सुमित का लंड चूत में लिया

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Antarvasna, sex stories in hindi: हमने सोचा कि घर मे कोई किरायेदार रख लिया जाए इस बारे में मैंने प्रकाश से बात की तो वह कहने लगे हां क्यों नहीं सुनीता हमें भी घर में किसी को किराए पर रख देना चाहिए। मैंने प्रकाश से कहा मैं आपसे पूछना चाह रही थी कि आप क्या किसी को घर में रखने की इजाजत देंगे। वह कहने लगे क्यों नहीं उससे हमें दो पैसा मिल जाया करेगा और महंगाई तो तुम देख ही रही हो अपने पूरे चरम सीमा पर है और घर का खर्चा भी कुछ कम नहीं है। मैंने प्रकाश की बात में सहमति जताई और कहा हां बच्चों की फीस और घर का खर्चा तो काफी हो चुका है और महंगाई भी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी है इसी को लेकर हम लोगों ने घर में किराएदार रखने के बारे में सोच लिया।

प्रकाश की भी मंजूरी मुझे मिल चुकी थी तो मैंने अपने आस-पड़ोस में बता दिया था की यदि किसी को किराए पर घर चाहिए हो तो बता देना। हमारे पड़ोस में रहने वाली अंजली भाभी ने उसी दिन कहा कि हमारे कोई परिचित हैं यदि आप उन्हें घर दिखा दे तो वह आज ही शाम को आ जाएंगे। मैंने अंजली भाभी से कहा ठीक है भाभी आप उन्हें शाम को कह दीजिएगा तब तक प्रकाश भी अपने काम से लौट जाएंगे। अंजली भाभी ने मुझे कहा कि ठीक है मैं उन्हें आज कह दूंगी वह लोग शाम के वक्त आ जाएंगे। शाम के वक्त मेरे पास एक महिला और पुरुष आये तब तक प्रकाश भी आ चुके थे और प्रकाश से वह लोग मिले तो प्रकाश ने उन्हें घर दिखाया। जब उन्होंने घर देखा तो प्रकाश कहने लगे आप लोगों को घर कैसा लगा वह कहने लगे घर तो ठीक है लेकिन हम आपको एक-दो दिन में सोच कर बताएंगे। प्रकाश कहने लगे कोई बात नहीं आप लोग सोच लीजिएगा और जैसा भी आपको उचित लगे आप बता दीजिएगा। वह कुछ देर हमारे घर पर रुके और हमारे साथ उन्होंने चाय भी पी मुझे तो उन लोगों का व्यवहार अच्छा लगा और उसके बाद वह लोग चले गए। मैंने प्रकाश से कहा इन लोगों को अंजली भाभी ने भिजवाया था अंजली भाभी मुझे अगले दिन मिली तो वह मुझसे पूछने लगी उन लोगों को घर कैसा लगा।

मैंने अंजली भाभी से कहा वह लोग सोच कर बताएंगे अंजली भाभी कहने लगी वह इनके दफ्तर में ही काम करते हैं। अंजली भाभी के पति के साथ वह व्यक्ति काम किया करते थे और अंजली भाभी ने मुझे उनके बारे में भी बताया उनका नाम सुमित है और उनकी पत्नी का नाम मोहनी है। कुछ ही दिनों बाद वह लोग रहने के लिए हमारे घर पर आ गए और प्रकाश इस बात से खुश थे कि चलो दो पैसे घर में आ जाया करेंगे। जब उन्होंने कुछ पैसे एडवांस के तौर पर हमें दिए तो हमें अच्छा लगा प्रकाश कहने लगे देखो मैं तुमसे कहता ना था कि इससे हमारे घर का खर्चा चल जाया करेगा। प्रकाश ने मुझे वह पैसे देते हुए कहा कि तुम कल घर का राशन भरवा देना मैंने प्रकाश से कहा ठीक है मैं कल घर का राशन भरवा दूंगी।

प्रकाश ने मुझे कहा मैं आज प्रभात से मिल आता हूं प्रभात प्रकाश के बहुत अच्छे दोस्त हैं और उनका हमारे घर पर अक्सर आना-जाना लगा रहता है लेकिन काफी दिनों से वह घर पर नहीं आए थे तो मैंने प्रकाश से पूछा प्रभात भैया आजकल काफी दिनों से घर पर नहीं आए हैं। प्रकाश मुझे कहने लगे कि आजकल प्रभात की तबीयत ठीक नहीं है इसीलिए मैं सोच रहा था कि उसे मिल आता हूं प्रभात काफी दिनों से घर पर ही है और उसे टाइफाइड हो चुका है। मैंने प्रकाश से कहा लेकिन आपने तो मुझे इसके बारे में कुछ नहीं बताया प्रकाश कहने लगे मेरे दिमाग से यह बात निकल गई थी लेकिन आज जब प्रभात की बात आई तो सोचा तुम्हें भी बता दूं। प्रकाश प्रभात भैया से मिलने के लिए चले गए वह प्रभात भैया से मिलने के लिए गए तो कुछ ही देर बाद मोहनी मेरे पास आई। वह कहने लगी दीदी क्या आपके घर पर चीनी होगी दरअसल अब रात काफी हो चुकी है और दुकानें भी बंद हो गई होंगी। मैंने मोहनी को चीनी दी और कहा तुम्हें कुछ और जरूरत हो तो तुम बता देना वह कहने लगी नहीं अभी तो फिलहाल कुछ जरूरत नहीं है यदि कोई जरूरत होगी तो मैं आपको जरूर बता दूंगी।

वह यह कहते हुए चली गई प्रकाश भी घर लौट चुके थे और जब वह घर आए तो मैंने प्रकाश से पूछा प्रभात भैया की तबीयत कैसी है। वह कहने लगे पहले से तो बेहतर है लेकिन अभी शरीर में काफी कमजोरी है और डॉक्टर ने प्रभात को आराम करने के लिए कहा है। मैंने प्रकाश से कहा तो भैया कब तक ठीक हो जाएंगे प्रकाश कहने लगे कि यह तो कुछ पता नहीं लेकिन अब वह धीरे धीरे ठीक हो रहा है। वह मुझे कहने लगे फिलहाल मुझे खाना दे दो मुझे बड़ी भूख लग रही है, मैंने प्रकाश को खाना दिया और उन्हीं के साथ बैठकर मैं खाना खाने लगी। प्रकाश कहने लगे क्या बच्चे सो चुके हैं मैंने प्रकाश से कहा हां बच्चे तो सो चुके है मैंने उन्हें खाना खिला दिया था और उसके बाद वह लोग सो गए। प्रकाश और मैंने भी खाना खा लिया था और मैं बर्तन धोने के लिए रसोई में चली गई प्रकाश कहने लगे मुझे बड़ी तेज नींद आ रही है तो मैं सोने जा रहा हूं। मैं जब तक बर्तन धोकर कमरे में गई तो प्रकाश बड़ी गहरी नींद में सो रहे थे और फिर मैं भी सो गई। अगले ही दिन प्रकाश अपने ऑफिस के लिए तैयार हो रहे थे मैंने उनके लिए नाश्ता बनाया और उन्हें टिफिन देते हुए कहा आप टिफिन जरूर खा लीजिएगा आप हमेशा टिफिन छोड़ दिया करते हैं। प्रकाश मुझे कहने लगे हां बाबा मैं टिफिन जरूर खा लूंगा तुम उसकी चिंता मत करो और यह कहते हुए वह चले गए। बच्चे भी स्कूल जा चुके थे और मैं घर का काम कर रही थी घर की सफाई में काफी समय लग गया था क्योंकि उस दिन घर में काफी सारा काम था।

तभी प्रकाश का मुझे फोन आया और वह कहने लगे शाम को आज मामा जी और मामी घर पर आएंगे तो तुम उनके लिए खाना तैयार कर देना। मैंने प्रकाश से कहा ठीक है आप आते वक्त सब्जी ले आना वह कहने लगे ठीक है मैं आते वक्त सब्जी ले आऊंगा। प्रकाश के मामा जी प्रकाश को बहुत मानते हैं और वह हमसे मिलने के लिए अक्सर आते रहते हैं वह हमसे मिलने के लिए जब घर पर आए तो मुझे भी बहुत अच्छा लगा। काफी समय बाद उन लोगों से मिलकर बहुत खुशी हुई और वह लोग हमारे घर पर काफी समय बाद आये। जब उन्होंने डिनर कर लिया तो उसके बाद वह लोग घर जाने की तैयारी करने लगे तभी प्रकाश ने उन्हें कहा की आज यहीं रुक जाइये। वह भी प्रकाश की बात मान गये और उस दिन वह हमारे घर पर ही रुक गए अगले ही दिन मामा जी और मामी जी सुबह का नाश्ता कर के अपने घर के लिए निकल गए। मामा जी और मामी घर के लिए निकल चुके थे लेकिन कुछ ही देर बाद सुमित आए और वह कहने लगे भाभी जी मैं मोहनी को उसकी दीदी के घर छोड़ कर आता हूं और उन्होंने मुझे चाबी दे दी। उसके बाद वह दोनों चले गए जब वह दोनों गए तो मैं घर की साफ सफाई करने लगी मैंने घड़ी में समय देखा तो करीब 11:00 बज चुके थे। मैं प्रकाश से फोन पर बात कर रही थी तभी सुमित घर पर आ गए। उस दिन मेरे दिल में सेक्स करने की बड़ी इच्छा जाग रही थी क्योंकि काफी समय से प्रकाश और मेरे बीच में कुछ अंतरंग संबंध नहीं बन पाए थे क्योंकि प्रकाश भी अपने ऑफिस से थके आते थे और वह सो जाया करते थे। सुमित को देखते ही मेरी नियत अब डोलने लगी थी मैंने उन्हें बैठने के लिए कहा।

वह भी बैठ गए और कहने लगे भाभी जी आज मैंने ऑफिस से छुट्टी ले ली है और काफी समय से मोहनी मुझसे जीद कर रही थी कि उसे उसकी बहन के यहां छोड़ आऊं तो आज मैंने मोहनी को उसकी बहन के घर छोड़ दिया। मैंने सुमित से कहा आप चाय लेंगे तो वह कहने लगे नहीं भाभी जी रहने दीजिए मैं कुछ नहीं लूंगा। मैं उन्हें अपने साड़ी के पल्लू को गिराकर अपने स्तनों को दिखा रही थी जिससे कि वह भी पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगे। वह उत्तेजित होने लगे तो उससे मैं समझ गई कि अब सुमित मेरी इच्छा पूरी कर ही देंगे। मै सुमित की गोद में जाकर बैठ गई उनका लंड भी मेरी गांड से टकराने लगा वह भी अपने आप को बिल्कुल रोक ना सके। जैसे ही उन्होने अपने लंड को बाहर निकाला तो मैंने उसे अपने मुंह के अंदर तक समा लिया और उसे बडे अच्छी तरीके से मैं सकिंग करने लगी। उनके लंड को चूस कर मुझे ऐसा प्रतीत हो रहा जैसे कि वह मेरे गले के अंदर तक जा रहा है। मैं सुमित के लंड को बहुत देर तक चूसती रही मुझे बहुत अच्छा भी लग रहा था काफी समय बाद ऐसा लगा कि जैसे सेक्स का मजा अच्छी तरीके से ले पा रही हूं।

मैंने उस दिन बड़े अच्छे तरीके से सेक्स करने के लिए मैंने अपनी साड़ी को ऊपर करते हुए अपनी काली रंग की पैंटी को उतार दिया और उसके लंड पर अपनी योनि को सटा दिया। सुमित के लंड को मैने अपनी चूत के अंदर ले लिया और अपनी चूतडो को ऊपर नीचे करने लगी। सुमित को भी मजा आ रहा था और मुझे भी बड़ा आनंद आ रहा था काफी देर तक हम दोनो एक दूसरे के साथ संभोग करते जा रही थी। सुमित का लंड पूरी तरीके से तन कर खड़ा हो चुका था जैसे ही सुमित ने मुझे घोड़ी बनाकर चोदना शुरू किया तो उनका लंड मेरी योनि के अंदर तक जा रहा था। वह मुझे कहने लगे भाभी जी आपकी चूत तो बड़ी लाजवाब है मुझे आपको चोदने में बड़ा मजा आ रहा है। जिस प्रकार से सुमित ने मेरी चूत के मजे लिए तो उससे मैं पूरी तरीके से उत्तेजित हो गई थी और मेरी सेक्स के प्रति और भी रूचि बढ़ने लगी थी। जैसे ही हम दोनों के अंदर गर्मी बढ़ने लगी तो मैं बर्दाश्त ना कर पाई और ना ही सुमित उसे बर्दाश्त कर पाया। जैसे ही सुमित ने अपने वीर्य की पिचकारी को मेरी योनि के अंदर गिराया तो हम दोनों जैसे एक हो चुके थे। मेरी इच्छा पूरी करने के लिए हमेशा सुमित तैयार रहते।
 
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