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हेलो फ्रेंड, कैसी हो मेरी चूतों की रानियों. मैं निखिल हु और मैं कानपुर से हु. मेरी उम्र २५ साल है और मैं गवर्नमेंट जॉब में हु. मेरे लंड का साइज़ ९" है सही में बिकॉज़ मैं डेली सरसों के तेल से मालिश करता हु और ये नेचुरल है. अब मैं ज्यादा बोर ना करते हुए, चुदाई स्टोरी पर आता हु.

बात कुछ दिन पहले की है, जब हमारे रिलेटिव के यहाँ शादी थी और सब फुल फॅमिली के साथ वहां पर गये थे. रात में पार्टी चल रही थी, तो मेरी नज़र एक लेडी पर पड़ी. वो मैरिड थी और उसका नाम ख़ुशी था. वो भी कानपूर में ही रहती थी और उसके ऐज २९ की रही होगी. वो दिखने में भी हिरोइन लग रही थी. उसका फिगर ३४-३०-३६ होगा. ये मुझे पता चला, जब मैंने उसके फिगर को चोदने के समय नापा. ख़ुशी के हसबैंड उसको पार्टी में छोड़कर कहीं चले गये थे. वो अपनी फ्रेंड की शादी में आई थी और सुबह तक रुकी थी. मैंने उसके पास जाकर बात की. रात काफी हो चुकी थी और खास लोगो को छोड़कर, सब जा चुके थे. जो थे, वो सब भी थक गये थे और हम भी.

ठंड का मौसम था और मुझे नीद भी बहुत आ रही थी. मैं ऊपर हॉल में जाकर सो गया, अपना ब्लंकेट लेके. मैंने ख़ुशी को गुड नाईट कहा और सोने चला गया. हम दोनों ने सुबह मिलने का वायदा किया और सोने चले गये. मुझे नीद तो आ रही थी, लेकिन मेरा मन बार- बार ख़ुशी की तरफ जा रहा था. मेरा मन उसे चोदने का हो रहा था और मुझे बस उसकी चूत चाहिए थी. कितनी हसीन थी वो और क्या लग रही थी! ऐसा लगा रहा था, कि जैसे अभी दूध से नहाकर आई हो. मैं उसके बारे में सोच ही रहा था, कि वो भी हॉल में आ गयी और कुछ देख रही थी. तभी उसने मुझे देखा और कहने लगी. क्या मैं भी यहाँ सो सकती हु? मैंने कहा - क्यों नहीं, जरुर लेट. मैं तो इसी इंतज़ार में था, कि कब मौका मिले और वो मेरे साथ मेरे ब्लंकेट में लेट जाए. वो मेरे साथ मेरे ब्लंकेट में आ गयी और मैंने नीद का बहाना बनाया और उसके ऊपर हाथ रख दिया. वो कुछ नहीं बोली और अभी हम दोनों जाग रहे थे. मैंने जल्दी से उसकी कमर में हाथ फिराया, वो सिसक पड़ी. पर मैं आपको क्या बताऊ, क्या मख्खन जैसी चिकनी कमर थी. मैंने कहा - मुझे किस चाहिए. वो बोली - ले लो, मना किसने किया है. मैंने तुरंत अपने होठ तुरंत उसके होठो पर रख दिए.

मैं उसके होठो को चूसने लगा और वो मेरा पूरा साथ दे रही थी. फिर मैं उसकी जीभ पीने लगा और उसके गले को काटना स्टार्ट कर दिया. फिर मैंने उससे कहा, कि तुम भी यहीं चाहती थी ना. वो बोली - हाँ. मैंने उसे कहा - चलो कार्नर में चलते है, वहां पर लाइट बहुत कम है. कमरे में कुछ ही लग थे और वो थक कर बेसुध होकर सो रहे थे. मैंने उसे जल्दी से ब्लंकेट में ले लिया और कहा, आवाज़ नहीं करना और अपना प्रोग्राम स्टार्ट कर दिया. मैं जल्दी से उसके बूब्स दबाने लगा और पीने लगा. सबसे अलग लेटने का पूरा फायदा उठा रहा था. लेकिन थोड़ा डर भी लग रहा था, कि कहीं कोई उठ ना जाए. मैंने उसकी साड़ी को ऊपर किया और उसकी जांघो को सहलाने लगा. सुके मुह से प्यारी आवाज़ निकल रही थी. मैं भी उसे बीच- बीच में किस कर रहा था और उसके आवाज़ को दबाने लगा. मैंने उसकी पेंटी उतार दी और सिर के पास रख लिया. अब वो भी मेरे लंड के पास आ गयी और मैंने कहा, मैं उल्टा होता हु, तुम मेरे लंड से खेलो. मैंने तुम्हारी चूत से खेलता हु. मैं उल्टा हो गया और उसने भी मेरा अंडरवियर उतार दिया और मेरे लंड को चूसने लगी .

मैं भी शुरू हो गया, चूत चाटने में. इतने में किसी की आवाज़ आई तो मैं घबरा गया और वो भी. पर वो आदमी जल्दी ही चले गया और हम अपने काम पर वापस लग गये. इतने में उसने अपना पानी छोड़ा और थोड़ी देर में, मैंने भी. फिर मैं सीधा उसके पास लेट गया और उसे किस करने लगा और बूब्स दबाने लगा. थोड़ी ही देर में, मेरा मूड फिर से बन गया और मैं उसकी दोनों टांगो के बीच में आ गया और लंड अन्दर करने लगा. वो थोड़ी आवाज़ करने लगी, तो मैंने उसे किस किया और उसकी आवाज़ को अपने मुह से दबा दिया. वो भी दर रही थी और कह रही थी - कहीं कोई आ ना जाए और मैं अब पूरी तरह से मूड में था. मेरे एक दो स्ट्रोक में उसे थोड़ा दर्द हुआ, बट फिर वो मेरे लंड को आराम से लेने लगी. अब उसे दर्द कम चूत की आग ज्यादा दिख रही थी. वो भी आगे बढकर लंड ले रही थी. और अपना पूरा जोर लगा रही थी. इतने में, उसका पानी निकल गया और वो ढीली पड़ गयी. बट मेरा पानी अभी कहाँ निकला था. मैंने अपने लंड को अन्दर बाहर कर रहा था. थोड़ी देर बाद, मैंने भी उसकी चूत में अपना पानी छोड़ दिया. ये थी, मेरी शादी में चुदाई की कहानी.

फिर हम ऐसे ही साथ लेटे रहे और फिर हमने एकबार और चुदाई की बट वो रात मुझे कभी ना भुलाने वाली रात बन गयी. फिर हमने अपने नंबर एक्सचेंज किये और उसने अपनी किसी फ्रेंड के नाम से मेरा नंबर सेव किया और रात भर लेटे. जब सुबह होने वाली थी तो हमने उठकर अपने आप को ठीक किया और वो मुझसे अपनी पेंटी मांग रही थी. पर मैंने उसकी पेंटी नहीं दी. मैंने उससे कहा- अब कब मिलना होगा? उसने कहा - जल्दी ही, जब भी मौका मिलेगा. मैंने उसको कहा - मैं तुम्हारी पेंटी गिफ्ट समझ कर रख रहा हु. फिर, सुबह विदाई हुई और उसके हसबैंड भी उसे लेने आ गये और वो मुझे बाय बोलकर चली गयी. उसके बाद, हमने कई बार चुदाई की, बट उसके हसबंड को पता नहीं. वो अभी बहुत सेक्सी और हॉट है, जो भी उसे देखता है उसका उसे चोदने का मन कर जाता है.
 
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