Meri Chudakkad Maa Ki Choot aur Gaand | Hindi Sex Stories

Meri Chudakkad Maa Ki Choot aur Gaand

Discussion in 'Incest Stories' started by sexstories, Dec 11, 2016.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    मैं फहमिना आप सबके सामने हाजिर हूँ, एक नई दिलचस्प कहानी मेरे एक प्रशंसक ने भेजी है, मज़ा लीजिये।

    मेरा नाम अमन, उम्र 23 और लंड का साइज़ 7 इंच है। मैं अन्तर्वासना का बहुत बड़ा फैन हूँ।
    मेरी यह कहानी रियल स्टोरी है।

    मेरे घर में बस मैं और मेरी माँ शिल्पा ही रहते हैं, माँ की उम्र 40 साल है और एक माल औरत है, वो एकदम कामुक भी है।
    आपस में चिपके हुये उसके 36 साइज के संतरे देखकर किसी नपुंसक का भी लंड खड़ा हो जाये और गांड ऐसी की हर लंड को चुम्बक की तरह अपनी तरफ खींचती जाये।
    मेरी माँ का फिगर 36 34 38 हैं।

    मेरे पिता की मौत एक कार एक्सिडेन्ट में 6 साल पहले हुई थी लेकिन इस बात का माँ की सेक्स लाइफ पर कोई असर नहीं हुआ। वैसे भी वो कई बार अपने पति को धोखा दे चुकी थी, कभी अपने बॉस से या कभी अपने कॉलेज के लड़कों से कभी पापा के बॉस से या फिर कभी उसके दोस्तों से… उसकी चूत की भूख कभी कम नहीं हो सकी।

    मैं पिछले तीन साल से अपनी माँ के जिस्म को देखने लगा था, दिन रात उसे चोदने के सपने देखने लगा। लेकिन सपना सपना ही रहा हकीकत नहीं बन पाया।

    लेकिन आज कुछ होने वाला था, कुछ अलग जो मेरी जिंदगी बदल देने वाला था!

    मेरी नंगी मम्मी
    सुबह 8 बजे जब माँ मुझे जगाने आ गई- चलो उठो बेटा, सुबह हो गई तुम जल्दी उठो, मुझे नहाने जाना है।
    मैं- हाँ हाँ माँ, मैं उठ गया हूँ।

    जैसे ही मैंने आँखें खोली, मेरी आँखें फटी की फटी रह गई, मेरी माल माँ मेरे सामने सिर्फ़ तौलिये में थी, उसके बड़े बड़े दो संतरे और उनके बीच की धारी वो तौलिया छुपा नहीं पाया और तौलिया इतना ही लंबा था कि चूत के नीचे सिर्फ एक इंच तक का बदन छुपा सके।
    मेरी आँखें माँ के बोबों पर गड़ गई, यह देखकर शिल्पा थोड़ा शर्मा गई और थोड़ा अजीब सा फील करने लगी कि उसका अपना बेटा उसको हवस भरी नज़रों से देख रहा है।
    अब मैं अपनी माँ को नाम से ही बुलाता हूँ।

    मेरी नज़र अब उसकी जाँघों पर पड़ी, मेरे पलंग पर बैठी माँ की गोरी गोरी जांघें देखकर मेरा लंड पजामे में टाइट हो गया। मैं किसी भूखे शेर की तरह अपनी माँ के बदन को देखने लगा।
    माँ का हाथ उसके तौलिये पर था और वो किसी चीज़ में फंस गया। जैसे ही माँ रूम से बाहर जाने के लिये खड़ी हुई उनका पूरा तौलिया उसके बदन से उतर गया।

    मेरी माँ मेरे सामने कमरे में एकदम से नंगी हो गई। घबराहट में उसने जल्दी से टावल खींच लिया, उससे अपने बोबों और चूत को छुपा लिया और वहाँ से भाग निकली।
    लेकिन इससे उसकी बड़ी गांड के चूतड़ मुझे नज़र आ गये।

    यह सब इतनी जल्दी में हो गया कि मुझे कुछ समझ में ही नहीं आया, मैं जल्दी से बाथरूम में घुस गया और मुठ मारने लगा। मैं इतना उत्तेजित था कि दरवाजा भी लगाना भूल गया।

    जब माँ साड़ी पहनकर हॉल में जाने के लिये निकली तो उसने देखा कि बाथरूम का दरवाजा खुला है और जब उसे बंद करने गई तो देखा कि मैं मुठ मार रहा हूँ, वो समझ गई कि मैं किसके बारे में सोचकर मुठ मार रहा हूँ।
     
  2. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    माँ अचम्भे से बोली- यह तुम क्या कर रहे हो?
    मैं घबरा कर- ओह!!! सॉरी सॉरी सॉरी… आई एम सॉरी माँ!

    शिल्पा- तुम मेरे बारे में सोच कर मुठ मार रहे थे ना? तुम्हें शर्म नहीं आती ऐसा करते हुये, ऐसे सोचते हुये?
    मैं- आई एम सॉरी माँ… आगे से ऐसा नहीं करूँगा!!

    शिल्पा- क्या तुम मेरे बारे में ऐसी सोच रखते हो?
    मैं- बिल्कुल नहीं माँ!
    शिल्पा- झूठ मत बोलो! अगर नहीं सोचते तो ये सब नहीं करते!
    मैं- आई एम सॉरी माँ, आज तुम्हें ऐसा देखकर मुझसे रहा नहीं गया।

    शिल्पा- ऐसा? ऐसा मतलब?
    मैं- मतलब… नंगी!
    शिल्पा- बेशर्म…

    शिल्पा गुस्से से वहाँ से अपने कमरे में जाकर ऑफ़िस के लिये तैयार हो गई और नाश्ता बनाकर चली गई।
    मैं भी 11 बजे कॉलेज के लिये निकल गया लेकिन मेरे दिमाग़ में एक ही बात चल रही थी, मैं पूरे दिन अपनी माँ के नंगे बदन के बारे में सोचता रहा।

    शाम 5 बजे मैं कॉलेज से वापस आ गया था और टी.वी देख रहा था, 6 बजे शिल्पा ने डोर बेल बजाई तो मैंने दरवाजा खोला लेकिन अपनी माँ से नज़र ना मिला पाया।
    शिल्पा समझ गई कि मैं शर्मिंदा हूँ।
    लेकिन आज उन्होंने एक बेशर्मी वाली स्माइल दी और वो सीधा बेडरूम में चली गई और आधे घंटे बाद गाउन पहन कर मेरे पास में आकर बैठ गई और ऐसे बर्ताव करने लगी जैसे सब कुछ सामान्य है।

    शिल्पा- कौन सी फिल्म देख रहे हो बेटा?
    मैं- इंग्लिश फिल्म है।
    शिल्पा- अच्छा… तुम्हें इंग्लिश फ़िल्में बहुत अच्छी लगती हैं ना?
    मैं- हाँ माँ!
    शिल्पा- और क्या क्या अच्छा लगता है तुम्हें?
    मैं- क्रिकेट, म्यूज़िक और घूमना!

    शिल्पा- और लड़कियाँ? क्या तुम्हें लड़कियाँ पसंद नहीं?

    मैं घबराता हुआ और शर्माता हुआ- कुछ समझा नहीं माँ!?!

    शिल्पा कामुक आवाज़ में- तुम सब समझते हो बेटा… एक सवाल का सच सच जवाब दोगे?
    मैं- क्या?
    शिल्पा- पहले मेरी कसम खाओ कि सब सही जवाब दोगे।
    मैं- हाँ दूंगा।

    शिल्पा- क्या मैं तुम्हें अच्छी लगती हूँ?
    मैं- ये तुम क्या…
    शिल्पा- सिर्फ़ हाँ या ना में जवाब दो!
    मैं- उउम्म्म्म… हाँ!

    शिल्पा- तुम अच्छे लड़के हो, अब बताओ क्या मैं तुम्हें सेक्सी लगती हूँ?
    मैं- हाँ!
    शिल्पा- मेरे बोबे तुम्हें अच्छे लगते हैं ना बेटा?
    मैं- हाँ!
    शिल्पा- क्या तुम मेरे बारे में गंदी गंदी बातें सोचते हो? क्या तुम मुझे चोदना चाहते हो?
    मैं हैरानी से- क्या?
    शिल्पा- हाँ या ना?
    मैं चुप रहा।

    शिल्पा- अब बोलो भी बेटा, मैं तुम्हारी माँ हूँ, मुझसे क्या शर्माना?
    और यह कहते हुये उन्होंने अपना हाथ मेरी जाँघ पर रख दिया।
    मैं- हाँ माँ!
    शिल्पा- फिर से कहना!
    मैं- क्या?
    शिल्पा- वही जो तुम बहुत दिनों से कहना और करना चाहते हो, चलो बोलो भी?

    मैं- हाँ माँ… मैं तुम्हें… च..च..चोदना चाहता हूँ।
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    मां की चूत चुदाई
    शिल्पा- तो फिर किसका इंतजार कर रहे हो? मैंने भी सोचा कि जब घर में ही लंड मौजूद है तो बाहर जाकर क्यूँ अपनी चूत चुदाई करवाऊँ? वैसे भी मैं हफ्ते में बस एक दो बार ही चुदाई करवा पाती थी, अब तो अपने बेटे के साथ रोज चुदाई करवाऊँगी।

    यह सुनते ही मेरे दिमाग़ ने काम करना बंद कर दिया, शिल्पा ने मेरा हाथ अपने सीधे बोबे पर रख दिया और मेरे होंठों पर अपने होंठ रख दिये।
    कुछ ही पलों में हम माँ बेटे फ्रेंच किस करने लगे।
     
  3. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    अब मैं अपने आपे में आ गया, अपनी माँ की कामुकता में खो गया, उठाकर उसे उसके ही रूम में ले गया और बेड पर लिटा दिया। शिल्पा अब एक माँ नहीं बल्कि एक रंडी की तरह हरकतें करने लगी।

    शिल्पा- आ जाओ बेटा… चोद दो आज अपनी माँ को! आज सुबह जब से तेरा लंड देखा है, मेरी चूत में खुजली होने लगी है बेटा!
    मैं- हाँ माँ… मैं भी तुम्हारी चूत और गांड देखकर पागल हो गया था। इसके लिये तो कई दिनों से इन्तजार कर रहा था लेकिन तुम्हारी चुदाई का मौका आज जाकर मिला है!

    मैंने किसी जानवर की तरह अपनी माँ का गाउन फाड़ कर फेंक दिया। शिल्पा अब बस ब्रा पेंटी में थी, उसके 36″ के बूब्स उसकी ब्रा से बाहर आने के लिये तड़प रहे थे।
    मैंने उनकी तड़प कम करने के लिए उनकी ब्रा को फाड़ दिया, अब माँ के बूब्स देखकर मेरा लंड टाइट हो गया और मैं उन्हें बेरहमी से दबाने लगा।

    शिल्पा दर्द से तड़प उठी- आअहह… धीरे बेटा धीरे… मेरे बोबे कहीं भागे नहीं जा रहे! आराम से करो बेटा… आराम से!
    मैंने अपनी स्पीड कम कर दी और अब बारी बारी एक एक बूब को चाटा और एक एक निप्पल को चूसा।

    शिल्पा के निप्पल टाइट हो गये, उसकी हवस जाग उठी और वो मुझे और उकसाने लगी- आह… बेटा ऐसे ही बेटे.. चूसो और चूसो… एक बार फिर से पी लो… मेरा दूध सारा पी जाओ…

    मैं- माँ, तुम्हारे बोबे इतने बड़े हैं, तुम्हें दूधवाली होना चाहिये!
    शिल्पा- हट बेशर्म… अपनी माँ का दूध सारी दुनिया को पिलायेगा!
    मैं- आज तो सिर्फ़ मैं ही पीऊँगा माँ!

    शिल्पा- आआ… आआहह… और चूसो!

    शिल्पा के चूचुक एकदम टाइट हो गये, वो अपने बेटे की हवस में पागल हो रही थी।
    मैंने अब मां की पेंटी उतार दी, माँ अब मेरे सामने उसके ही पलंग पर बिल्कुल नंगी थी, चुदने के लिये तैयार थी।

    शिल्पा मुझे नंगा करने लगी, मेरा 7 इंच का मोटा लंड देख कर उसके मुँह में पानी आ गया और बिना किसी देरी के उसे चूसने लगी। कई मर्दों से चुदी हुई औरत आज अपने बेटे का लंड चूस रही थी जैसे वो कोई लोलीपोप हो।

    ‘ओह माँ, तुम तो लंड चूसने में बहुत अच्छी हो…’ मैंने कहा तो शिल्पा ने उसे और ज़ोर से चूसना शुरू किया।अब मुझसे रहा नहीं गया, मैं तड़पने लगा- माँ… मैं झड़ने वाला हूँ!

    लेकिन माँ ने लंड अपने मुँह से नहीं निकाला और मैंने अपना सारा पानी अपनी माँ के मुँह में ही छोड़ दिया, शिल्पा ने सारा का सारा पानी पी लिया, अपने बेटे का लंड चाट चाट कर साफ कर दिया और कहा- चलो बेटा, अब तुम्हारी बारी!
    और अपनी टांगें फैला कर अपनी चूत सहलाने लगी।

    मैं समझ गया कि माँ क्या चाहती है, मैंने अपना चेहरा अपनी माँ की चूत के सामने रख दिया और उसे सूंघने लगा और अपनी जुबान उसकी चूत के दाने पर रख दी।
    शिल्पा एकदम कांप उठी, उसका बेटा अब उसकी चूत को चाटने लगा।

    शिल्पा अब रंडी की तरह मेरा साथ देने लगी, वो अब धीरे धीरे गर्म हो रही थी और मुझे अपनी सीत्कारों से और बढ़ावा दे रही थी।

    अपनी माँ की चूत का स्वाद और उसकी सुगन्ध से मैं पागल हो गया और किसी आइसक्रीम की तरह उसे चाट रहा था।
    ‘ऊऊउ… आआअहह… ऐसे ही करो बेटा… आहह… ओह गॉड… चाट मेरे बच्चे… चाट अपनी माँ की चूत को… चाट ले… आज से ये आअहह… आज से ये चूत… आअहह… तेरी है बेटा… जो चाहे वो करना इसके साथ… उम्म… चाट!’ शिल्पा से अब रहा नहीं जा रहा था और ना ही मुझसे… दोनों अब चुदाई के लिये तड़प रहे थे।
     
  4. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    माँ की चूत में लंड
    वो अब झड़ चुकी थी और उसकी चूत एकदम गीली थी।
    मैं- माँ!
    शिल्पा- हाँ?
    मैं- माँ, अब रहा नहीं जा रहा, मैं तुम्हें चोदना चाहता हूँ!

    शिल्पा- तो रोका किसने है बेटा, डाल दे मेरी चूत में अपना लंड!

    यह सुनते ही मैंने अपना लंड अपनी माँ की चूत के ऊपर रखा और एक ज़ोर का धक्का लगाया। शिल्पा ना तो कोई कुवांरी औरत थी और ना ही उसने बिना लंड के सालों गुजारे थे, इसलिये मेरा लंड मेरी माँ की चूत में आधा घुस गया।

    शिल्पा की एक हल्की सी चीख निकली। मैंने अपना लंड बाहर निकाला, एक बार फिर से पहले से जोर का धक्का दिया और अपना सारा का सारा लंड उसकी चूत में घुसा दिया।

    इस बार शिल्पा की एक जोरदार चीख निकली- अवव! अबे मादरचोद!!!! इतनी ज़ोर से डालने के लिये किसने कहा था? हरामखोर मेरी चूत को फाड़ दिया हरामी…
    मैं बिना कुछ बोले अपनी माँ के निप्पल चूसने लगा और अपना सात इंच का लंड अपनी माँ की चूत में आगे पीछे करने लगा।

    धीरे धीरे चोदने के बाद अब शिल्पा भी मज़े लेने लगी, एक हाथ से मैं अपनी माँ का लेफ्ट बूब दबाता और राइट बूब को चूस रहा था।
    उसने मेरे नीचे से ही अपनी चुदाई की स्पीड बढ़ा दी- आअहह… और ज़ोर… और ज़ोर… से चोद दे मुझे साले हरामी… अपनी माँ को बना दे अपनी रंडी… उमुऊऊ!

    मैं- हाँ माँ, आज से तुम बाहर तो मेरी माँ हो लेकिन घर में मेरी रंडी हो और मेरी ही नहीं मेरे दोस्तो की भी रंडी बनाऊंगा तुम्हें!
    शिल्पा- मादरचोद… अपनी माँ को अपने दोस्तों से चुदवायेगा!
    मैं- रंडी को ऐसे ही चुदवाते हैं माँ!

    शिल्पा- आअहह…चोद मेरे राजा… अपनी माँ की चूत का भोसड़ा बना दे!
    मैं- आअहह माँ, मैं झड़ने वाला हूँ।
    शिल्पा- मेरी चूत में ही झड़ना, अपना सारा पानी मेरी चूत में डाल दे… आअहह!

    मैं आअहह… ऊऊओ…माआआ… ऊहह… फक… ओह फक माँ!
    मैं अपनी माँ की चूत में झड़ गया और उसके उपर ही लेट गया।

    दस मिनट के बाद माँ मूतने के लिये टायलेट जाने लगी और थोड़ी देर में मैं भी टायलेट में घुस गया।
    शिल्पा- तुम टायलेट में क्या कर रहे हो? तुम जाओ में मूत कर आती हूँ!
    मैं- नहीं माँ, मैं तुम्हें मूतते हुये देखना चाहता हूँ!
    शिल्पा- बेशर्म कहीं का!

    मम्मी की गांड मारी
    शिल्पा मूत कर जब खड़ी हुई तो मैंने कहा- माँ, मैं तुम्हारी गांड मारना चाहता हूँ।
    शिल्पा- चल हट बेशर्म… चूत से प्यास नहीं बुझी क्या जो अपनी माँ की गांड भी माँग रहा है?
    मैं- प्लीज़ माँ… गांड मारने दो ना! प्लीज़…

    लेकिन शिल्पा बिना कुछ कहे बेडरूम में चली गई, मैं बाथरूम में उदास खड़ा रहा और लंड को सहलाते हुये बेडरूम में चला गया।
    बेडरूम मे जाते ही मैं खुश हो गया, माँ बेड पर डॉगी स्टाइल में थी उसकी गांड दरवाजे की तरफ थी और उसकी गांड का सुराख मुझे साफ नज़र आ रहा था।

    वो गांड को हल्के हल्के लहराते हुये अपने बेटे को अपनी गांड मारने के लिये आमन्त्रित कर रही थी।

    शिल्पा- मादरचोद… ले मेरी गांड मारना चाहता है ना… ये ले अपनी रंडी माँ की गांड… कुत्ते घुसा दे अपना लंड इस कुतिया की गांड में और फाड़ दे मेरी गांड मेरे बच्चे!
    मैं- ऐसी गांड में से तो में सारी जिंदगी अपना लंड ना निकालूँ!
    शिल्पा- बेशर्म!
     
  5. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    मैं अपनी माँ की गांड मारने लगा। उस रात मैंने अपनी माँ को हर पोज़िशन में हर छेद में चोदा। हम माँ बेटे की चुदाई सुबह 4 बजे तक चलती रही। शिल्पा इस बीच कई बार झड़ गई थी और मैं भी।

    हम दोनों अपनी हवस पूरी करने के लिये अपने माँ बेटे का रिश्ता भूलकर एक रंडी और रंडवे का रिश्ता बना चुके थे।
    चुदाई करने के बाद दोनों थक गये और सोने की कोशिश करने लगे और बातें करने लगे।

    मैं- माँ आई लव यू!
    शिल्पा- बेटा आई लव यू टू… तो बताओ अपनी माँ को चोद कर कैसा लग रहा है मेरे बेटे को?
    मैं- बहुत अच्छा माँ!

    शिल्पा- मुझसे पहले किसी को चोदा है क्या?
    मैं: नहीं माँ, मेरी मां की चूत मेरी जिंदगी की पहली चूत है!!!

    शिल्पा- रियली… मेरे बेटे ने अपनी इज्जत अपनी माँ पर लुटाई है? सच?
    मैं- हाँ माँ, मैं तुमसे एक सवाल पूछूँ तुमसे?
    शिल्पा- हाँ पूछो… एक क्या एक हजार पूछो!

    मैं- मेरे और पापा के अलावा… तुम्हें और किसने चोदा है?
    शिल्पा हंसती हुई- किसने? ऐसे पूछ कि किसने नहीं चोदा है?
    मैं- मतलब तुम सच में एक… एक महा चुदक्कड़ औरत हो!
    शिल्पा- बेशर्म, अपनी माँ से ऐसे बात करते हुए शर्म नहीं आती?

    मैं- अपने बेटे से चुदते वक़्त अगर तुम्हें शर्म नहीं आई तो अपनी माँ को चुदक्कड़ कहते मुझे भला शर्म क्यों आयेगी? प्लीज़ माँ बताओ ना तुम्हें किसने किसने चोदा है?
    शिल्पा- उम्म्म्म ज़रा सोचने दो… चलो शुरुआत से याद करती हूँ… जब कॉलेज में थी तब मेरे 2 दोस्तों ने… मेरे टीचर ने… फिर मेरे ऑफ़िस के 5 लड़के और 3 लड़कियां एक साथ ग्रुप सेक्स… फिर मेरे बॉस ने… शादी के बाद तुम्हारे पापा… तुम्हारे चाचा ने… मेरे जीजू ने.. तुम्हारे पापा के 3 दोस्तो ने… और फिर!!

    मैं- और फिर? और किससे चुदी हो माँ?
    शिल्पा- और फिर एक ग्रुप सेक्स में तुम्हारे 4 दोस्तों के साथ!

    मैं- क्या? तुम्हें मेरे दोस्तों ने भी चोदा है?
    शिल्पा- हाँ मेरे राजा… तुम्हें क्या लगता है, मैं हर शनिवार दोपहर को 3 बजे क्या फिल्म देखने जाती हूँ? नहीं… मैं तो हर शनिवार को अपनी चुदाई के लिये जाती हूँ कभी तुम्हारे दोस्तों से, कभी तुम्हारे पापा के दोस्तों से या फिर कभी अपने दोस्तों से… हाहहहः!

    मैं- माँ तुम सच में रंडी हो… दुनिया की सबसे प्यारी रंडी माँ!
    शिल्पा- थैंक्यू मेरे मादरचोद बेटा!

    मैं- माँ, अपनी चुदाई की कहानियाँ सुनाओ ना प्लीज़?
    शिल्पा- सुनाऊँगी सुनाऊँगी… लेकिन अभी नहीं, अभी हमें सोना चाहिये!
    और मां बेटा दोनों नंगे वहीं पलंग पर नंगे सो गये।

    तो दोस्तो, कैसी लगी यह कहानी?
     
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