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(UPDATE-01)

मायाबी दुनिया के सारे स्टेट्स इसे वक्त बहुत परेशान थे और उनकी परेशानी की वजह थी सम्राट का अंश यानि की अग्नि , सभी को पता चल चुका था की बाहरी दुनिया यानि की इंसानी दुनिया में अग्नि के रूप में सम्राट के अंश ने जन्म ले लिया है और सम्राट की सारी ताकतें भी हासिल करचूका है और बहुत जल्द वो यहाँ इसे मायाबी दुनिया में भी अज़ाएगा

और इसी परेशानी के चलते सारे वारएवोल्फ'से ने मिलकर ये तन लिया था की अग्नि के इसे दुनिया में आने से पहले ही वो डेत वाली का नामो निशान मिटा देंगे और उसमें रहने वाले वेमपाइर'से और मॉन्स्टर'से का भी

वारएवोल्फ'से के इसे फैसले से बकीके स्टेट'से रज़ामंद नहीं थे उन्होंने वारएवोल्फ'से के प्रिन्स को बहुत समझाया की अपना इरादा बदल डाले लेकिन वारएवोल्फ'से के प्रिन्स ने अपना इरादा नहीं बदला और उसने डेत वाली का नामो निशान मिटाने के इरादे से आखिरी हमला किया वहाँ रहने वाले वेमपाइर'से और मॉन्स्टर'से के ऊपर
सम्राट के वक्त में जहाँ पे पहले साल के 12 महीनों में ठंड का मौसम हुआ करता था वहाँ चारों तरफ बर्फ ही बर्फ पड़ती थी वहीं आज के वक्त में ईश्वक़्त डेत वाली में दोपहर की खड़ा खड़ाती धूप खिली हुई थी और इसे धूप के कारण वेमपाइर'से अपने अपने घरों में थे वो बाहर नहीं निकल सकते थे अगर वो बाहर निकलते तो धूप के कारण उनकी स्किन जल जाती इसलिए वो सब अपने अपने घरों में थे

और इसी बात का फायदा उठाकर वारएवोल्फ'से के फौज ने डेत वाली के ऊपर हमला कर दिया था , वो सब अपने अपने भेड़िए वाले रूप में थे वो बारे बारे भेड़िए थे वो सब ईश्वक़्त दानओं(मॉन्स्टर) के साथ लध रहे थे , दानव भी कम शक्तिसली नहीं थे वो सब भी बहुत ताकतवर थे लेकिन जबसे सम्राट की मौत हुई थी तबसे उनकी ताकतें भी कम हो गयी थी क्योंकि उन्न सबको सम्राट से ही ताकतें मिलती थी और इन्हीं सब बातों का फायदा उठाते हुए वारएवोल्फ'से दानोवँ के ऊपर जीिट हासिल कार रहे थे

एक एक दानव के ऊपर 3 , 3 बारे बारे वारएवोल्फ'से झपटा मर रहे थे जिस वजह से दानव जीिट नहीं पा रहे थे और वो सब और कमजोर पड़ते जा रहे थे और फिर वारएवोल्फ'से के प्रिन्स आर्डर देता है

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से - (अपने आधे फौज को) तुम सब जाओ और सारे वेमपाइर'से को उनके घरों से बाहर निकालो तकिी धूप में उनको जला कर मारा जा सके

और बाकी तुम सब इन दानोवँ को खत्म करो इन्हें जिंदा चोदने की कोई जरूरत नहीं है

फिर आधी फौज अपने प्रिन्स के आर्डर को मानते हुए वेमपाइर'से के घरों में घुस जाते हैं और उन्हें बाहर निकालने लगते हैं

और वारएवोल्फ'से की बाकी के फौज दानओं के ऊपर जानलेवा हमला करती है उनके गर्दनों के ऊपर अपने तेजधर दाँतों से और उनके गर्दन को चीरफाड़ देते हैं उन्हें मौत देते हैं

और यहाँ वेमपाइर'से घर से निकालने के वजह से उनके ऊपर तेज धूप पड़ती है जीशके वजह से उनकी स्किन जलने लगती है और सब चील्ला ते हुए इधर उधर भागने लगते हैं

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से अपनी गर्दन चारों तरफ घूमता है , हर तरफ दानव और वेमपाइर'से मर रहे थे और ये नज़ारा देख प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से बहुत खुश हो रहा था वो बहुत जोरों से हंस रहा था

लेकिन उसकी ये हँसी ज्यादा देर तक टिक्क नहीं पाई क्योंकि ठीक उसी वक्त वहाँ पे अंधेरा चढ़ने लगता है और अंधेरा चाहते हुए देख सभी आश्मन की तरफ देखने लगते हैं

सबकी नज़र एक ही चीज़ पे टिक्क जाती है चाहे वो वारएवोल्फ'से हो या दानव या वेमपाइर'से सभी बस सूरज के तरफ देखने लगते हैं , दूर से शा नज़र आ रही था जैसे कोई सूरज को धीरे धीरे निगल रहा हो

लेकिन कुछ देर बाद सबको ये पत्ता चल जाता है की कोई बहुत बड़ा सा पक्षी उड़ के आ रही है उनके तरफ और वो पक्षी इतना बड़ा था की उसने आधे सूरज को ढक दिया था , देखते ही देखते वो पक्षी और भी नज़दीक आ जाता है और फिर उन्न सबके ऊपर पहुँच जाता है

सभी अपने अपने गर्दन ऊपर किए हुए उस पक्षी को देख रहे थे , वो कोई आम पक्षी नहीं था वो एक बिशल कई काले रंग का ड्रॅगन था जीशके ऊपर एक शॅक्स बैठा हुआ था उसने भी एक काला लबादा पहन रखा था उसका चेहरा भी उसी लबादे में धक्का हुआ था अगर उस स्क्स का कुछ दिख रहा था तो वो था उसकी नीली नीली आँखें (थे ब्लू आइ'से)

फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से चिल्लाते हुए उस स्क्स को पूछता है कौन हो तुम इसे सवाल के बदले में वो स्क्स चुप रहता है लेकिन अपना हाथ आश्मन में उगे हुए सूरज की तरफ कार देता है और धीरे धीरे अपने हाथ के मुट्ठी को बंद करने लगता है

यहाँ पे उसका हाथों की मुट्ठी धीरे धीरे बंद हो रही थी वहीं आश्मन में फैला हुआ सूरज भी धीरे धीरे बादलों के पीछे गायब होने लगता है और देखते ही देखते सूरज गायब हो जाता है , यहाँ पे उस स्क्स की मुट्ठी पूरी तरह से बंद हुआ और ठीक उसी वक्त डेत वाली की मौसम में भी बदब शुरू हो जाता है जहाँ पे कुछ देर पहले जिस्म जलदेने वाली गर्मी थी अब वहाँ पे धीरे धीरे शारडी पड़ने लगती है और कुछ देर में बर्फ भी पड़ना शुरू हो जाता है , और ये सब नज़ारा देख प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के मुंह से सिफ एक ही लफ़्ज़ निकलती है अग्नीिीईईईईई....

जहाँ पे प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के होश उड़ चुके थे वहीं डेत वाली के वेमपाइर'से और दानओं में जोश अचुका था वो सब बहुत खुश थे क्योंकि उनका अकका उनका मलिक उनका युवराज अग्नि अचुका था उन्न सबको बचाने

फिर अग्नि अपने उसी हाथ को घायल वेमपाइर'से और दानओं के तरफ करता है और देखते ही देखते उनके सारे जखम भार्र जाते हैं और उनमें एक अजब से ताक़त भी आ जाती है और वो सब जो कुछ देर पहले घायल होकर नीचे ज़मीन पे पड़े हुए थे वो सब अब उठ खड़े हुए थे

अग्नि - मेरे साथियों तुम सबने बहुत जुल्म सहलिया लेकिन अब और नहीं क्योंकि में अचुका हूँ वापिस तुम सब अब अपनी अपनी गुलामी के ज़ंजीरों को निकल के फेंक दो और करदो इन सब पर हमलाआाआआ
 
[color=rgb(65,](UPDATE-02)[/color]
[color=rgb(209,]अग्नि के बस कहने के ही देर थी फिर सब उन्न वारएवोल्फ'से के ऊपर टूट पड़ते हैं और वारएवोल्फ'से भी कहाँ पीछे हटने वाले थे और फिर एक खतरनाक जंग शुरू होजती है वारएवोल्फ'से और डेत वाली के बीच में

सारे वेमपाइर'से अपने बढ़ता और ताक़त से वारएवोल्फ'से के ऊपर झपट रहे थे वहीं दानओं को वापिस अपनी पुरानी ताक़त मिल चुकी थी अग्नि के जरिए वो सब भी वारएवोल्फ'से को बुरी तरह से मरते हुए कुचलते हुए आगे तरफ रहे थे

और जहाँ कहीं भी वारएवोल्फ'से वेमपाइर'से और दानओं के ऊपर भारी पड़ते हुए नज़र आ वहाँ अग्नि अपने ड्रॅगन को आर्डर देदेटा और वो ड्रॅगन वहाँ पे अपने मुंह से आग का गोला फूँक देता और तो और वो ड्रॅगन उड्दते हुए जाकर उन्न वारएवोल्फ'से कभी जाता था

डेत वाली में अब कड़ाके की ठंड पड़ रही थी और बर्फ से ज़मीन ढकना शुरू होने लगा था और इसे मौसम में भी वहाँ घनघोर लधाई छल्ल रही थी , ज़में पर फैला हुआ सफेद सफेद बर्फ अब खून से लाल लाल बर्फ होचुके थे चारों तरफ बस खून ही खून थे

लधाई के पहले जहाँ पे लाखों वारएवोल्फ'से आए थे जंग लड़ने के लिए वहीं अब सिर्फ़ कुछ हज़ारों ही बचे थे बकीके सबको वेमपाइर'से और दानओं ने मर दिया था लेकिन अभी भी कुछ वारएवोल्फ'से जिंदा थे और पूरे जोश के साथ लध रहे थे और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से तो ख़ूँख़ार दरिन्दा बन चुका था जो भी उसके सामने आता चाहे वो वेमपाइर'से हो या दानव मारा जाता

कुछ घंटों तक जंग चलती रही जीतने भी वारएवोल्फ'से बच गये थे उन्न में से कुछ मर गये कुछ भाग गये और कुछ को बंदी बना लिया गया लेकिन अभी भी प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से लध रहा था और बहुत ही बहादुरी से लध रहा था

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के बहादुरी को देख अग्नि ने खुद उस से लड़ने का तय किया और नीचे उतरने लगा , जब ड्रॅगन नीचे उतरने लगा तो एक पल के लिए वहाँ पे तूफान सा आ गया क्योंकि जब ड्रॅगन नीचे उतार रहा था तो वो अपने पंख को हवा और ज़मीन के बीच में उड़ा रहा था और इसे से इतनी तेज हवा चल रही थी की नीचे ज़मीन पे एक पल के लिए खड़ा होना सबके लिए मुश्किल हो गया था

फिर अग्नि ड्रॅगन के ऊपर से नीचे उतरता है और अग्नि के नीचे उतरते ही सारे वेमपाइर'से और सारे दानव अपने अपने गर्दन को नीचे झुकाके अग्नि को सलामी करने लगे और अग्नि धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के तरफ

सारे वेमपाइर'से और दानव जो ईश्वक़्त प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को घेरे हुए थे वो सब अग्नि के वहाँ आने से हॅट जाते हैं , अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के सामने पहुँच जाता है और फिर अग्नि अपने काले लबादे को एक ही झटके में निकल देता है , काले लबादे के हाथ ते ही अग्नि का चेहरा और उसका पूरा जिस्म सबके सामने आ जाता है

अग्नि के जिस्म और चेहरे का रंग सफेद था दूध जैसा सफेद , आँखों का रंग ब्लू(डीप ब्लू) , उसके बाएँ हाथ पे गोल्डन फ्लवर का टट्टो बना हुआ था , उसके बाल लंबे और घुँगरालू थे और उसके बाल उसके आँखों तक अरहे थे , अग्नि ईश्वक़्त एक योढ़ा के कपड़ों में खड़ा था और उसके कमर में दो तलवार लटक रही थी

यूँ तो देखने में अग्नि एक खतरनाक योढ़ा की तरह दिखता था लेकिन उसके आँखें बहुत अजीब थी उसके आँखों में एक अजीब से कशिश दिखती थी , उसके आँखों में एक अजीब से प्यास दिखती थी , उसके आँखों में एक अजीब से आवारापन दिखता था

अग्नि को अपने सामने देख प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से अपने इंसानी रूप में आ जाता है और फिर

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से - क्या बात है मुझसे लड़ने खुद अंधेरे का युवराज आया है ये तो बहुत बड़ी खुश खबरी है मेरे लिए

अग्नि - सही कहा प्रिन्स आपने आप जैसे योढ़ा को हराने का मौका और वो खुशी में कैसे खो सकता हूँ इसलिए में आ गया

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से - वो तो जंग लड़ने के बाद ही पता चलेगा की कौन जीतेगा और कौन हारेगा

फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से एक कुल्हाड़ी लेकर अग्नि के तरफ तरफ जाता है और अग्नि अपने कमर में लटकी हुई दोनों तलवारें निकल लेता है , अग्नि के दोनों तलवार अग्नि के आँखों की तरह नीले रंग से चमक रहे थे और फिर अग्नि भी आगे तरफ जाता है और दोनों एक दूसरे से टकरा जाते हैं और दोनों के हत्यार भी एक डुशेरे से टक्रजते हैं

अंधेरा हो चुका था शाम होने के वजह से और इन दोनों की जंग शुरू हो चुकी थी एक जानलेवा और खतरनाक जंग और मौसम भी बट्ट से बत्तर होता जा रहा था बर्फ़बारी( स्नोफॉल ) और तेजिसे होने लगी थी

जब जब दोनों एक दूसरे से और दोनों के हत्यार एक दूसरे के हत्यार से टकराते थे तब तब आश्मन में बिजलिी कदकट्ी थी दोनों एक दूसरे के ऊपर वार पे वार करते जा रहे थे कभी प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से अग्नि के ऊपर तो कभी अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के ऊपर कुछ देर तक इसे ही लधाई चलती रही

फिर अग्नि अपने तेज रफ्तार से अपने दोनों तलवार को प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के कुल्हाड़ी पर दे मरता है जिस से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के हाथों से कुल्हाड़ी दूर जाकर गिरती है

अग्नि - (अपने चेहरे पे एक क़ातिलाना मुश्कं लिए)प्रिन्स अब क्या करेंगे आप[/color]
 
[color=rgb(65,](UPDATE-03)[/color]
[color=rgb(255,]फिर प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से एक वार फिरसे अपना रूप बदल लेता है और एक बिशल कई भेड़िया में बदल जाता है और बहुत तेजिसे भोक्ता है ओोउुुुुुुुुउउ और फिर अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से अग्नि के ऊपर छलाँग लगा देता है और अपने पंजे से एक जोरदार वार अग्नि के ऊपर करता है जिस से अग्नि दूर जाकर गिरता है और एक पेड़ से टकरा जाता है जिस से वो पेड़ उखाड़ जाता है

अग्नि फिर से उठ खड़ा होता है और इसे वक्त उसके आँखों में बहुत गुस्सा था , अग्नि अभी तक बस प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के साथ एक तरह से खेल रहा था लेकिन प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के इसे वार से वो गुस्से में आ जाता है और अग्नि हवा के रफ्तार से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के सामने जा पहुँचता है और एक जोरदार मुक्का झड़ देता है जिस से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से पत्रों से टकराते हुए दूर जाकर गिरता है

इसके बाद प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से बहुत बार अग्नि के ऊपर तेज रफ्तार से वार करता है लेकिन हर बार अग्नि उसे पूरे ताक़त के साथ पछाड़ देता है और दूर फेंक देता है फिर एक बार और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से ने वैसे ही हमला किया और इसे वार अग्नि उसका गर्दन पकड़ लेता है और उसके उस बिशल कई शरीर को ऊपर उठा देता है और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के एक हाथ को मरोड़ देता है और नीचे फेंक देता है

इसे तरह अग्नि ने प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से का हाथ मरोड़ा था की उसका हाथ की हड्डी टूट चुकी थी और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से नीचे ज़मीन में पड़ा करहह रहा था और वो अपने इंसानी रूप में भी आ जाता है

फिर अग्नि दुबारा से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को उठता है और कहता है

अग्नि - तो प्रिन्स अब में आप के साथ क्या करूँ

प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से - वही जो एक युवराज दूसरे युवराज के साथ करता है

अग्नि - अगर आप की यही इच्छा है तो यही सही , फिर अग्नि प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को दानओं के बीच फेंक देता है और कहता है

अग्नि - मुझे इसे क्या देख रहे हो कहा जाओ इसे यही इसकी आखिरी इच्छा है

अग्नि के इतना कहते ही सारे दानव प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से के ऊपर टूट पड़ते हैं और उसके जिस्म को चीरते हुए फाड़ते हुए खाजाते हैं और वहीं खड़ा अग्नि ये सब देख रहा था और उसके चेहरे पे एक हल्की से मुश्कूराहट थी गंडर - मायाबी दुनिया का सबसे बड़ा स्टेट और सबसे ज्यादा ताकतवर स्टेट , जिधर भी नज़र जाए जहाँ तक भी नज़र जाए हर तरफ जादू ही जादू देखने को मिलेगा यहाँ चाहे वो कोई नाश्ते का दुकान हो या कोई बहुत बड़ा सा घर यहाँ हरर तरफ सब कुछ जादू से ही चलता है जैसे नाश्ते के दुकान में नाश्ते अपने आप ही बन रहे थे और लोगों को अपने आप ही डेलिवर हो रहे थे जैसे बारे बारे घरों में सारे छोटे मोटे काम और बारे बारे काम जादू से होरहे थे

यही गंडर की खासियत है की इसे स्टेट में हर कोई जादू जनता है हर कोई अपने अपने जादू में माहिर है , अब आगे बढ़ते हैं

एक सिपाही तेजिसे घोड़े पे सवार गंडर के महेल के तरफ तरफ रहा था अपने घोड़े को चाबुक से मरते हुए वो तेजिसे अपनी मंजिल गंडर के महेल तरफ तरफ रहा था और वो सिपाही कुछ देर में गंडर के महल के सामने पहुँच भी जाता है और वो घोड़े से उतरता है और तेजिसे दौड़ हुए महेल के अंदर घुस जाता है महेल के बाहर पहरे में खड़े सिपाही उसे नहीं रोकते हैं बल्कि उसे सलाम करते हैं

कुछ देर में वो सिपाही महेल के अंदर गंडर के महाराज के कमरे के सामने खड़ा था और बाहर पहरे पे खड़े सिपाही से कहता है जाओ और महाराज को बताओ की हम उनसे मिलना चाहते हैं

वो सिपाही अंदर चला जाता है और कुछ देर बाद वापस अकके कहता है आप अंदर जाए सेनापति जी महाराज आप को अंदर बुला रहे हैं

ये भागता हुआ आया सिपाही कोई और नहीं वो गंडर का सेनापति था और कोई कुछ समाचार लेकर आया था और ईश्वक़्त गंडर के महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ के सामने खड़ा था

आज कल महाराज की तबीयत कुछ ठीक नहीं है इसलिए ज्यादातर वक्त वो अपने बिस्तर पर ही बिताते थे

महाराज - बोलिए सेनापति जी क्या खबर लाए हैं आप

सेनापति - जी महाराज वो वो

महाराज - ये जी जी क्या लगा रखा है साफ साफ बताइए समाचार क्या है

सेनापति - वो महाराज बहुत बुरी खबर है वारएवोल्फ'से हार गये और प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को दानओं ने कहा लिया

महाराज - क्य्ाआआआआअ ये कैसे हो सकता है वो दानव और वो वेमपाइर'से कैसे प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को हरा सकते हैं वो सब तो बहुत कमजोर थे

सेनापति - वो महाराज थे ईविल प्रिन्स यानि की सम्राट का वारिश अग्नि अचुका है

अग्नि के आने की बात सुनकर महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ को तो जैसे साप सूंघ जाता है वो बोखलते हुए अपने बिस्तर से उतजाते हैं

और फिर सेनापति महाराज को सारी बातें बता देता है सबकुछ जो वहाँ हुआ था वो सब सेनापति बता देता है

महाराज - ये सब बातें तुम्हें कहाँ से पता चली सेनापति जी

सेनापति - महाराज जिस वक्त जंग चल रही थी ुषवक़्त में उन्न जादूगरों के साथ था और जादुई पानी में उस जंग को देख रहा था

महाराज - इसका मतलब सम्राट की भविस्यबानी सच हो गयी है और अग्नि अचुका है और उसके पास सम्राट की सारी ताकतें भी है

सेनापति - हाँ महाराज , अब आप को कुछ करना होगा महाराज

फिर महाराज सेनापति को बाहर जाने को कहते हैं और सेनापति के जाने के बाद महाराज किसी गहरी सोच में डुब्ब जाते हैं

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जिस वक्त मायाबी दुनिया में ये सब घाट्ट रहा था उस वक्त इंसानी दुनिया में इंसान इन सब बातों से बेख़बर बारे आराम से और मौज से अपनी अपनी जिंदगी जी रहे थे

हिन्दुस्तान का एक छोटा सा गाँव जिसका नाम सरहादपुर था , ये गाँव पहाड़ों और जंगल से घिरा हुआ था और कुदरत से घिरे होने कारण ये गाँव एक खूबसूरत और शांत गाँव था , यहाँ के लोग भी बहुत अच्छे थे हरर किसकी मदद करना इन्हें अच्छा लगता था

ये गाँव सिर्फ़ खूबसूरत और शांत गाँव नहीं था ये गाँव प्रगातीसील हिन्दुस्तान का प्रगातीसील गाँव था और ये गाँव दिन बीए दिन और प्रगती कार रहा था

और इसी गाँव में एक लड़का रहता था जिसका नाम था रुद्रा , उसका पूरा नाम था रुद्रा सिंग , और ये लड़का दिखने में , उसका जिस्म और चेहरे का रंग सफेद था उसकी आँखों का रंग काला था उसका बॉडी नॉर्मल था चेहरे से बहुत ही मस्सों और प्यारा लगता था पूरे गाँव में उस से ज्यादा हॅंडसम लड़का कोई और नहीं था

गाँव की सारी लड़कियाँ उशपे मारती थी लेकिन वो किसी और पे मरता था हरर पल कोई ना कोई लड़की उस से बात करने का मौका तलाश करती थी और रुद्रा उन्न सबसे अपने आप को हमेशा बचाते फिरते थे क्योंकि उसने अपने दिल को जो किसी और को दे दिया था

शा ही था रुद्रा , और उसके जो सबसे करीब थे वो दो स्क्स थे एक थे उसके पापा जिन्हें रुद्रा बहुत प्यार करता था और उसके पापा भी उसे बहुत प्यार करते थे , रुद्रा की मां नहीं थी उसे पल पॉश के उसके पापा ने ही बड़ा किया था और रुद्रा हमेशा अपने पापा के बात को मानता था और अपने पापा से कुछ भी नहीं छिपाता था चाहे वो कितनी छोटी बात हो या बड़ी बात[/color]
 
[color=rgb(65,](UPDATE-04)[/color]
[color=rgb(255,]और दूसरा स्क्स था उसका बचपन का दोस्त उसका लोंगोतिया यार सन्नी पूरे गाओंवले इनके दोस्ती की मिशल दिया करते थे की दोस्त हो तो रुद्रा और सन्नी की तरह वरना ना हो और दोनों बिलकुल जाई और वीरू थे एक दूसरे के ऊपर जान छिड़कना तो आम से बात थी ये दोनों हमेशा साथ पाए जाते थे , दिन के 24 घंटे में से अगर सोने का वक्त यनेकिी 6 घंटे निकल दो तो बकीके 18 घंटे दोनों साथ बिताते थे , दोनों एक दूसरे के मन की बात एक दूसरे को बिना बोले ही समझ जाते थे , इसी तरह की थी उनकी दोस्ती सुबह के 7 बज रहे थे और रुद्रा अपने कमरे में तैयार हो रहा था कालेज जाने के लिए , कालेज में पहला क्लास सुबह के 9 बजे था और कालेज सरहादपुर से 30केयेम दूर था इसलिए रुद्रा सुबह जल्दी उतज़ता था

रुद्रा तैयार होकर अपने कमरे से बाहर निकलता है तो देखता है की बाहरवाले कमरे में उसके पापा बैठे हैं और चाय पी रहे हैं , रुद्रा के पापा का नाम वीर सिंग था और वो एक ढाबा चलते थे

रुद्रा - गुड मॉर्निंग पपाजिी

पपाजिी - गुड मॉर्निंग बेताजिी , तो तैयार हो गये आप

रुद्रा - हाँ पपाजिी में तैयार हो गया हूँ अब चलता हूँ सन्नी मेरा इंतजार कार रहा होगा बस स्टैंड पे

पपाजिी - अरे बेताजिी नाश्ता तो कर लो

रुद्रा - नहीं पपाजिी लेट होरा है में नाश्ता कालेज में करलूंगा

पपाजिी - चलो ठीक है मगर पैसे तो है ना आप के पास

रुद्रा - हाँ पपाजिी पैसे हैं मेरे पास

फिर रुद्रा घर से बस स्टैंड के तरफ निकल जाता है और इधर बस स्टैंड पे सन्नी पहले से ही खड़ा लड़कियों को तद्ड रहा था और अपनी आँखें सेख रहा था

सन्नी - (एक लड़की को देखते हुए) आश्मन में तादादम लाखों तारे हैं तादादम ओउ जानेमन कैसी हो

लड़की - देख सन्नी मुझे गुस्सा ना दिला वरना

सन्नी - वरना क्या जानेमन पपीई देगी क्या , चल देदे मुझे एक पपीई दिन बहुत अच्छा गुजरेगा

लड़की - पपीई नहीं मेरी ये सैंडल(चपल) दूँगी और वो भी तेरे गाल पे

सन्नी - जानेमन में अपने गाल पे सिर्फ़ पपीई लेता हूँ और कुछ नहिंन्न्न् समझी क्या , देना है तो एक पपीई देदे

फिर वो लड़की गुस्से में आ जाती है और अपनी सैंडल(चपल) निकल के सन्नी के तरफ बढ़ती है लेकिन ठीक उसी वक्त वहाँ पे रुद्रा पहुँच जाता है और उस लड़की को रोक देता है

लड़की - देख रुद्रा तेरे इसे लफंगे दोस्त को समझा दे वरना अच्छा नहीं होगा

रुद्रा - आब्बी ओये सन्नी ये क्या यार रोजाना इसे परेशान करता रहता है चल अब इसे सॉरी बोल

सन्नी - ठीक है यार तू बोल रहा है इसे लिए बोल्देटा हूँ , ओये जानेमन आम सॉरी

लड़की - कमीने तू कभी नहीं सुधरेगा हुन्न्ञननणणन्

सन्नी - अरे जानेमन हम बिगड़े ही कब थे जो सुधरेंगे हम तो बचपन से ही इसे हैं

और ठीक उसी वक्त बस आ जाता है और उसमें रुद्रा और सन्नी दोनों चढ़ जाते हैं और जाते जाते भी सन्नी उसे लड़की को तंग करने से पीछे नहीं हाथ था

सन्नी - ओये जानेमन चल कल मिलते हैं और कल में तुझसे पपीई लेकर ही रहूँगा बेययययययी

बस आगे चल देती है और वो लड़की वहाँ खड़ी सन्नी को गलियाँ देती रही जाती है

रुद्रा - आबे साले तू कभी नहीं सुधरेगा

सन्नी - आबे यार मेरी बातें चोद तू ये बता तू आज लेट क्यों हुआ तू तो हमेशा मुझसे भी पहले आ जाता है

रुद्रा - कुछ नहीं यार वो आज उठने में थोड़ा सा लेट हो गया इसे वजह से

सन्नी - लगता है कल रात भर तू उसी के सपने देखता रहा जीशके वजह से आज तुझे उठने में लेट हो गया क्यों सही बोल रहा हूँ ना

रुद्रा - क्या यार सन्नी तू भी ना कुछ भी बोलता रहता है (ये सब कहते वक्त रुद्रा का चेहरा शर्म से लाल हो गयी थी)

सन्नी - आबे रहने दे रहने दे तेरा चेहरा देख के कोई भी बता देगा की तू साले झूठ बोल रहा है

इसे ही बातें करते करते वो दोनों कालेज पहुँच जाते हैं और कालेज में घुसते ही रुद्रा चारों तरफ देखने लगता है और सन्नी रुद्रा को यूँ चारों तरफ देखते हुए देख सन्नी समझ जाता है ये रुद्रा चारों तरफ इसे क्यों देख रहा है

सन्नी - आब्बी मजनू के चाहते हुए औलाद इसे क्या देख रहा है चारों तरफ तेरी लैला अभी तक नहीं आई है

रुद्रा - तुझे कैसे पता भी

सन्नी - आबे अगर तेरी लैला कालेज अचूकी होती तो पार्किंग प्लेस में तेरी लैला के आशिक नितिन की कार जरूर पार्क होती क्यों समझ में आया

रुद्रा - (चिढ़ते हुए) आबे तुझे कितनी वार बोला है वो दोनों दोस्त होंगे यार

सन्नी - मेरे प्यारे भोले मैंने भी तुझे कितनी वार बोला है की वो दोनों कोई दोस्त बोस्ट नहीं लैला मजनू हैं लेकिन तू है की बात को समझता नहीं है

रुद्रा - नहीं यार मेरा दिल नहीं मानता हाँ शा भी तो हो सकता है की नितिन ही मेरी सोना के पीछे पड़ा हो और उस नितिन के साथ घूमना फिरना सोना की कोई मजबूरी हो और अगर वो दोनों एक दूसरे से प्यार करते भी हैं तो सोना हमेशा मुझे देख के मुश्कूराती क्यों है और उसके उस मुश्कं में प्यार झलकता है

सन्नी - पहले तो यार यही कहूँगा की तू स्वार्थ को मजबूरी का नाम मत दे और दूसरी बात सोना जैसी लड़कियाँ किसी एक की नहीं रही सकती जीशके पास भी ज्यादा पेसा और पावर रहेगा सोना उशिके पास जाएगी इसे वक्त नितिन का बाप हमारे गाँव का सरपंच है और बहुत बड़ा ज़मेंडर भी इसे लिए सोना नितिन के साथ है और रही बात तुझे देख के मुश्कूराने की तो बात ये है की तू साला हमारे गाँव और इसे कालेज का सबसे हॅंडसम लौंडा है और वो जानती है की तू उसे प्यार करता है इसलिए वो तुझे अपने उंगलियों पे नाचना चाहती है अब समझा

रुद्रा - चल तू कुछ भी बोला मात कर मेरी सोना ऐशी नहीं है वो तो बहुत अच्छी है समझा

सन्नी - साले एक दिन मरेगा इसे सोना के चक्कर में तब तुझे पत्ता चलेगा की में सच बोल रहा था

सन्नी - लो आ गाई तेरी सोना अपने मजनू नितिन के साथ , बोलो जाई सोना मैयाँ की , ये बोलकर सन्नी हस्सने लगता है

रुद्रा नितिन की कार के तरफ ही देखने लगता है , कार का दरवाजा खुलता है और उसमें से नितिन के साथ सोना बाहर निकलती है , सोना इसे कालेज की सबसे ज्यादा खूबसूरत लड़की थी , सोना को देखते ही रुद्रा सोना के खूबसूरती में खो जाता है ,नितिन और सोना दोनों धीरे धीरे आगे तरफ रहे थे , और जैसे ही सोना रुद्रा के सामने से गुजरती है तो रुद्रा को देख हल्का सा मुस्करा देती है

और सोना की ये मुश्कं सीधे आकर लगती है रुद्रा के दिल पे और रुद्रा इसे बात से बहुत खुश हो जाता है जैसे की उसे आज दुनिया की सबसे कीमती चीज़ मिल गयी हो सोना के मुश्कं के रूप में , और रुद्रा को इतना खुश देख सन्नी उसे कहता है

सन्नी - आब्बी ओये ज्यादा उड़ मात वरना जब ज़मीन पे गिरेगा ना तो बहुत दर्द होगा समझा , अब चल क्लास का वक्त हो गया है

फिर रुद्रा और सन्नी भी क्लास के तरफ चल देते हैं , क्लास तो शुरू होजती है लेकिन रुद्रा का दिल आज पढ़ाई में नहीं था उसका दिल तो सोना के ख्यालों में था और उसकी निगाहें भी सोना के ही ऊपर थी

इधर क्लास रूम में टीचर पढ़ा रहे थे उधर रुद्रा सोना को ही देख रहा था और सोना भी ये जानती थी की रुद्रा उसे ही देख रहा है इसलिए वो बीच बीच में रुद्रा को देख मुस्करा देती है जिस से रुद्रा का दिल और भी ज्यादा मचल उठ था और वो और भी ज्यादा खुश हो जाता

इसे ही देखते देखते आज के सारे क्लास खत्म होजते हैं और कालेज की छूतीी होजती है और कालेज खत्म होने के बाद सब अपने अपने घर के तरफ चल देते हैं , सोना नितिन के साथ उसके गाड़ी में आई थी और नितिन के साथ ही घर लौट गयी

और रुद्रा और सन्नी दोनों बस में जा बैठे कुछ देर में बस गाँव में पहुँच जाती है और दोनों बस से उतरके अपने अपने घर के तरफ चलने लगते हैं

सन्नी - यार तूने आज रात के बारे में क्या सोचा है

रुद्रा - रात के बारे में?

सन्नी - आबे साले तू भूल गया आज गाँव में शाम को मेला लगने वाला है और हमें वहाँ जाना है

रुद्रा - अरे हाँ यार में इतनी बड़ी बात कैसे भूल गया[/color]
 
[color=rgb(65,]{UPDATE-05}[/color]
[color=rgb(51,]सन्नी - साले जबसे उसे सोना ने तुझे कालेज में दो चार स्माइल दिए हैं तुझे होश कहाँ है जो तू ये सब बातें याद रखेगा

रुद्रा - हाँ यार तू सही बोल रहा है सोना के प्यार में मेटो बबला बनता जा रहा हूँ कुछ करना पड़ेगा यार

सन्नी - क्या करेगा भी तू

रुद्रा - हाँ एक आइडिया है आज सोना मेले में जरूर आएगी और में अपने दिल की बात सोना को कह दूँगा

सन्नी - आबे बबला हो गया है का जो ऐशी बहकी बहकी बातें कार रहा है

रुद्रा - नहीं यार कुछ भी होज़ाये में आज सोना को कह कार रहूँगा अपने दिल की बात

फिर रुद्रा और सन्नी दोनों शाम को मेले के लिए मिलने के वेड के साथ दोनों अपने अपने घर की तरफ चल डेट हैं
शाम के 7 बज रहे थे और ईश्वक़्त रुद्रा अपने पापा के साथ उनके ढाबे पे था , और काम में अपने पापा का हाथ बता रहा था और इसी बीच वहाँ पे सन्नी भी अपहुँचता है और आ ही रुद्रा को आवाज़ देता है

सन्नी - आबे रुद्रा चलना नहीं है क्या , चल जल्दी लेट हो रहा है

रुद्रा'से पापा - कहाँ जाने का प्रोग्राम है तुम दोनों का बेटा

सन्नी - वो अंकल जी मेले में जाने का प्लान था

रुद्रा'से पापा - अरे रुद्रा बेटा तो तुम यहाँ क्या कार रहे हो जाओ सन्नी के साथ

रुद्रा - वो पापा कुछ पैसे चाहिए थे

रुद्रा'से पापा - जरूर बेटा ये लो और मजे करना तुम दोनों

अपने पापा से पैसे लेने के बाद रुद्रा सन्नी के साथ गाँव के मैदान के तरफ चल देता है जहाँ पे मेला लगा हुआ था

जब दोनों अंदर घुसते हैं तो दोनों की आँखें एक पल के लिए मेले का रौनक देख चमक उठती हैं , मेले में बहुत सारे दुकाने लगी हुई थी खाने पीने का दुकान से लेकर कपड़े का दुकान तक , बच्चों के खिलौने के दुकान से लेकर बड़ों के मनपसंद गिफ्ट'से के दुकान तक

और तो और तरह तरह के खेल भी वहाँ हो रहा था जैसे की बंदूक से निसना लगाओ और निसना सही लगने पर अपना पसंदीदा तौफा ले जाओ , और मौत का कुआँ जहाँ पे एक लड़का अपने बाइक से बिभिन्न तरह के करतब दिखा रहा था और इसी तरह के बहुत से खेल थे

और सब देख देख के सन्नी और रुद्रा आगे तरफ रहे थे के तभी सन्नी की नज़र एक लड़की पे पड़ती है तो सन्नी उसे आँख मर देता है और बदले में वो लड़की भी सन्नी को आँख मर देती है और इसे बात से सन्नी उछाल पड़ता है

सन्नी - ओये रुद्रा सुन तू आगे निकल मुझे थोड़ा सा कम याद आ गया है में उसे निपटा के आता हूँ

रुद्रा - साले में सब समझता हूँ तू मुझे आगे भागके उसे लड़की के पास जाना चाहता है ना जिसने अभी अभी तुझे आँख मारी क्यों सही बोला ना

सन्नी - यार तूने देख लिया चल अब देख ही लिया तो अच्छा है अब जा में बाद में मिलता हूँ

रुद्रा - पर यार में अकेले यहाँ क्या करूँगा

सन्नी - आबे वो देख उसे दुकान पे वहाँ सोना खड़ी है और वो अकेली भी है

रुद्रा - कहाँ यार?

सन्नी - आबे वो देख , अब जा तू उसे अपनी दिल की बात कहना चाहता था ना अब जा

फिर रुद्रा सोना के तरफ तरफ जाता है और सन्नी उसे लड़की के तरफ

सोना ईश्वक़्त एक दुकान पे खड़ी अपने लिए एअर रिंग्स खरीद रही थी वो हर एक एअर रिंग'से को अपने कान पे लगाकर मिरर में देख रही थी और तभी

रुद्रा - ये एअर रिंग'से तुम पर बहुत अच्छी लगती है सोना

सोना पीछे पलट टीी है और अपने सामने रुद्रा को पति है

रुद्रा - ही सोना कैसी हो

सोना - में ठीक हूँ रुद्रा , क्या सच में ये एअर रिंग'से मुझपर अच्छी लगती हैं

रुद्रा - हाँ सोना ये सचमे तुम पे जचती हैं , में तो ये कहूँगा की ये वाले एअर रिंग'से क्या तुम पे तो सभी एअर रिंग'से अच्छे लगेंगे क्योंकि तुम बहुत खूबसूरत हो सोना

सोना - तांख्षकश रुद्रा वैसे तुम मेरी इतनी तारीफ करके मुझे सरमिंदा कार रहे हो

रुद्रा - सोना में तुमसे कुछ बात करना चाहता हूँ

सोना - हाँ रुद्रा कहो क्या कहना चाहते हो तुम मुझसे

रुद्रा - यहाँ नहीं सोना कहीं और चलते हैं

सोना - ठीक है तो चलते हुए बात करते हैं

रुद्रा - ठीक है , और फिर दोनों वहाँ से चल देते हैं और फिर रुद्रा हिम्मत जुटा लेता है सोना से अपनी दिल की बात कहने के लिए

रुद्रा - सोना में ये बात जो तुमसे कहना चाहता हूँ वो मेरे लिए बहुत जरूरी है , ये बात में तुमसे हमेशा से कहना चाहता था पर कभी कह नहीं पाया लेकिन आज कहूँगा , सोना में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ और में तुमसे तबसे प्यार करता हूँ जबसे में प्यार का मतलब भी नहीं समझता था ई लव यू वेरी मच सोना

ये सुनकर सोना के चेहरे का रंग उड़ जाता है जो कुछ देर पहले तक खिला हुआ था अब वो सोना का चेहरा फिक्का पड़ चुका था , दोनों बस एक दूसरे को बहुत देर तक देखते रहते हैं फिर इसे छुपीी को रुद्रा ही तोड़ता है

रुद्रा - क्या हुआ सोना तुमने कुछ जवाब नहीं दिया

नितिन - जवाब में देता हूँ साले , ये शब्द सुनते ही दोनों सोना और रुद्रा पीछे पलट ते हैं तो अपने सामने नितिन को पत्ते हैं जो ईश्वक़्त बहुत गुस्से में था

नितिन - साले तेरी इतनी हिम्मत तूने मेरे प्यार पर हाथ फेरने की कोशिश किया रुक्क साले अभी बताता हूँ

फिर नितिन आगे बढ़ता है और रुद्रा के ऊपर हाथ उठा देता है और फिर रुद्रा को मरने लगता है , सोना बीच में आती है और नितिन को रोककती है

सोना - नितिन ये क्या कार रहे हो रुक्क जाओ चोदा इसे

नितिन - नहीं सोना मेरा हाथ चोद इसे साले को में नहीं चोदूंगा आज साले ने तेरे ऊपर नज़र डाली

सोना - नितिन शांत होजाओ चोदा इसे और रुद्रा तुम जाओ यहाँ से और आइन्दा से मुझसे मिलने की कभी कोशिश भी मत करना

फिर रुद्रा सोना के आँखों में देखता है लेकिन उसे अपने लिए सोना के आँखों में प्यार नज़र नहीं आता है और फिर रुद्रा वहाँ से अपने आँखों में आस्यू लिए चल देता है

रुद्रा अपने आँखों से आस्यू पोछते हुए मेले के बाहर जा रही था , आज उसका दिल टूट चुका था उसने अपने प्यार को पाने से पहले ही खो दिया था , और वो अपने आप में ही खोया हुआ आगे चल रहा था उसे ये भी ख्याल नहीं था की वो किस और जा रहा है फिर वो किसी से टकरा जाता है और जब वो उस स्क्स को देखता है जिस से वो टकराया था तो अपने सामने सन्नी को पत्ता है

सन्नी - क्या हुआ भी तू इतने जल्दी में कहाँ जा रहा है

रुद्रा - घर जा रहा हूँ यार यहाँ पे अच्छा नहीं लग रहा है

सन्नी - क्या हुआ तुझे तू इतना उदास क्यों है यार

रुद्रा - कुछ भी नहीं है यार

सन्नी - तो तू अब मुझसे भी छुपाएगा

रुद्रा - पहले यहाँ से चल यार फिर तुझे बताता हूँ

फिर दोनों मेले से बाहर निकल जाते हैं और गाँव के नदी के तरफ चल देते हैं और दोनों नदी के किनारे बैठ जाते हैं फिर रुद्रा सन्नी को सारी बातें बता देता है और नितिन ने रुद्रा को मारा ये सुनकर सन्नी को गुस्सा आ जाता है

सन्नी - उस साले की इतनी हिम्मत की वो तुझ पर हाथ उठाए चल अभी मेरे साथ उस साले की औकाड दिखाते हैं उसे

रुद्रा - शांत होज़ा यार तुझे मेरी कसान में जनता था की जब तू ये बात सुनेगा तो तुझे बहुत गुस्सा आएगा इसे लिए में तुझे यहाँ लेआा था , चल अब ये सब बातें चोद और ये बता तू जिस लड़की के पास गया था वहाँ कुछ हुआ या नहीं

सन्नी - (अपने गुस्से को शांत करके) हुआ ना यार बहुत कुछ हुआ

रुद्रा - क्या हुआ

सन्नी - क्या बताऊं यार तुझे में अपनी तो साली किस्मत ही पांडु है , जिसे मैंने समझा हूर की पड़ी वो तो जाहानुं का पड़ा निकला

रुद्रा - क्या मतलब में कुछ समझा नहीं यार[/color]
 
{Update-06}
[color=rgb(51,]सन्नी - यार में उसे लेकर कुछ देर के लिए उस खाने के स्टॉल के पीछे गया था जहाँ पे अंधेरा था सोचा था मेजे करूँगा लेकिन मुझे उल्टा ही 2000वॉट का बिजली का झटका लगा यार

रुद्रा - क्यों क्या हुआ यार

सन्नी - अरे यार अंधेरे में मैंने उसके साथ मजे लूटने स्टार्ट कर दिया कुछ देर उसके तेननईश बॉल के साथ खेला फिर उसके होठों(लीप'से) के साथ और जब में नीचे उसके होल में हाथ फेरने लगा तो वहाँ पे एक होल के जगह पे एक स्टिक था

रुद्रा - क्य्ाआआआआअ

सन्नी - हाँ यार वो कोई लड़की नहीं थी में तो ये कहूँगा वो ना तो लड़की थी और ना ही लड़का वो बीच का था वो एक हियिरा था साले

सन्नी की बातों को सुनकर रुद्रा का मान जो कुछ देर पहले दुखी था वो अब खुश हो जाता है और रुद्रा ज़ोर ज़ोर से ठहाके लगाने लगता है ज़ोर ज़ोर से रुद्रा हस्सने लगता है और रुद्रा को हस्सते हुए देख सन्नी चिढ़ जाता है और रुद्रा को गली देने लगता है ------ और ठीक उसी वक्त मायवी दुनिया में

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मायवी दुनिया के स्टेट डेत वाली में ईश्वक़्त मौसम बहुत ठंडा था , जिधर भी नज़र जाए वहाँ सिर्फ़ बर्फ ही बर्फ नज़र आ रही था , डेत वाली के पहाड़ियाँ बर्फ से ढकी हुई थी और बर्फ ने डेत वाली को पूरी तरह से ढक लिया था , बारे बारे पेड़ के दहनियों के ऊपर बर्फ थी पेड़ के पत्तों के ऊपर बर्फ थी डेत वाली के मकानों के ऊपर भी बर्फ ही बर्फ था , और इसे चाँदनी रात में जब चाँद की रोशनी इन बर्फ के ऊपर पड़ रही थी तो डेत वाली की खूबसूरती और भी ज्यादा तरफ रही थी

डेत वाली इसे पूरे मायवी दुनिया की सबसे खूबसूरत स्टेट था ये कहने की जरूरत नहीं थी क्योंकि ये सभी स्टेट'से जानते थे और डेत वाली के इसे खूबसूरती से जलते भी थे और वो सब ये भी जानते थे की खूबसूरत चीज़ बहुत खतरनाक भी होती है और ये डेत वाली भी खूबसूरत के साथ साथ बहुत खतरनाक भी था

ईश्वक़्त डेत वाली के जुंगलेओं में एक यूनिकॉर्न(एक शा घोड़ा जीशके सर के ऊपर सिंग होता है और वो घोड़ा उड़ भी सकता है उसके दो बारे बारे पंख भी होते हैं , लोगों का कहना है की इन यूनिकॉर्न'से में कुछ रहस्य माई ताकतें भी होती हैं) डेत वाली के जुंगेलों में एक यूनिकॉर्न घूम रहा था और अंधेरे में कोई उसे यूनिकॉर्न को चुप चुप के देख रहा था

यूनिकॉर्न शायद खाने के तलाश में भटक रहा था इसे बर्फीले जंगल में और उस से कुछ दूर पे एक परछाई उशपे नज़र रखे हुए थे और कुछ देर बाद वो परछाई आगे बढ़ता है उसके चेहरे पे चाँद की रोशनी पड़ती है और ये परछाई कोई और नहीं अग्नि था

और जैसे ही अग्नि उसे यूनिकॉर्न के ऊपर छलाँग लगाने को होता है की तभी उसे यूनिकॉर्न को आभास हो जाता है की कोई उसे पर हमला कार रहा है इसे लिए वो यूनिकॉर्न तेजिसे वहाँ से भागने लगता है और उसके पीछे अग्नि भी तेजिसे भागने लगता है देखते ही देखते उसे यूनिकॉर्न की रफ्तार और बदहजति है और साथ में अग्नि की भी दोनों बहुत तेजिसे भाग रहे थे

फिर वो यूनिकॉर्न भागते हुए जंगल से बाहर निकल आता है और पहाड़ी के तरफ आ जाता है और फिर वो यूनिकॉर्न जैसे ही उड़ने के लिए अपने पंख खोलता है अग्नि पीछे से उसके ऊपर जंप करदेता है और एक जोरदार मुक्का उसे यूनिकॉर्न के चेहरे पे झड़ देता है जिस से वो यूनिकॉर्न नीचे गिरर जाता है और अग्नि अपना मुंह खोलता है और देखते ही देखते अग्नि के दो दाँत नुकीले आकर में तरफ जाते हैं और फिर अग्नि झपट पड़ता है उसे यूनिकॉर्न के गर्दन के ऊपर और अपने दोनों नुकीले दाँतों को गॅड देता है यूनिकॉर्न के गर्दन में

बहुत देर तक अग्नि उसे यूनिकॉर्न का खून पिता रहता है और जब वो उस यूनिकॉर्न के शरीर के आख़िर बंद तक का खून पिजाता है तब वो अपने नुकीले दाँतों को उसे यूनिकॉर्न के गर्दन से निकलता है , जब अग्नि उस यूनिकॉर्न के ऊपर से उठ खड़ा होता है तो उसके चेहरे पे चाँद की रोशनी पड़ती है और उसका चेहरा साफ साफ दिखने लगता है अग्नि के मुंह में यूनिकॉर्न का खून लगा हुआ था और अग्नि अपने मुंह को पोछते हुए पहाड़ी के छोटी के तरफ तरफ जाता है जो की कुछ ही कदम दूर थे वहाँ से अग्नि ईश्वक़्त एक बर्फीले पहाड़ी के छोटी पे खड़ा चाँद के तरफ देख रहा था और शायद चाँद में किसी को ढूंढ़ने की कोशिश कर रहा था , उस यूनिकॉर्न की लाश अभी भी अग्नि से कुछ कदम पीछे पड़ा हुआ था

कुछ देर बाद एक और काला साया जंगल से होते हुए उस पहाड़ी के ऊपर अपहुँचता है और सबसे पहले उस काले साए की नज़र पड़ती है उस मारे हुए यूनिकॉर्न के ऊपर और फिर पहाड़ी के छोटी पे खड़े अग्नि के ऊपर फिर वो काला साया अग्नि के तरफ तरफ जाता है

वो काला साया अग्नि के पास जा पहुँचता है उस पहाड़ी के छोटी पे पहुँचते ही उसके चेहरे पर भी चाँद की रोशनी पड़ती है और ये काला साया कोई और नहीं अग्नि की आंटी शीतल थी , अग्नि की आंटी अग्नि के कंधे पे हाथ रख देती हैं और कहती हैं

अग्नि'से आंटी - बेटा इसे क्या देख रहे हो चाँद में कहीं तुम वर्षा को याद तो नहीं कार रहे

अग्नि - सही कहा आंटी आप ने में सिर्फ़ उन्न लोगों को याद ही कार सकता हूँ जिन्हें में कभी सबसे ज्यादा प्यार किया करता था पर कभी मिल नहीं सकता क्योंकि आप ने जो मुझे एक वेमपाइर बना दिया है

अग्नि'से आंटी - बेटा तुमने अभी तक अपने इसे जिंदगी को अपनाया नहीं है मेरा कहना मानो बेटा उन्न सबको भूल जाओ और अपने इसे नये जिंदगी को अपना लो

अग्नि - कैसे भूल जाऊं उन्न सबको आंटी भले ही में आज एक वेमपाइर बन चुका हूँ मेरे सीने में मौजूद दिल ने धड़कना बंद कर दिया हो लेकिन में उन्न लोगों को कभी भी भूल नहीं सकता वो सब हमेशा मेरे दिल के किसी कोने में मौजूद रहेंगे और वर्षा के लिए हमेशा मेरा प्यार वैसा ही रहेगा जैसे पहले था

अग्नि'से आंटी - बेटा तुम्हें इन सब बातों को भुला के अपने मक्षद के बारे में सोचना चाहिए जीशके लिए हम सब यहाँ इसे मायवी दुनिया में आए हैं

अग्नि - आंटी अगर में अपने मक्षद के बारे में भूल गया होता तो अभी ये जो यूनिकॉर्न मारा हुआ पड़ा है वो जिंदा होता , हमारे इसे मक्षद के लिए न जाने मैंने कितने बेगुनाह और बेकसूर यूनिकॉर्न को मर्डिया है

अग्नि'से आंटी - बेटा शायद तुम भूल रहे हो की इन्हीं यूनिकॉर्न'से के खून पीने के वजह से आज तुम इतने ताकतवर हो , और इन्हीं यूनिकॉर्न'से के खून के वजह से तुम्हारे अंदर मौजूद सम्राट की ताक़तें और भी ज्यादा मजबूत और ताकतवर हो गये हैं और तो और इन्हीं यूनिकॉर्न'से के खून पीने के वजह से तुम्हारे पास एक सुरकसा कबच है जो तुम्हें हर मुस्सिबत से बचाती है

अग्नि - सही कहा आप ने आंटी पर शायद आप भूल रहे हैं की इन यूनिकॉर्न'से का खून पीके कोई भी पचा नहीं सकता चाहे वो कितना भी ताकतवर हो और जिसने भी इन यूनिकॉर्न'से का खून पीके उसे पचा दिया वो यटो खुद शैतान होता है या फिर शैतान की औलाद और इन यूनिकॉर्न'से के खून पीने की वजह से उसे कभी भी एक पल के लिए खुशी नहीं मिलती

हमेशा दुख दर्द तकलीफ को अपने दिल में दबाए सदियों तक अकेला घूमता रहता है , और मेरा भी हाल वैसा ही होने वाला है आगे , दुनिया के अंत तक एक शापित जिंदगी के साथ अकेला भटकता रहूँगा और ये सब आप के बदौलत आंटी सब आप के और अंकल के बदौलत

अग्नि अपने दर्द को अपने आंटी के सामने बयान करके वहाँ से चला जाता है और अग्नि की आंटी उसे जाती हुई देखती रहती हैं ,,,,,,,,,,,,, और उसी वक्त इंसानी दुनिया में

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ईश्वक़्त रुद्रा अपने कमरे में बेड पे लेता हुआ था और सोने की कोशिश कार रहा था लेकिन उसके आखों से नींद कोसों दूर थी , रुद्रा बेड पे सिर्फ़ करवट ही बदलता रहता है और जब बहुत देर तक सोने की कोशिश करने के बाद भी नींद नहीं आई तो वो उठ के बेड पे बैठ जाता है

और घड़ी में टाइम देखता है तो पता है की रात के 11 बज रहे हैं और फिर वो बेड से उठ खड़ा होता है और सोचता है की चाहे आज कुछ भी होजए लेकिन वो सोना से पूछके ही रहेगा की आख़िर उसमें ऐशी क्या कमी है और यही तनके रुद्रा अपने घर से निकल पड़ता है सोना के घर के तरफ

रुद्रा कुछ ही देर में सोना के घर के सामने पहुँच जाता है और चारों तरफ देखने लगता है , रात के 10 बजे तक गाँव में सभी खाना खाके सो जाते थे और इसे वक्त भी सभी के घर के दरवाजे बंद थे जब रुद्रा को तसल्ली होजती है की कोई नहीं देख रहा है वो पास में पड़े एक पठार को उठता है और सोना के कमरे के खिड़की पे मरता है और कुछ देर तक वहीं खड़ा रहता है लेकिन कोई भी खिड़की को नहीं खोलता है इसे लिए रुद्रा दुबारा से एक और पठार मरता है और इसे बार कुछ देर बाद सोना अपने रूम की खिड़की खोलती है

जब सोना अपने रूम की खिड़की खोलती है तो पति है की नीचे रुद्रा खड़ा है और उसे नीचे बुला रहा है फिर सोना चुप के से अपने घरवालों से छूपते छिपाते बाहर आती है और आ ही

सोना - रुद्रा तुम पागल हो गये हो क्या इतनी रात को यहाँ क्या कार रहे हो और इन सब चीज़ों का क्या मतलब है

रुद्रा - सब बताता हूँ पहले यहाँ से कहीं और चलें

सोना - ठीक है नदी के पास चलते हैं वहीं बात करेंगे

फिर सोना और रुद्रा नदी किनारे चल देते हैं इतनी रात में भी नदी किनारे रोशनी थी , इतनी रात को जब चाँद की रोशनी नदी के ऊपर पड़ती तो वहाँ थोड़ा सा उजाला फेल जाता और वो नदी का किनारा बहुत खूबसूरत भी दिखने लगता , दोनों आकर नदी किनारे बैठ जाते हैं फिर

सोना - बोलो तुम्हें क्या बोलना था

रुद्रा - सोना में सिर्फ़ तुमसे यही पूछना चाहता हूँ की आख़िर शा क्या कमी है मुझमें जो तुम मुझे अपना नहीं सकते

सोना - तुम बहुत अच्छे हो रुद्रा और में तुम्हें बहुत पसंद भी करती हूँ लेकिन

रुद्रा - लेकिन क्या सोना

सोना - रुद्रा में इन सब प्यार जैसे चीज़ों पर यकीन नहीं करती

रुद्रा - तो तुम उसे नितिन के साथ क्या कार रही हो

सोना - देखो रुद्रा जिंदगी गुजरने के लिए सबसे बड़ी चीज़ जो हमें चाहिए वो है पेशा और वो नितिन के पास बहुत है इसलिए में नितिन के साथ हूँ

रुद्रा - तो क्या तुम्हारे नजरों में प्यार से बढ़कर पेशा है

सोना - हाँ बिलकुल आज के जमाने में अगर हमारे पास पेशा है तो सबकुछ है , में तुम्हें पसंद करती हूँ लेकिन तुम्हारे पास इतने ज्यादा पेशे नहीं है यही कमिई है तुम में रुद्रा हाँ अगर तुम्हारे पास भी नितिन के तरह बहुत पेशे होते तो में जरूर तुम्हारे साथ होती

रुद्रा - तो तुम कहना चाहती हो की अगर में भी नितिन के बाप की तरह बहुत पेशा कमा लंड तो तुम मेरी होजाओगी

सोना - हाँ बिलकुल

रुद्रा - ठीक है सोना में तुमसे वादा करता हूँ में भी बहुत पेशा कमलूँगा नितिन के बाप की तरह और फिर तुम मेरी होगी

सोना - वो तो ठीक है रुद्रा लेकिन तुम्हारे पास वक्त बहुत कम है क्यूंकीी नितिन अगले हफ्ते मेरे घर अपने मां बाबा के साथ आ रही है मेरे हाथ माँगने के लिए

रुद्रा - क्य्ाआआअ इतनी जल्दी
[/color]
 
[color=rgb(209,]{UPDATE-07}[/color]
[color=rgb(51,]रुद्रा और सोना दोनों बात कार ही रहे थे की एक तेज रोशनी आश्मन से गिरने लगती है , आश्मन से एक सुनहरे रंग की रोशनी नीचे ज़मीन पे गिरर रही थी

रुद्रा - ये क्या है जो आश्मन से गिरर रहा है

सोना - रुद्रा लगता है आश्मन से कोई सोने का पठार गिरर रहा है

रुद्रा - फिर तो ये सोने का पठार बहुत कीमती होगा और ये हमारे मुश्किलों को हाल कार सकता है

सोना - हाँ कार तो सकता है लेकिन ये तो जंगल के उस तरफ जाकर गिरा है और लोगों का कहना है की जंगल के उस तरफ आज तक कोई नहीं गया है और जो भी गया है वो आज तक लौट के नहीं आया है

रुद्रा - कोई बात नहीं में उस तरफ के जंगल में जाऊंगा और उस सोने के पठार को लेकर आऊंगा

सोना - रुद्रा वो जंगल बहुत खतरनाक है

रुद्रा - कोई बात नहीं सोना में तुम्हारे लिए हर खतरा उठाने के लिए तैयार हूँ
और ये सुनकर सोना बहुत खुश होजती है और रुद्रा को गले लगा लेती है और फिर दोनों अपने अपने घर के तरफ चल देते हैं

जो कुछ देर पहले आश्मन से सुनहरी चीज़ गिरी थी उस से कुछ देर पहले मायवी दुनिया में,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
ईश्वक़्त मायवी दुनिया में - अग्नि के मायवी दुनिया में अजाने से मायवी दुनिया में हलचल मची हुई थी और सारे स्टेट'से बहुत परेशान होचुके थे इसलिए मायवी दुनिया के कुछ खास लोग ईश्वक़्त गंधर्व नगरी में इकट्ठे हुए थे इसे मसले पर आलोचना करने के लिए

गंडर के महाराज बिस्वजीत सिंग रठोड़ भी इन्हीं खास लोगों में से एक थे और वो अपने तबीयत खराब होने के बावजूद यहाँ गंधर्व नगरी में आए थे और ईश्वक़्त वो गंधर्व नगरी के महाराज लॉर्ड देवधर के साथ एक पहाड़ी की और तरफ रहे थे कुछ देर में वो दोनों उसे पहाड़ी के छोटी के ऊपर पहुँच जाते हैं

पहाड़ी का ये छोटी और भी बहुत से बारे बारे पहाड़ों से घिरा हुआ था और चारों तरफ से उन्न पहाड़ों के झरनों(वॉटरफॉल) से पानी बह रहा था

उस पहाड़ी के छोटी पे एक खूबसूरत सा कमरा बनाया गया था जीशमे ना तो चाट थी और ना ही उस कमरे में दीवारें थी हाँ दीवारों के बदले खूबृुरत चार पिलर थे और उस खुले असमनी कमरे में बैठने के लिए कुछ कुर्शियाँ थी

गंडर और गंधर्व नगरी के दोनों महाराज उस असमनी कमरे में पहुँच जाते हैं और जैसे ही दोनों वहाँ पहुँचते हैं दोनों की नजरें पड़ती हैं एक महिला के ऊपर वो महिला झरने के तरफ अपना मुंह करके खड़ी हुई थी

और जैसे ही इन दोनों की नज़र उस महिला के ऊपर पड़ती है गंडर के महाराज के मुंह से बस एक ही लाव्ज निकलता है रानी पड़ी पद्‍मिनी

और फिर रानी पड़ी पद्‍मिनी पीछे पलट ते हैं , रानी पड़ी पद्‍मिनी यानि की परिलोक की महारानी , रानी पड़ी पद्‍मिनी इतनी खूबसूरत हैं की जो कोई भी उन्हें एक बार देखे बस देखता ही रहजाये उनकीी जितना खूबसूरत महिला इसे पूरे काईनात में कोई नहीं होगा उनके आँखों से प्यार दया करुणा बरसती है और जब वो मुश्कूराती हैं तो उनके आस्स पास मौजूद सभी के दर्द और तकलीफ दूर हो जाता हैं

रानी पड़ी पद्‍मिनी धरती के ऊपर मौजूद परिलोक में रहती है और आज बहुत सालों बात धरती पे आई हैं , रानी पड़ी पद्‍मिनी धीरे धीरे दोनों महाराज के तरफ बढ़ती हैं और दोनों महाराज अपना सर को झुकाके उनका इसटेक्वाल करते हैं

रानी पड़ी पद्‍मिनी - एक बहुत ही बहुत ही लंबा अरशा बीिट चुका है

गंडर'से किंग - एक लंबा अरशा बीत गया मगर वक्त का आप के ऊपर कुछ असर नहीं हुआ महारानी पद्‍मिनी , जवाब में रानी पड़ी के चेहरे पे एक हल्का सा मुश्कं आ जाता है

गंडर'से किंग - मुझे कोई अंदाज़ा नहीं था महारानी की लॉर्ड देवधर ने आप को बुलवा भेजा था

गुरुजीी - उन्होंने मुझे नहीं बुलवाया था में खुद ही यहाँ आ गया था

और सब इसे आवाज़ के तरफ मुड़ते हैं तो सामने गुरु ब्राम्‍हनंद को पाते हैं और सभी उन्हें नमस्ते करते हैं सिवाय रानी पड़ी के फिर सभी वहाँ मौजूद कुर्सियों पे बैठ जाते हैं

गुरुजीी - महाराज बिस्वजीत सिंग मैंने ही आप को यहाँ बुलवा भेजा था और मैंने ही महारानी को यहाँ बुलवाया था और ये सब मैंने क्यों किया ये आप सभी जानते होंगे

लॉर्ड देवधर - हाँ अब ये मसला बहुत ही गंभीर हो गया है हमें और हम सबको मिलकर इसे समस्या का जल्दी ही हाल निकलना होगा क्योंकि हमारे पास ज्यादा वक्त नहीं हैं

गुरुजीी - हाँ अग्नि के पास ईश्वक़्त बहुत ज्यादा ताकतें हैं और उसने जिसे तरह से प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को मारा और उन्न वारएवोल्फ'से के फौज को निस्टोनबूत किया वो सच में काफिई चिंता जनक है हमारे लिए क्योंकि अग्नि अगला वार किशिके भी ऊपर कार सकता है

रानी पड़ी - क्या सच में अग्नि इतना खतरनाक है सोचिए ज़रा आप सब

गुरुजीी - ये आप क्या कह रहे हैं महारानी

रानी पड़ी - सही तो बोल रहे हैं हम , अग्नि ने उन्न वारएवोल्फ'से को क्यों मारा और क्यों उसने प्रिन्स ऑफ वारएवोल्फ'से को मारा बताइए हमें , सारे स्टेट'से के मना करने के बाद भी क्या जरूरत थी वारएवोल्फ'से को डेत वाली के ऊपर हमला करने की , अग्नि ने बस सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने इलाके का और अपने लोगों का रक्षा किया है , हम जानते हैं की अग्नि के पास सम्राट की ताक़तें हैं वो सम्राट का अंश है सम्राट का दिल(हार्ट) उसके सीने में है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है की हम उसे सम्राट की तरह बुरा मान ले और हमें यकीन है की अग्नि के दिल में कनीन ना कहीं आज भी अचाई होगी

लॉर्ड देवधर - तो आप ही बताइए महारानी हम क्या करे

रानी पड़ी - हम अग्नि से एक बार मिलना चाहते हैं और उस से बात करके उसे समझना चाहते हैं

गुरुजीी - अगर वो नहीं मना तो

रानी पड़ी - हमें यकीन है अग्नि हमारे बात को मानेगा और हमारे साथ जाने के लिए तैयार हो जाएगा

गुरुजीी - में आप के ऊपर शक नहीं कार रहा हूँ महारानी परंतु फिर भी यही पूछूँगा की अगर अग्नि नहीं मना तो हम सब क्या करेंगे

रानी पड़ी - अगर इसे परिस्थिटी आ जाती हैं तो हमें उन्न कठिन परिस्थिटी से एक ही स्क्स निकल सकता है और वो है गंडर का नया राजा

गंडर'से किंग - हम कुछ समझे नहीं महारानी

रानी पड़ी - महाराज आज कल आप की तबीयत खराब है और आप की तबीयत दिन बीए दिन और खराब होती जाएगी इसलिए अब वक्त आ गया है की गंडर को नया राजा मिले जो शर वीर हो जीशके सीने में दया और करुणा हो जो अपने प्रजा को समझे जो सच के लिए मौत से भी टक्कराने से नहीं डरे

गंडर'से किंग - हम समझ गये महारानी

फिर रानी पड़ी सबसे जाने के लिए इजाज़त मांगती हैं और अपने जादुई दंड(मॅजिक स्टिक) को निकलकर आश्मन के तरफ इशारा करती हैं और फिर देखते ही देखते रानी पड़ी वहाँ से गायब होजती हैं

रानी पड़ी के जाने के बाद गुरुजीी गंडर के महाराज से पूछते हैं

गुरुजीी - महाराज आप के साथ यहाँ आप के दोनों बेटे भी आए हुए हैं ना

गंडर'से किंग - जी हाँ गुरुजीी

गुरुजीी - महाराज तो फिर हमें देर नहीं करना चाहिए

लॉर्ड देवधर - हाँ महाराज गुरुजीी सही कह रहे हैं

गंडर'से किंग - शायद आप सही कह रहे हैं

फिर गंडर के महाराज सिपाहियों के हाथों अपने दोनों बेटों को बुलवा भेजते हैं और कुछ देर में गंडर के दोनों राजकुमार वहाँ पहुँचते हैं , गंडर के दोनों राजकुमारों के नाम थे कुंवर विक्रांत और कुंवर यश , ये दोनों कुंवर बहुत ही बहादुर योढ़ा थे और काबिल राजकुमार भी

कुंवर विक्रांत - जी पिताजिी आप ने हमें बुलवाया

गंडर'से किंग - मेरे बच्चों अब वक्त आ गया है की गंडर को एक नया राजा मिले इसलिए मैंने तुम दोनों को यहाँ बुलवाया है , तुम दोनों हर एक चीज़ में एक समान हो चाहे वो युधकला हो या राजनीति या कोई खेल प्रतियोगिता कोई भी किसीसे कम नहीं है इसलिए मैंने तुम में से किसी एक को चुन ने के लिए एक तरकीब निकली है

कुंवर यश - कैसी तरकीब पिताजिी

फिर गंडर के महाराज अपने गले में पहने हुए एक सोने के हार को निकलते हैं जीशमे एक नीले रंग का रत्ना जुड़ा हुआ था और उस हार को हवा में उछाल देते हैं जिस से वो हार नीचे ज़मीन पे गिरने के बजे हवा में ही तैयार ने लगता है फिर

गंडर'से किंग - मेरे बच्चों ये हार कोई मामूली हार नहीं है इसमें लगा हुआ रत्ना दिव्या है और हमारे परिवार के हर एक राजा ने इसे पहना है और इसे रत्ना को पहनते ही उसे राजा में भी कुछ दिव्या सकतियाँ आ जाती है और में इसे हार को अब बहुत दूर फेंकने वाला हूँ और इसे हार को सिर्फ़ वही ढूंढ. के लसक़्ता है जीशमे हमारे परिवार का शाही कोन हो और वही बनेगा गंडर का नया महाराज

फिर गंडर के महाराज हवा में लहराते उस हार को अपने हाथ में लेते हैं और आश्मन के तरफ फेंक देते हैं और वो हार तेजिसे आश्मन के तरफ बढ़ने लगता है उसकी रफ्तार इतनी तेज थी की कुछ ही देर में वो हार धरती के बाहर चली जाती है और उसकी रफ्तार इतनी तेज थी की वो तारों और सितारों से भी आगे निकल जाती है फिर आश्मन में एक धमाका होता है बूंमम्ममममममममम ये आवाज़ ऐशी थी जैसे प्याले आ गया हो फिर वो रत्ना हार नीचे के तरफ गिरने लगती है और जीतने तेजिसे वो आश्मन में गयी थी उस से भी ज्यादा तेज रफ्तार के साथ नीचे धरती की और गिरने लगती है जब वो नीचे गिरर रही थी तो वो सुनहेरे रंग के रोशनी फैलाए नीचे धरती के तरफ आने लगती है और देखते ही देखते वो धरती पर एक तेज आवाज़ के साथ धदाांम्म्मममम करके नीचे ज़मीन पे गिरती है
रुद्रा सोना से बात करने के बाद अपने घर लौट आता है लेकिन वो जैसे ही घर के सामने पहुँचता है पत्ता नहीं उसे क्या होता है वो जंगल के तरफ चल देता है और जंगल के तरफ जाते वक्त उसके दिमाग में सिर्फ़ एक ही ख्याल था

रुद्रा - मुझे जल्दी से जंगल में जाना होगा वरना क्या पत्ता मुझसे पहले कोई और वहाँ पहुँच जाए और उस आश्मन से गिरे हुए चीज़ को ढूंढ. ले , यही सब सोचते हुए रुद्रा कुछ ही देर में जंगल के सरहद के पास पहुँच जाता है

सरहादपुर के बुजुर्गों का कहना था की सरहादपुर के जंगल के उस पार से दूसरी दुनिया शुरू होती है जो की इंसानों की दुनिया नहीं थी , और इसी वजह से इसे गाँव का नाम सरहादपुर रखा गया था , और गाँव वालों ने गाँव और जंगल के बीच एक दीवार भी बना दिया था और गाँव वालों ने एक बूढ़े आदमी को इसे जंगल का पहरेदार बना दिया था ताकि कोई भी कभी भी जंगल में ना जा सके

रुद्रा चलते चलते हुए उस दीवार तक अपहुँचा था और रुद्रा को दीवार तक आते हुए दीवार का पहरेदार देख लेता है और फिर

पहरेदार - वीर सिंग फिर से नहीं[/color]
 
[color=rgb(61,]{UPDATE-08}[/color]
[color=rgb(226,]रुद्रा - जी असल में में वीर सिंग नहीं उनका बेटा रुद्रा हूँ

पहरेदार - तुम जरूर कुछ कुछ अपने पिताजिी की तरह लगते हो बेटे और मेरे ख्याल से तुम भी दीवार पार करने के इचुक हो

रुद्रा - क्या इसे से भी पहले किसने दीवार पार किया था?

पहरेदार - क्या नहीं तो किसने भी तो नहीं किया था कोई भी दीवार पार नहीं कर सकता ये तुम जानते हो और सभी भी ये जानते हैं

रुद्रा - हाँ मुझे पत्ता है में समझता हूँ खैर यही बेहतर होगा की में अपने घर लौट जाऊं

पहरेदार - ठीक है रुद्रा गुड नाइट बेटे अपने पिताजिी को मेरी और से सुबह कामनाएँ देना

रुद्रा - गुड नाइट

और फिर रुद्रा पीछे पलट के चल देता है अपने घर के तरफ और ये देख पहरेदार भी पीछे पलट के अपनी जगह पे जाने लगता है और पहरेदार जैसे ही पीछे पलट था है रुद्रा तेजिसे उस दीवार की और भागता है और दीवार कूदके जाने की कोशिश करता है लेकिन पहरेदार भी उतनी ही तेजिसे रुद्रा को रोक देता है और अपने पकड़े हुए डंडे से पीछे धकेल देता है जिस से रुद्रा पीछे हॅट जाता है लेकिन रुद्रा फिरसे दीवार पार करने की कोशिश करता है लेकिन इसे वार भी पहरेदार उसे रोक देता है और उछाल उछाल के वो बूढ़ा पहरेदार रुद्रा को दो किक मरता है जिस से रुद्रा नीचे ज़मीन पे गिरर जाता है

पहरेदार - (मुस्कुराते हुए) अब घर जाओ रुद्रा बेटे

फिर क्या होना था रुद्रा अपना चेहरा लटकाए वहाँ से घर लौट आता है और वो पहरेदार वहाँ खड़ा मुश्कूराता रहता है

जब रुद्रा अपने घर में घुसता है तो पत्ता है की घर का चाट का दरवाजा खुला है इसलिए वो चाट के तरफ चल देता है , रुद्रा चाट पे अपने पपाजिी को पता है जो चाट पे बैठे थे और पटियाला के पेग लगा रहे थे

पपाजिी - अरे बेटा तुम अभी तक सोए नहीं

रुद्रा - नहीं पपाजिी में थोड़ा सा बाहर गया था

पपाजिी - बेटा ये तुम्हारे मुंह से खून कैसा निकल रहा है कहीं किसी ने तुम्हें मारा तो नहीं ना

रुद्रा - वो पपाजिी उस दीवार के पहरेदार ने मुझे मारा था

पपाजिी - क्या उस बूढ़े ने बेटा उसकी उमर 90साल हो चुकी है तुम उस से पीट गये

रुद्रा - पपाजिी उसके पास कुछ काम धंधा तो है नहीं दिन भर उस दीवार के पास बैठा रहता है इसलिए उसे बहुत टाइम मिलता होगा अपने आप को फिट रखने की

पपाजिी - अच्छा वो चोदा ये बताओ तुम दीवार के पास क्यों गये थे और दीवार क्यों पार करना चाहते थे

रुद्रा - पपाजिी में भी यही सवाल आप से करना चाहता हूँ

पपाजिी - लगता है वक्त आ गया है बेटा तुम्हें सब कुछ बताने का

रुद्रा - क्या बातेने को पपाजिी

पपाजिी(वीर सिंग) - बेटा ये तब की बात है जब तुम पेड़ा भी नहीं हुए थे में उस वक्त तुम्हारी उमर का था और तुम्हें तो ये पत्ता होगा की हमारा जो ये ढाबा है ये तुम्हारे दादज़िी ने यानि की मेरे पपाजिी ने शुरू किया था और में उनकी मदद किया करता था ढाबे में , रोजाना पपाजिी के साथ ढाबे में जाना और काम में पपाजिी का हाथ बताना यही मेरा रोज का काम हो गया था लेकिन जब भी में उस दीवार को देखता तो मेरे दिल में हमेशा एक ही सवाल आती की क्या जो सभी लोग कहते हैं वो सच है , क्या दीवार के उस पार दूसरी दुनिया शुरू होती है

और इन्हीं सभी सवालों का हाल ढूंढ़ने की मैंने तंलिया और चल पड़ा उस दीवार के तरफ (फ़्लस्बक्क)

एक रात को वीर सिंग अपने सारे सवालों का जवाब ढूंढ़ने की तन के दीवार के तरफ चालदेटा है और कुछ ही देर में उस दीवार के पास पहुँच जाता है और जब वीर सिंग उस दीवार को पार करने की कोशिश करता है वो पहरेदार उसे रोकता है और घर लौट जाने को कहता है फिर

वीर सिंग - देखिए मुझे उस और जाना है इसलिए मुझे दीवार पार करने दीजिए

पहरेदार - मुझपर ज़िमेदारी है एक दूसरी दुनिया की सरहद की पहरेदारी करने की और तुम मुझसे कह रहे हो की में तुम्हें दीवार पार करने दम

वीर सिंग - जी हाँ बिलकुल , क्योंकि आप ही सोचिए क्या आप को कोई दूसरी दुनिया यहाँ दिखाई देता है नहीं ना क्या आप को कुछ शा दिखाई देता है जो इसे दुनिया का नहीं हो , मुझे तो बस दूर दूर तक जंगल ही दिखता है

पहरेदार - बहुत से सालों से ये दीवार यहीं मौजूद है और बहुत से सालों से इसे दीवार की पहरेदारी होती रही है

वीर सिंग - देखिए आप समझ क्यों नहीं रही

पहरेदार - बस एक शब्द और कहा तो में तुम्हें गाँव के पंचायत के आगे पेश कार्दूंगा और तुम उन्हिको को समझते रहना समझे

वीर सिंग - लगता है आप का इरादा बहुत पक्का है

पहरेदार - हाँ बिलकुल

वीर सिंग - लगता है अब मुझे अपने घर लौट जाना चाहिए

पहरेदार - हाँ सही कहा बेटे अब घर लौट जाओ गुड नाइट अपने पिताजिी को मेरी सुबह कामनाएँ देना

और फिर दोनों पीछे पलट के जाने लगते हैं और वीर सिंग को जब पत्ता चलता है की वो पहरेदार पीछे पलट चुका है तो वीर सिंग तेजिसे पीछे पलट था है और इसे से पहले की दीवार का पहरेदार वीर सिंग को रोकता वीर सिंग दीवार कूद के जंगल के अंदर घुस जाता है

वीर सिंग जंगल के अंदर बहुत देर तक भागता रेहर्ता है और फिर वो एक पहाड़ी के छोटी पे पहुँच जाता है और जब वो उस पहाड़ी के छोटी से नीचे देखता है तो पत्ता है की लोग जो भी कह रहे थे वो सब सच है यानि की दूसरी दुनिया सच में है

पहाड़ी से नीचे आने का रास्ता बना हुआ था और वीर सिंग उस राषते से नीचे आता है और आगे तरफ जाता है उसके सामने एक बहुत बारे से शहर का दरवाजा था और वीर सिंग उस दरवाजे के अंदर घुस जाता है

वीर सिंग जैसे जैसे शहर में घुसता जा रहा था वो उतना ही चोकता जा रहा था यहाँ के लोग इंसानी दुनिया के लोगों से बिलकुल अलग थे सबके कपड़े सबके भेष भूसा सब कुछ अलग था , इनके कपड़े और भेष भूसा बिलकुल पुराने जमाने के राजा राणीओन के तरह थे

और वीर सिंग की नज़र जिस तरफ भी जाती वो हैरान हो जाता क्योंकि हरर तरफ बारे बारे दुकान थे जादुई दुकान , एक दुकान में तो उसने देखा की बारे बारे जानवर जैसे की हाथी , गेंडा , जिरफ ये सब बहुत छोटे बिलकुल छोटे छोटे पक्षियों की तरह और इन्हें पिंजरे में भर के वो दुकानदार सब बेच रहे थे इसे ही बहुत से जादू से भरे हुए दुकानों को देखते हुए वीर सिंग आगे तरफ रहा था

लेकिन वो इसे बात से अंजान था की उसे कोई बारे गौर से बहुत देर से देख रहा था और जब वीर सिंग की उस स्क्स के ऊपर नज़र पड़ी तो वीर सिंग उस स्क्स को देखता ही रही गया , वो स्क्स एक खूबसूरत लड़की थी वीर सिंग उस लड़की के खूबसूरत आँखों में खो सा गया और उसके सामने जाकर खड़ा हो गया और वो लड़की भी वीर सिंग के आँखों में खॉसि गयी थी दोनों बस एक दूसरे को देखे ही जा रहे थे फिर

बूढ़ी औरत - सिर्फ़ देखोगे या खरीदोगे भी , आओ इसे स्टॉल को देखो में जा रही हूँ पब में बाहर पीने

लड़की - लगता है आप किसी और दुनिया से आए हैं

वीर सिंग - जीि जीि वो में हाँ में इसे दुनिया का नहीं हूँ में सरहादपुर से हूँ

लड़की - तो आप इंसानों की दुनिया से हैं[/color]
 
[color=rgb(0,](UPDATE-09)[/color]

[color=rgb(40,]वीर सिंग - जी हाँ में इंसानों की दुनिया से हूँ

लड़की - हेलो मेरा नाम मोना है

वीर सिंग - हेलो मेरा नाम वीर सिंग है

मोना - अच्छा तो वीर आप को कुछ पसंद आया

वीर सिंग - जी बिलकुल (लड़की को देखते हुए मुस्कुराते हुए) मेरा मतलब था की वो जो नीले वाले फूल हैं वो कितने के हैं

मोना - ब्लू बेल फ्लवर ये आप के लिए अच्छा नहीं रहेगा ये जादुई फूल सिर्फ़ आप को अपनी पुराने यादों को याद दिलाता रहता है उसके बजाए ये वाला खरीडिए स्नो ड्रॉप ये आपके किस्मत को चमकाएगा

वीर सिंग - पर इसकी कीमत क्या है?

मोना - ईश्वाले की हुन्न्ं सिर्फ़ एक किस , फिर मोना उस जादुई फ्लवर को वीर सिंग के सीने के पॉकेट में लगा देती है और फिर अपने गालों के तरफ इशारा करती है और जैसे ही वीर सिंग मोना के गाल पे किस देने को बढ़ता है मोना अपना मुंह घुमा देती है जिस से वीर सिंग मोना के गाल के बदले मोना के होठों(लीप'से) पे किस करदेता है और फिर दोनों एक दूसरे को चूमने लगते हैं कुछ देर एक दूसरे को चूमने के बाद

मोना - क्या वो बूढ़ी औरत चली गयी?

वीर सिंग - जी हाँ

मोना - मेरे पीछे आओ , ये बोलकर मोना अपने दुकान में घुस जाती है और वीर सिंग उसके पीछे जाने लगता है लेकिन जैसे ही वीर सिंग मोना के पीछे जाता है उसे कुछ दिक्ता है मोना के परॉन में एक पतली से चैन बँधी हुई थी

मोना - वीर में एक राजकुमारी हूँ और ये जो आपने इसे बूढ़ी औरत को देखा ये एक चुड़ैल है जिसने मुझे धोके से अपना गुलाम बना लिया है क्या आप मुझे इसे चुड़ैल से आज़ाद कराएँगे

फिर वीर अपने जेबसे एक चाकू निकलता है और उस चैन को काट देता है लेकिन वो चैन फिरसे अपने आप जड जाता है

मोना - वीर ये एक जादुई चैन है में सिर्फ़ तब आज़ाद हूँगी जब ये चुड़ैल मरेगी , इयां सॉरी

वीर सिंग - वैसे अगर में आप को आज़ाद नहीं कार पाया तो बदले में आप क्या लेंगे

मोना - कुछ भी नहीं बस आप का प्यार चाहिए मुझे

वीर सिंग - पर में ही क्यों

मोना - क्योंकि मेरी मां ने मुझे कहा था की मेरे सपनों का राजकुमार एक मामूली इंसान होगा जीशके आँखों में सचाई और ईमानदारी होगी जो मुझे बहुत प्यार करेगा और आज मुझे वो इंसान मिल गया है

फिर मोना वीर के तरफ अपना हाथ बढ़ा देती है और वीर उस हाथ को थाम लेता है और दोनों उस दुकान के अंदर चले जाते हैं और फिर मोना उस दुकान का परदा गिरके उस दुकान को बंद करदेटी है और उस दुकान के अंदर वीर सिंग और मोना दोनों दो जिस्म और एक जान बनजते हैं
रुद्रा - फिर क्या हुआ पपाजिी

वीर सिंग - (अपने आखिरी पटियाला के पेग को खत्म करते हुए) फिर बेटा मोना ने मुझे वापस इसे इंसानी दुनिया में भेज दिया मैंने उसे बहुत वार कहा की में उस के साथ रुकता हूँ उसे आज़ाद करने के वारे में कुछ जरूर करूँगा लेकिन वो नहीं मानी और बोलने लगी की वो मेरी जिंदगी को खतरे में डालना नहीं चाहती है और अपने दिल पे पठार रख के मुझे वापस भेज दिया , आज भी मुझे याद है जब मैंने उसे आखिरी वार देखा था उसके उन्न नाम आँखों को में कभी भी भूल नहीं पाया

रुद्रा - उसके बाद क्या हुआ पपाजिी क्या आप फिर कभी दुबारा से वहाँ नहीं गये

वीर सिंग - नहीं बेटा में वहाँ फिर कभी दुबारा लौट के नहीं गया लेकिन

रुद्रा - लेकिन क्या पपाजिी

वीर सिंग - उस दुनिया में फिर कभी नहीं गया लेकिन उस घटना के 9महीने बाद एक रात को जब में सोने की तैयारी कार रहा था तब किसने घर का दरवाजा खटखटाया और जब मैंने दरवाजा खोला तो अपने सामने उसी दीवार के पहरेदार को पाया जीशके हाथों में एक टोकरी थी और उस टोकरी में एक छोटा सा प्यारा सा बच्चा था

रुद्रा - क्य्ाआआअ एक बच्चा , कहीं वो बच्चा

वीर सिंग - हाँ वो बच्चा तुम ही थे रुद्रा और तुम्हारा नाम भी तुम्हारे मां ने ही रखा था

रुद्रा - क्य्ाआआ मेरी मां जिंदा है और आप ने मुझे ये पहले क्यों नहीं बताया पपाजिी

वीर सिंग - बेटा ये तुम्हारे मां की ही इच्छा थी की सही वक्त आने पे ही तुम्हें सब कुछ पता चले

रुद्रा - क्या मां की इच्छा?

वीर सिंग - हाँ बेटा जिस टोकरी में तुम आए थे उसमें तुम्हारे अलावा और भी कुछ चीज़ें थी तुम यहाँ बैठो में अभी उन्न चीज़ों को लेकर आता हूँ

फिर वीर सिंग अपने कमरे में चला जाता है और कुछ देर में उस टोकरी को लेकर आ जाता है जीशमे रुद्रा आया था

वीर सिंग - बेटा ये रहा वो टोकरी जिसमें तुम आए थे , फिर रुद्रा उस टोकरी को देखने लगता है और एक एक करके उसके अंदर जो भी था उसे निकल देता है सबसे पहले उसकी नज़र पड़ती है एक चैन के ऊपर

रुद्रा - पपाजिी क्या ये वही चैन है जिसे अपने कटाअ था

वीर सिंग - हाँ बेटे और ये वही फूल(फ्लवर) है जो तुम्हारी मां ने मुझे दिया था और उसने कहा था की ये मेरा किस्मत जगाएगा और शा हुआ भी , फिर वीर सिंग उस फूल को रुद्रा के जॅकेट में लगा देता है , और बेटे उस टोकरी में ये लफ़ाफा भी था जिसपे तुम्हारा नाम लिखा है और मैंने इसे आज तक नहीं खोला है

फिर रुद्रा अपने पपाजिी के हाथ से वो लफ़ाफा लेलेटा है और उसे खोलता है और जब रुद्रा उस लफ़फ़े को खोल देता है तो देखता है की उसमें एक चिट्ठी है और एक मोमबति(कंडेल) है और फिर रुद्रा उस मोमबति को नीचे रख देता है और उस चिट्ठी को खोल के पढ़ने लगता है

मोना'से लॅटर - मेरे प्यारे रुद्रा ये जानलो मैंने हमेशा तुम्हारा अच्छा ही चाहा है अगर मेरी मालकिन ने इजाज़त दी होती तो में तुम्हें अपने साथ ही रखती अपने से दूर कभी नहीं भेजती , में चाहती हूँ की एक दिन तुम मुझसे मिलने इसे जादुई दुनिया में आऊ और मुझे उस चुड़ैल से आज़ाद करवा और यात्रा करने की सबसे तेज तरीका है मोमबति की रोशनी और में तुम्हें एक जादुई मोमबति भेज रही हूँ और इसे इस्तेमाल करने के लिए मेरे बारे में सोचना सिर्फ़ मेरे और फिर उस मोमबति को जला देना फिर तुम मुझ तक पहुँच जाओगे , मुझे तुम हमेशा याद आ रहोगे बेटे ,,,,,,, तुम्हारी मां,,,,,

रुद्रा - (ये खत पढ़ते हुए रुद्रा के आँखों में आस्यू अचुके थे ) पपाजिी में उस दुनिया में जरूर जाऊंगा अपनी मां को आज़ाद करने के लिए में वहाँ जरूर जाऊंगा

वीर सिंग - हाँ बेटा तुम जरूर जाओ बेटा तुम पर तुम्हारे मां को पूरा यकीन है और तुम ही अपनी मां को बचके लासकते हो , जाओ और हमेशा के लिए अपनी मां को यहाँ ले आऊ बेटा

फिर रुद्रा उस मोमबति को पकड़ता है और अपने पपाजिी को जलाने को कहता है फिर वीर सिंग उस मोमबति को जला देते है और फिर देखते ही देखते रुद्रा हवा के रफ्तार से आसहमन में उड़ जाता है

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जब गंडर के महाराज ने अपने जादुई रत्ना हार को आश्मन में फेंका था तो वो हार उड़ती हुई जाकर असमान में एक सितारे से टाकराई थी और एक तेज विस्पोट हुआ था जिस से वो सितारा टूट के उस हार के साथ नीचे धरती पे गिरा था और और वो सितारा उस हार के साथ जब धरती पे गिरा था तो एक और तेज विस्पोट हुआ था और जिस जगह पे ये सितारा और वो हार गिरा था वहाँ एक बहुत बड्डा गढ़ा बन गया था विस्पोट के कारण और उस गढ़े से इतनी तेज रोशनी निकल रही थी की उसके अंदर देख पाना एक तरह से मुश्किल था

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[color=rgb(84,](UPDATE-10)[/color]
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फिर जब वो रोशनी धीरे धीरे कम होती है तो वो गढ़ा दिखने लगता है वहाँ पे एक लड़की बेहोश पड़ी हुई थी नीचे ज़मीन पर दिखने में वो लड़की बहुत सुंदर थी एक खूबसूरत पड़ी की तरह गोरा गोरा चेहरा सुनहेरे बाल और तेज नें ंक्स बहुत देर तक वो लड़की वहाँ पे बेहोश पड़ी हुई थी फिर उसे धीरे धीरे होश आने लगता है और वो धीरे धीरे अपनी आँखों को खोलती है और उठने की कोशिश करती है

कुछ देर कोशिश करने के बाद वो उठ के बैठ जाती है और जब वो बैठी है तो उसकी नज़र उस रत्ना हार के ऊपर पड़ती है जो की उसके बगल में ही गिरा पड़ा था वो लड़की उस हार को उठती है और अपने गले में पहन लेती है

उस हार को पहन ने के बाद वो लड़की उस जगह से उठ खड़ी होती है और चारों तरफ देखने लगती है जब वो चारों तरफ देखती है तो उसे पत्ता चलता है की वो एक गढ़े में है और फिर उस लड़की की नज़र पड़ती है एक तेज रोशनी पे जो उशिके तरफ ही आ रही थी

और देखते ही देखते वो तेज रोशनी सीधे अटकराती है उस लड़की से और वो लड़की फिरसे नीचे गिरर जाती है और जब वो लड़की उस रोशनी के तरफ देखती है तो पति है की वो जिस रोशनी से टकराई थी वो रोशनी अब गायब हो चुकी है और उसकी जगह पे एक लड़का उसके ऊपर गिरा पड़ा है

और ये लड़का कोई और नहीं बल्कि रुद्रा था जो मोमबति की रोशनी के मदद से यहाँ अपहुँचा था और फिर

रुद्रा - मां आप कैसे हैं मां , अरे आम सॉरी मां मेरे वजह से आप गिरर गये कहीं आप को चोट तो नहीं लगी

लड़की - (चिढ़ते हुए) नहीं में ठीक नहीं हूँ और उठो मेरे ऊपर से और में तुम्हारी मां नहीं हूँ

रुद्रा - क्य्ाआआअ तुम मेरी मां नहीं हो

लड़की - क्या में तुम्हें तुम्हारी मां जैसी लगती हूँ

रुद्रा - नहीं नहीं अरे आम सॉरी मिस , क्या में आप की कोई मदद कर सकता हूँ

लड़की - हाँ मुझे अकेला चोदने की मदद करो

रुद्रा - ठीक है जैसे आप की मर्जी , फिर (रुद्रा अपने आप से) ऑम्ग ये मैंने क्या कार दिया मां ने कहा था की मोमबति जलाओ और मेरे बारे में सोचो पहले में मां के बारे में ही सोच रहा था फिर मैंने सोना के बारे में और उस आश्मन से गिरने वाले पठार के बारे में सोचा

और फिर रुद्रा समझ जाता है की वो उस जगह अपहुँचा है जहाँ पे वो सुनहेरा पठार गिरा था इसलिए वो वहाँ आस पास देखने लगता है और पठार को तलाशने लगता है जब उसे कुछ नहीं मिलता वो उस लड़की से पूछता है

रुद्रा - माफ करना मैडम शायद आप को ये अजीब लगे पर आप ने यहाँ पे कोई आश्मन से टूटता हुआ पठार देखा है

लड़की - तुम बहुत अजीब हो

रुद्रा - नहीं नहीं मैडम वो यहीं कहीं गिरा है

लड़की - हाँ वो यहीं गिरा है और ईश्वक़्त तुम्हारे सामने है

रुद्रा - में कुछ समझा नहीं मैडम कहाँ है वो पठार मुझे तो दिख नहीं रहा है

लड़की - तुम सच में अजीब हो वो कोई पठार नहीं गिरा था आश्मन से वो एक सितारा था और वो सितारा पहले आश्मन में चमक रहा था फिर ये जादुई हार आश्मन में गया और उस सितारे से टकराके उस सितारे को आश्मन से ला कर धरती पे गिरा दिया और और फिर कुछ देर बाद वो सितारा टकराया एक उड्दते हुए बुढ़ू से और ईश्वक़्त वो सितारा तुम्हारे सामने बैठी हुई है

रुद्रा - क्य्ाआआआआआअ वो एक तारा था और वो तुम हो क्या ये सब सच है जो तुमने कहा , सच मच में तुम एक तारा हो

सुनहेरी - हाँ बुढ़ू ये सब सच है

रुद्रा - वो इयां सॉरी मुझे पत्ता नहीं था की में सीधे आप से अतक्रौंगा और क्या ये आप के बाल सोने के हैं

सुनहेरी - हाँ असली सोने के हैं क्यूंकीी में एक गोल्डन स्टार हूँ और मेरा नाम सुनहेरी है

रुद्रा - वॉवववव कमाल है और में आप को फिर से सॉरी कहना चाहूँगा

सुनहेरी - सॉरी फिर से किस लिए?

रुद्रा - वो इसके लिए बोलकर रुद्रा अपने टोकरी से मिली हुई उस जादुई चैन से सुनहेरी को बाँध देता है , वो क्या है ना सुनहेरी जी आप को मेरे साथ आना पड़ेगा वो क्या है ना में अपने प्यार को हासिल करने के लिए बहुत पेशा कामना चाहता हूँ और वो भी कुछ ही दिनों में

और पेशे कमाने में आप की जरूरत पड़ेगी आप की ये गोल्डन हेयर बहुत कमाल हैं इसे बेचने से मेरी परेशानी हॉल होजएगी और आप को इसमें कोई परेशानी भी नहीं होगी क्योंकि आप की तो ये घर की खेती होगी फिरसे उग्ग जाएँगे

सुनहेरी - वॉववव क्या बात है मान ना पड़ेगा तुम्हारे प्यार को बॉस जीशमे तुम एक घायल लड़की को किडनॅप करके उसके बाल चुराना चाहते हो , बाल चोर कहीं के में तुम्हारे साथ कहीं भी नहीं जाऊंगी अग्नि ईश्वक़्त अपने डार्क कस्तले(पॅलेस) के बालकनी में खड़ा था और चाँद के तरफ देख रहा था आज उसे वर्षा की बहुत याद आ रही थी , अग्नि को आज वर्षा की छोटी छोटी बातों से लेकर बड़ी बड़ी बातें सब याद आ रही थी

कैसे वो वर्षा से पहली वार मिला था कैसे वर्षा से उसकी पहली वार लधाई हुई थी कैसे उसने वर्षा की रॅगिंग लिया था फिर कैसे वो दोनों दोस्त बन बैठे थे और कैसे उसे वर्षा से प्यार हो गया था और वर्षा की नफरत भी अग्नि को याद आ जाती है और वो आखिरी पल जब उसने वर्षा की जान बचाने के लिए मौत से भिद्ड़ गया था रॉकी का फेंका हुआ वो लोहे का सलहिया जब वर्षा की और आ रही था तब अग्नि ने वर्षा को धकेल के खुद सामने खड़ा हो गया था जिस से वो लोहे का सलहिया अग्नि के दिल के आर पार हो गया था और इसी घटना से अग्नि की मौत हो गयी थी और अग्नि अपने सभी अपनों से अलग हो गया था

इन्हीं सब यादों में अग्नि खोया हुआ था की तभी उसके कानों में एक चिड़िया की आवाज़ पड़ती है फिर अग्नि उस चिड़िया की और देखता है तो पत्ता है की एक चिड़िया उसके सामने उड़ रही है और उसके परॉन में एक कागज बँधा हुआ है शायद ये कोई संदेश था जो अग्नि के लिए आया था फिर अग्नि उस चिड़िया के पर से वो संदेश निकल लेता है और पढ़ने लगता है

उस खत में लिखा था -- घंटे बातें दिन बातें महीने बातें और न जाने बातें कितने साल लेकिन आज भी हमें याद है वो दिन जब हमने आप को आखिरी वार देखा था आप के आँखों में हमने अपने लिए बेंतिहा मोहब्बत देखा था और फिर से उस मोहब्बत को आप के आँखों में देखने के आस से हम यहाँ धरती पर आए हैं और आप का इंतजार कार रहे हैं आप की सिर्फ़ आप की पद्‍मिनी

इसे छोटे से खत को पढ़ने के बाद अग्नि और भी बेचें हो जाता है वो सोचने लगता है कौन है ये जिसने उसे खत लिखा है और फिर वो उस चिड़िया के तरफ देखता है फिर वो चिड़िया वहाँ उड़ के जाने लगती है और अग्नि उस चिड़िया के पीछे पीछे जाने लगता है बहुत देर तक उस चिड़िया का पीछा करने के बाद अग्नि जा पहुँचता है डेत वाली के सबसे बारे पहाड़ के ऊपर वहाँ पहुँचते ही वो चिड़िया अपने आप ही गायब होजती है और ये देख अग्नि समझ जाता है की वो चिड़िया एक चालबा था अग्नि चारों तरफ देखने लगता है उसे चारों तरफ सिर्फ़ बर्फ ही बर्फ दिखता है फिर उसकी नज़र पड़ती है पहाड़ के छोटी पे खड़ी एक औरत के ऊपर जो चाँद के तरफ अपना मुंह करके खड़ी थी

अग्नि उस औरत के तरफ तरफ जाता है उस औरत के पास पहुँच के अग्नि कहता है

अग्नि - कौन हैं आप और मुझे यहाँ पे क्यों बुलाया है

वो औरत अग्नि की आवाज़ सुनकर पीछे पलट टीी है और जब अग्नि उस औरत का चेहरा देखता है तो उसके होश उड़ जाते हैं उसे यकीन नहीं होता है की उसके सामने वर्षा खड़ी थी , अग्नि के चेहरे पे ईश्वक़्त दोहरा रियक्टिओं था एक था बहुत खुशी के तो दूसरा था की वर्षा यहाँ क्या कार रही है

अग्नि आगे बढ़ता है और वर्षा के गालों को सहलाता है और वर्षा के आँखों में देखने लगता है , वर्षा के आँखों में उसे सिर्फ़ और सिर्फ़ अपने लिए प्यार ही नज़र आता है , वर्षा के आँखों में आस्यू आजाते हैं और वो अग्नि को गले लगलेटी है और अग्नि के आँखों से खून बहने लगते हैं(वेमपाइर'से के आँखों से आस्यू के बदले खून बहते हैं) दोनों बहुत देर तक एक दूसरे से उसी तरह से गले मिलते रहते हैं फिर

अग्नि - वर्षा तुम यहाँ इसे दुनिया में कैसे?

रानी पड़ी पद्‍मिनी - नहीं अग्नि में वर्षा नहीं हूँ में रानी पड़ी पद्‍मिनी हूँ

अग्नि - क्य्ाआआआआआ (ये सुनते ही अग्नि के होश उड़ जाते हैं)

रानी पड़ी पद्‍मिनी - हाँ अग्नि यही सच है में वर्षा नहीं हूँ पद्‍मिनी हूँ तुम्हारी पद्‍मिनी

अग्नि - पर इसे कैसे हो सकता है में तो किसी पद्‍मिनी को जनता भी नहीं हूँ

रानी पड़ी पद्‍मिनी - अग्नि हमारा प्यार सदियों पुरानी है जब तुम सम्राट के रूप में इसे मायवी दुनिया में थे तब हम दोनों एक साथ थे और एक दूसरे से बहुत प्यार करते थे , में थी परियों की सहजादी पद्‍मिनी और तुम गंडर के युवर्ज सम्राट हम दोनों एक दूसरे से बेंतिहा मोहब्बत करते थे

लेकिन हमारे प्यार को किसी की नज़र लग गयी , तुम्हारे जिंदगी में एक बहुत बड़ा तूफान आया था उस वक्त जिस से तुम अपने आप को संभाल तक नहीं पाए थे और फिर तुमने अपने आप को इसे तूफान से बचाने के लिए अंधेरे का राष्टा चुन लिया जिस से कुछ ही वक्त में तुम डीमन किंग सम्राट बन गये फिर तुमने इसे नगरी डेत वाली का निर्माण किया और अपने शैतानी फौज के मदद से तुमने अपने सभी दुश्मनों को खत्म कर दिया लेकिन यहीं पर तुम नहीं रुके तुमने पूरे मायवी दुनिया में हाहाकार मचड़िया न जाने कितने बेगुनाह और बेकसूर लोग तुम्हारे शतानी ताक़त के आगे बली पड़ गये

मैंने उस बीच बहुत वार तुमसे मिल्ली और तुम्हें समझाया लेकिन तुम्हें बुराई ने अपने कब्जे में कर लिया था और ये बात तुम भी जानते थे लेकिन तुमने उस रास्ते को चुन लिए और फिर कहा था

सम्राट - पद्‍मिनी में जनता हूँ की में गलत राषते पर हूँ लेकिन अब में पीछे नहीं हॅट सकता हूँ अब में सिर्फ़ और सिर्फ़ आगे तरफ सकता हूँ में जनता हूँ की एक ना एक दिन मेरा अंजाम बहुत दर्दनाक होगा लेकिन फिर भी में इसी राषते पर चलूँगा क्योंकि सिर्फ़ अंधेरे ने ही मुझे नहीं छूना मैंने भी अंधेरे को चुन लिया है , मैंने हमेशा तुम्हें प्यार किया है और हमेशा करता रहूँगा लेकिन अब हम दोनों कभी भी साथ नहीं रही सकते क्योंकि तुम परियों की सहजादी हो सचाई के राषते पर चलना तुम्हारा काम है और में इन अंधेरे का सम्राट और इन शैतानों का अकका हूँ और बुराई के राषते पर चलना ही मेरा काम है इसे लिए अब हम दोनों को अलग होना ही होगा

जब तुमने ये बात बोली थी तो मेरे परॉन के नीचे से ज़मीन खिसक गयी थी में बुरी तरह से लड़खड़ा गयी थी मुझे यकीन ही नहीं हो रहा था की मेरे सम्राट ने मुझे शा कहा था फिर

पद्‍मिनी - सम्राट ये तुम क्या कह रहे हो तुम मेरे साथ शा नहीं कार सकते में बहुत प्यार करती हूँ तुम्हें और तुम्हारे बिना ज़िंदा नहीं रही सकती

सम्राट - तुम्हें ज़िंदा रहना होगा पद्‍मिनी तुम खुद ही सोचो क्या तुम एक इसे आदमी के साथ रही पाएगी जो बाहर से ही नहीं बल्कि अंदर से भी बुरा बहुत बुरा बन चुका है , हाँ में तुमसे वादा करता हूँ अगले जन्म में हम दोनों जरूर साथ होंगे और हमें कोई भी जुड़ा नहीं कार सकेगा

फिर में वहाँ से अपने टूटे हुए दिल को लेकर चली आई मुझे आज भी याद है जब में वापस आ रही थी तब मैंने सम्राट के आँखों में अपने लिए प्यार ही प्यार और मुझे खोने का दर्द ही दर्द दिखाई दहाड़ा था , फिर कुछ सालों बाद वो आखिरी और खतरनाक जंग हुआ जीशमे बहुत मुश्किल से सभी स्टेट'से ने मिलकर सम्राट को हराया और उसे मर दिया

लेकिन मरते मरते सम्राट ने अपने जलते हुए दिल को निकल के इंसानी दुनिया में फेंक दिया और बहुत सालों बाद इंसानी दुनिया में तुम पेड़ा हुए और जब मुझे पत्ता चला की सम्राट ने तुम्हारे रूप में जन्म लेचुका है तो मैंने भी तन लिया की में भी तुम्हारे लिए इंसानी दुनिया में जन्म लूँगी इसलिए मैंने भी अपने दिल के आधे हिस्से को निकल के इंसानी दुनिया में भेज दिया फिर मैंने भी वर्षा के रूप में जन्म ले लिया तुम्हारे लिए
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अग्नि को अपनी पूरी कहानी सुनाने के बाद पद्‍मिनी अग्नि के आँखों में देख रही थी , अग्नि भी ये सब सुनकर सन्न था उसे यकीन नहीं आ रही था की वर्षा और उसका प्यार सदियों पुराना था , फिर

अग्नि - क्या ये सब सच है?

पद्‍मिनी - हाँ अग्नि ये सब जो मैंने कही सच है , न जाने कितने सालों से मैंने तुम्हारा इंतजार किया है , क्या तुम्हें मेरे बातों पर यकीन नहीं ?

अग्नि - नहीं मुझे तुम्हारे बातों पर यकीन है क्योंकि कुछ देर पहले जब में अकेला था तो मुझे वर्षा की बहुत याद आ रही थी और अब जब में तुम्हारे साथ हूँ तो मुझे शा लग रहा है की में वर्षा के साथ ही हूँ ईश्वक़्त , मेरा जो दिल कुछ वक्त पहले तक बेचैन था अब तुम्हारे साथ होने से शांत है और खुश भी इसलिए तुम्हारे बातों पर यकीन ना करने का सवाल ही नहीं उठ था है

फिर दोनों एक दूसरे के गले लग जाते हैं , दोनों ईश्वक़्त बहुत खुश थे क्योंकि दोनों ने अपने खोए हुए प्यार को पालिया था , फिर

पद्‍मिनी - अग्नि आज में बहुत खुश हूँ क्योंकि न जाने कितने सालों का मेरा इंतजार आज जाकर खत्म हुआ है आज मैंने फिर से अपने प्यार को हासिल कर लिया है , अब में तुम्हें अपने से कभी भी दूर नहीं जाने दूँगी , अब तुम मेरे साथ चलो

अग्नि - तुम्हारे साथ पर कहाँ ?

पद्‍मिनी - मेरे घर यानि की हमारे परीस्तान में

अग्नि - क्य्ाआआआआअ

पद्‍मिनी - हाँ अग्नि में तुम्हें यहाँ से अपने साथ ले जाने आई हूँ , हम दोनों परीस्तान में जाकर शादी करलेंगे फिर इसे परीस्तान की रानी को और परीस्तान को उनका राजा मिल जाएगा और फिर हम दोनों हमेशा साथ रहेंगे

अग्नि - नहीं पद्‍मिनी में डेत वाली छोड़कर नहीं जा सकता , यहाँ पे मेरे आंटी अंकल हैं और यहाँ के लोग मुझपर भरोसा करते हैं में उनका भरोसा नहीं तोड़ सकता

पद्‍मिनी - अग्नि इतने सालों बाद हम मिले हैं क्या तुम मेरे साथ रहना नहीं चाहते

अग्नि - हाँ में तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ लेकिन डेत वाली में भी तो हम साथ रही सकते हैं[/color]
 
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