं अपने दिल की बात आकाश से अब तक नहीं कह पाई थी हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त भी है लेकिन मुझे आकाश से अपने दिल की बात कहनी थी मैंने एक दिन आकाश से कहा मुझे तुमसे मिलना है तो आकाश कहने लगा हां मैं तुमसे मिलने आता हूं लेकिन अभी मैं थोड़ा बिजी हूं मुझे समय लग जाएगा मैं जैसे ही फ्री हो जाऊंगा तो मैं तुम्हें फोन करता हूं।

आकाश शायद उस वक्त किसी मीटिंग में था और जैसे ही वह फ्री हुआ तो उसने मुझे फोन किया, जब उसने मुझे फोन किया तो वह मुझे कहने लगा मैं फ्री हो चुका हूं मैं तुम्हें कहां मिलूं। मैंने आकाश से कहा तुम मुझे मिलने के लिए मेरे घर पर ही आ जाओ, आकाश कहने लगा लेकिन मैं तुम्हारे घर पर क्या करुंगा। मैंने उसे कहा तुम मुझसे मिलने घर पर आओ तो सही वह मुझसे मिलने के लिए मेरे घर पर आ गया। जब अकाश मुझसे मिलने के लिए घर पर आया तो मैंने आकश से कहा तुम बड़ी जल्दी घर पर आ गए तो वह कहने लगा हां यार मैं जल्दी से अपने कॉलेज से निकल गया था और सोचा तुम्हें कुछ जरूरी काम होगा। हम दोनों साथ में बैठे हुए थे मैंने आकाश का हाथ पकड़ लिया और उसे कहा आकाश मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं। वह कहने लगा कंचन मैंने तुम्हारे बारे में कभी ऐसा नहीं सोचा लेकिन मैंने उसके हाथ को कस के पकड़ लिया और आकाश भी शायद अपने आप पर उस दिन काबू ना कर सका, उसने मेरे होठों को चूमना शुरू किया हम दोनों के बीच किस हुआ तो हम दोनों के बदन से गर्मी निकलने लगी।

मैंने अपने सारे कपड़े आकाश के सामने उतार दिए, उसने मेरे नंगे बदन को देखा तो उसने मुझे कहा तुम तो बड़ी सुंदर हो, मैंने उसके लंड को बाहर निकाला और उसे अपने मुंह में लेने लगी वह उत्तेजीत हो जाता और मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था। आकाश नीचे लेटा हुआ था मैं उसके ऊपर लेट गई मैंने उसके लंड को अपनी योनि में लिया तो मेरी सील टूट चुकी थी। मैं आकाश के लंड के ऊपर नीचे हो रही थी और अपनी बडी चूतड़ों को ऊपर-नीचे करती जाती। जब आकाश का जोश बढ गया तो उसने बड़ी तेजी से मुझे धक्के देने शुरू कर दिए कुछ देर तक ऐसा ही हम दोनों के बीच चलता रहा, जब उसने मुझे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो मेरे बदन से जैसे करंट निकल जाता मैं अपनी चूतडो को उससे मिलाता मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था, वह मेरी चूत बड़े अच्छे से मार रहा था। जब आकाश ने अपने वीर्य को मेरी बड़ी चूतडो के ऊपर गिराया तो मैं खुश हो गई और उसके बाद तो जैसे मैं और आकाश एक दूसरे के हो गए थे।
 
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