Indian Bhabhi Doctor Ki Chudakkad Biwi

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मैं इंदौर में रहता हूँ और मेरे घर के पास में ही एक घर में छोटा सा क्लिनिक है।
क्लिनिक नीचे है और ऊपर के हिस्से में क्लिनिक के डॉक्टर साब रहते हैं, उनका नाम राहुल है।
उनकी उम्र कोई 30-32 के आस-पास होगी।
उनकी पहले एक शादी हो चुकी थी.. लेकिन उनका डाइवोर्स भी हो चुका था।

अभी एक साल पहले उन्होंने दूसरी शादी अपनी पसंद से की है।
उनकी दूसरी वाली वाइफ सच में बहुत खूबसूरत हैं।

उनका घर मेरे घर के बगल में ही है.. तो मैं अक्सर उनको देख ही लेता हूँ।
उनकी छत मेरी छत से लगी हुई थी। उनकी छत पर एक कमरा भी बना हुआ है।
उनके घर में पति पत्नी के अलावा एक नौकरानी रहती है।

शादी के बाद 4-6 महीने तक तो भाभी घर से बाहर आती ही नहीं थीं लेकिन धीरे-धीरे आने लगी हैं।

राहुल कहने को हैं तो डॉक्टर.. लेकिन बहुत ही पतले-दुबले आदमी हैं और उनकी वाइफ उनके विपरीत है। उनका जिस्म बहुत ही भरा हुआ है और उनके मम्मों के उभार उनकी खूबसूरती को और भी बढ़ा देती है।
चूंकि वो घर के बगल में रहती थी.. इसलिए बातचीत तो होती ही रहती थी।
मैं उन्हें भाभी कहता था।

शादी के कुछ दिनों तक तो सब कुछ नॉर्मल था.. लेकिन कुछ ही टाइम के बाद उन दोनों में तनाव होने लगा था।

गर्मियों में हमारे मोहल्ले के लोग छत के ऊपर सोने चले जाते थे।

अभी 3 महीने पहले की बात है। एक रात मैं जब छत पर सोने गया तो देखा कि बगल की छत पर डॉक्टर साहब की वाइफ खड़ी थीं।
उस टाइम उन्होंने नाइटी पहनी हुई थी, बहुत ही झीनी किस्म की नाइटी थी, जिससे उनके जिस्म के अन्दर का हिसाब-किताब भी देखा जा सकता था।
लेकिन छत पर रोशनी कम होने की वजह से मैं उनके जिस्म को ठीक से देख नहीं पा रहा था।

मैंने उनसे पूछा- नेहा भाभी.. खाना खा लिया आप लोगों ने?
तो उन्होंने कहा- हाँ खाना तो हो गया है.. बस सोने की तैयारी हो रही है।
मैंने पूछा- क्या आप लोग छत पर ही सोते हैं।

उन्होंने कहा- हाँ.. कभी-कभी जब गर्मी ज्यादा होती है.. तो छत पर ही सोते हैं।

मैंने कहा- राहुल भैया कहाँ है.. क्या वो नीचे हैं या कहीं गए हैं?
तो उन्होंने कहा- वो तो अपने सिस्टर के यहाँ गए हुए हैं। वो कल मॉर्निंग में आएँगे।

तब मैंने कहा- तो क्या आप घर में अकेली हैं?
बोलीं- हाँ..
तब मैंने कहा- क्या आपको अकेले डर नहीं लगता है?

नेहा भाभी ने कहा- नीचे डर लग रहा था.. तो छत पर चली आई.. और अब नींद भी नहीं आ रही है।
मैंने कहा- नींद तो मुझे भी नहीं आ रही है।
तब उन्होंने कहा- मेरी छत पर आ जाओ.. थोड़ी देर बैठ कर बातें करते हैं। उसके बाद जब नींद आने लगे, तो चले जाइएगा।

मैं उनकी छत पर चला गया।
उन्होंने कमरे के अन्दर से एक फोल्डिंग पलंग निकाला और कहा- बैठिए.. बैठ कर बातें करते हैं।

मैं फोल्डिंग पलंग पर बैठ गया।
वो मेरे बगल में आकर बैठ गईं और हम लोग पहले तो ऐसे ही बातें करते रहे।

फिर अचानक उन्होंने पूछा- ये बताइए आपकी कितनी गर्ल-फ्रेंड्स हैं?
मैंने कहा- अगर सच बताऊँ तो मेरी गर्ल फ्रेंड एक भी नहीं है।
तब उन्होंने पूछा- इसका मतलब आपने कभी लाइफ में एंजाय नहीं किया है।
मैंने कहा- नहीं ऐसे बात नहीं है.. लाइफ में एंजाय तो बहुत किया है।
 
फिर वो बोलीं- किस तरह का एंजाय किया है.. ज़रा हमें भी तो बताओ?

उनके सवाल को सुनकर मैं थोड़ा शर्मा गया और अपना सर नीचे झुका लिया।
भाभी ने बड़े प्यारे से मेरे सर पर हाथ फेरते हुए कहा- अरे तुम तो मुझसे शर्मा रहे हो.. तुम तो मुझे भाभी कहते हो.. तो फिर मुझसे कैसी शर्म?

उनका हाथ धीरे-धीरे मेरे सर से मेरे गालों पर आ गया था। वो बड़े प्यार से मेरे गालों पर अपना हाथ फेर रही थीं।
उनके हाथ बहुत ही कोमल थे।
जब उन्होंने मेरे गालों को टच किया.. तो मेरे अन्दर एक अजीब से सनसनी होने लगी और मैं थोड़ा सा पीछे हटकर बैठ गया।

भाभी समझ गईं कि मैं शर्मा रहा हूँ।

उन्होंने फिर पूछा- क्या आपने कभी किसी लड़की या औरत को नंगा देखा है?

मैंने कहा- हाँ देखा तो है.. लेकिन कभी जी भर कर नहीं देख पाया। वैसे तो एडल्ट मूवी में कितनी ही बार देखा है लेकिन जो मज़ा सामने-सामने देखने में है.. वो मूवी में कहाँ है।

मेरी बातें सुनकर वो हँसते हुए बोलीं- बातें तो बहुत अच्छी करते हैं आप।
मैंने कहा- अगर आप जैसी खूबसूरत लेडी सामने हो.. तो बातें खुद ही अच्छी हो जाती हैं।

इसी तरह बातें करते-करते नेहा भाभी का हाथ मेरे गालों से होते हुए मेरे सीने तक आ गया था। वो मेरे सीने पर हाथ फेरते हुए बड़े प्यार से बोलीं- क्या तुमने कभी किसी के साथ चुदाई की है?

नेहा भाभी के मुँह से अचानक ‘चुदाई’ जैसे शब्द सुनकर मैं तो अवाक हो गया और घबरा कर मैंने अपना सर नीचे कर लिया।
उसके बाद वो मेरे जाँघों पर हाथ फेरते हुए बोलीं- मैं बहुत दिनों से अकेली हूँ.. क्या आप मेरा साथ देंगे?

तब मैंने पहले बार भाभी की आँखों में आँख डालकर उनके तरफ देखा।
सच में उस वक़्त उनके चेहरे में अजीब ही कशिश थी.. मैंने बिना कुछ कहे भाभी के चेहरे को अपने हाथों से अपनी तरफ खींचते हुए उनको होंठों पर किस किया।

उन्होंने अपने आँखें बंद करके अपने आपको बिल्कुल फ्री छोड़ दिया।
तब मैं समझ गया कि आज की रात जन्नत की सैर करने को मिलेगी।

फिर हम ऐसे ही बहुत देर तक एक-दूसरे को किस करते रहे।

कुछ वक़्त बाद हम दोनों एक-दूसरे से अलग हुए।

भाभी ने कहा- यहाँ से चलो।

फिर हम दोनों भाभी के घर के नीचे कमरे में चले गए। भाभी ने दरवाजा बंद कर दिया.. और हम दोनों ने एक-दूसरे के होंठों को चूसना स्टार्ट कर दिया।

मैं भाभी के नरम-नरम बोबों का हाथों से दबा रहा था। भाभी ने मेरी शर्ट और पैन्ट उतार दी.. और अपने हाथों से मेरे लंड को सहलाने लगीं।

फिर मैंने अपने हाथों से भाभी की मैक्सी ऊपर कर दी और भाभी के मुलायम बोबों को चूसना स्टार्ट कर दिया।

भाभी की साँसें तेज़ होती जा रही थीं। हम दोनों फिर एक-दूसरे को नंगा कर दिया।
मैंने जैसे ही भाभी की चूत पर हाथ रखा.. उनके मुँह से आवाज़ निकल गई ‘आअहह.. उउउम्म्म्म…’

हम दोनों 69 की पोजीशन में आ गए।
मैं उनकी चूत चाट रहा था और वो मेरा लंड चूस रही थीं। ऐसा लग रहा था कि मैं जन्नत में हूँ।

अब हम दोनों सीधे हुए, वो मुझसे कहने लगीं- प्लीज़ आप लंड अन्दर डाल दो।
मैंने भी वैसा ही किया.. मैंने अपना लंड उनकी चूत पर लगाया।
 
वो जैसे ही अपनी चूत आगे को लाए.. मैं वैसे ही दूर हो जाता।
मुझे उनको तड़पाने में मज़ा आ रहा था।
वो बोलीं- प्लीज़ तड़पाओ मत..

मैं थोड़ी देर तक अपना लंड उनकी गोरी चूत पर फेरता रहा। फिर मक्खन जैसी गीली प्यासी चूत में बड़े प्यार से लंड अन्दर डाल दिया.. उनके मुँह से आवाज़ निकल पड़ी ‘आआहह.. उऊहह..’

मुझे मज़ा आ रहा था और उनको भी।
मैं भाभी को चोदे जा रहा था।

‘फच्च फ़च्छ..’ की आवाज और मक्खन जैसा चिकना-चिकना रस.. सच में बहुत मज़ा आ रहा था।

कुछ देर धकापेल चुदाई के बाद अब मेरा निकलने वाला था।

मैंने भाभी से बोला- मैं निकलने वाला हूँ।
भाभी बोलीं- अन्दर ही डाल दो.. बहुत मज़ा आ रहा है.. मैं नहीं चाहती कि तुम्हारा लंड मेरी चूत से बाहर आए।

मैंने भी वैसा ही किया और भाभी की चूत के अन्दर अपने मुठ्ठ की जन्नत बंद दी।

बस इसके बाद तो भाभी मेरी प्यास जब चाहे बुझाने लगी थीं।

दोस्तो, यह मेरी सच्ची कहानी है। प्लीज़ आप ईमेल जरूर करना।
 
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