यह एक ऐसे पति की दास्तान है.. जो एक बार गैर मर्द से चुदने के बाद कई साल तक किसी दूसरे गैर मर्द से नहीं चुदी थी। कैसे उसके पति ने एक-दूसरे मर्द से अपनी बीवी को चुदते देखा और वो कैसे एक कुकोल्ड पति बनाने के बाद अब वो अपने बीवी और उस गैर मर्द का धीरे-धीरे सेवक बनता जाता है।
दोस्तो, आपने मेरी कहानी
बीवी को गैर मर्द से चुदते देखने की ख्वाहिश
के चारों भाग पढ़े होंगे..
जैसा कि आपको मैंने बताया कि मैं धीरे-धीरे एक ऐसा पति बन गया हूँ.. जिसको अपनी पत्नी को चुदते देखना बहुत अच्छा लगता है। डॉक्टर कबीर के जाने के कुछ साल बीतने के बाद मुझको फिर नेहा को टांगें उठा-उठा कर चुदते देखने बहुत मूड करता था।
यह कहानी उससे आगे नेहा की चुदाई गैर मर्द से चुदवाने की है।
डॉक्टर कबीर के जाने के बाद 5-6 साल तक जिंदगी ऐसे ही गुजरती रही। मुझको रह-रह कर नेहा की डॉक्टर कबीर से चुदाई याद आ जाती थी।
मेरी माँ को इसी बीच ब्रेन हेमरेज हो गया और वो फालिज का शिकार हो गईं.. उनको न्यूरो के डॉक्टर के पास ले कर जाना पड़ता था।
इसी बीच हमारी मुलाकात डॉक्टर सचिन से हुई.. जो न्यूरो के डॉक्टर थे। मेरी माँ का इलाज उनकी देखरेख में होने लगा और एक-दो बार ऐसा हुआ कि डॉक्टर सचिन मेरी माँ को मेरे घर देखने आए।
मैं घर पर नहीं होता.. तो नेहा ही उनके पास होती थी।
एक दिन रात में वो डॉक्टर सचिन की तारीफ करने लगी कि वो बहुत ही सिंपल हैं और सीधे हैं.. और यहाँ अकेले रहते हैं।
मेरे मन में नेहा को चुदते देखने की इच्छाएं जाग उठीं।
मैंने नेहा से पूछा- डॉक्टर सचिन का लंड लेने का मूड है।
वो बोली- तुम बिल्कुल पागल हो गए हो।
इस बात को पांच-छह महीने निकल गए।
डॉक्टर सचिन माँ को देखने आने लगे.. मेरे पिताजी की पहले ही डेथ हो चुकी थी सो मेरे घर में मेरे अलावा मेरी बीमार मां और जवान बीवी ही थे.. मेरे बच्चे अभी छोटे हैं।
अब डॉक्टर सचिन से हमारी काफी घनिष्ठता हो गई थी। मैं रात को नेहा से डॉक्टर सचिन से चुदने के लिए पूछता रहता.. पर वो हमेशा टाल जाती थी।
एक दिन डॉक्टर सचिन मेरी माँ को शाम को क्लिनिक बंद करने के बाद देखने आए। मैंने उनको डिनर पर न्यौता दिया तो उन्होंने मना करते हुए फिर कभी जल्दी आने को कहा।
अब मैंने नेहा को पटाना शुरू किया कि शायद नेहा डॉक्टर सचिन से चुदवाने में इंटरेस्टेड हो जाए.. या डॉक्टर सचिन को नेहा को चोदने में रूचि हो जाए।
मैंने नेहा से पूछा- डॉक्टर सचिन तुमको चोदने में इंटरेस्टेड लगते हैं?
वो बोली- नहीं है।
मैंने कहा- वो चोदने में इंटरेस्टेड है कि नहीं.. ये तय करने में हेल्प तो करो।
वो इस बात के लिए तैयार हो गई।
मैंने अगले दिन डॉक्टर सचिन से कहा- सर डिनर पर आइए.. आप तो वैसे भी अकेले ही रहते हैं.. नौकर के हाथ का खाना खा-खा बोर हो गए होंगे, आज मेरे घर पर मेरी बीवी के नेहा के हाथ का खाना खाइए।
डॉक्टर सचिन मान गए।
मैंने बच्चों को उनकी नानी के यहाँ छोड़ दिया।
डॉक्टर साहब रात में 9.30 बजे आए.. थोड़ी देर बातें करने के बाद मैंने उनसे पूछा- सर ड्रिंक लेंगे?
बोले- मैं कम ही लेता हूँ।
दोस्तो, आपने मेरी कहानी
बीवी को गैर मर्द से चुदते देखने की ख्वाहिश
के चारों भाग पढ़े होंगे..
जैसा कि आपको मैंने बताया कि मैं धीरे-धीरे एक ऐसा पति बन गया हूँ.. जिसको अपनी पत्नी को चुदते देखना बहुत अच्छा लगता है। डॉक्टर कबीर के जाने के कुछ साल बीतने के बाद मुझको फिर नेहा को टांगें उठा-उठा कर चुदते देखने बहुत मूड करता था।
यह कहानी उससे आगे नेहा की चुदाई गैर मर्द से चुदवाने की है।
डॉक्टर कबीर के जाने के बाद 5-6 साल तक जिंदगी ऐसे ही गुजरती रही। मुझको रह-रह कर नेहा की डॉक्टर कबीर से चुदाई याद आ जाती थी।
मेरी माँ को इसी बीच ब्रेन हेमरेज हो गया और वो फालिज का शिकार हो गईं.. उनको न्यूरो के डॉक्टर के पास ले कर जाना पड़ता था।
इसी बीच हमारी मुलाकात डॉक्टर सचिन से हुई.. जो न्यूरो के डॉक्टर थे। मेरी माँ का इलाज उनकी देखरेख में होने लगा और एक-दो बार ऐसा हुआ कि डॉक्टर सचिन मेरी माँ को मेरे घर देखने आए।
मैं घर पर नहीं होता.. तो नेहा ही उनके पास होती थी।
एक दिन रात में वो डॉक्टर सचिन की तारीफ करने लगी कि वो बहुत ही सिंपल हैं और सीधे हैं.. और यहाँ अकेले रहते हैं।
मेरे मन में नेहा को चुदते देखने की इच्छाएं जाग उठीं।
मैंने नेहा से पूछा- डॉक्टर सचिन का लंड लेने का मूड है।
वो बोली- तुम बिल्कुल पागल हो गए हो।
इस बात को पांच-छह महीने निकल गए।
डॉक्टर सचिन माँ को देखने आने लगे.. मेरे पिताजी की पहले ही डेथ हो चुकी थी सो मेरे घर में मेरे अलावा मेरी बीमार मां और जवान बीवी ही थे.. मेरे बच्चे अभी छोटे हैं।
अब डॉक्टर सचिन से हमारी काफी घनिष्ठता हो गई थी। मैं रात को नेहा से डॉक्टर सचिन से चुदने के लिए पूछता रहता.. पर वो हमेशा टाल जाती थी।
एक दिन डॉक्टर सचिन मेरी माँ को शाम को क्लिनिक बंद करने के बाद देखने आए। मैंने उनको डिनर पर न्यौता दिया तो उन्होंने मना करते हुए फिर कभी जल्दी आने को कहा।
अब मैंने नेहा को पटाना शुरू किया कि शायद नेहा डॉक्टर सचिन से चुदवाने में इंटरेस्टेड हो जाए.. या डॉक्टर सचिन को नेहा को चोदने में रूचि हो जाए।
मैंने नेहा से पूछा- डॉक्टर सचिन तुमको चोदने में इंटरेस्टेड लगते हैं?
वो बोली- नहीं है।
मैंने कहा- वो चोदने में इंटरेस्टेड है कि नहीं.. ये तय करने में हेल्प तो करो।
वो इस बात के लिए तैयार हो गई।
मैंने अगले दिन डॉक्टर सचिन से कहा- सर डिनर पर आइए.. आप तो वैसे भी अकेले ही रहते हैं.. नौकर के हाथ का खाना खा-खा बोर हो गए होंगे, आज मेरे घर पर मेरी बीवी के नेहा के हाथ का खाना खाइए।
डॉक्टर सचिन मान गए।
मैंने बच्चों को उनकी नानी के यहाँ छोड़ दिया।
डॉक्टर साहब रात में 9.30 बजे आए.. थोड़ी देर बातें करने के बाद मैंने उनसे पूछा- सर ड्रिंक लेंगे?
बोले- मैं कम ही लेता हूँ।