सरिता को दोबारा घोड़ी बना के चोदा

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Antarvasna, hindi sex stories: मैं लखनऊ का रहने वाला हूं। मेरे स्कूल की पढ़ाई हो जाने के बाद मैं जब पहली बार कॉलेज में गया तो मेरे लिए सब कुछ अलग था। पहले दिन ही मेरी कॉलेज में काफी अच्छी दोस्ती हो गई थी जिस वजह से मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी मेरी दोस्ती अब राहुल के साथ हो चुकी है। राहुल और मैं ज्यादातर समय एक साथ ही रहा करते थे। हमारी क्लास में पढ़ने वाली सरिता मुझे काफी ज्यादा पसंद है। मैं कभी भी उस से बात नहीं कर पाया था क्योंकि मेरे शर्मीली स्वभाव की वजह से मैं सरिता से अक्सर दूर ही रहा करता और मेरी उससे बात नहीं हो पाई थी। राहुल का स्वभाव मुझसे बिल्कुल अलग था वह बड़ा ही बिंदास किस्म का था। वह मुझसे अक्सर कहता मैं सरिता से तुम्हारी बात करवा देता हूं। मैं सरिता से बात करने में काफी शर्माता था। जब पहली बार राहुल ने मेरी बात सरिता से करवाई तो मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी कि सरिता और मैं एक दूसरे के साथ बातें करने लगे थे। हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ होती। मैं सरिता से बातें करने लगा था और कहीं ना कहीं हम दोनों एक दूसरे से जब भी बातें करते तो हम दोनों को अच्छा लगता।

मुझे भी यह लगने लगा था सरिता के दिल में मेरे लिए कुछ चल रहा है लेकिन मुझे अपने दिल की बात कहने मे सरिता को 3 साल लग गए। जब हमारे ग्रेजुएशन की पढाई पूरी हुई तो उसके बाद ही मैं सरिता से अपने दिल की बात कह पाया। मैंने अपने प्यार का इजहार जब सरिता से किया तो अब सरिता भी मेरे प्यार को मना ना कर सकी और हम दोनों का रिलेशन चलने लगा था। मै अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने भैया के साथ पुणे चला गया और मैं पुणे में ही पढ़ाई करने लगा था। मैं पुणे में एमबीए की पढ़ाई कर रहा था और सरिता से मेरी फोन पर ही बात हो पाती थी। सरिता अपनी आगे की पढ़ाई लखनऊ से ही कर रही है। जब मेरी और सरिता की एक दूसरे से फोन पर बात होती तो हमें काफी अच्छा लगता। मुझे पता ही नहीं चला कब पुणे में मुझे 2 वर्ष हो गए और मेरी पढ़ाई पूरी हो जाने के बाद मैं पुणे में ही नौकरी करने लगा। मैं पुणे में एक अच्छी कंपनी में नौकरी करने लगा था लेकिन काफी समय से मैं लखनऊ नहीं जा पाया था और सरिता से मेरी सिर्फ फोन पर ही बातें होती थी।

सरिता भी मुझसे कई बार कहती तुम कुछ दिनों के लिए लखनऊ आ जाओ लेकिन मेरे पास बिल्कुल भी समय नहीं होता। जब मैं लखनऊ गया तो सबसे पहले मैं सरिता से मिला मुझे इस बात की बड़ी खुशी थी की सरिता और मैं एक दूसरे के साथ अच्छा समय बिता पा रहे हैं। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी खुश थे और जब मैं और सरिता एक दूसरे के साथ होते तो हम दोनों को अच्छा लगता। मैं जितने दिन घर पर रहा उतने दिनों तक मैंने सरिता के साथ अच्छा समय बिताया। वह भी बड़ी खुश थी जिस तरीके से मैं उसके साथ था। हम दोनों एक दूसरे को काफी ज्यादा प्यार करते लेकिन अब हम दोनों भी इस बात के लिए तैयार थे। सरिता चाहती थी हम दोनो अपनी फैमली से अपने रिलेशन के बारे मे बात करे। मैंने सरिता को कहा हमें थोड़ा समय रुकना चाहिए क्योंकि मेरी जॉब को लगे अभी कुछ ही समय हुआ था और मैं चाहता था हम दोनों अपने रिलेशन को कुछ समय दे। सरिता भी मेरी बात मान गई मैं अब वापस पुणे लौट आया था और पुणे लौटने के बाद मैं अपने काम में बिजी हो गया था।

मैं कुछ दिनों से सरिता से फोन पर बातें नहीं कर पाया था। जब एक दिन सरिता ने मुझे फोन किया तो सरिता ने मुझे कहा तुम कुछ दिनों से मुझसे फोन पर बात ही नहीं कर रहे हो। मैंने सरिता को बताया मैं अपने काम के चलते बिजी था इस वजह से तुम से बात नहीं कर पाया था। सरिता ने मुझे कहा मैं चाहती हूं तुम मुझसे मिलो। मैंने सरिता को कहा सरिता अभी मैं कुछ समय पहले ही तो लखनऊ आया था अभी मेरा लखनऊ आ पाना मुश्किल होगा और मुझे नहीं लगता कि हम दोनों एक दूसरे से फिलहाल कुछ समय तक मिल पाएंगे। सरिता इस बात से नाराज थी। वह मेरी बात समझ गई थी। वह मुझे कहने लगी ठीक है। मैंने सरिता से कहा मैं तुमसे जल्दी मिलूंगा और वह भी इस बात से थोड़ी खुश जरूर थी कि मैं उससे मिलने की बात कह रहा हूं और हम दोनों एक दूसरे के साथ बडे अच्छे से रिलेशन में हैं। हमारा रिलेशन बहुत ही अच्छे से चल रहा है हालांकि हम दोनों का मिलना काफी समय से हो नहीं पाया था लेकिन फिर भी सरिता और मेरा रिश्ता बहुत ही अच्छे से चल रहा है।

एक दिन मैंने सरिता से कहा मैं चाहता हूं मैं तुमसे मिलने के लिए आऊं। उसने मुझे कहा हां मुझे भी तुमसे मिलना था। मैंने कुछ समय के लिए अपने ऑफिस से छुट्टी ले ली थी और मैं कुछ दिनों के लिए लखनऊ चला गया था। जब मैं लखनऊ गया तो सरिता से मिला। मुझे काफी अच्छा लगा जब सरिता और मैंने एक दूसरे से मुलाकात की। हम दोनों एक दूसरे के साथ काफी समय तक रहे। सरिता मुझसे कहने लगी मैं चाहती हूं तुम अब लखनऊ में ही नौकरी करो। मैंने सरिता को कहा पुणे में मैं एक अच्छी कंपनी में जॉब कर रहा हूं और मैं अपनी जॉब से खुश हूं इसलिए मैं पुणे में ही जॉब करना चाहता हूं। सरिता चाहती थी मैं लखनऊ में जॉब करूं परंतु मेरे लिए यह फिलहाल संभव नहीं हो सकता था की मैं लखनऊ में जॉब करूं। मैं पुणे की एक बड़ी कंपनी में जॉब करता हूं। मैंने सरिता को कहा फिलहाल वहां से जॉब छोड़ पाना तो मुश्किल होगा। मैंने सरिता को किसी तरीके से मनाया। सरिता ने उस दिन मुझे कहा अभी मुझे घर जाने की देरी हो रही है इसलिए तुम मुझे घर छोड़ दो। मैंने सरिता को कहा ठीक है मैं तुम्हें घर छोड़ देता हूं। मैंने सरिता को उसके घर पर छोड़ दिया था। मैंने जब सरिता को उसके घर पर छोड़ा तो सरिता ने मुझे कहा कल हम लोग मुलाकात करते हैं।

मैंने सरिता को कहा ठीक है हम लोग कल मिलते हैं। अब मैं वहां से अपने घर चला आया था। मैं कुछ दिनों तक लखनऊ में ही रहने वाला था और जब मैं अगले दिन सरिता को मिला तो मुझे सरिता से मिलकर अच्छा लगा। सरिता ने मुझे कहा आज हम लोग राहुल को मिलते हैं। राहुल से मिले हुए भी मुझे काफी समय हो गया था। जब उस दिन मैं और सरिता राहुल को मिले तो हमें बहुत ही अच्छा लगा और हम दोनों बड़े खुश थे। राहुल से हम दोनों की मुलाकात हुई। सरिता और मेरे बीच काफी बार शारीरिक संबंध बन चुके थे। जब पहली बार मैंने सरिता के साथ सेक्स किया था तो उस समय मैं पुणे में पढ़ाई कर रहा था। काफी दिन हो गए थे मैंने सरिता के साथ सेक्स नहीं किया था। उस रात मैंने सरिता से फोन पर बात की तो सरिता और मैं एक दूसरे के साथ सेक्स करने के लिए तैयार था। मैंने जब सरिता को कहा मुझे तुम्हारे साथ सेक्स करना है तो सरिता मुझे कहने लगी कल क्या मैं तुम्हारे घर पर आ जाऊं। मैंने सरिता को कहा ठीक है क्योंकि अगले दिन घर पर कोई नहीं था और यह बड़ा ही अच्छा मौका था घर पर कोई भी नहीं था। मैंने सरिता से कहा ठीक है तुम कल सुबह घर पर ही आ जाना। अगले दिन सरिता मुझसे मिली हम दोनों एक दूसरे को मिली तो हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे। मैंने सरिता के होंठो को चूसना शुरू कर दिया।

मैं उसके होठों को चूमता तो मुझे अच्छा लग रहा था। हम दोनो गर्म हो रहे थे। सरिता भी काफी ज्यादा गरम हो चुकी थी। मैंने सरिता से कहा मैं अब तुम्हारी चूत मारना चाहता हूं। सरिता ने अपने बदन से कपड़े उतारे। मैंने सरिता के होंठो को चूसना शुरू किया। मैं सरिता के स्तनों को चूसता जा रहा था जिससे कि मुझे मजा आ रहा था और सरिता को भी बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। मैंने अब सरिता के दोनों पैरों को खोल दिया था। सरिता की योनि को चाटने के बाद मैंने उसकी चूत से पानी बाहर निकाल दिया था। कुछ देर हम दोनों ने एक दूसरे की गर्मी को बढ़ाया लेकिन जब मैंने सरिता की चूत में लंड को घुसाया तो वह जोर से चिल्लाए जा रही थी तो मुझे बहुत मजा आने लगा था। जब मैं और सरिता एक दूसरे की गर्मी को बढ़ा रहे थे तो मैं उसे तेजी से धक्के दिए जा रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दिए जा रही थी मेरा लंड पूरी तरीके से सरिता की चूत में सेट हो चुका था। वह गर्म हो रही थी और मैं भी काफी ज्यादा गरम हो गया था।

हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म हो चुके थे जिससे मुझे उसे चोदने में मजा आ रहा था। वह मेरा साथ अच्छे से दिए जा रही थी। अब मुझे एहसास हुआ मैं ज्यादा देर तक उसकी चूत की गर्मी झेल नहीं पाऊंगा। मैंने सरिता की चूत मे माल गिरा दिया था। हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे जिस तरह मैंने उसकी गर्मी को बुझाया। मेरा मन दोबारा से सरिता के साथ सेक्स करने का था। मैंने उसे घोड़ी बना दिया घोडी बनाने के बाद मै उसे चोदने लगा। वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाने लगी। मुझे अच्छा लग रहा था जब वह अपनी चूतडो को मुझसे मिलाकर मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी। हम दोनों पूरी तरीके से गरम हो रहे थे। मुझे बहुत ज्यादा मजा आ रहा था जब हम दोनो एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे। मैंने जैसे ही अपने वीर्य को सरिता की चूत मे गिराया तो वह खुश हो गई थी।
 
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