सुन्दरी की गुप्त चुत की खुजली

sexstories

Administrator
Staff member
नमस्कार यारों,

चुत के किस्से तो आपने लाखों सुने होगे पर मेरी और प्रतिमा की चुदाई की रासलीला सबसे ही अलग थी क्यूंकि दोस्तों वो मेरी कोई प्रेमिका नहीं थी बल्कि मेरी साधारण सी एक ही दोस्त थी जोकि अपने व्यक्तितत्व से कुछ ज्यादा ही सुधरी थी | हमारे कॉलेज के समय में किसी भी लौंडे की मजाल नहीं थी जोकि उसके बारे में अपने दिमाक में गंदे ख्याल तक ले आये | शयद मैं ही एक लौंडा था जोकि उसपर हमेशा एक सुहानी रासलीला को लेकर चुदाई की उम्मीद जताए बैठा रहता था और आखिर कार मेरी उम्मीद को उप्पर वाले ने भी प्रोत्शाहित किया | अब धीरे - धीरे उस समय सभी यार दोस्त अपने कॉलेज के आखिर दिनों में अपने नौकरी के लिए सोचने पर तुले हुए थे | उन आखिरी के दिनों में हमें प्रोजेक्ट भी खतम कर सही वक्त पर जमा करना था और मैंने अपना कॉलेज समय से पहले कर अपने दोस्तों का भी चोरी से जल्दी ही खत्म कर दिया था और इसके बदले में उनसे काफी रुपये ऐंठता था |

छुट्टियों में तो प्रतिमा गॉंव गयी हुई थी इसलिए अपने प्रोजेक्ट को सही समय में खतम ना कर पाई और जब उससे मेरे बारे में सुनने में आया तो उसने मुझसे आकार मदद मांगी | मैंने भी हामी भरते हुए शाम को अपने घर बुला लिया | आज पहली बार उसे इतने करीब से देखा रहा था वो भी अकेले में जोकि मैं ही था | पहले तो मैंने उसे कंप्यूटर पर कुछ काम दिखाया और कुछ नंगे - नंगे फोटों को लगाका बहार कुछ काम से चला गया | मैं जब वापस आया तो प्रतिमा चुपके से नंगे लड़कों से लंड को देखकर अपनी चुत चुत को खुजा रही थी | उसे इस हालत में देख मेरा दिमाक घूम गया और मैंने फ़ौरन अपने लंड को बहार दिखाकर उसे कहा की शायद ही अब ताल लौड़ी तुने इस बड़ा बड़ा लंड देखा होगा . . ! ! मेरे लंड को देख उसकी जीभ से जैसे पानी टपकने को हो गया | वो तभी आकार मेरे लंड को चूसने लगी और मैंने उसे अपनी बाहों में लेते हुए उसके चुचों को दबाता हुआ होंठों को चूसने लगा |

कुछ देर बाद मैंने उसके कपड़े खोल उसकी ब्रा को भी उतार दिया साथ ही उसके चुचों के पीते हुए निप्पल को अपनी जीभ से टहलाने लगा | मैं उसके होंठों को चुसते हुए उसकी चुत की फांकों के बीच पानी उँगलियों को आगे - पीछे मसलने लगा | कुछ देर बाद ही मैंने उसकी चुत में अपनी उँगलियों को देते हुए उसकी चुत गीली कर दिया | मैंने उसे वहीँ बिस्तर पर लिटाया और अपने लंड के सुपाडे को उसकी चुत पर उप्पर रगड़ते हुए मस्त वाला धक्का देकर पेलना शुर कर दिया जिससे मेरा लंड उसकी चुत में अंदर की ओर जोर - जोर से तूफानी झटके मारने लगा | हमारे धक्कों में जैसे अब सारा जहाँ बसने लगा था और कुछ ही देर में मैंने अपने कॉलेज की सबसे सुधरी और सुन्दरी लड़की कि चुत के चीथड़े उड़ाने चालू कर दिया | मैंने उसकी चुत को पलते हुए लगभग कहीं का नहीं छोड़ा और आखिर में किसी पोर्न - फिल्म के विलन की तरह उसके मुंह को पकड़ अपने लंड को रस को उसी में निचोड़ दिया |
 
Back
Top