वयस्क लड़की के बदन में मेरा मुठ

sexstories

Administrator
Staff member
आज मैं आपको एक वयस्क लड़की की चुदाई की बड़ी ही मधुर गाथा सुनाने जा रहा हूँ और मुझे उम्मीद है यह भी आपको मेरी सभी कहानियों की तरह खूब रास आएगी | कीर्ति मेरे घर के बाजू वाले मकान में रहा करती थी और उसे वहाँ रहे हुए २ महीने ही मुश्किल से हुई थे की अब हमारी नज़रों ने आपस में टकराना भी चालू कर दिया था | हम नज़रों ही नज़रों में आपस में बातें किया करते थे | वो मुझे मुझे अपनी तिरछी नज़रों से पलट पलट कर ताड़ा करती थी और मेरी गोल आँखें तो हमेशा ही उसके लचीले बदन में छुपा काम्सीन रहस्य देखती ही रहती थी | इस तरह चलते हुए एक दिन हमने बात की इशारों ही इशारों में और वो शर्माते हुए मुझसे बतिया रही थी और मैं फिर उसे इसी तरह एक बार मिलने के लिए भी बुलाया |

मेरे घर के बहार सीढ़ियों पर हमेशा ही अँधेरा सा छाया हुआ होता था और वो वहीँ मैंने उसे बुलाया | कीर्ति जब आई तो मुझे ढंग से दिखायी नहीं दे रही थी बस उसका गोरा बदन से अँधेरे में भी चम् चमा रहा था | वहीँ फूसफुसा के हम बात कर रहे थे और तभी मैंने उसे कह दिया की मैं उसे पसंद करने लगा हूँ जिसपर वो तो बिलकुल ही शर्मा गयी | कीर्ति यह सुनते ही भाग गयी और मैं फिर से तरसा ही रह गया | अगले दिन बातों बातों में मैंने फिर से उसे वहीँ बुलाया शाम को और जब काफी अँधेरा था वहाँ सीढ़ियों पर | कीर्ति आई और इस बार मैंने उसका हाथ पकड़ लिया ताकि वो भगा न सके और हौले हौले उसके हाथ सहलाने लगा | मेरा इतना करते ही उसका बदन सिकुड़ा जा रहा था और जब मैंने ऐसा देखा तो और फुर्ती में आ गया और उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया |

वो बेहोश सी होने लगी थी पर भी उसके होंठ चुसाई के दौरान मुझसे खूब सहयोग कर रहे थे | मैं अब उसके कपडे खोलने लगा और उसे कमर तक नंगी कर कीर्ति के चुचों मसलकर पिने लगा | वो पगलाए जा रही थी और मैंने उसे टांगों तक भी नंगा का डाला | वो शर्म के मारे मुझसे नजरें नहीं मिला पा रही थी और मैंने उसे वहीँ लिटा दिया और उसकी नंगी चुत को अपनी उँगलियों से मसलने लगा | मैंने वहीँ बैठे हुए अपनी उँगलियाँ उसकी चुत में देने लगा जिसपर वो तेज सिसकियाँ भरने लगी | कीर्ति तड़प रही थी और मैंने भी जोश में उसकी चुत में अपना लंड का सुपाडा दे मारा को चोदता चला गया | वो और जोर से चिल्ला रही थी पर उसका मुझे कुछ असर नहीं पड़ रहा था और वैसे भी मेरे घर कोई न था उसकी दर्द भरी चींखों को सुनने वाला |

मैं कुछ देर में उस वयस्क लड़की की हसीं चुत को चोदता हुआ अपनी चरम सीमा पर पहुँचने को हो गया और झड़ने को हो चला | मैंने देखा की कीर्ति मेरी चुदाई से मुंह फाडकर हांफ रही थी और मैंने तभी अपने लंड को मसलते हुए अपने हाथ में लिया और एक दम से जाकर उसके मुंह में पूरा ही डाल दिया | मेरा लंड नुस्के मुंह में गले तक उतरा गया और वहीँ मैं भी झड गया | मेरे मुठ अब जैसे उसकी रगों में खून की तरह दौड़ रहा था | अब जब खून ही मेरे मुठ से मिला हुआ हो तो वो अगली बार से अपनी चुत को मुझसे चुदवाये बिना कैसे रह सकती थी |
 
Back
Top