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दोस्तों मैं कुशाल इस इन्सेस्ट कहानी में आपका स्वागत करता हूँ।
यह कहानी माँ और बेटे की है।
माँ की उम्र 37 साल व बेटे की उम्र 18 साल।
यह कहानी काफी छोटी है।लेकिन इस छोटी कहानी में आपका पूरा मनोरंजन होगा।
चलिए अब चलते है अपनी कहानी की ओर।
यह एक सत्य कथा है।मेरे घर में तीन लोग है
मैं(कहानी का नायक) ,पापा और मम्मी(कहानी की नायिका)
चलिए आप लोगो को नायक और नायिका के दर्शन करा देते है
मैं
रेगुलर जिम जाता हूँ।
मेरी माँ उम्र 37 लेकिन लगती 30 की हैं।
हम मां बेटे में जबरदस्त बॉन्डिंग है।
हमारे पापा भी हम लोगो को बहुत प्यार करते है।पापा बिज़नेस करते है तो उनको समय कम मिलता है घर के लिए।हम लोग मिडिल क्लास फैमिली से रिलेटेड है।सब कुछ सामान्य चल रहा था फिर एक दिन एक तूफान आया और सब कुछ बहा के ले गया।पता नही लेकिन किस्मत को शायद यही मंजूर था।
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मैने BA1 का एग्जाम पास किया था।आप लोग तो जानते ही है कि यह उम्र कितनी खराब होती है।सही गलत कुछ समझ नही आता।मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नही थी।
मां हमेशा मेरे मन का खाना बनाती थी।और मुझे बहुत प्यार करती थी।
गर्मी की छुट्टियां चल रही थी।मेरे मामा के लड़के की शादी थी और हम सबको गांव जाना था।पापा दुकान की वजह से जा नही सकते थे।मुझे और माँ को ही जाना था।गांव काफी पिछड़ा था।मम्मी मेरे पास आई और कहा बेटा हम लोगो को ही शादी में चलना है पापा नही जा पाएंगे।मैने कहा ठीक है मम्मी ।लेकिन मम्मी ने कहा बेटा एक दिक्कत है।मैंने पूछा क्या? मम्मी ने कहा गांव काफी पिछड़ा हुआ है और हम दोनों को 3 km पैदल चलना होगा।मैने कहा मैं जानता हूँ मम्मी।
हम लोग ऐसे निकलेंगे की दिन रहते घर पहुँच जाए।मम्मी ने कहा हा ये ठीक रहेगा।मम्मी ने कहा 3 दिन बाद हमे चलना है।मैन कहा ठीक है।इतना कह कर वह चली गई।और फिर हम लोगो ने शादी में चलने की तैयारी पूरी कर ली।
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तओ भाइयो मैं और मेरी मां दोनों निकल लिए ।हम लोगो को समय का अंदाज़ा नही था पर गांव के बाहर पहुंचते पहुंचते रात के 8 बीज गए।और जिस समय हम लोग बस से उतरे बारिश शुरू हो गई।मम्मी भी काफी दिन बाद गांव आई थी तो उनको रास्ते का अंदाज़ा रात में नही हो पा रहा था।एक आदमी मिला तो उससे हमने गांव का रास्ता पूछा तो उसने कहा कि बारिश काफी तेज है।यहां से लगभग 5 km की दूरी पर गांव है।आप लोग यही कहीं रुक जाइये बारिश थम जाए तो जाना।इतना कहकर वह चला गया।मेरी मां काफी डर रही थी।फ़ोन के नेटवर्क गायब थे या आज ईश्वर को कुछ और ही मंजूर था।माँ ने कहा हम लोग धीरे धीरे चलते है।ऐसे तो पूरी रात यही हो जाएगी।मैने कहा ठीक है और हम लोग भीगते भीगते चल दिये।रास्ते मे सिर्फ जंगल था।बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी।ऐसा लग रहा था हम लोग गलत दिशा में जा रहे थे।मैं रुक गया और मम्मी पर चिल्लाने लगा।मम्मी खामोश थी।कहने लगी बेटा आस पास देखो कोई रुकने की जगह हो तो वही रुक जाते है।फिर सुबह निकलेंगे।नही तो और रास्ता भटक जायेगे।मैने कहा ठीक है।थोड़ा दूर चलने पर एक कुटिया सी दिखाई दी।हम दोनों खुश हो गए और उसके अंदर चले गए ।अब कुछ राहत लग रही थी।कुटिया में कोई नही था ।बस एक चारपाई पड़ी थी बस।लगता है बारिश की वजह से घर चला गया होगा जो भी रहता होग
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दोस्तों ईश्वर ने आज कुछ और ही सोचा था मेरे लिए।एक ऐसी अनहोनी जो मैंने कभी सपने में भी नही सोची थी।चारो तरफ अंधेरा था।बिजली तड़क रही थी।मैं और माँ दोनों बारिश में गीले हो गए थे।जब बिजली चमकती थी तो माँ के शरीर पर जो साड़ी चिपक गई थी उसकी वजह से उनके पूरे शरीर की बनावट दिख रही थी।कुछ इस तरह
अब मैं भी इंसान हु ।आप लोग मेरी मनोस्थिति समझ सकते है।यही वो पल था जब मेरे विचार माँ के लिए बदलने लगे।मेरे पैंट में अजीब सी हलचल मच गई।मैं एक टक मा को अंधेरे का फायदा उठाकर देखता रहा।जैसे जैसे बिजली चमकती माँ का शरीर भी चमक जाता।
तभी अचानक मैने अपने पैंट में उभार महसूस किया।मेरा हाथ मेरी पैंट के अंदर चला गया ।मैं सन्न रह गया ।मेरे लन्ड बिल्कुल तन गया था।दोस्तो मैंने अपने लन्ड का साइज नही बताया आपको।यह रहा मेरा लन्ड
जो अच्छे अच्छे का पानी निकाल ले।औरते जिस प्रकार के लन्ड को चाहती है ठीक वैसा ही था मेरा लन्ड लगभग 7 इंच।
चलिए अब स्टोरी पर आते है।
अचानक मेरे मन मे आया अरे ये क्या सोच रहा हूँ अपनी माँ के बारे में।ये गलत है।ये पाप है।
तभी मम्मी ने आवाज लगाई
माँ- बेटा ऐसा करते है दोनों कपड़े चेंज कर लेते है।और यही सो लेते है।बारिश तो रुकने से रही।मैने कहा ठीक है।माँ ने मेरा शॉर्ट्स निकाला और अपना गाउन ।मैने तो साइड में जाकर चेंज कर लिया।अचानक मेरा दिमाग घुमा की माँ कैसे चेंज करेगी।क्या आज मेरे सामने कपड़े बदलेगी करेगी।
उनकी नजर में तो मैं बेटा ही था इएलिये वो अंधरे में धीरे धीरे मेरे सामने कपड़े उतारने लगी।मेरे शरीर मे खून की रफ्तार तेज हो गई थी।अंधरे में बहुत ज्यादा तो नही पर थोड़ा बहुत तो दिख रहा था।ऐसा लग रहा था कि स्वर्गलोक से कोई परी उतर आई है।वो बिल्कुल नंगी थी ।मुझसे लगभग 5 फ़ीट की दूरी पर।उन्हें लगा मैं उनकी तरफ ध्यान नही दे रहा था।पर उन्हें शायद नही मालूम था कि उनका बेटा बड़ा हो गया है।ऐसा था कुछ
अब मेरे बर्दास्त के बाहर हो रहा था।मेरा लन्ड बैठने का नाम नही ले रहा था।मैं भूल गया था कि सामने वाली औरत मेरी माँ है।मुझे सिर्फ औरत दिख रही थी।वासना मुझ पर हावी हो गई थी।मैं भूल गया था कि इस औरत ने ही मुझे पैदा किया है।मुझे बस एक चीज दिख रही थी और वह था उनका भीगा बदन।
अपडेट 5 अचानक माँ ने गाउन पहन लिया। और आवाज आई बेटा आपने कपड़े पहने। मैं चौक गया और बोला हाँ पहन लिए । कसम से बताऊं दोस्तों मां उस समय काम की देवी लग रही थी। मैं यही सोच रहा था कि पापा ने इतने दिनों तक मां को कैसे चोदा होगा। क्या पापा मां की सेक्स इच्छा पूरी कर पाए होंगे। क्या पापा के पास मेरे जैसा तगड़ा लन्ड होगा।
हे भगवान आज मुझे क्या हो रहा है। मैं अपनी ही मां के बारे में इतने गंदे ख्याल क्यों अपने मन में ला रहा हूँ। पहले कभी ऐसा नहीं हुआ । पहले कभी भी मेरी नजर गंदी नहीं हुई । शायद उस समय पापा साथ थे इस वजह से। आज ईश्वर ने किस मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है मैंने अपनी मां को नंगा देख लिया है और मेरी काम भावना जागृत हो गई है। आज कोई नहीं है सिर्फ मैं और मेरी मां। मेरी मां काम की देवी लग रही है।
अचानक मां की आवाज आई, बेटा ऐसा करते हैं यह जो चारपाई है इस पर ही लेट जाते हैं। मैं फिर चौक गया। मां ने पूछा बेटा क्या सोच रहे हो तुम। सॉरी मेरी वजह से तुमको दिक्कत हुई। मैंने जवाब दिया माँ वह चारपाई ज्यादा बड़ी नहीं है। इसमें हम दोनों कैसे आ पाएंगे। बेटा कोई बात नहीं है हम दोनों के पास यही ऑप्शन है कैसे ना कैसे एडजस्ट कर लेंगे। ऐसा लग रहा था कि आज भगवान खुद मेरा साथ दे रहा था । इतनी सुंदर औरत और मेरे तगड़े हथियार का आज मिलन होगा। संभावनाएं तो कुछ ऐसी बनी थी।
मेरे मुंह से अचानक निकल गया कि माँ आप सुंदर लग रही हैं। उन्होंने धीरे से एक चपत लगाइ और कहा आज पहली बार तूने मेरी तारीफ की।चल अच्छा अब थक गए हैं चलो जल्दी से दोनों लोग सो जाते हैं। सुबह 4:00 बजे हम लोग निकल लेंगे तब तक बारिश भी कम हो जाएगी। मैंने कहा ठीक है माँ आप लेटो मैं अभी थोड़ी देर में लेटता हूँ। मम्मी ने कहा ठीक है जल्दी सो जाना मैं बिल्कुल किनारे सो जाती हूं आराम से सो लेना। मैंने कहा अच्छा आप सो जाइए । मैंने देखा थोड़ी देर के बाद मम्मी की आंखें बंद हो गई और वह एक करवट में सो गई । वह अभी भी काम की देवी लग रही थी। ऐसा लग रहा था कि ऊपर से कोई अप्सरा उतर आई है। उनके शरीर के ऊपर अभी भी पानी की बूंदे चमक रही थी। मेरे अंदर धीरे-धीरे काम अग्नि तेज होती चली जा रही थी ।
मैं धीरे से चारपाई के पास बैठ गया। मेरी तरफ मां का मुंह था। मैं जान रहा था माँ बहुत गहरी नींद में सो गई हूं। कितना भोला चेहरा था अभी भी पानी की बूंदे चमक रही थी उनके चेहरे पर। आज मैंने मन बना लिया था अब चाहे कुछ भी हो यहां से मुझे पीछे नहीं जाना है। मैं खिसक कर मां के पैरों के पास चला गया और धीरे से उनका गाउन थोड़ा सा ऊपर कर दिया। ऐसा लग रहा था दोस्तों जैसे स्वर्ग धरती पर उतर आया है। उनकी मोटी मोटी जाँघे मेरे सामने थी। मैंने अपने मुंह को आगे बढ़ाया और उनके शरीर पर जो पानी की बूंदे थी उनको धीरे-धीरे चाटने लगा। ऐसा लग रहा था कि कोई अच्छे कर्मों का फल मुझे आज मिल रहा है जब मैं उन बूंदों को चाट रहा था तो ऐसा लग रहा था क्या आज दुनिया बहुत खूबसूरत हो गई है। उनकी मैक्सी मैंने घुटनों तक ऊपर कर दी थी। मेरे अंदर डर खत्म हो गया था कि आज अगर मां जग गई तो मुझे क्या कहेंगे। मैं उनके तलवे से लेकर घुटनों तक धीरे-धीरे धीरे-धीरे अपनी ज़ुबान चलाने लगा।
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दोस्तो मैं आपको बता नही सकता कि मैं अलग ही दुनिया मे था।ऐसा लग रहा था कि मेरी प्रेयशी मेरे सामने लेटी थी।और मैं उसको निहार रहा था।माँ बेटे के रिश्ते को मैं बिल्कुल भूल चुका था।समय रात के 12 बज रहे थे।बारिश रुकने का नाम नही ले रही थी।ऐसे मौसम में हर कोई रोमांटिक हो जाता है।और मेरे पास तो एक बहुत ही खूबसूरत औरत लेटी हुई थी।जिसके शरीर को देखकर ऐसा लग रहा था कि मानो सारे जहाँ की खूबसूरती फीकी पड़ रही थी।
मैं उसके घुटनो के नीचे टांगों पर पड़ी बूंदों को एक एक करके आहिस्ता आहिस्ता चाट रहा था।मम्मी बहुत ही गहरी नींद में सोई हुई थी।मेरे पास सिर्फ 4 घण्टे का समय था।इसी समय बीच जो होना था हो सकता था।उसके बाद सारी सम्भावनाये खत्म हो जाएगी ये जनता था मैं।लेकिन ये सब कैसे होगा।एक ही पल में मैने अपनी मम्मी को अपनी प्रेमिका मांन लिया था।लेकिन क्या वो तैयार होंगी।वो क्यो तैयार होगी।मैं उनका ही बेटा हूँ।और कोई माँ अपने बेटे को अपना पति क्यो बनाएगी।
लेकिन मैंने कई स्टोरी में पढ़ा था कि माँ ने अपने बेटे से चुदवाया था।
अब मैं बहुत उहापोह में था।मेरे पास ज्यादा समय नही था।आर या पार करना था।या तो पापा हमेशा के लिए घर से बाहर निकाल देंगे।क्यो की मम्मी हर बात पापा को बताती थी।
मैं हार नही मानना चाहता था।मैं सोच रहा था शायद 1 परसेंट मम्मी का दिल पिघल जाए तो जिंदगी भर ऐश करूँगा।
मम्मी बेफिक्र होकर लेती थी।लेकिन वो नही जानती थी कि उनका अपना ही बेटा आज उनकी इज्जत उतारने के लिए प्लान बना रहा था।
मैंने उनके घुटनो तक पड़ी सारी पानी की बूंदे चाट डाली।अब वो अपने आप सीधी हो गईं।उनका चेहरा ऊपर की ओर था।और मैक्सी घुटनो तक मैंने की हुई थी।अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी।मैने काँपते हाथो से मैक्सी को थोड़ा और ऊपर किया।तो उनकी मोटी मोटी जांघे मुझे दिखने लगी।
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दोस्तों मेरे समझ नही का रहा था की कहाँ से शुरू करूँ।एक गलती से मेरी लाइफ बर्बाद हो सकती थी।अगर मम्मी न मानी तो क्या होगा मेरे साथ।ऐसा लग रहा था यह मेरे जीवन और मेरी मर्दानगी की सबसे बड़ी परीक्षा होगी।
मुझे कुछ ऐसा करना था कि दांव खाली न जाये।मतलब मुझे ऐसा करना था कि मम्मी मेरी तरफ आकर्षित हो जाये।लेकिन क्या बड़ा लन्ड होने से केवल मम्मी मेरी ओर आकर्षित होंगी।
लेकिन मैंने सुना था कि अगर लन्ड तगड़ा है तो कोई भी महिला आकर्षित हो सकती है चाहे माँ हो या बहन।मुझे भी आज यह प्रयोग करना था।
दोस्तो पिछले एक घण्टे से मेरा लन्ड खड़ा था जैसे कोई शिकारी शिकार के लिए घात लगाता है वैसे ही मेरा लन्ड सामने पड़ी औरत की चूत के लिए घात लगाए खड़ा था।
बिल्कुल ऐसे
मेरी मम्मी इन सब से अंजान एक मासूम औरत की तरह सो रही थी।
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दोस्तो
मेरा मन कर रहा था अपना मोटा लन्ड अभी मम्मी के मुह में डाल दूँ।
अब सब कुछ बर्दास्त के बाहर हो रहा था।मैं यही सोच रहा था कि इतना मोटा लन्ड मेरी मम्मी की चूत में क्या आसानी से घुस पायेगा।यह सोचते सोचते अब मैं खड़ा हो गया।मम्मी चारपाई के किनारे लेटी हुई थी ताकि मैं आराम से लेट सकूँ।मुझे जोर की टॉयलेट भी लगी थी।मैं टॉयलेट करके मम्मी के पास चुप चाप लेट गया।मम्मी का मुँह ऊपर की ओर था और मैं करवट लेकर मम्मी की तरफ मुह करके लेट गया।नींद गायब थी।ऐसा लग रहा था कोई परी आकर मेरे पास लेट गई हो।
मेरा लन्ड तो बैठने का नाम ही नही ले रहा था।
मम्मी का एक हाथ मेरे लन्ड के पास था।
अब मैं थोड़ी हिम्मत कर रहा था।मैं समझ चुका था कि अगर ये मौका निकला तो फिर कभी नही मिलेगा।रात के 1 बज रहे थे।
मैने धीरे से अपना हाथ उठाकर मम्मी के हाथ पर रख दिया।लेकिन मम्मी ने कोई रिएक्शन नही दिया।अब मेरी थोड़ी और हिम्मत बढ़ी।मैं अब मम्मी के हाथ को सहलाने लगा।लेकिन मम्मी काफी गहरी नींद में थी।मेरा दिल जोरो से धड़क रहा था।
फिर हिम्मत करके उनका हाथ हिलाया।लेकिन कोई रिएक्शन नही था।अब मैं निश्चित था कि मम्मी सो रही है।
मैने सोचा क्यों न मम्मी का हाथ अपने लन्ड पर रखे।पता नही कहाँ से मुझमे हिम्मत आ गई ।मैने अपना शोर्ट्स नीचे किया और मम्मी का हाथ अपने लन्ड पर रख लिया।मेरे कपकपी छूट गई।बहुत कोमल हाथ थे ।ऐसा लग रहा था कोई कॉटन मेरे लन्ड पर रख दी गई हो।लेकिन हाथो में कोई हरकत नही थी ।मेरे लन्ड का ये हाल हो गया था कि अगर मम्मी भागने भी लगे तो रोक कर उनका रेप कर देता।
मैने अपने लन्ड पर उनकी पकड़ को थोड़ा मजबूत किया।ठीक ऐसे
image upload उनके कोमल हाथ मेरे लन्ड की उत्तेजना को बढ़ा रहे थे।मैं सोच रहा था जब हॉथ इतने कोमल है तो चूत कितनी कोमल होगी।
मैं यही सोच रहा था कि मम्मी ने आज पहली बार मेरे लन्ड को अपने हाथो से छुआ है।काश वह जग रही होती।
अचानक पता नही क्या हुआ कि मम्मी ने दूसरी तरफ करवट ले ली।मम्मी ने अब अपनी गांड मेरी तरफ कर दी थी।अब मैं और खुश था क्यो की मम्मी की गांड तो मुझे बहुत पसंद थी ।दोस्ती उनकी गांड बिल्कुल ऐसी थी
तो सोचो नंगी गांड कैसी होगी।
दोस्तो मैं रुकने वाला नही था।मम्मी का गाउन अभी भी जांघ पर था।जिसे मुझे अब पूरा ऊपर करना था।मैंने गाउन पर नीचे से हाथ लगाया और गाउन ऊपर खीच किया।अब मम्मी की चड्ढी वाली गांड मेरे सामने थी।
दोस्तों ऐसा लग रहा था कि मम्मी की गांड मारने के लिए ही भगवान ने मुझे इतना मजबूत लन्ड दिया था।अब मैने अपना लन्ड मम्मी की गांड की तरफ बढ़ाया और उनकी पैंटी में टच कर दिया।मेरे नसों में खून की रफ्तार तेज हो गई थी।एक तो खुबसूरत औरत और दूसरा मेरी मम्मी।मेरी खुशी का कोई ठिकाना नही था।मैं हल्के हल्के लन्ड मम्मी की गांड में रगड़ने लगा।
मेरा मन कर रहा था कि पैंटी फाड् दूँ और पटक पटक कर चोद डालू।लेकिन मम्मी थी बस यही डर था।चोदना था लेकिन सम्मान देकर।
मैंने फिर से मम्मी का हाथ अपने लन्ड पर रखा और मुझे कंट्रोल नही हुआ ।मैं उनके हाथ से जोर जोर लन्ड पर चलाने लगा।ऐसा लगा कि उनकी नींद बल्कि सी टूटी लेकिन मैं पूरे जोर से उनसे हाथ चलवाता रहा।वो धीरे से बोली ऐसे मत करो कुशाल देख लेगा।मम्मी मुझे पापा समझ रही थी और मेरा हाथ अभी भी तेजी से चल रहा था।अचानक उनका हाथ टाइट हो गया।और वह अंधेरे में बिना कुछ बोले लन्ड की लंबाई नापने लगी।लेकिन अचानक फिर वो शांत हो गई।मुझे ऐसा लगा की वह अब सोने का नाटक करने लगी ।उनके हाथों को मैने लन्ड पर काफी टाइट कर रखा था।अब वह पूरा माजरा समझ चुकी थी कि मैंने उनका हाथ लन्ड पर रखा है।
मैं अब इसका फायदा उठाना चाहता था।मैंने सोचा कि अब बुरा बन ही चुका हूं तो कायदे से बनूँ।अचानक मम्मी ने अपना हाथ हटा लिया।और फिर सोने का नाटक करने लगी लेकिन मेरे सर पर तो सेक्स का भूत सवार था।मैं उठा और माँ के मुह के पास लन्ड करके उनके होटो पर रगड़ने लगा।
village theater issaquah और इस प्रकार से उनके होटो पर लन्ड रख दिया।मा अभी नही कुछ बोली।मेरे समझ नही आ रहा था वो चुप क्यों है।मुझे डाटा क्यो नही।मैन ऐसे ही उनके मुह में कई बार लन्ड आगे पीछे किया।अब मेरी हिम्मत और बढ़ गई थी।मुझे लग रहा था कि माँ अब कुछ नही बोलेगी शायद वो नही चाहती थी कि माँ बेटे का रिश्ता शर्मशार हो।
माँ बिल्कुल सीधी लेती थी।अब मैंने उनकी पूरी मैक्सी ऊपर की ओर कर दी।और उनके दूध साफ साफ दिखने लगे।मैने धीरे से उनकी पैंटी में एक उंगली डाल कर उसको थोड़ा नीचे कर दिया और धीरे धीरे करके पूरा उतार दिया।अब माँ बिल्कुल नंगी थी।और अभी भी शांत थी।उनकी चूत को देख कर मेरा लन्ड फुफकारने लगा।
मेरे लन्ड का बुरा हाल था।लेकिन ये अंतिम पड़ाव था शायद मेरे इतना करने पर मम्मी का सब्र का बांध टूट और उठ खड़ी हुई।उन्होंने एक जोरदार तमाचा मेरे मारा और तुरन्त दूर खड़ी हो गई।
उन्होंने यहां तक कहा कि चल तेरे पापा को सब बताऊंगी।और अचानक उनकी नजर मेरे लन्ड पर पड़ी जो लटक रहा था।वो समझ गई थी कि इसका लन्ड इसके पापा से काफी बड़ा है।और फिर नजर फेर ली।ऐसे लटक गया था मेरा लन्ड
दोस्तों सब कुछ शांत हो गया था।ऐसा लग रहा था कि ये सब एक सपना था लेकिन दुर्भाग्य ये सपना नही था।मेरे सामने अंधेरे में मेरी मम्मी एक तरफ खड़ी थी बिल्कुल नंगी और दूसरी तरफ मैं बिल्कुल नंगा।लगभग 5 मिनट बिल्कुल शान्ति रही ।कोई नही बोलना चाह रहा था न मम्मी न मैं।मम्मी अचानक बोली तू इतना कमीना निकलेगा ये मैन नही सोचा था।उनकी आंखों में आंसू थे।मम्मी की पीठ मेरी ओर थी।मतलब गांड भी मेरी तरफ थी।
एक भारी भरकम गांड ।दोस्तो मेरा लन्ड यह सब देखकर फिर तन गया था।मैं मम्मी की बातों का कुछ जवाब नही दे रहा था। मेरी नजर सिर्फ मम्मी की गांड की तरफ थी।अचानक वो पलटी और उनकी नजर मेरे लन्ड पर पड़ गई।उस समय कुछ ऐसा था मेरा लन्ड
मम्मी की आंखों में नफरत दिख रही थी।लेकिन जब उनकी नजर मेरे लन्ड पर पड़ी तो लग्भग 5 सेकंड तक देखती रही।शायद मेरे लन्ड पर तनी नसों को देख रही थी जो फौलादी लन्ड की ओर इशारा कर रहे थे या फिर मेरे लन्ड की तुलना पापा के लन्ड से कर रही होंगी।।फिर झटके से नजर हटा लिया।मुझे लगा शायद मैन बहुत गलत किया है।आबि रात के 2 बज रहे थे।हम दोनों नंगे थे और नींद गायब थी।मम्मी ने दोबारा कहा चल कपड़े पहन।बादल गरज रहे थे।मेरे पास अब दो घण्टे ही बचे थे।
मैं सोच रहा था अगर पापा को मम्मी ने बता दिया तो क्या होगा ।यह सब सोचते सोचते मेरे पसीना आ गया।मैं मम्मी की तरफ भागा और उनकी पीठ से चिपक गया।और मै रोने लगा मुझे माफ़ कर दो पापा से मत बताना।मैं भूल गया था कि मैं और मम्मी दोनों नंगे है।मेरा लन्ड मम्मी की गांड को टच करते हुए उनकी चूत तक पहुंच गया।और मेरे हाथ उनके दूध पर।
और मैं फुट फुट कर रोने लगा।
दोस्तो मेरा भारी भरकम लन्ड माँ की चूत के मुहाने पर जा लगा था।मुझसे छूटने के चक्कर मे वो पीठ से यू साइज में बन गई थी।मैं इस तरीके से चिपक गया था मानो कोई प्रेमी प्रेमिका चिपकते है।मैं कुछ समझ नही पाया था।मैं तो सिर्फ डर के मारे चिपक गया था जैसे बचपन मे चिपकता था।लेकिन भूल गया था कि इस समय मैं जवान भी था और नंगा भी साथ मे घोड़े जैसा लन्ड भी।
थोड़ी देर बाद समझ आया कि यह क्या हो गया।लेकिन मैने यह सब जानबूझकर नही किया था।बस अचानक हो गया।बस कुदरत को कुछ और मंजूर था।
मैं नंगा और मेरी माँ भी नंगी और मेरा लन्ड माँ की चूत के मुहाने पर इसके अलावा मौसम इतना अच्छा।और क्या चाहिए एक जवान लौंडे को।
दोस्तों मेरे लन्ड पर कु छ हल्का गर्म गर्म लगने लगा था।माँ कुछ देर तो शांत रही फिर अचानक उन्होंने मुझे धक्का देने की कोसिस की तो मेरे लन्ड उनकी जांघो में रगड़ गया।मेरी पकड़ इतनी मजबूत थी कि माँ मुझे छुड़ा न सकी।मैं माफी मांग रहा था पर ये नही सोच रहा था कि माफी मांगने के साथ उससे भी बड़ी हरकत हो रही थी।
दोस्तो मेरे लन्ड माँ की जांघो से दोबारा माँ की चूत में जा लगा और इस बार जोर दार आवाज भी आई और माँ की आह निकल गई।क्योंकि लन्ड ने सीधे चुत पर दस्तक दी थी।
फिर माँ ने मुझे हटाते हुए कहा कि ठीक है कोई बात नही मैं माफ करती हूं और यह कहते हुए जोरदार धक्का देते हुए हटाया।लेकिन पानी की बौछार अंदर तक आई थी इसलिए माँ का पैर फिसल गया और हम दोनों एक दूसरे के ऊपर गिर गए।दोस्तो ऐसा लग रहा था कि आज ईश्वर भी साथ दे रहा था।माँ मेरे ऊपर गिरी जिससे पहले मैं गिरा और फिर माँ मेरे ऊपर आकर गिरी।मेरा लन्ड खड़ा था।दोस्तो माँ मेरे शरीर के बराबर मेरे ऊपर गिरी तो फिर से मेरे लन्ड और माँ की चूत का मिलन हो गया।मेरे लन्ड को थोड़ा सा सूपड़ा माँ के अंदर जा घुसा।और माँ ने अपने आपको वही रोक लिया।लेकिन माँ के मुह से हल्की सी सिसकारी भी निकल गई थी।मुझे सुनाई दिया था।उन्होंने अपना हाथ लगाकर मेरे लन्ड को टटोला तो उनका हाथ मेेरेलन्ड पर पड़ गया। मेरा लन्ड मुश्किल से ही आ रहा था उनके हाथ मे।जैसे ही उन्होंने मेरा लन्ड छुआ मेरी सिसकारी निकल गई।एक बार उन्होंने मेरे लन्ड पर उभरी हुई नसों को टटोला और फिर झिटक कर खड़ी हो गई।
अब वो बोल पड़ी की तुरन्त कपड़े पहन लो।और इसके बाद उन्होंने कपड़े पहन लिये।मजबूरी में मुझे भी पहनने पड़े।उन्होंने कहा कि मुझे तुमसे ये उम्मीद नही थी।और बैठ कर रोने लगी।मैं भी उदास हो गया कि ये मैने क्या कर दिया।मैने कहा माँ पापा को मत बताना नही तो मैं मर जाऊंगा।जो हुआ गलती से हुआ।इतना कहने पर माँ ने मुझे गले लगा लिया।और कहा बेटा जो हुआ यहीं खत्म करो।आज के बाद इस मैटर पर बात नही होगी।मेरे सारे अरमान मिट्टी में मिल गए थे।सुबह हो रही थी।अब हम लोग शादी में जाने की तैयारी करने लगे।
लेकिन मैं हिम्मत नही हारा था।मेरा लन्ड माँ चूत को छूकर आया है और एक दिन अंदर भी जाएगा।जब माँ ने लन्ड छुआ था तो उनके छुअन में एक अजीब एहसास था।मेरी माँ जरूर मानेगी यहाँ नही तो घर पर ।
।इसके बाद हम लोग शादी में पहुँच गए।माँ बहुत ही कम बोल रही थी।इस घटना के बाद वो मुझसे अंजानो की तरह बर्ताव कर रही थी।कैसे भी करके शादी निपटी और हम लोग अपने घर आ गए।
दोस्तो मैं इस मामले पर माँ से बात करना चाहता था।लेकिन मौका नही मिल रहा था।एक दिन एक न्यूज मिली कि पापा एक महीने के लिए आफिस के काम से बाहर जा रहे थे ।मैं खुश हो गया।