Dost Ki Girlfriend Ki Choot Gaand Ko Choda

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नमस्कार मित्रो, मैं परीक्षित आपके सामने एक नई कहानी लेकर प्रस्तुत हूँ जो मेरी स्वयं की है।
मैं एक शादीशुदा व्यक्ति हूँ, मेरी उम्र कुछ माह बाद 28 की होने वाली है।
अब मैं कहानी पर आता हूँ।

बात लगभग वर्ष भर पुरानी है, मेरी पत्नी गर्भवती थी और डॉक्टर ने भी सेक्स से दूर रहने के लिये कहा था।
फिर क्या था! अपने बच्चे के लिये और मेरी जीवनसंगिनी के लिये मैं अपनी पत्नी से सेक्स से दूर रहने लगा।

ऐसे ही 5 माह निकल गए, अब मुझे सच में बहुत ज्यादा सेक्स की जरूरत लग रही थी और श्रुति (मेरी पत्नी) को भी!
और यह बात हम दोनों बिना कहे बहुत अच्छे समझ रहे थे, पर बच्चे के लिये तो सब कुछ करना ही था तो बस बहुत देर तक किस करके ही सन्तुष्ट हो रहे थे।

श्रुति मेरी वासना को समझती है, 2-3 बार उसने मुझे हस्तमैथुन करते हुए पकड़ भी लिया, पर फिर मैंने उससे ऐसा न करने का वचन दिया।

कुछ दिन बाद श्रुति के मायके वाले आये और कुछ दिनों के लिये उसे ले गए, अब मैं अकेला पड़ गया था।

थोड़े दिन बाद मेरे एक घनिष्ठ मित्र चिंटू का फोन आया और पार्टी करने के लिये बोला।
मैं समझ गया कि इसके दिमाग में कुछ चल रहा है, मैंने मना कर दिया पर थोड़ी देर बाद मुझे अचानक ही पार्टी में जाने का मन हुआ तो मैंने तुरन्त चिंटू को फोन लगाकर पार्टी में आने के लिये हाँ कह दिया।

पर उसने पूछा- पहले मना किया और अब कह रहा है?
मैंने कुछ नहीं कहा।

कुछ देर ऐसे ही बात करता रहा और अगली सुबह मैं घर से अगले दिन शाम तक आने को बोल दिया और कुछ समय के बाद मैं उस पार्टी वाली जगह पर पहुंच गया।

वहाँ पर कोई भी नहीं था, सिर्फ चिंटू ही बैठा हुआ था, मुझे देखकर वो खुश हुआ।
कुछ देर ऐसे ही बात करता रहा और मेरी सेक्स की समस्या भी बताई, उसने भी बताया कि उसकी पत्नी भी मायके गई हुई है।

कुछ देर बाद उसने एक कॉल किया, मैंने पूछा, उसने बताया कि प्रिया को फोन लगाया है।
यह सुनते ही मुझे पूरा मामला समझ आ गया कि यह अचानक पार्टी क्यों रखी और कोई दूसरा क्यों नहीं दिख रहा है।

मैं आपको बताना चाहूँगा कि प्रिया, मेरी और चिंटू की एक 26 वर्षीय महिला मित्र है, और उसका हमारे घर पर आना-जाना लगा रहता है, इस पर सुहागरात के 15 दिन बाद ही कहानी भी लिख चुका हूँ।

मैं- क्या यह सही होगा?
चिंटू- क्यों नहीं होगा! वैसे भी मेरी पत्नी मायके गई हुई है और तू भी तो 4-5 माह से तड़प रहा है।
मैं- तड़प तो रहा हूँ, पर थोडा डर लग रहा है।
चिंटू- कैसा डर? मैं कौन सा रोजाना करता हूँ, तेरी वजह से ही तो मैं भी मजे कर पाता हूँ। और वो भी बहुत दिनों बाद चुद रही है, एक काम कर, कोई सपना समझ लेना।

कुछ देर ऐसे ही ही बात करते हुए मैंने हाँ कह दी पर मैंने उसे पहले अकेले में चोदने के लिये कहा तो वो मान गया।

प्रिया भी आ गई, 4 माह बाद उसे देख रहा था, उसके शरीर पर कोई भी बदलाव नहीं था, सिर्फ उसके स्तन कुछ बढ़ गए थे।
आते ही उसने मुझे गाल पर एक चुम्मा दिया और सोफे पर बैठ गई।
 
क्योंकि मैं सुहागरात के बाद उसे बहुत बार चोद चुका हूँ तो हम दोनों में किसी भी तरह का कोई पर्दा नहीं था, मैंने उसे प्रत्यक्ष ही कह दिया- तेरे बूब्स आज बहुत ज्यादा अच्छे लग रहे हैं और इनके साथ तू भी!

इतना सुनते ही वो ख़ुशी से मुझे गले लगाते हुए चुम्मा देने लगी और थैंक्यू बोल कर मेरी ही गोदी में बैठ गई।

कुछ देर बाद उसने जीन्स और शर्ट हमारे सामने निकाल दिए और सिर्फ ब्रा-पेंटी में ही नहाने का बोलकर जाने लगी।
तभी चिंटू ने साथ में नहाने की बात कही और मैं भी देर न करते हुए उन दोनों के साथ बाथरूम में पहुंच गया।

और बाथरूम भी इतना बड़ा था कि हम तीनों उसमें आसानी से नहा सकते थे, मैंने तुरन्त ही उसकी पेंटी निकाल दी और ब्रा चिंटू ने।
सच में उसे नहलाने में मुझे बहुत मजा आ रहा था।
सच कहूँ तो मैं उसमें मेरी श्रुति को नहला रहा था और प्रिया ये बात जान चुकी थी।

उसे नहलाने के बाद हमने अपने बदन को सुखाया और मैंने चिंटू जाने का इशारा किया। तभी प्रिया ने उससे रुकने के लिये कहा तो चिंटू ने कहा- अभी इसके साथ मजे कर ले, बाकी तू खुद समझ जायेगी।
इतना कह कर वो बाहर चला गया।

प्रिया बोली- तू मुझे भाभी (वो मेरी और चिंटू की पत्नी को भाभी ही कहकर बुलाती है) समझकर नहला रहा था न? मुझे समझ में आ गया है।

मैं उसके नंगे चूतड़ पर एक जोर की चपत लगाते हुए बोला- जब समझ आ ही गया है तो अब देर किस बात की!
और उसे गोद में उठाकर उसे किस करने लगा।

वो भी मेरा साथ देने लगी, वो मेरे बालों को सहला रही थी और जीभ से जीभ भी मिला रही थी पर मेरे दोनों हाथ उसके दोनों चूतड़ पर थे और उसने भी उसकी दोनों टांगों से मेरी कमर को जकड़ा हुआ था।

कुछ देर बाद उसे किस करते हुए बेड पर लेटाकर उसके मम्मों को काटने लगा वो भी ‘सीईईए सीईई आआह्ह आआह्ह आअह…’ की सिसकारी निकाल रही थी और आनन्द में डूब रही थी।
इस बीच में मैं उसे किस भी कर रहा था।

15 मिनट तक उसके मम्मों को चूसने और काटने के बाद मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू किया।
उसकी चूत बिल्कुल साफ़ थी, वो अब और भी ज्यादा तेज सिसकारी ले रही थी ‘आआह्ह आह आआह्ह्ह… चाट और चाट मेरी चूत को, खा जा मेरी चूत को… बहुत मजा आ रहा है, 4 महीईने से भूखी हूँ मैं लण्ड कीईई… आआहह अह उम्म उम्म्म आआह्ह…’
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और मैंने उसकी चूत का सारा रस निगल लिया।

मेरा लण्ड भी खड़ा हो चुका था, प्रिया ने भी कहा- प्लीज अब चोद दो, अब सब्र नहीं हो रहा है।
पर मैंने थोड़ी सी विनती की- प्लीज एक बार और चाटने दो न!

और कुछ देर विनती करने के बाद वो मान गई और हम दोनों 69 के आसन में आ गए, मैं फिर उसके दोबारा झड़ने तक उसकी चूत को चाटता रहा, वो बार मुझसे लण्ड को चूत में डालने की विनती करती रही।

सच में अब उससे सब्र नहीं हो पा रहा था, मैंने उसके एक पैर को मेरे कन्धे पर रखा और मेरे लण्ड को उसकी चूत के मुख पर रखकर 4-5 धक्कों में पूरा अंदर तक डाल दिया।
 
उसकी हल्की सी चीख निकल गई, यह सुनकर मुझे भी जोश आ गया और मैं और भी तेज धक्के लगाने लगा, वो भी मेरा साथ देने लगी- और चोद मुझे… और चोद… आआह ह्ह आःह्ह ईईआआह्ह ययीआःह्ह ह्ह्ह्ह…

पूरे कमरे में बस थप थप और उसकी सिसकारी की आवाज ही आ रही थी।

तभी मैंने धक्के लगाना रोक दिया और मैंने उसके दोनों पैरों को मेरी कमर पर रखा और मेरे दोनों हाथ से उसकी कमर को पकड़कर फिर धक्के लगाने शुरू कर दिया।
लगभग 20-21 धक्कों के बाद ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया।

अब उसकी चूत में मेरा लंड और भी आसानी से अंदर बाहर हो रहा था।

कुछ देर इसी आसन में चोदने के बाद मैंने लण्ड को उसके मुँह में दिया और उसके मुख को चोदने लगा।
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फ़िर उसे कुतिया बनाया और इस बार सिर्फ 2 धक्कों में ही लण्ड को पूरा उसकी चूत में डाल दिया। वो अचानक हुए इस हमले को सह नहीं पाई, चीखते हुए सन्तुलन खो बैठी और गालियाँ देने लगी।

मैं उसे सॉरी बोलकर किस करने लगा और फिर कुतिया बनाकर उसकी चूत को चोदने लगा और अगली बार झड़ने तक चोदता रहा।
दूसरी बार झड़ते ही मैंने उसे बिस्तर पर सीधा लेटाया और उसकी दोनों टांगों को उसके कन्धे से लगाकर उसे चोदने लगा।

तभी मेरा भी झड़ने का समय आ गया, मैंने धक्के और भी तेज कर दिए और प्रिया भी और तेज सिसकारियाँ लेने लगी।
इसी बीच वो तीसरी बार झड़ गई और लगभग 1 मिनट के बाद मेरे लण्ड ने भी सारा वीर्य उसकी चूत में छोड़ दिया, मैं उससे लिपट गया, उसने भी मुझे दोनों टांगों से जकड़ लिया और हाथों से मेरी पीठ को सहलाने लगी।

कुछ देर ऐसे ही उससे लिपटे रहने के बाद मैं उसके मम्मों को चूसने लगा, वो मेरे बालों को सहलाने लगी।
मैंने 15 मिनट तक उसके मम्मों को चूसा और फिर उससे बोला- अभी मैंने तुझे नहीं, श्रुति को चोदा है।

प्रिया- अभी भाभी को चोदा है तो अब तो मुझे ही चोदोगे न?
मैं- हाँ।

हम दोनों किस करने लगे, फिर से उसकी चूत चाटने लगा पर इस बार उसने मेरी गर्दन को उसकी टांगों से जकड़ लिया और बोली- खा जा मेरी चूत को, बहुत मजा आ रहा है, चूस और चूस!

जब तक वो झड़ नहीं गई, मैं उसकी चूत को चाटता रहा और उसने भी मेरी गर्दन को नहीं छोड़ा।
लेकिन मेरा लण्ड अभी भी पूरी तरह खड़ा नहीं हुआ था तो हम दोनों 69 के आसन में लेटकर अब वो मेरे लण्ड को और और मैं उसकी चूत को चाट रहा था।

जब मेरा लण्ड पूरा तन गया तब मैंने फिर उसको घोड़ी बनाया और चूत को चोदने लगा।
3 बार हमने चुदाई की, 2 बार तो मैंने उसकी सिर्फ गाण्ड को ही चोदा।

जब समय देखा तो दोपहर के 1 बज रहे थे, फिर हमने खाना गर्म करके साथ में ही खाया जो कि चिंटू ले आया था।
खाना खाकर हम दोनों नंगे होकर फिर बिस्तर पर एक-दूसरे अंगों से खेलते रहे और खेलते हुए पता नहीं कब सो गए।

कुछ देर बाद अचानक ही मुझे कुछ हलचल महसूस हुई, मेरी नींद टूटी, तो देखा कि चिंटू खड़ा था।
मैं बैठ गया, प्रिया बेसुध होकर सो रही थी तो मैं उसे जगाने के बजाय उसके चूतड़ों को सहलाने लगा।
 
मुझे देखकर चिंटू भी उसके चूतड़ सहला रहा था, वो भी नींद से जागकर आ रहा था, उसके चेहरे और बालों से साफ़ पता चल रहा था।

कुछ देर में प्रिया की भी नींद खुल गई, हमें देख कर वो मुस्कुराई, उसने सिर्फ ब्रा-पेंटी ही पहनी।

मैंने कपड़े पहने, मैं किचन में जाकर 3 कप चाय बनाकर लाया, देखा तो चिंटू प्रिया के मम्मों को चूस रहा था, प्रिया उसके बाल सहला रही थी।

मैंने उन्हें चाय पीने के लिये बोला, वो दूर हटे और प्रिया ने उसके बूब्स ब्रा में फिट किया।
फिर हम तीनों ने चाय पी और प्रिया और चिंटू से घूमने चलने के लिये कहा तो प्रिया ने जीन्स और शर्ट पहनी और तीनों घूमने के निकल पड़े।

घूम कर हमने एक होटल में खाना खाया और वापस घर की तरफ चल दिए।

घर पर आते ही हम दोनों एक साथ प्रिया पर टूट पड़े, वो भी कुछ समझ नहीं पाई, हम दोनों एक साथ उसके गले और कान के नीचे चूमने लगे और उसकी शर्ट के ऊपर से ही उसके मम्मों को मसलने लगे।

वो गर्म हो गई, हम दोनों हमारे पूरे कपड़े निकाल कर पूरे नंगे हो गए, प्रिया भी उसके कपड़े निकालने लगी पर हमने उसे निकालने नहीं दिए, हमने उसे थोड़ा और गर्म किया, मैं उसे किस करने लगा और चिंटू ने उसकी जीन्स और पेंटी निकालकर उसकी चूत को चाटने का काम शुरू किया।

वो बहुत मजे से चूत को चटवा रही थी पर मेरे उसे किस करने के कारण उसके मुँह से बस उम्म ऊह्ह्ह्ह्न न्नम्मम ऊम्मम्म की आवाज निकल रही थी।

10 मिनट में उसका पूरा बदन अकड़ा और उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया। चिंटू ने वो सारा चूत का रस निगल लिया, मैंने भी उसे किस करना रोक दिया।

प्रिया अपनी शर्ट को निकालने लगी पर चिंटू और मैंने उसे रोक दिया।
वह बार बार लण्ड डालने के लिये कह रही थी, पर मैंने उसकी चूत को चाटना शुरू कर दिया और एक बार फिर उसके झड़ने तक मैं भी चाटता रहा।

सच में उसका चेहरा देखकर लग गया था कि वो बिल्कुल भी सब्र नहीं कर पा रही थी, पर अभी तो लण्ड भी चुसवाना बाकी था।
जैसे ही हम दोनों लण्ड को उसके मुँह के पास में लेकर गए उसने मना कर दिया और विनती करने लगी- प्लीज मुझे चोद दो, अब रहा नहीं जाता, लण्ड को थोड़ी देर से चूस लूँगी।

पर तभी चिंटू बोला- बस एक बार मुँह में लेकर निकाल लो, फिर चोद देंगे।

थोड़ी देर तक मनाने के बाद उसने बात मान ली और हम दोनों के लण्ड को मुख में ले लिया, जैसे ही उसने लण्ड को मुँह में लिया, मैंने तुरन्त ही उसके मुँह को चोदना शुरू कर दिया, चिंटू भी ऐसा कर रहा था।

लगभग 5 मिनट उसके मुँह को चोदने के बाद हमने उसकी हालत को समझा, चिंटू बेड पर सीधा लेट गया और प्रिया की चूत में लण्ड डालने लगा और उसने मुझे भी इशारा कर दिया तो मैं उसकी गाण्ड में लण्ड डालने लगा, धीरे धीरे हम दोनों ने लण्ड को उसकी चूत और गाण्ड में अंदर तक डाल दिया।

पहले तो धीरे धीरे धक्के लगाये, पर बाद में दोनों बिल्कुल एक्सप्रेस गाड़ी की तरह तेज धक्के लगाने लगे, प्रिया भी मजे से चीख रही थी और हमारा जोश बढ़ा रही थी- चोदो मुझे… और तेज चोदो और तेज आअह्ह ह्हह आह्ह…
और हम दोनों उसके दोनों चूतड़ पर जोर से चपत भी लगा रहे थे।
 
तभी उसका बदन अकड़ा, उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और कुछ देर में हम दोनों ने धक्के लगाना रोक कर अपनी जगह को बदला। अब मेरा लण्ड प्रिया की चूत में था और चिंटू का उसकी गाण्ड में!
उसकी चूत गीली होने से लण्ड बहुत आसानी से उसकी चूत के अंदर जा रहा था।

कुछ देर और ऐसे ही चोदने के बाद हम तीनों अलग हुए, उसे घोड़ी बनाया और मैंने लण्ड को उसकी गाण्ड के छेद पर लगाकर उसकी गाण्ड को चोदने लगा और उसके चूतड़ पर भी चपत लगा रहा था, चिंटू उसके मुख को चोद रहा था।

अब हमने फिर जगह बदली और अब मैं चिंटू की जगह था और चिंटू मेरी जगह पर उसका निशाना प्रिया की चूत था तो वो उसकी चूत को चोदने लगा और उसने भी तेज चपत लगाना जारी रखा।

कुछ देर ऐसे ही सब चलता रहा पर और वो दूसरी बार झड़ गई, पर इस दौरान उसने उसकी शर्ट निकालने की पूरी कोशिश की जो हमने सफल नहीं होने दी।
अब मैं सिर्फ लण्ड चुसवाने में ही झड़ने के करीब पहुंच चुका था और चिंटू भी… तो हमने फिर बिस्तर पर लेटकर एक साथ उसकी चूत को गाण्ड को चोदा, मैं उसकी गाण्ड को ही ज्यादा चोद रहा था।

कुछ ही देर में मेरे लण्ड ने सारा वीर्य उसकी गाण्ड में निकाल दिया और थोड़ी बाद चिंटू ने भी सारा माल उसकी चूत में निकाल दिया। हम दोनों ने लण्ड निकाला और उसके पास में ही लेट गए, दोनों के शरीर से पसीना टपक रहा था और हाँफ भी रहे थे, कुछ देर हम ऐसे ही लेटे रहे।

थोड़ी ही देर में प्रिया उठी और एक कपड़े से उसकी चूत और गाण्ड से बह रहे वीर्य को साफ़ किया और बाथरूम गई।
हमने भी पसीना पौंछा, तब तक हम दोनों के लण्ड भी लटक चुके थे।

तभी प्रिया भी बाथरूम में पेशाब करके आई और हमारे पास में बैठ गई।

मैंने उसकी शर्ट के ऊपर के बटन खोले और उसकी ब्रा को ऊपर करके उसके मम्मों को चूसने लगा क्योंकि आज तो वो भी मूड में थी तो उसने भी हमारा साथ दिया, चिंटू भी उसके दूसरे मम्मे को चूसने लगा।
थोड़ी देर बाद उसने हमें अलग किया और चिंटू से चाय बनाने के लिये कहा, वो चाय बनाने के लिये चला गया।
तभी मैंने उसे थैंक्यू बोला और किस करने लगा।

चिंटू चाय बनाकर लाया हमने चाय पी, कुछ देर बाद हमने चुदाई का अगला राउंड शुरू किया और इस बार दोनों ने मिलकर उसकी सिर्फ और सिर्फ गाण्ड को चुदाई की और उसे 4 बार चोदा जब तक कि थक नहीं गए।
और उसके बाद सो गए।

सुबह हम दोनों उठ गए और नहाकर कपड़े पहने और बाहर नाश्ता लेने चले गए, कब घर पर आये तो देखा कि प्रिया भी नहाकर बाल सुखा रही थी और पूरी नंगी थी।

हमने नाश्ता किया और जब घर चलने के लिये कहा तो प्रिया ने एक बार और चुदाई के लिये कहा।
हम दोनों बहुत आश्चर्य में थे कि रात को इतनी चुदने के बाद भी यह लड़की और चुदने के लिये बोल रही है।
पर हम दोनों में इतनी हिम्मत नहीं थी, वो बहुत ज्यादा ज़िद और मिन्नतें करने लगी।
उसे ऐसी देखकर हम दोनों तैयार हो गए पर सिर्फ एक बार ही चुदाई के लिये बोला।
वो भी तैयार हो गई।

चुदाई पूरी करके हम तीनों घर आ गए।

मैं घर आकर उस दिन मैं माँ और पिताजी के सामने ज्यादा नहीं गया क्योंकि उन्हें मेरी हरकत को भाँपने में जरा भी देर नहीं लगती।
आपको मेरी कहानी कैसी लगी। जरूर बताइये और हाँ गन्दे कमेंट्स बिल्कुल न करें।
 
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