Chudai Ka Pahla Anubhav Dost Ki Girl Friend Ke Sath

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हैलो दोस्तो.. मेरा नाम त्र्यंबकेश (गोलू) है, मैं सिंगरौली (म.प्र) का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 20 साल है.. रंग गोरा.. कद 5’8″ का है। मैं एक मस्त शरीर का मालिक हूँ।
यह अन्तर्वासना पर मेरी पहली सेक्स स्टोरी है.. मुझसे कोई ग़लती हो जाए तो प्लीज़ माफ़ कर देना।

आज से करीब 2 साल पहले की बात है। मेरा एक दोस्त था संजू.. उसकी रचना नाम की एक गर्लफ्रेंड थी। पहले तो मैं रचना के बारे में कुछ नहीं जानता था, पर जब से मेरी दोस्ती संजू से हुई.. तो उसने मुझे रचना के बारे में बताया।

रचना एक मस्त हुस्न की मलिका थी.. वो संजू से एक-दो बार चुद भी चुकी थी, यह बात मुझे संजू ने ही बताई थी।
फिर संजू ने मेरी रचना से थोड़ी बहुत दोस्ती कराई।

एक दिन रचना ने संजू से मेरा नंबर लेकर मेरे फोन पर मुझसे थोड़ी देर बात की। उस दिन मुझे जाना था.. तो मैंने अधिक बात न करके फोन रख दिया।

फिर वो मेरे पास डेली कॉल करने लगी और हमारी दोस्ती अच्छी हो गई। हम दोनों खुल कर हर विषय पर बात करने लगे।
एक दिन उसने मुझसे पूछा- तुम्हारी कोई गर्लफ्रेंड है?
मैंने ‘ना’ कह दिया।

वैसे उसको पहले से पता था कि मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है।
वो बोली- किसी को पसंद करते हो?
मैंने बोल दिया- हाँ एक लड़की थी जिसको मैं बहुत चाहता था।
‘कौन सी लड़की?’
मैंने बताया- सुमन..

रचना ने मुझसे सुमन के बारे में पूछा तो मालूम हुआ कि वो सुमन को जानती थी।
रचना और सुमन का घर पास-पास में ही था, रचना ने मेरी बात सुमन से कराई।
इस तरह मेरी सुमन की दोस्ती हो गई।

एक दिन सुमन ने ही मुझे प्रपोज किया हमारी फोन पर बातें होने लगीं। उसके दो महीने बाद सुमन पढ़ने के लिए भोपाल चली गई। मुझे रोज ही सुमन की याद आती थी मैं उससे फोन पर बात करके उसके नाम की रोज ही मुठ मारता था।

एक दिन रात में करीब 2 बजे रचना का फोन आया, वो बोली- क्या कर रहे हो?
मैं बोला- कुछ नहीं।
तो बोली- नींद नहीं आ रही है क्या?
तो मैं बोला- नहीं यार..
‘मुझे भी नहीं आ रही यार..’

मैंने भी मौके का फायदा उठाते हुए बोल दिया- जिस चीज़ के लिए तरस रहा हूँ वो तो मिल ही नहीं रही है।
वो थोड़ा गर्म हो गई और बोली- मैं कुछ कर सकती हूँ क्या?
मैं समझ गया कि लोहा गर्म है हथौड़ा मार देना चाहिए, मैं बोला- तुम क्या कर सकती हो?
तो वो बोली- जो तुम कहो..
मैंने कहा- पक्का?

वो मुझसे पूछने लगी- कभी सेक्स किया है?
इतना स्पष्ट सुन कर मैं उसकी चुदास को समझ गया।
मैंने भी खुल कर कह दिया- अभी तक तो चूत के दीदार भी नहीं हुए हैं.. और तुम सेक्स की बात कर रही हो।
वो भी चूत शब्द सुनकर खुलते हुए बोली- मेरे साथ चुदाई करोगे?
तो मैंने नखरे करते हुए बोला- अरे यार.. तुम मेरे दोस्त की गर्लफ्रेंड हो।

वो बोली- तो क्या हुआ.. वो मुझे चोदता तो है.. पर पता नहीं डर के मारे उसका जल्दी गिर जाता है और मेरी प्यास अधूरी रह जाती है।
मैंने बोला- तो प्यास बुझवाने कब आओगी मेरी जान?
वो बोली- जब भी तुम्हारा लंड खड़ा हो जाए.. तब मेरी चूत को बस चोदने आ जाना।
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फिर उस दिन उससे फोन सेक्स करके एक बार उसकी चूत के नाम पर मुठ मार ली। इसके बाद मैंने अगले दिन उससे मिलने की बात पक्की की और सो गया।

दूसरे दिन उसने मुझे रात के 1 बजे अपने घर के पीछे बुलाया। वहाँ वो एक चादर लेकर खड़ी थी। मैं उसके पास पहुँचा तो वो मेरे करीब आई और मेरे होंठों पर अपने होंठों को रख कर चूसने लगी।

यह मेरा पहला अनुभव था तो सब अजीब सा लग रहा था.. लेकिन मज़ा भी आ रहा था। उसका साइज़ 32-28-34 का रहा होगा.. वो बहुत मस्त माल थी, मुझे उसके साथ बहुत मज़ा आ रहा था।

फिर उसने वो चादर बिछाई और लेट गई, मैं उसके ऊपर चढ़कर उसके होंठों को चूसने लगा और खूब ज़ोर-ज़ोर से उसके दूध दबाने लगा, वो भी फुल जोश में आकर मुझे कस के पकड़ कर ‘आहें..’ भर रही थी।

फिर मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी और ब्रा के ऊपर से ज़ोर-ज़ोर उसके दूध मसलने लगा, वो बस ‘आहह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… हह..’ की आवाजें निकाल रही थी।

मेरा लंड पूरी तरह अकड़ चुका था। मेरा लंड पैंट फाड़ कर बाहर आने को बेताब था। उसकी दोनों जाँघों के बीच मेरा लंड पैंट के ऊपर के उसकी चूत को खूब रगड़ रहा था।

मैंने उसके सारे कपड़े उतार कर उसे एकदम नंगी कर दिया, उसकी नंगी चूत क्या गजब की थी.. एकदम चिकनी और फूली हुई थी।
मैं उसके दोनों पैर फैला कर उसकी चूत को चाटने लगा ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह…’ सच में यार क्या मस्त चूत थी उसकी!
 
वो अपनी गांड उठा-उठा कर अपनी चूत को मेरे मुँह पर दबाने लगी, जल्दी ही उसका पानी गिर गया। मैंने उसकी बुर को चाट चाट कर पूरा पानी पी गया।

फिर उसने मेरे लंड को पकड़ा तो चौंक गई और बोली- ओह्ह.. तुम्हारा इतना मोटा और लंबा है.. आज तो तुम पक्का मेरी चूत को फाड़ दोगे।
मैं बोला- तेरी चूत फाड़ने के लिए ही आया हूँ मेरी जान!

मैंने अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और उसके मुँह को ही चोदने लगा।
मेरे मुँह से आवाजें निकलने लगीं ‘आआ.. ओहह.. एयाया.. आआहह..’
लंड चुसवाने में क्या मस्त मजा आ रहा था यार.. साली क्या मस्त लंड चूसती थी।

फिर मैं उसके मुँह में से लंड निकाल कर उसकी चूत में डालने लगा, जैसा ही थोड़ा सा लंड चूत के अन्दर गया।
वो थोड़ा चीखी और बोली- प्लीज़ थोड़ा धीरे चोदना..
मैं बोला- टेंशन ना ले रानी.. आज तेरी बुर का भोसड़ा बना कर ही छोड़ूँगा।

वो बस ‘आआ.. हह.. आआहह..’ करती रही।

फिर मैंने उसके होंठों पर अपने होंठों को रख कर एक जोरदार झटका मारा.. मेरा पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया, उसकी आँखों में आंसू आ गए।

फिर मैं धीरे-धीरे उसे चोदता रहा, अब उसे भी मजा रहा था, वो भी अपनी गांड उठा कर लंड का मजा ले रही थी ‘आआहह.. आआहह.. और ज़ोर से चोदो.. एयाया.. हह.. बहुत मज़ा आ रहा है हाय तुम्हारा लंड मूसल है.. आआआहह.. ..हह.. आआहब्ब.. फाड़ दो मेरी चूत को आज आअहह..’

उसका दो बार पानी गिर चुका था.. लेकिन मेरा अभी बाकी था। करीब 5 मिनट तक लगातार चोदने के बाद मैंने अपना लंड निकाल कर उसके मुँह में डाल दिया, मैंने लंड का सारा पानी उसके मुँह में भर दिया।

उस दिन मैंने उसको एक बार और चोदा। फिर तब से वो मुझे बुला कर रोज अपनी चूत और गांड दोनों चुदवाती है। उसको चोदते-चोदते मेरे लंड का साइज़ और भी बड़ा हो गया है।

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अब आपको अगली कहानी में आपको लिखूँगा कि कैसे मैंने अपनी गर्लफ्रेंड सुमन को चोदा।
 
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