समझ में आ गया होगा

sexstories

Administrator
Staff member
Hindi sex stories, antarvasna मैं एक दिन मीरा से मिलने के लिए जाता हूं मैं जब उसके घर पर जाता हूं तो मैं आंटी से पूछता हूं कि क्या मीरा घर पर है तो आंटी कहती हैं हां बेटा मीरा तो घर पर ही है। मैं मीरा के पास जाता हूं तो मीरा काफी उदास नजर आती है मैं उसके बगल में जाकर बैठ जाता हूं उसे कुछ मालूम ही नहीं पड़ता वह ना जाने कौन से ख्यालों में खोई हुई थी। मैंने जब मीरा से इस बारे में पूछा कि तुम्हारा ध्यान कहां है तो उसने मेरी तरफ देखा और मुझे कहने लगी अरे तुम कब आए तो मैंने उसे बताया कि मैं बस अभी आया लेकिन तुम्हारा ध्यान ना जाने कहां है। मीरा मुझे कहने लगी नहीं ऐसा कुछ भी नहीं है मैं सिर्फ बैठी हुई थी लेकिन मुझे उसे देखकर लगा कि वह काफी परेशान है मैंने मीरा से उसकी परेशानी का कारण पूछा तो उसने मुझे उस दिन सब कुछ बता दिया।

हालांकि मीरा मुझे बचपन से जानती है और हम दोनों बहुत अच्छे दोस्त है लेकिन ना जाने मीरा ने मुझे आज तक क्यों नहीं बताया मैंने मीरा से पूछा तुमने यह बात मुझे क्यों नहीं बताई। मीरा ने मुझे बताया कि राजीव और मैं एक दूसरे को चाहते थे लेकिन कुछ समय से हम दोनों के बीच में कुछ ठीक नहीं चल रहा। मैंने जब मीरा से इसका कारण पूछा तो मीरा ने मुझे बताया कि दरअसल राजीव को हमेशा यह लगता है कि मैं उसकी मदद करती हूं मैंने मीरा से पूछा तो इसमें गलत क्या है। मीरा का परिवार एक समर्थ परिवार है और मीरा के पापा भी एक बड़े बिजनेसमैन है इसलिए उन्हें शायद कभी पैसे की कोई कमी नही हुई हो लेकिन राजीव का परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार है शायद इसी वजह से उन दोनों के बीच में टकराव पैदा हो रहे थे। मैंने मीरा को समझाया तुम्हें इस बारे में राजीव से बात करनी चाहिए तो वह कहने लगी मैं भला उससे क्या बात करूं जब भी मैं उसकी आर्थिक रूप से कुछ मदद करती हूं तो वह मुझ पर गुस्सा हो जाता है। मैंने मीरा से कहा राजीव एक स्वाभिमानी लड़का होगा और शायद इसी वजह से वह तुम्हारी मदद नहीं लेना चाहता है। वह मुझसे कहने लगी मैं उसकी हर जगह मदद करना चाहती हूं मैं चाहती हूं कि वह अपना एक बिजनेस शुरू करें जिसमें कि वह एक अच्छा मुकाम हासिल करें तभी तो मैं पापा से राजीव के बारे में बात कर पाऊंगी लेकिन राजीव यह चाहता ही नहीं है।

वह अपने बलबूते पर सब कुछ करना चाहता है लेकिन उसके बिना मेरा जीवन बहुत अधूरा है अब तुम ही बताओ कि मैं क्या करूं। मैंने मीरा को समझाया और कहा कि सबसे पहले तो तुम यह टेंशन अपने दिमाग से निकाल दो और तुम राजीव के बारे में चिंता करना छोड़ दो तुम सिर्फ अपने ऊपर ध्यान दो और खुश रहने की कोशिश किया करो। तुम अपने चेहरे की तरफ देखो तुम्हारा चेहरा पूरी तरीके से उतरा हुआ है और तुम उदास बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगती तो मीरा मुझे कहने लगी हां ठीक है मैं खुश होने की कोशिश करती हूं लेकिन तुम यह बताओ तुम यहां क्या कुछ काम से आए थे। मैंने मीरा से कहा नहीं मैं ऐसे ही आया था मैंने सोचा तुमसे मिले हुए काफी दिन हो चुके हैं तो तुमसे मिलता हुआ चलूँ लेकिन जब तुमसे मुलाकात हुई तो तुम्हारी टेंशन देखकर मुझे लग रहा है कि मैं शायद आज नहीं आता तो अच्छा रहता। मीरा मुझे कहने लगे क्यों ऐसा क्यों कह रहे हो तो मैंने उसे बताया यदि मैं आज नहीं आता तो शायद मुझे राजीव के बारे में मालूम नहीं पड़ता लेकिन छोड़ो अब यह बात, तुम बस अपने चेहरे पर खुशी लाने की कोशिश करो और तुम खुश रहा करो। मीरा मुझे कहने लगी हां ठीक है मैं कोशिश करूंगी मैंने मीरा से कहा मैं अभी चलता हूं क्योंकि मुझे पापा के साथ जाना है आज एक जरूरी मीटिंग है। मीरा कहने लगी ठीक है मैंने मीरा से कहा कि यदि कोई परेशानी हो तो तुम मुझे फोन कर लेना और फिर मैं वहां से अपने घर चला गया मैं पापा के साथ चला गया और उस दिन हम लोगों की एक बड़ी मीटिंग थी जो कि बहुत ही अच्छी रही। पापा बहुत खुश थे क्योंकि पापा चाहते थे कि उस मीटिंग में हमारा प्रोजेक्ट पास हो जाए और हमारा प्रोजेक्ट वहां पास हो चुका था।

कुछ दिनों बाद मुझे मीरा का फोन आया और वह मुझे कहने लगी मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है मैंने मीरा से कहा हां मीरा कहो तुम्हे क्या मदद की आवश्यकता है मीरा मुझे कहने लगी दरअसल मुझे तुम्हें राजीव से मिलवा ना था यदि तुम्हारे पास समय हो तो क्या तुम आ सकते हो। मैंने मीरा से कहा क्यों नहीं हम लोग मिलते हैं मैं बस कुछ ही देर में तुम्हारे घर पर आता हूं तुम तब तक तैयार हो जाना और हम लोग वहां से राजीव से मिलने के लिए चलेंगे। मैं करीब एक घंटे बाद मीरा के घर पहुंच गया मीरा भी तैयार हो चुकी थी और हम दोनों वहां से राजीव के पास चले गए हम लोग कार में ही बैठे हुए थे और एक दूसरे से बात करने लगे मैं पहली बार ही राजीव से मिला था। राजीव देखने में तो अच्छा था और सब कुछ ठीक था लेकिन जब उसने मीरा से बात की तो मुझे लगा कि शायद कहीं ना कहीं उन दोनों के बीच में बहुत टकराव पैदा हो चुके हैं और शायद अब दोनों का रिश्ता ठीक नहीं हो पाएगा। फिर भी मैंने कोशिश की और राजीव को समझाते हुए कहा कि देखो राजीव शायद हो सकता है तुम्हे मेरी किसी बात का बुरा लगे लेकिन तुम्हारे परिवार और मीरा के परिवार में काफी अंतर है इसलिए तुम इन चीजों को समझने की कोशिश करो। मीरा ने मुझे तुम्हारे बारे में बताया था तुम बहुत ही स्वाभिमानी हो यह बात तो ठीक है लेकिन मीरा चाहती है कि तुम भी अब पैसे वाले व्यक्ति बनो जिससे कि मीरा अपने घर पर अपने पापा से इस बारे में बात कर पाए।

राजीव मुझे कहने लगा तुम्हारी बात तो ठीक है लेकिन मैं अपनी मेहनत से ही सब कुछ करना चाहता हूं और मीरा चाहती है कि हमेशा वह मेरी मदद करते रहे। मैं बिल्कुल भी नहीं चाहता कि मैं मीरा से किसी भी प्रकार की मदद लूँ अब तुम ही बताओ इसमें मेरी कहां गलती है। मैंने राजीव से कहा देखो ना तो तुम गलत हो ना ही मीरा गलत है बस तुम दोनों को आपस में बैठ कर बात करनी चाहिए कि आखिरकार तुम्हें करना क्या है। मीरा तुमसे बहुत प्यार करती है और ऐसे में तो तुम उसे खो बैठोगे और आजकल तुम्हें तो मालूम है कि मेहनत करने से भी इतनी जल्दी पैसे मिलते नहीं है। मैंने उस दिन राजीव को काफी समझाया और हम लोग काफी देर तक साथ में बैठे रहे हैं परंतु मुझे बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी कि राजीव को कुछ चीजें समझ आएगी। हम लोग सब घर आए तो मीरा मुझे कहने लगी मुझे बहुत ही बुरा सा लग रहा है मैंने मीरा से कहा ऐसा क्यों तो मीरा कहने लेकिन पता नहीं क्यों मुझे बड़ा ही अजीब सा महसूस हो रहा है। मैंने मीरा से कहा तो फिर हम लोग तुम्हारे घर पर चलते हैं। मैं मीरा के साथ उसके घर पर चला गया हम दोनों बैठकर आपस में बात करने लगे मीरा मुझे कहने लगी मुझे राजीव को खोने का बहुत डर लगता है और हमेशा ही मैं इस बारे में सोचती हूं तो मेरे पैरों तले जमीन खिसक जाती है। मैंने मीरा से कहा तुम टेंशन मत लो सब कुछ ठीक हो जाएगा राजीव को सब कुछ समझ आ जाएगा और मैंने उसे समझाने की कोशिश की है तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो सब कुछ ठीक हो जाएगा। मीरा रोने लगी वह बहुत दुखी हो गई उसने मेरे कंधे पर सर रख लिया और कहने लगी अमित मुझे बहुत डर लग रहा है कि मैं कहीं राजीव को खो ना दूं।

मैंने मीरा से कहा तुम ऐसी बातें मत किया करो सब कुछ ठीक हो जाएगा मैंने मीरा की जांघ पर हाथ रखा तो मेरे अंदर एक अजीब सी हलचल पैदा होने लगी। मैंने बचपन से लेकर अब तक मीरा के बारे में कभी ऐसा कुछ नहीं सोचा था लेकिन ना जाने उस दिन ऐसा क्या हुआ कि मेरे अंदर एक अलग ही एहसास मीरा को लेकर होने लगा। मैंने मीरा को गले लगाया तो वह भी मुझसे चिपक कर रोने लगी और ना जाने हम दोनों के अंदर उस दिन ऐसा क्या हुआ कि हम दोनों ने एक दूसरे को किस कर लिया काफी देर तक तो मुझे बहुत ही अजीब सा महसूस हुआ लेकिन जब मीरा को भी अच्छा लगने लगा तो मैंने उसके होठों को काफी देर तक किस किया। उसके बाद मैंने उसके स्तनों का भी रसपान करना शुरू कर दिया उसे बड़ा मजा आ रहा था और वह अपने मुंह से बडी ही मादक आवाज निकाल रही थी। मैंने जब उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो वह पूरी तरीके से उत्तेजित हो चुकी थी, उसके अंदर का जोश बढ चुका था उसकी योनि से तरल पदार्थ बाहर निकलने लगा। जब मैंने अपने लंड को उसकी चूत पर सटाया तो उसकी योनि से गर्म पानी बाहर की तरफ निकल रहा था मैंने धीरे धीरे धक्का देते हुए अंदर की तरफ उसकी योनि में अपने लंड को प्रवेश करवा दिया।

जैसे ही उसकी योनि में लंड प्रवेश हुआ तो वह चिल्ला उठी और मुझे बड़ा मजा आने लगा। मेरा 9 इंच मोटा लंड उसकी योनि में जा चुका था उसके मुंह से सिसकिया निकलने लगी लेकिन मुझे उसे धक्के देने में बड़ा मजा आता वह अपने दोनों पैरों को चौड़ा करने लगी ताकि मेरा लंड आसानी से उसकी योनि में जा सके और मैं उसे धक्के दे सकूं। मैं बड़ी तेज गति से उसकी योनि मे अपने लंड को अंदर बाहर कर रहा था और उसे बड़ा मजा आता। काफी देर तक हम दोनों के बीच ऐसा ही चलता रहा, जब हम दोनों पूरी तरीके से पसीने पसीने हो गए तो उसे ना तो मैं बर्दाश्त कर पा रहा था और ना ही मीरा बर्दाश्त कर पा रही थी मैंने अपने लंड को बाहर निकाला और मीरा के स्तनों पर अपने वीर्य को गिरा दिया। वह खुश हो गई और मुझे कहने लगी मुझे बहुत अच्छा लग रहा है ना जाने उसे ऐसा क्यों लगा लेकिन अब भी वह राजीव के साथ रिलेशन में है और उन दोनों का रिलेशन मुझे लगता नहीं कि ज्यादा समय तक चलेगा परंतु उस दिन जो हमारे बीच में हुआ उससे मुझे बहुत खुशी हुई।
 
Back
Top