अन्तर्वासना के सभी पाठकों को मेरी तरफ से प्रणाम।
मैं विक्रम सिंह 23 साल का हूँ.. दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मैं अन्तर्वासना का एक बहुत पुराना पाठक हूँ और मैंने इसकी लगभग सभी कहनियाँ पढ़ी हैं। यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कुछ गलती हो तो मुझे माफ़ करना।
अब आप लोगों को ज्यादा बोर किए बिना सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। मैं रोजाना सुबह पार्क में जाता हूँ। यह बात दो महीने पहले की है। मैं हमेशा की तरह हैडफ़ोन लगाकर गानों को आनन्द लेते हुए टहल रहा था कि मुझे वहाँ हमारे सामने रहने वाली नीतू भाभी दिखीं.. जो दिखने में बिल्कुल ‘दिया मिर्ज़ा’ जैसी दिखती हैं।
मैं भाभी के पास बिना देर किए पहुँच गया। मैंने भाभी से ‘हैलो’ कहा, तो भाभी ने भी हल्की मुस्कान के साथ जवाब में ‘हैलो’ कहा।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी जी, क्या आप रोज आती हो?
तो भाभी ने कहा- नहीं, कभी-कभी आना होता है।
मैंने कहा- भैया साथ नहीं आते?
तो भाभी थोड़ी देर के लिए चुप हो गईं.. मुझे लगा बेटा विक्की गया तू..
पर भाभी ने फिर जो कहा, वो सुनकर मेरे अन्दर का भूत जाग गया।
भाभी थोड़ी उदास होकर बोलीं- उनके पास मेरे लिए टाइम कहाँ होता है।
मैंने मौका देखकर चौका मार दिया.. मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी.. भैया ना सही आपका देवर तो है ना..
यह सुनकर भाभी मुस्कराईं.. मुझे लगा मेरा काम बन सकता है। फिर दो-चार दिन ऐसे ही नॉर्मल बातें होती रहीं और भाभी भी अब हमेशा आने लगी थीं।
एक दिन भाभी ने मुझसे पूछा- विक्की तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. मेरी ऐसी किस्मत कहाँ!
भाभी मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोलीं- अरे बुद्धू.. मैं हूँ ना तुम्हारी गर्लफ्रेंड!
इतना बोल कर वे खिलखिला कर हँसने लगीं.. तो मुझे लगा मेरा काम बन सकता है।
उसके बाद मैं दो-चार दिन जानबूझ कर पार्क नहीं गया।
एक दिन सुबह-सुबह मम्मी आवाज़ देकर उठाने लगीं- विक्की विक्की.. उठ सामने वाली नीतू भाभी आई हैं.. उन्हें कुछ मंगवाना है बाज़ार से।
मैं कुछ देर ऐसे ही लेटे रहा.. तो भाभी मेरे कमरे में आ गईं, बोलीं- मुझसे नाराज हो?
मैं चुप रहा तो भाभी जाते हुए बोलीं- मुझे कुछ ‘काम’ है तुमसे..
ये कह कर वे हँसते हुए चली गईं।
थोड़ी देर में मैं उनके घर गया मैं यह सोच कर बहुत खुश था कि आज भाभी को कैसे भी करके चोदना ही है।
मैंने घर की घंटी बजाई.. भाभी ने गेट खोला और अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर पहुँच कर सोफे पर बैठ गया।
भाभी पानी लेकर आईं और मेरे साथ बैठ गईं।
फिर भाभी से मैंने पूछा- क्या काम था भाभी?
भाभी बोलीं- क्या मैं तुम्हें बिना किसी काम के नहीं बुला सकती?
मैंने कहा- बिल्कुल बुला सकती हो।
एक पल की शान्ति के बाद मैंने पूछा- घर के बाकी लोग कहाँ हैं?
तब भाभी बोलीं- वो सब शादी में गए हैं और रात को देर तक आएंगे।
यह सुनकर मेरा मन खुश हो गया।
भाभी ने पूछा- विक्की, एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हाँ पूछिए ना?
तो भाभी बोलीं- पहले प्रॉमिस करो तुम किसी से कहोगे नहीं।
मैंने कहा- मैं प्रॉमिस करता हूँ.. अब बोलो।
भाभी ने कहा- क्या तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
मैं यह सुनकर सोचने लगा कि आज तो चुदाई पक्के में होनी है।
मैं विक्रम सिंह 23 साल का हूँ.. दिखने में ठीक-ठाक हूँ। मैं जयपुर राजस्थान का रहने वाला हूँ।
मैं अन्तर्वासना का एक बहुत पुराना पाठक हूँ और मैंने इसकी लगभग सभी कहनियाँ पढ़ी हैं। यह मेरी पहली कहानी है इसलिए कुछ गलती हो तो मुझे माफ़ करना।
अब आप लोगों को ज्यादा बोर किए बिना सीधा अपनी कहानी पर आता हूँ। मैं रोजाना सुबह पार्क में जाता हूँ। यह बात दो महीने पहले की है। मैं हमेशा की तरह हैडफ़ोन लगाकर गानों को आनन्द लेते हुए टहल रहा था कि मुझे वहाँ हमारे सामने रहने वाली नीतू भाभी दिखीं.. जो दिखने में बिल्कुल ‘दिया मिर्ज़ा’ जैसी दिखती हैं।
मैं भाभी के पास बिना देर किए पहुँच गया। मैंने भाभी से ‘हैलो’ कहा, तो भाभी ने भी हल्की मुस्कान के साथ जवाब में ‘हैलो’ कहा।
मैंने भाभी से पूछा- भाभी जी, क्या आप रोज आती हो?
तो भाभी ने कहा- नहीं, कभी-कभी आना होता है।
मैंने कहा- भैया साथ नहीं आते?
तो भाभी थोड़ी देर के लिए चुप हो गईं.. मुझे लगा बेटा विक्की गया तू..
पर भाभी ने फिर जो कहा, वो सुनकर मेरे अन्दर का भूत जाग गया।
भाभी थोड़ी उदास होकर बोलीं- उनके पास मेरे लिए टाइम कहाँ होता है।
मैंने मौका देखकर चौका मार दिया.. मैंने कहा- कोई बात नहीं भाभी.. भैया ना सही आपका देवर तो है ना..
यह सुनकर भाभी मुस्कराईं.. मुझे लगा मेरा काम बन सकता है। फिर दो-चार दिन ऐसे ही नॉर्मल बातें होती रहीं और भाभी भी अब हमेशा आने लगी थीं।
एक दिन भाभी ने मुझसे पूछा- विक्की तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने कहा- नहीं भाभी.. मेरी ऐसी किस्मत कहाँ!
भाभी मेरे कंधे पर हाथ रख कर बोलीं- अरे बुद्धू.. मैं हूँ ना तुम्हारी गर्लफ्रेंड!
इतना बोल कर वे खिलखिला कर हँसने लगीं.. तो मुझे लगा मेरा काम बन सकता है।
उसके बाद मैं दो-चार दिन जानबूझ कर पार्क नहीं गया।
एक दिन सुबह-सुबह मम्मी आवाज़ देकर उठाने लगीं- विक्की विक्की.. उठ सामने वाली नीतू भाभी आई हैं.. उन्हें कुछ मंगवाना है बाज़ार से।
मैं कुछ देर ऐसे ही लेटे रहा.. तो भाभी मेरे कमरे में आ गईं, बोलीं- मुझसे नाराज हो?
मैं चुप रहा तो भाभी जाते हुए बोलीं- मुझे कुछ ‘काम’ है तुमसे..
ये कह कर वे हँसते हुए चली गईं।
थोड़ी देर में मैं उनके घर गया मैं यह सोच कर बहुत खुश था कि आज भाभी को कैसे भी करके चोदना ही है।
मैंने घर की घंटी बजाई.. भाभी ने गेट खोला और अन्दर आने को कहा।
मैं अन्दर पहुँच कर सोफे पर बैठ गया।
भाभी पानी लेकर आईं और मेरे साथ बैठ गईं।
फिर भाभी से मैंने पूछा- क्या काम था भाभी?
भाभी बोलीं- क्या मैं तुम्हें बिना किसी काम के नहीं बुला सकती?
मैंने कहा- बिल्कुल बुला सकती हो।
एक पल की शान्ति के बाद मैंने पूछा- घर के बाकी लोग कहाँ हैं?
तब भाभी बोलीं- वो सब शादी में गए हैं और रात को देर तक आएंगे।
यह सुनकर मेरा मन खुश हो गया।
भाभी ने पूछा- विक्की, एक बात पूछूँ?
मैंने कहा- हाँ पूछिए ना?
तो भाभी बोलीं- पहले प्रॉमिस करो तुम किसी से कहोगे नहीं।
मैंने कहा- मैं प्रॉमिस करता हूँ.. अब बोलो।
भाभी ने कहा- क्या तुमने कभी किसी के साथ सेक्स किया है?
मैं यह सुनकर सोचने लगा कि आज तो चुदाई पक्के में होनी है।