हार्ड सेक्स के बाद पिंकी ने मुझे पेशाब पिलाया

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वैसे पिंकी को पूरा कोलेज चुदक्कड़ पिंकी के नाम से जानता हैं. 19 साल की यह लड़की बहुत बिगड़ी हुई हैं और बियर एवं व्हिस्की के नशे में ना जाने इसका कितनी बार गेंगबेंग भी हो चूका हैं. वैसे मैंने भी उसकी चूत में अपना लंड कई बार दे दिया हैं लेकिन आज की कहानी कुछ और हैं. यह बात हैं तब की जब पिंकी ने अपनी पेशाब की धार मेरे मुहं में छोड़ के मुझे पहली बार अपना पेशाब पिलाया था. मैंने इसके पहले कभी पेशाब नहीं चखा था लेकिन इस हादसे के बाद मैं अब ऐसा करना पसंद करने लगा हूँ और अब मैं जब भी सेक्स करता हूँ तो चाह रखता हूँ की मैं पेशाब पी लूँ. तो चलें आप को उस दिन की बात बताऊँ जब पिंकी की चूत से निकल के धार मेरे मुहं में आई थी.

कोलेज डे पे मिली जानीपहचानी चूत

कोलेज के गेट के ऊपर खड़े हुए मैं और भोलू पास होने वाली हरेक लड़की को चोकोलेट दे रहे थे क्यूंकि चोकोलेट दे था उस दिन. बड़े सही दिन होते हैं यह चोकोलेट, रोस डे वगेरह. क्यूंकि इन दिनों सेटिंग होने के चंसिस कई गुने बढ़ जाते हैं. मैंने और भोलू चोकोलेट बाँट रहे थे तभी थर्ड इयर वाली अनुपमा आई और भोलू उसकी चूत चाटनी हो वैसे उसके पीछे पीछे निकल लिया. मेरे चोकोलेट का स्टोक भी वैसे खत्म होने का था तभी मैंने देखा की पिंकी उधर ही आ रही थी. पिंकी 19 साल की एक जलकन्य हैं जो चूत का बहता दरिया हैं. जिसे मर्जी उस दरिया में दुबकी लगा ले. पिंकी आई और मेरे करीब रुकी, "क्यों विशाल हम को चोकोलेट नहीं दोगें.?"

मैंने इधर उधर देखा और उसकी पेशाब करने की जगह यानी जी चूत की तरफ हाथ बताते हुए कहा, "तू कहें तो वहाँ भी दे दूँ एक."

पिंकी गुस्से की एक्टिंग करते हुए बोली, "चल भाग पागल, चुतियापा मत बक."

मैंने अपने लंड के ऊपर हाथ घिसते हुए कहा, "और मुड हो तो अमित के फ़ार्म हाउस चलते हैं."

पिंकी बिना कुछ कहे बाइक स्टेंड की और निकल दी. उसका मतलब था की चलो. अमित का फ़ार्म हाउस कोलेज से 2 किलोमीटर दूर था और वहाँ एक वोचमेन के अलावा कोई नहीं होता था. वोचमेन को 10-20 रूपये दे दो और अमित से बात करवा दो तो वो गेस्ट रूम खोल देता था. पिंकी के एक दो गेंगबेंग तो इसी फ़ार्महाउस के अंदर हुए थे. मैंने बाइक के उपर पिंकी को ले के उधर का रास्ता नापा. सारी औपचारिकताएं निपटा के मैं और पिंकी अब रूम में बैठे थे. मैंने अपनी पेंट को घुटनों तक उतार के अपने काले नाग जैसे लंड को बहार निकाला. शर्दी के दिन होने की वजह से मुझे पेशाब भी लगी हुई थी. मैंने पिंकी को कह के पेशाब कर के आ गया. पेशाब करने के पश्चात तो मेरा लौड़ा और भी टाईट हो गया. मैंने सीधा पिंकी के पास आया और उसके मुहं को खोल के अंदर अपने लंड की तोप सेट कर दी. अब पिंकी को कुछ कहने की जरुरत तो थी ही नहीं क्यूंकि इस लड़की ने अपनी उम्र के हिसाब से तो अब तक दस गुने लंड लिए हुए ही थे. उसने मेरे गोलों को अपने हाथ में पकडे और मेरे लौड़े का शीर्ष भाग चूसने लगी. ठंडी की सीजन में अपने लंड के ऊपर लड़की के होंठो का क्या इफेक्ट होता हैं वो तो जिस ने अपना लंड किसी के मुहं में डाला हो वही जानता हैं.!

चुदाई के बाद पहला पेशाब अनुभव

पिंकी किसी पोर्नस्टार के जैसे लंड को चूस रही थी और फिर बहार निकाल के हिला रही थी. कुछ देर के बाद मेरी बस हो गई और मैंने उसे लंड चूसने से रोक दिया. मैंने उसके कपडे उतार के उसे वही पड़े हुए पलंग के उपर लिटा दिया. पर्स से कंडोम निकाल के मैं उसकी चूत के अंदर अपने पेशाब करने वाली तोप से हमला करने के लिए रेडी हो गया. मैंने अपना लंड चूत के पास रखा और पिंकी ने खुद मुझे चूत के अंदर सेट कर के दिया. फिर तो पूछना ही क्या था एक ही झटके के अंदर मैंने अपना लौड़ा उसकी फटी हुई चूत में पेल दिया. पिंकी को तो जैसे कुछ हुआ ही नहीं था. मैंने उसकी गांड के उपर हाथ रख दिए और मैंने उसे जोर जोर से चोदने लगा. पिंकी भी अपनी गांड उठा उठा के मुझ से चुदवाने लगी. हमारे पास टाइम तो बहुत था लेकिन पिंकी को स्लो चोदो तो एक प्रकाशवर्ष लग सकता हैं उसकी चूत में वीर्य निकलने मैं क्यूंकि वो इतनी बार चुद चुकी हैं की उसकी चूत का बेंड बजा हुआ हैं. मैंने कुछ 12 मिनिट उसे चोदा और मेरे लौड़े ने ढेर सारा वीर्य कंडोम के अंदर ही निकाल दिया. पिंकी ने अपनी चूत टाईट कर के वीर्य को अपनी चूत के अंदर समा लिया. लेकिन जैसे ही मैंने कंडोम वाला अपना डंडा निकाला उसका यह भ्रम दूर हो गया.

क्यूंकि पिंकी का स्खलन अभी नहीं हुआ था वो अभी भी गर्म थी. मैंने उसे शांत करने के लिए उसकी चूत में ऊँगली डाल के अंदर बहार करना चालू कर दिया. पिंकी हिल हिल के ऊँगली से चुदने लगी और आह आह आह आह करने लगी. मैंने एक एक कर के 3 उंगलियाँ उसकी चूत में डाल दी और तभी पिंकी बोली, "विशाल निचे झुको मैं तुम्हे पेशाब का मजा देती हूँ."

मेरा मन तो नहीं था लेकिन फिर भी मैंने सेक्स की इज्जत रखते हुए अपना माथा निचे किया. मेरी उंगलियाँ अभी भी जोर जोर से चूत में अंदर बहार हो रही थी. पिंकी जोर से चीखी और पेशाबी की धार आके सीधे मेरे मुहं के ऊपर लगी. पेशाब की 50 से ज्यादा उपर बुँदे मेरे मुहं में घुस गई. पिंकी की चूत से निकला हुआ खारा खारा पेशाब बहुत उत्तेजित करने वाला था और मैंने जबान निकाल के होंठो पे लगा पेशाब भी पी लिया. पिंकी ने धार की जगह अब चूत की साइड से ही प्रवाही निकालना चालू कर दिया और वो मुझ से लिपट गई. मैंने उसके कपडे उसकी और फेंके और खुद भी पेंट चढ़ा के रेडी हो गया.

यह थी मेरी पेशाब पीने की हिंदी सेक्स कहानी. लेकिन यकीन जाने इस दिन के बाद मैं सेक्स के बाद यह ट्राय करने का अचूक प्रयास करता हूँ..!
 
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