सलाह के बदले मैडम ने चुदवाया

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कुछ समय तक यही सिलसिला चलता रहा और फिर मैंने मैडम को वहीं सोफे पर पटक दिया और धीरे से मैडम को उल्टा कर दिया ताकि कुछ तोते को भी मजा दे सकूँ. अब मैडम भी मेरा पूरा साथ दे रहीं थी और जैसे – जैसे मैं चाहता था वो वैसे – वैसे रेस्पॉन्स कर रही थी…

मेरे कहानी के पाठकों को दिल से मेरा नमन और अन्तर्वासना को धन्यवाद जिसने अपना प्लेटफॉर्म देकर मुझे यह अवसर दिया है कि मैं अपनी कहानी अपने पाठकों तक पहुँचा सकूँ.

दोस्तों, मेरा नाम दुर्गा प्रसाद है और मैं मुम्बई का रहने वाला हूँ. दोस्तों, मैं आप सब को औरों की तरह झूठी कहानी नहीं सुनाऊंगा. आज मैं जो सच्चाई आप लोगों को बताऊंगा उसे पढ़ कर आप लोगों को मेरी कहानी पर की सत्यता पर यकीन हो जाएगा और आगे से आप मेरी कहानियों को और ज्यादा पसंद करेंगे.

दोस्तों, मैं 23 साल का युवक हूँ हालांकि मेरी लम्बाई थोड़ी कम है लेकिन फिर भी मैं दिखाने में काफी अच्छा लगता हूँ. अभी कुछ ही दिन पहले ही मैंने नई जॉब ज्वाइन की है. वहां पर मेरे साथ ही मेरे से ऊंचे पद पर एक मैडम काम करती थी. उनका नाम रीमा है. कहानी में आगे बढ़ने से पहले मैं मैं आप सब को रीमा मैडम के बारे में बता देना चाहूँगा. रीमा मैडम 27 साल की और मेरे बराबर के कद की एक खूबसूरत महिला हैं.

शुरू के 5 महीने कब निकल गए मुझे पता ही नहीं चला. एक बार मेरे ऑफिस में हमारे बॉस ने मैडम को प्रजेंटेशन का काम दे दिया. यह काम ऑफिस के लिए बहुत जरूरी था और उसे समय पर पूरा करना भी था तो बॉस ने उस काम के लिए मुझे मैडम का असिस्टेंट बना दिया.

अब मैडम और मैं पूरी तैयारी के साथ प्रजेंटेशन बनाने में लग गए. इस वजह से मेरा, मैडम के घर आना जाना शुरू हो गया. फिर एक रात मैडम ने मुझे कॉल किया और कहा कि जल्दी से घर आ जाओ, एक बहुत जरूरी काम है. मैं तुरंत ही उनके घर के लिए निकल गया.

वहां पहुंचा तो पता चला कि मैडम ने ड्रिंक कर लिया था और नशे में होने की वजह से जिस लैपटॉप पर मैडम प्रजेंटेशन बना रही थी वो उनसे गिर के टूट गया था. यह सुन कर मैं भी परेशान हो गया क्योंकि अब अगर वो प्रजेंटेशन समय पर नहीं तैयार होता तो मेरी और मैडम की नौकरी पर बन जाती. उसके लिए अब गिन कर 4 दिन बचे थे.

मैं भी परेशान था लेकिन फिर मैंने मैडम को सांत्वना दिया और कहा – मैडम, आप घबराओ मत कांसेप्ट तो आपके दिमाग में है न, बस अब आप अपने दिमाग पर जोर डाल कर वापस से उंगलियां ऑफिस के कंप्यूटर पर चला दीजिये और फिर सब ऊपर वाले पर छोड़ दीजिए.

फिर जैसा मैंने मैडम को बताया था उन्होंने वही किया और कांसेप्ट काम कर गया. प्रजेंटेशन फिर से समय पर तैयार हो गया. जब प्रजेंटेशन खत्म हो गया तो मैडम मुझे अपने साथ घर लेकर गयीं. वहां उन्होंने मुझे ड्रिंक ऑफर किया. अब मैं तो ठहरा बियर पीने वाला लड़का और उस दिन मैडम ने मुझे व्हिस्की पिला दी. बस, अब क्या था! अब तो मैं मानो हवा में उड़ रहा था.

फिर मैडम ने मुझसे कहा, “दुर्गेश, आप थोड़ा रुको मैं नहा कर आती हूँ, उसके बाद फिर हम लोग डिनर करेंगे.” मैंने सहमति दे दी और वो नहाने चली गईं. जब मैडम नहा कर वापस आयीं और हम दोनों डिनर करने लगे. नशे की वजह से मुझे तो होश ही नहीं था कि क्या हो रहा है और क्यूँ हो रहा है.

डिनर करने के बाद जब मैं घर जाने के लिए तैयार हुआ उस समय तक रात काफी हो चुकी थी इसलिए मैडम ने मुझसे कहा, “एक काम करो आप यहीं सो जाओ सुबह चले जाना, क्योंकि रात काफी हो गयी है और आपका घर भी काफी दूर है.

मैं, उसकी बात मान गया और हॉल में ही सो गया. रात को अचानक मुझे लगा कि कोई मेरे कपड़े उतरने की कोशिश कर रहा है. जब मैंने आँखे खोली तो पाया कि मैडम पूरी नंगी थी और उन्होंने मेरी जीन्स को लगभग निकाल ही दिया था.

दोस्तों, मैंने कई लड़कियों के साथ पहले भी सेक्स किया हुआ था लेकिन अपने सीनियर के साथ वो भी जब वह सामने से ऑफर दे तो मैं कैसे छोड़ सकता था. लेकिन फिर भी मैंने मैडम को डराने के लिए कहा, “मैडम, ये क्या है? आप ये क्या कर रही है? आप मेरी सीनियर है तो इसका ये मतलब तो नहीं है कि आपका जो मन करेगा वो करेंगी.”

अब मैडम ने कहा, “देखिए ऐसा है मैं आपको फ़ोर्स नहीं कर रही हूँ. आप कुछ करना चाहो तो कर लो वरना फिर मत बोलना कि मैंने आपको चांस नहीं दिया. अब फिर क्या था, मैं उठा और अपनी नाटक कंपनी बंद करके मैडम को पीठ की तरफ से पकड़ कर चिपक गया.

अब मैडम मेरे तरफ घूमी और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिया और मेरे एक हाथ को पकड़ कर मम्मे पर रख दिया. अब मैंने देर न करते हुए मैडम का पूरा साथ दिया और उनके चूत में उंगली करने लगा. अब मैडम भी खुश थी और मेरी ख़ुशी को तो आप लोग समझ ही सकते हैं क्या रही होगी!

कुछ समय तक यही सिलसिला चलता रहा और फिर मैंने मैडम को वहीं सोफे पर पटक दिया और धीरे से मैडम को उल्टा कर दिया ताकि कुछ तोते को भी मजा दे सकूँ. अब मैडम भी मेरा पूरा साथ दे रहीं थी और जैसे – जैसे मैं चाहता था वो वैसे – वैसे रेस्पॉन्स कर रही थी.

फिर मैंने अपना लंड मैडम की चूत में पीछे से सरका दिया. मेरा लन्ड आराम से उनकी चूत में सरक गया क्योंकि उंगली करने के वजह से उनकी चूत गीली हो गई थी. मेरा मीडियम साइज़ का लन्ड और उनकी गीली चूत बस लगातार धमाका कर रहे थे और उधर मैडम अपना सिर तकिये में दबा कर ‘आह आह ऊह ऊह’ कर रही थी.

फिर मैडम सीधे लेट गयीं और फिर मैंने उनके मम्मे दबाते हुए उनको चोदना जारी रखा. अब मैडम किस करने के लिए इशारा कर रही थी और मैं थोड़ा सा मुड़ कर उनको किस करते हुए चोद रहा था. हम पसीने से लथपथ हो गए थे. चुदाई के धक्कों की वजह से पूरा हॉल फट – फट की आवाज़ से गूंज रहा था.

कुछ देर के बाद मैं झड़ने वाला था तो मैंने मैडम को कहा कि मैडम, मेरा गिरने वाला है तो मैडम ने मुझे कस कर पकड़ लिया और मेरे कन्धों पर नाख़ून घुसाते हुए वो मुझसे पहले ही झड़ गयीं और लगे हाथ ही मैं भी उनकी चूत में ही झड़ गया.

मैडम फिर भी मुझे बहुत टाइट पकड़े हुए थी और मैं भी वैसे ही मैडम के ऊपर ही लेटा रहा. फिर हम दोनों साथ में नहा कर साथ ही एक ही बेड पर सो गए और फिर मैं उनकी यादों को लिए सुबह अपने घर को लौट आया.

दोस्तों, आज के लिए बस इतना ही. जल्द ही मैं आप को बताऊंगा कि रीमा मैडम की सहेली को मैंने कैसे चोदा. आपको मेरी यह कहानी कैसी लगी? इसको पढ़ कर आपको कितना मजा आया? मुझे बताना न भूलें. मेरी मेल आईडी
 
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