आज की हिंदी सेक्स स्टोरी मेरे एक दोस्त ही है तो सुनिये उसकी कहानी उसी की ज़ुबानी:
मेरा नाम अमित शर्मा है, उम्र 32 साल.. शादीशुदा हूँ। मैं एक प्राइवेट जॉब कर रहा हूँ और अच्छी लाइफ चल रही है।
हिंदी सेक्स स्टोरी की सबसे बेहतरीन साईट अन्तर्वासना पर मैं पिछले 4 साल से चुदाई की कहानियां पढ़ रहा हूँ। मैंने इधर की लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं। मुझे अन्तर्वासना की सभी कहानियां अच्छी लगती हैं इसलिए अब मेरा भी दिल कर रहा था कि मैं भी अपनी सेक्स स्टोरी लिखूँ।
वैसे तो मैंने 18 साल की उम्र में ही पहला सेक्स कर लिया था.. मैंने अभी तक बहुत सारी चूतों की चुदाई की है.. पर अभी जो स्टोरी, मैं लिख रहा हूँ.. वो एक महीने पहले की ही है। अगर आप सभी का अच्छा रिस्पांस मिला तो मेरे साथ घटी अन्य बहुत सारी घटनाओं के बारे में भी मैं लिखूंगा।
मेरा एक दोस्त है बलकार, हम दोनों की दोस्ती पिछले 15 साल से है और हम दोनों पड़ोसी थे लेकिन 3 साल पहले बलकार ने मेरे पड़ोस से घर छोड़ कर किसी और जगह घर ले लिया है.. तो अब कभी-कभी मैं उसके नए घर में जाता हूँ.. परन्तु वो कभी-कभी ही मेरे घर आ पाता है।
मैं जब भी बलकार के घर जाता था.. तो उसके घर के पास एक भाभी रहती है, जो मुझे बहुत अच्छी लगती थी। उस भाभी का नाम रितु है.. वो बहुत मस्त आइटम है। उसकी उम्र कोई 30 के आस-पास की होगी और साइज यही कोई 36-32-36 का होगा।
भाभी के मम्मों को देख कर मेरा मन उन्हें चूसने का करता था।
तब मैंने बलकार से बात की- ये भाभी तो बहुत मस्त लग रही है यार..
बलकार बोला- तू देख ले.. अगर बात बनती हो तो सैट कर ले। मैं इस काम में तेरे लिए कुछ कर नहीं सकता।
मैं एक बात तो बताना भूल गया कि बलकार की बीवी प्रेग्नेंट थी तो मेरे को बार-बार बलकार के पास जाना पड़ रहा था।
बलकार की बीवी ने डेलिवरी में एक लड़के को जन्म दिया था।
चूंकि बलकार का लड़का बड़े ऑपरेशन से हुआ था इसलिए बलकार की बीवी को हॉस्पिटल में ही 10 दिन के लिए भर्ती कर लिया गया था। अगले दिन रितु बलकार को बधाई देने और उसकी वाइफ का हालचाल पूछने आई.. तब मेरी भी रितु से बात हुई और अच्छी जान-पहचान हो गई।
उस वक्त बलकार ने रितु से एक हेल्प करने के लिए भी कहा- रितु जी मेरा बड़ा बेटा दूसरी क्लास में पढ़ता है.. उसके स्कूल और खाने की दिक्कत हो रही है.. तो क्या आप उसे कुछ दिन तक सुबह तैयार करके स्कूल भिजवा सकती हो? और एक और रिक्वेस्ट है कि क्या आप मेरे और अमित के लिए खाना बना सकती हो? क्योंकि मैं तो हॉस्पिटल में ही रहूँगा और अमित मेरे घर मेरे बेटे को लेकर रात में रहेगा।
रितु ने कहा- हाँ ठीक है आप परेशान मत हो.. आखिर हम पड़ोसी हैं। एक पड़ोसी ही तो दूसरे पड़ोसी के काम आता है।
उस रात मैं बलकार के बेटे को लेकर बलकार के घर आ गया और हम दोनों उधर ही सो गए। सुबह करीब 8 बजे घर की डोरबेल बजी.. तो मैंने जाकर दरवाजा खोला।
सामने रितु खड़ी थी, उसने कहा- विशाल (बलकार के बेटे का नाम) कहाँ है, उसे स्कूल भेजना है।
उसने विशाल को तैयार कर दिया और मैं उसे स्कूल छोड़ने निकल गया। जब मैं विशाल को स्कूल से छोड़ कर वापस आया तो रितु किचन में खाना बना रही थी।
मैं भी किचन में ही चला गया और रितु से बातें करने लगा। रितु ने अपनी साड़ी नाभि के काफी नीचे से बाँधी हुई थी। मैंने नोटिस किया कि जब पहले जब में विशाल को स्कूल छोड़ने जा रहा था तब तो रितु ने नाभि के ऊपर साड़ी बाँधी थी और अब साड़ी नाभि के नीचे है।
रितु का गोरा बदन देख कर मेरा मन उसे चोदने का करने लगा था।
हम काफी हँसी-मजाक कर रहे थे।
मैंने रितु से कहा- मैं नहा कर आता हूँ।
मैं नहाने चला गया। जब मैं नहा कर बाहर आया तो मैंने सोचा क्यों न रितु के सामने में तौलिया में ही जाऊँ और देखूँ कि वो क्या रिएक्शन देती है। तो मैंने सिर्फ तौलिया ही लपेट लिया और किचन में आ गया।
रितु ने जब मुझे देखा तो कहने लगी- ये क्या.. आप सिर्फ तौलिया में ही आ गए?
मैंने कहा- तो क्या हुआ.. आपको मेरा ऐसे आना बुरा लगा क्या?
तो उसने कहा- ऐसी बात नहीं है.. मुझे कोई दिक्कत नहीं है.. मैं तो नॉर्मली ही कह रही थी।
अब तक मेरा लंड थोड़ा खड़ा सा हो गया था जो कि तौलिया के ऊपर से साफ दिखाई दे रहा था।
रितु ने कहा- मैंने खाना बना दिया है और टिफिन में पैक भी कर दिया है। आप उसे लेकर हॉस्पिटल चले जाना, मुझे भी जाना है।
इतना कह कर वो चली गई।
मेरा नाम अमित शर्मा है, उम्र 32 साल.. शादीशुदा हूँ। मैं एक प्राइवेट जॉब कर रहा हूँ और अच्छी लाइफ चल रही है।
हिंदी सेक्स स्टोरी की सबसे बेहतरीन साईट अन्तर्वासना पर मैं पिछले 4 साल से चुदाई की कहानियां पढ़ रहा हूँ। मैंने इधर की लगभग सभी कहानियां पढ़ी हैं। मुझे अन्तर्वासना की सभी कहानियां अच्छी लगती हैं इसलिए अब मेरा भी दिल कर रहा था कि मैं भी अपनी सेक्स स्टोरी लिखूँ।
वैसे तो मैंने 18 साल की उम्र में ही पहला सेक्स कर लिया था.. मैंने अभी तक बहुत सारी चूतों की चुदाई की है.. पर अभी जो स्टोरी, मैं लिख रहा हूँ.. वो एक महीने पहले की ही है। अगर आप सभी का अच्छा रिस्पांस मिला तो मेरे साथ घटी अन्य बहुत सारी घटनाओं के बारे में भी मैं लिखूंगा।
मेरा एक दोस्त है बलकार, हम दोनों की दोस्ती पिछले 15 साल से है और हम दोनों पड़ोसी थे लेकिन 3 साल पहले बलकार ने मेरे पड़ोस से घर छोड़ कर किसी और जगह घर ले लिया है.. तो अब कभी-कभी मैं उसके नए घर में जाता हूँ.. परन्तु वो कभी-कभी ही मेरे घर आ पाता है।
मैं जब भी बलकार के घर जाता था.. तो उसके घर के पास एक भाभी रहती है, जो मुझे बहुत अच्छी लगती थी। उस भाभी का नाम रितु है.. वो बहुत मस्त आइटम है। उसकी उम्र कोई 30 के आस-पास की होगी और साइज यही कोई 36-32-36 का होगा।
भाभी के मम्मों को देख कर मेरा मन उन्हें चूसने का करता था।
तब मैंने बलकार से बात की- ये भाभी तो बहुत मस्त लग रही है यार..
बलकार बोला- तू देख ले.. अगर बात बनती हो तो सैट कर ले। मैं इस काम में तेरे लिए कुछ कर नहीं सकता।
मैं एक बात तो बताना भूल गया कि बलकार की बीवी प्रेग्नेंट थी तो मेरे को बार-बार बलकार के पास जाना पड़ रहा था।
बलकार की बीवी ने डेलिवरी में एक लड़के को जन्म दिया था।
चूंकि बलकार का लड़का बड़े ऑपरेशन से हुआ था इसलिए बलकार की बीवी को हॉस्पिटल में ही 10 दिन के लिए भर्ती कर लिया गया था। अगले दिन रितु बलकार को बधाई देने और उसकी वाइफ का हालचाल पूछने आई.. तब मेरी भी रितु से बात हुई और अच्छी जान-पहचान हो गई।
उस वक्त बलकार ने रितु से एक हेल्प करने के लिए भी कहा- रितु जी मेरा बड़ा बेटा दूसरी क्लास में पढ़ता है.. उसके स्कूल और खाने की दिक्कत हो रही है.. तो क्या आप उसे कुछ दिन तक सुबह तैयार करके स्कूल भिजवा सकती हो? और एक और रिक्वेस्ट है कि क्या आप मेरे और अमित के लिए खाना बना सकती हो? क्योंकि मैं तो हॉस्पिटल में ही रहूँगा और अमित मेरे घर मेरे बेटे को लेकर रात में रहेगा।
रितु ने कहा- हाँ ठीक है आप परेशान मत हो.. आखिर हम पड़ोसी हैं। एक पड़ोसी ही तो दूसरे पड़ोसी के काम आता है।
उस रात मैं बलकार के बेटे को लेकर बलकार के घर आ गया और हम दोनों उधर ही सो गए। सुबह करीब 8 बजे घर की डोरबेल बजी.. तो मैंने जाकर दरवाजा खोला।
सामने रितु खड़ी थी, उसने कहा- विशाल (बलकार के बेटे का नाम) कहाँ है, उसे स्कूल भेजना है।
उसने विशाल को तैयार कर दिया और मैं उसे स्कूल छोड़ने निकल गया। जब मैं विशाल को स्कूल से छोड़ कर वापस आया तो रितु किचन में खाना बना रही थी।
मैं भी किचन में ही चला गया और रितु से बातें करने लगा। रितु ने अपनी साड़ी नाभि के काफी नीचे से बाँधी हुई थी। मैंने नोटिस किया कि जब पहले जब में विशाल को स्कूल छोड़ने जा रहा था तब तो रितु ने नाभि के ऊपर साड़ी बाँधी थी और अब साड़ी नाभि के नीचे है।
रितु का गोरा बदन देख कर मेरा मन उसे चोदने का करने लगा था।
हम काफी हँसी-मजाक कर रहे थे।
मैंने रितु से कहा- मैं नहा कर आता हूँ।
मैं नहाने चला गया। जब मैं नहा कर बाहर आया तो मैंने सोचा क्यों न रितु के सामने में तौलिया में ही जाऊँ और देखूँ कि वो क्या रिएक्शन देती है। तो मैंने सिर्फ तौलिया ही लपेट लिया और किचन में आ गया।
रितु ने जब मुझे देखा तो कहने लगी- ये क्या.. आप सिर्फ तौलिया में ही आ गए?
मैंने कहा- तो क्या हुआ.. आपको मेरा ऐसे आना बुरा लगा क्या?
तो उसने कहा- ऐसी बात नहीं है.. मुझे कोई दिक्कत नहीं है.. मैं तो नॉर्मली ही कह रही थी।
अब तक मेरा लंड थोड़ा खड़ा सा हो गया था जो कि तौलिया के ऊपर से साफ दिखाई दे रहा था।
रितु ने कहा- मैंने खाना बना दिया है और टिफिन में पैक भी कर दिया है। आप उसे लेकर हॉस्पिटल चले जाना, मुझे भी जाना है।
इतना कह कर वो चली गई।