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ज्योति को जब मैंने ये सब बताया तो उसे मुझ पर विश्वास ही नहीं हुआ कि मैंने ये सब कर लिया था। ज्योति और मैं, हम दोनों साथ में ही पढ़ाई करते थे और वो जब भी मेरे घर पढ़ने के लिए आती तो अपने मोबाइल में सेक्स की वीडियो जरूर लेकर आती थी, क्योंकि हम दोनों का मन अब सेक्स के लिए बहुत बेचैन रहने लगा था।
ऐसा नहीं था कि मेरा भाई मेरी रोज चुदाई नहीं करता था, लेकिन तब भी चुत की कामुकता बहुत बढ़ चुकी थी।

यह आप भी जानते हैं कि इस खेल को जितना खेला जाए, उतना ही कम लगता था। तो मेरी और ज्योति की कामुकता बहुत बढ़ गई थी.. और अब हम दोनों लेस्बियन सेक्स करने लगी थी। हम दोनों अपने पूरे कपड़े उतार कर एक-दूसरे की चूत को चूसते, मम्मों को दबाते और इस तरह हम दोनों एक-दूसरे को शांत कर लेती थीं।

ज्योति ने कहा- प्रमिला, तेरे चूचे तो कुछ ही दिनों में काफी बड़े हो गए हैं।
मैंने कहा- ये सब मेरे भाई के हाथों का कमाल है।
ज्योति ने कहा- क्या बात है मेरी जान तेरे चूचे तो एकदम किसी माँ बनने वाली औरत जैसे हो गए हैं।
मैंने कहा- हाँ क्या करूँ यार.. भाई रोज मेरे मम्मों को इतना मसलते हैं कि वो इतने बड़े-बड़े हो गए यार!
ज्योति ने कहा- तेरा भाई है ही इतना मस्त कि कोई भी लड़की उससे चुद जाएगी।
मैंने कहा- हाँ यार!

कुछ समय बाद भाई को पढ़ाई के लिए शहर जाना पड़ा। अब मैं अकेली पड़ गई थी। जहाँ मेरी रोज चुदाई होती थी अब बस मुझे चुत में फिंगरिंग करके अपना काम चलाना पड़ रहा था।
मैंने सोचा क्यों न किसी लड़के को पटाया जाए जो मेरी खूब चुदाई कर सके।

मेरे पड़ोस में एक लड़का रहता था। उसका नाम राज था, वो मेरे से दो साल बड़ा था। उसके घर की छत और मेरे घर की छत आपस में लगी हुई थी। वैसे भी मैं ऊपर छत वाले रूम में ही सोती थी, तो उससे चुदाना बड़ी आसानी से हो सकता था।
वो लड़का भी मुझ पर लाइन मारता था। वैसे तो मेरी कॉलोनी के सभी लड़के मुझ पर लाइन मारते थे.. मगर मैं किसी को भी ज्यादा भाव नहीं देती थी।

मैंने सोचा क्यों न मैं इसी को पटा लूँ तो मेरी कामुकता का इलाज हो सकता है.
अब मैं भी राज को लाइन देने लगी।

बस 3 दिन बाद एक रात को मेरे रूम का दरवाजा किसी ने बजाया.. मैंने गेट खोला तो देखा सामने राज खड़ा था। रात को 11 बज रहे थे और वो मेरे सामने था।
मैंने उससे कहा- यहां से जाओ।
मगर वो मुझे धक्का देकर अन्दर आ गया और उसने मेरे रूम का गेट बंद कर दिया। फिर मुझे पकड़ कर जोर-जोर से किस करने लगा। मेरे दोनों होंठ उसके होंठों के अन्दर थे। उस टाइम में नाईट ड्रेस में थी। मेरे अन्दर सेक्स की आग लग चुकी थी तो मैं भी उसका साथ देने लगी।

उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मुझे नंगी करके मुझे धक्का देते हुए बिस्तर पर लेटा कर वो मेरे पूरे शरीर को किस करने लगा। मेरे मम्मों को जोर-जोर से मसलने लगा.. उसे भी बहुत मजा आ रहा था और मुझे भी।
उसने कहा- प्रमिला, तेरे चूचे तो काफी बड़े हैं.. तूने ऐसा क्या किया कि तेरे चूचे इतने बड़े-बड़े हो गए।
मैंने कहा- क्या करूँ, रोज अपने हाथों से इनको खूब दबाया है.. तब जाकर ये इतने बड़े हुए हैं।
उसने कहा- आज के बाद मैं इनको दबाऊंगा और इससे भी बड़े कर दूँगा।
मैंने कहा- ठीक है दबा लेना, पर अभी तो तू मुझे जल्दी से चोद दे।

राज जोर-जोर से किस करने लगा, मैं भी पागल हो गई।
उसने मेरी टांगें चौड़ी की और मेरी चूत को चूसने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। फिर उसने अपने कपड़े उतारे और अपना लंड निकाल कर मेरे मुँह में दे दिया, कहा- प्रमिला इसे चूसो।

मैं भी लंड लेने के लिए तरस रही थी इसलिए मैंने भी बिना देर किए राज के लंड को मुँह में ले लिया और चूसने लगी।

राज का लंड भी एकदम मेरे भाई के लंड जैसा था। मुझे ऐसा लगा कि मेरा भाई का लंड मुझे फिर से मिल गया हो।

राज ने मेरे सर को पकड़ा और जोर-जोर से अपने लंड से मेरे मुँह की चुदाई करने लगा। कभी-कभी वो अपना लंड मेरे गले तक उतार देता, जिससे मुझे ठसका लग जाता मगर वो अपने काम में लगा रहता।

थोड़ी देर बाद राज ने कहा- प्रमिला, मेरे लंड का रस निकलने वाला है।
इतना बोलते ही उसके लंड का रस मेरे मुँह में ही निकल गया और मैं उसके लंड का सारा रस पी गई। बहुत दिन बाद मुझे लंड का रस मिला था.. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था।

मैंने फिर से राज के लंड को चूसना शुरू कर दिया, उसका लंड फिर से तन कर खड़ा हो गया।

राज ने कहा- प्रमिला मुझे तेरी चूत की चुदाई करनी है।
मैंने कहा- हाँ राज मैं भी अपनी चूत की चुदाई चाहती हूँ.. चोद दो मेरी चूत को।

इतना सुनते ही राज ने मुझे बिस्तर पर पटका और मेरे ऊपर चढ़ गया और बोला- आज तो प्रमिला तेरी चूत की ऐसी चुदाई करूँगा कि तू जिंदगी भर याद करेगी।

राज ने अपना लंड मेरी चूत पर रगड़ना चालू कर दिया, मैं पागल हो गई। तभी राज ने एक झटके में मेरी चूत में अपने लंड को उतार दिया.. मेरे मुँह से आह्हः निकल गई।

राज मेरे होंठों को किस करने लगा। मेरे मम्मों को भी मसलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था कि इतने दिन बाद मेरी चूत में किसी का लंड गया था।

राज मेरी चूत की जोर-जोर से चुदाई करने लगा.. मुझे बहुत मजा आने लगा, मैंने राज से कहा- राज और तेज़ और तेज़ मेरी चूत का रस निकलने वाला है.. अह्ह्ह्ह.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… ओह्ह्ह..
राज ने कहा- हाँ मेरी जान ये ले मेरा लंड का पूरा मजा..
राज ये कह कर और जोर-जोर से मेरी चूत में धक्के लगाने लगा।

थोड़ी देर में ही मेरी चूत का रस बह निकला और मैं जोर से चीखी और राज ने मेरा मुँह दबा दिया। राज अपने धक्के लगाता रहा और दस मिनट बाद वो भी आ गया। उसने जल्दी से अपने लंड को बाहर मेरी चूत से निकाला और मेरे मुँह में पेल दिया।

राज ने चीखते हुए अपने लंड का रस मेरे मुँह में छोड़ दिया। मैंने राज का सारा रस पी लिया।

उस रात राज ने मेरी मेरी 3 बार चुदाई की और सुबह 5 बजे वो अपने घर चला गया। उसके बाद वो हर रोज मेरी चुदाई करने लगा.. रोज रात को 12 बजे के करीब वो आता और सुबह 5 बजे चला जाता। वो रात में 5 घंटे मेरी जम कर अच्छे से चुत चुदाई करके मेरी कामुकता का इलाज करता और मेरी चुदाई की भूख को मिटाता।

दो महीनों तक मेरी रात में बहुत चुदाई हुई। रोज 5 घंटे की चुदाई से मेरी जिन्दगी में हरियाली आ गई।

थोड़े दिन में मेरी चुदाई का असर मेरे ऊपर भी होने लगा था.. ये देखते हुए मेरी माँ ने मेरी शादी तय कर दी।

आगे की चुत चुदाई की कहानी अगली बार लिखूंगी.. कैसी लगी आपको मेरी ये चुत की कहानी मुझे जरूर बताएं।
 
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