वयस्क लड़की ने दिया जिस्मानी सुख

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आज मैं आपको एक वयस्क लड़की लड़कीजो की मेरी गर्लफ्रेंड की सुन्दरी बहन की कहानी सुनाने जा रहा हूँ जिसके जादुई बदन में मैंने अपने आप आप को लुप्त पाया | दोस्तों मैं जब काफी अकेला हो चूका था अपनी गर्लफ्रेंड को अपने से दूसरे शहर में देखकर तो मैंने उसकी अपनी बहन को ही अपना चारा बनाने की ठान ली और वैसे भी सुकी बहन और मेरे में खूब मिलती थी | मैं जानबुझ कर ही अपने और अपनी गर्लफ्रेंड के यौन - संबंधों के बारे में बताता जिसे सुन उत्तेजना तो जागती और धीरे - धीरे उसी के सहारे मैं उसकी चुत भी अपने काबू में ले सकता था | मैंने किसि ना किसी बहाने उस वयस्क लड़की मिल लिया करता था और जान - बुझा कर अपने यौन - संबंधों के बारे में बातें किया करता था | मेरी इन बातों से उसका दिल हम्सेहा ही मचल जाया करता था जिसपर एक दिन तो मैंने मौका मारते हुए उसके हाथ को थाम लिया और कहा, अगर तुम भी चाहो तो इस आलिगन के मज़े को महसूस कर सकती है . . ! ! जिसपर वो शर्मा चुकी थी और अब मेरा रास्ता खाली हो चूका था |

मैं पल में ही उस वयस्क लड़की को चूमने और सहलाने लगा जिसपर अपनी आँखें बंद कर लीं और उसकी गर्म सांसे उसके अंदर तो वासना को अच्छे से मेरे प्रति ब्यान कर रही थी | मैं अब उसे चूमता हुआ सुके होंठों तक पहुँच गया और उन्हें चूसता हुआ उसकी चुचियाँ भींच रहा था | मैंने कुछ पल बाद ही उसे तैयार बिस्तर पे लिटाया और उसके उप्पर खुद भी लेटकर मस्त में उसके होठों को चूसते हुए उसके दबी पड़ी वासना बहार निकालने लगा | अब वो भी उत्तेजना में आती हुई मुझसे कसकर मुझसे लिपट गयी जिसपर मैंने उसके सभी कपड़ों को उतार दिया उसको चुचों को भींचते हुए शान्ति में पीने लगा | मैंने उसकी सांवली चुत में अपनी उँगलियाँ देने चल कर दिया जोकि कुछ ही देर में उसकी चुत गीली हो गयी तभी मैंने अपने तने हुए टोप्पे को उसकी चुत में टिकाते हुए हलके - हलके धक्कों से अंदर को घुसाने लगा |

कुछ देर बाद उसकी दर्द भरी सिकारियां निकलने लगीं जिससे मुझे मज़बुरन मुझे उसका मुंह बंद करना पड़ा और मैं कुत्ते कि तरह बस उसे चोदे जा रहा था | उस कुंवारी कन्या को पहले दर्द के मारे कई चींखें निकली जोकि समय के साथ उसकी कम होती जा रही थी और अब वो भी अब अपनी चुत को मसलती हुई मज़े लेने लगी | मेरी रफ़्तार अब खूब तेज़ी से बढ़ने लगी थी और मैं बस कुत्ते की तरह उसे लिपटा हुआ उसकी चुत से पानी प्यास भुजाता चला गया जिसके कुछ देर बाद मैं थक - हार कर उसकी चुत के उप्पर ही झड भी गया और शान्ति से वहीँ हंसी लेटा हुआ लेट गया | मेरी यह भी मनोकामना पूरी हो चली और अब मुझे गर्लफ्रेंड के आने का कोई इन्तेज़ार करने की ज़रूरत भी नहीं थी | आज मैं अपनी प्रेमिका और चुपके से उसकी बहन के साथ भी कामुक मजों को लुटता हुआ आ रहा हूँ | अगर आपकी कोई करीबी लौडिया लगती है तो उसे भी यूँ हाथ से निकलने मत दीजियेगा |
 
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