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मेरा नाम सोहेल है और मेरी उम्र 20 साल है। मेरी एक छोटी बहन सुहाना है, वो अभी कॉलेज में जाती है। मेरी माँ की उम्र अब 40 है और मेरी माँ एक स्कूल में टीचर है और में यूनिवर्सिटी में हूँ। Mummy Aur Behan Dono Ki Jabardast Chudai.

मेरे पापा की दो साल पहले म्रत्यु हो गई इसलिए अब हमारे घर में सिर्फ़ हम तीन लोग ही रहते है। दोस्तों यह घटना आज से 6 महीने पहले की है जब एक रात को मेरी मम्मी मुझे बहुत उदास लग रही थी और फिर में तुरंत समझ गया था कि वो मेरे पापा को याद कर रही है। फिर मैंने उनको कुछ देर इधर उधर की बातों से बहलाया और में उनको खुश करने की कोशिश करने लगा था और उसी समय मम्मी मेरे गले से लगकर रोने लगी। Jabardast Chudai

मैंने उनसे कहा कि मम्मी हम दोनों आपको बहुत प्यार करते है और हम लोग मिलकर कभी भी आपको पापा की कमी महसूस नहीं होने देंगे, तब मेरी बहन सुहाना भी वहाँ पर आ गयी थी इसलिए अब वो भी मम्मी से बोली कि हाँ मम्मी प्लीज़ आप दिल छोटा ना करिए हम दोनों की देखभाल करने के लिए भैया है ना, देखो यह हम दोनों का कितना ख्याल रखते है। Jabardast Chudai

वो बोली कि हाँ बेटी, लेकिन मेरा कुछ ध्यान सिर्फ़ तेरे पापा ही रख सकते थे, जिसको तुम नहीं समझ सकते, मेरी बहन ने कहा कि नहीं मम्मी आप भैया से एक बार कह कर तो देखिए और फिर हमारी बातें धीरे धीरे शांत हो गई। फिर उसी रात को सुहाना अपने रूम में थी और में रात को टॉयलेट जाने के लिए उठा तब टॉयलेट जाते हुए मुझे मेरी मम्मी के रूम से कुछ आवाज़ आई। तब तक 12 बज चुके थे और मम्मी अभी तक जाग रही थी, यह बात सोचकर में उनके रूम की तरफ चला गया और फिर मैंने देखा कि मम्मी के रूम का दरवाज़ा खुला हुआ था।

अब में दरवाजा खोलकर अंदर गया तो में एकदम से चौंक गया। मैंने देखा कि मेरी मम्मी अपनी सलवार को उतरकर अपनी चूत में वो एक मोमबत्ती को डाल रही थी और अचानक से दरवाज़े के खुलने की आवाज़ सुनकर उन्होंने पीछे मुड़कर देखा और मुझे देखकर वो घबरा सी गयी। में भी शरमा गया कि में बिना दरवाजे को बजाए अंदर चला गया। Jabardast Chudai

अब में वापस पीछे मुड़ा तो मम्मी ने मुझसे कहा कि बेटा सोहेल प्लीज़ किसी से मत कहना, तो मैंने उनको कहा कि नहीं मम्मी में किसी से यह बात नहीं कहूँगा, तब वो कहने लगी बेटा जब से तेरे पापा इस दुनिया से गये है तब से आज तक, शशह्ह हाँ मम्मी में भी अब सब समझता हूँ यह आपकी जरूरत है, लेकिन क्या करूँ अब पापा तो है नहीं? Jabardast Chudai

फिर में मम्मी के पास गया और उनके हाथों को पकड़कर बोल मम्मी आप यह दरवाज़ा भी बंद कर लिया करो, तो वो बोली कि बेटा आज में इसको बंद करना भूल गयी और फिर में वापस आ गया।

फिर अगले दिन सब पहले की तरह शांत था, शाम को में वापस आया तो हम लोगों ने साथ ही बैठकर चाय पी चाय के बाद सुहाना मुझसे बोली कि भैया बाज़ार से रात के लिए आप सब्ज़ी ले आओ जो भी आपको खाना हो। अब में जाने लगा तो मम्मी ने कहा कि बेटा किचन में आओ तो कुछ और सामान में तुम्हे बता दूँ वो भी तुम लेते आना।

अब में किचन में जाकर बोला हाँ आप बताओ क्या लाना है मम्मी? मम्मी ने बाहर झांककर देखा और सुहाना को देखते हुए धीरे से वो बोली, बेटा 5- 6 लंबे वाले बेंगन लेते आना में मम्मी की बात सुनकर पता नहीं कैसे बोल पड़ा मम्मी क्या अंदर करने के लिए? तब मम्मी शरमा गयी और में भी अपनी इस बात पर झेप गया और माफ़ करना यह शब्द बोलता हुआ में बाहर चला गया। Jabardast Chudai

कुछ देर बाद सब्ज़ी लाकर मैंने सुहाना को दे दी और में 4 बेंगन लाया था जिनको अपने पास रख लिए। फिर सुहाना ने खाना बनाया फिर रात को खा पीकर हम लोग सोने चले गये और तभी करीब 11 बजे मम्मी मेरे रूम में आ गई और बोली कि बेटा क्या तुम बेंगन लाए थे? हाँ मम्मी, लेकिन ज्यादा लंबे नहीं मिले और वो मोटे भी कम ही है। अब माँ बोली कि कोई बात नहीं बेटे अब जो है सही है, तो मैंने कहा कि बहुत ढूँढा मम्मी, लेकिन कोई भी मुझे लंबे नहीं मिले।

अब वो बोली क्या मतलब बेटा? में बोला कि मम्मी मतलब यह कि इनसे लंबा और मोटा तो मेरा है और तब मम्मी ने कुछ सोचा फिर कहा क्या करे बेटा अब जो किस्मत में है वही सही। फिर मेरी पेंट के उभार को देखते ही वो बोली बेटा तेरा क्या बहुत बड़ा है?

हाँ मम्मी करीब पांच इंच है, श बेटा तेरे पापा का भी इतना ही था बेटा तू दिखा दे दो तो तेरे पापा की याद ताज़ी हो जाए, लेकिन मम्मी में तो आपका बेटा हूँ? हाँ बेटा तभी तो में यह बात तुझसे कह रही हूँ तू मेरा बेटा है और अपनी माँ से क्या शर्म? तू एकदम अपने पापा पर गया है देखूं तेरा वो भी तेरे पापा के जैसा है या नहीं? Jabardast Chudai

तब मैंने अपनी पेंट उतारी और अंडरवियर को भी उतारा तो मेरे लंबे तगड़े लंड को देखकर मम्मी एकदम से खुश हो गई और वो तुरंत मेरे लंड को देखकर नीचे बैठ गई और मेरा लंड उन्होंने अपने हाथ में पकड़ लिया और बोली कि हाए सोहेल बेटा तेरे पापा का भी एकदम ऐसा ही था, हाए बेटा यह तो मुझे तेरे पापा का ही लग रहा है, बेटा क्या में इसको थोड़ा सा प्यार कर लूँ? तो मैंने उनसे कहा कि मम्मी अगर आपको इससे पापा की याद आती है और आपको अच्छा लगे तो आप कर लीजिए, वो बोली बेटा मुझे तो ऐसा लग रहा है जैसे में तेरा नहीं बल्कि तेरे पापा का पकड़ रही हूँ और फिर मम्मी ने मेरे लंड को अपने मुँह में ले लिया और वो उसको चाटने लगी। दोस्तों यह सब मेरे साथ पहली बार हो रहा था इसलिए मेरे लिए सम्भल पाना बड़ा मुश्किल था। Jabardast Chudai

करीब 6-7 मिनट में ही में उनके मुँह में झड़ गया। करीब एक मिनट के बाद मम्मी ने लंड को अपने मुँह से बाहर किया और वो मेरे पास बैठ गयी। फिर में उनसे बोला मुझे माफ़ करना मम्मी मैंने आपका मुहं गंदा कर दिया, तो वो कहने लगी नहीं बेटा तेरे पापा भी रोज़ रात को मेरे मुँह को पहले ऐसे ही गंदा किया करते थे फिर मेरी चू।। मम्मी इतना कहकर चुप हो गयी और में उनके चेहरे को देखते हुए बोला फिर क्या क्या करते थे पापा? मम्मी जो पापा इसके बाद करते थे वो मुझे बता दो तो में भी कर दूँ तो आपको पापा की कमी नहीं महसूस होगी।

अब मम्मी मेरे चेहरे को पकड़कर बोली बेटा यह जो हुआ है हम दोनों में नहीं होता, लेकिन बेटा इस वक़्त तुम मेरे बेटे नहीं बल्कि मेरे पति हो, अब तुम मेरे पति की तरह ही करो और वो मेरे मुँह में अपना झाड़कर अपने मुँह से मेरी चूसते थे फिर मुझे।। इतना कहकर वो फिर से अटक गई। फिर मैंने कहा कि मम्मी अब जब आप मुझे अपना पति कह रही है तो इतना शरमा क्यों रही है आप सब कुछ खुलकर कहिए ना। फिर वो बोली हाँ बेटा तो सच कहता है, चल अब तू मेरी चूत चाट और फिर मुझे चोद जैसे तेरे पापा चोदते थे। फिर मैंने कहा हाँ मम्मी ठीक है आओ बिस्तर पर चलो और फिर मम्मी को अपने बेड पर लेटा दिया और उनको पूरा नंगा कर दिया।

फिर मैंने महसूस किया कि मम्मी के बूब्स अभी भी सख़्त थे दो तीन साल से किसी ने उनको छुआ भी नहीं था और मैंने उनकी चूत को देखा तो में एकदम मस्त हो गया। फिर मम्मी की चूत कसी लग रही थी और 40 की उम्र में मम्मी 30 की ही लग रही थी। फिर मम्मी को बेड पर लेटाकर मैंने अपने कपड़े अलग किए और फिर मम्मी के बूब्स को पकड़ उनकी चूत पर अपना मुँह रख दिया। बूब्स को दबा दबाकर चूत चाटने लगा और अपने झड़े लंड को कसने लगा। Jabardast Chudai

करीब 8-10 मिनट के बाद मम्मी मेरे मुँह पर ही झड़ गयी और वो अपनी गांड को तेज़ी से उचकाकर झड़ रही थी। में मम्मी की झड़ती चूत में एक मिनट तक अपनी जीभ को डाल रहा था। फिर में उठकर ऊपर गया और बूब्स को अपने मुँह में लेकर चूसने लगा, हाँ आहह उफ्फ्फ बेटा चूस अपनी मम्मी के बूब्स को, हाए पियो इनको, हाए कितना मज़ा आ रहा है?

दोस्तों मेरा लंड अब एक बार फिर से खड़ा हो चुका था और करीब चार पांच मिनट के बाद मम्मी ने मुझे अलग किया और फिर मेरे लंड को अपने मुँह में लेकर चूसकर खड़ा करने के बाद वो बोली बेटा अब चड़ जा अपनी माँ पर और चोद डाल। Jabardast Chudai

फिर मैंने मम्मी को बेड पर लेटाया और लंड को मम्मी की चूत के छेद पर लगाकर गप्प से अंदर कर दिया। अब में तेज़ी से धक्के देकर चुदाई कर रहा था और दोनों बूब्स को दबा दबाकर चूस भी रहा था और मम्मी भी नीचे से अपनी गांड को उछाल रही थी।

में धक्के लगाते हुए बोला मम्मी शाम को जब आपने बेंगन लाने को कहा था तभी से मेरा मन कर रहा था कि काश में अपनी मम्मी को कुछ आराम दे सकूँ और अब मेरी वो इच्छा पूरी हुई। अब में बोली बेटा अगर तू मुझे चोदना चाहता था तो तू कोई गोली लेता आता अब तू मेरे अंदर मत झड़ना, आज बाहर झड़ना, फिर कल में गोली ले लूँगी तो कोई ख़तरा नहीं होगा तब तू पानी को अंदर डालना, क्योंकि चूत में गरम पानी बहुत मज़ा देता है और करीब दस मिनट के बाद मेरा लंड झड़ने वाला था तो मैंने उसको बाहर किया और मम्मी से कहा हाँ मम्मी अब मेरा वीर्य निकलने वाला है, हाए बेटा ला अपने पानी से अपनी मम्मी के बूब्स को भिगो दे। Jabardast Chudai

मैंने मम्मी के बूब्स पर अपना वीर्य निकाल दिया में झड़कर अलग हुआ तो मम्मी अपने बूब्स पर मेरे लंड का पानी लगाती हुई बोली बेटा तो एकदम अपने बाप की तरह चोदता है, वो भी ऐसे ही मज़ा देते थे आहह बेटा अब तू सो जा। Jabardast Chudai

मम्मी अपने रूम में चली गयी और में भी सो गया और अगले दिन मम्मी मुझे बहुत खुश लग रही थी और सुहाना भी मम्मी को ध्यान से देख रही थी। फिर नाश्ते पर उसने पूछ ही लिया क्या बात है मम्मी आज आप बहुत खुश लग रही हो? हाँ बेटी अब में हमेशा खुश रहूंगी, तो वो चकित होकर पूछने लगी क्यों मम्मी ऐसा क्या हो गया है? वो तभी मुस्कुराती हुई बोली कुछ नहीं बेटी तुम्हारे भैया मेरा बहुत ध्यान रखता है ना इसलिए। Jabardast Chudai

वो कहने लगी हाँ मम्मी भैया बहुत अच्छे है फिर वो अपने कॉलेज चली गयी और में यूनिवर्सिटी, उस रात को पहले से ही मम्मी ने गोली ले ली थी और चुदाई के समय अपनी चूत में ही मेरा पानी ले लिया था और हम दोनों माँ बेटे एक महीने इसी तरह मज़ा लेते रहे। एक रात जब में मम्मी को चोद रहा था तब मम्मी ने मुझसे पूछा सोहेल बेटा एक बात तू मुझे बता, तो मैंने पूछा क्या मम्मी?

वो बोली बेटा अब सुहाना बड़ी हो रही है, उसकी शादी करनी है, इस उम्र में लड़कियों की शादी कर देनी चाहिए वरना अगर वो कुछ उल्टा सीधा कर ले तो बहुत बदनामी होती है। फिर मैंने कहा कि हाँ मम्मी आप सही कह रही हो अब उसके लिए कोई अच्छा सा लड़का देखना होगा, हाँ बेटा अच्छा एक बात तो मुझे बता तुझे सुहाना कैसी लगती है? Jabardast Chudai

मैंने पूछा क्या मतलब मम्मी? वो बोली मतलब तुझे वो अच्छी लगती है तो इसका मतलब वो किसी को भी अच्छी लगेगी और उसको कोई भी लड़का पसंद कर लेगा और हम उससे उसकी शादी कर देंगे। अब मैंने कहा हाँ मम्मी सुहाना बहुत सुंदर है, हाँ तू उसको कभी कभी अजीब सी नज़रो से देखता है। दोस्तों में अपनी चोरी पकड़े जाने पर घबराकर बोला ना नहीं मम्मी ऐसी कोई बात नहीं है, कल तू उसके बूब्स को घूर रहा था। Jabardast Chudai

फिर मैंने कहा कि नहीं मम्मी, वो बोली पगले मुझसे तू झूठ बोलता है सच बता। दोस्तों में शरमाता सा बोला मम्मी कल वो बहुत अच्छी लग रही थी और कल वो छोटा सा कसा कुर्ता पहने थी जिससे उसके बूब्स बहुत अच्छे लग रहे थे। तभी वो बोल पड़ी क्या तुझे पसंद है सुहाना के बूब्स? में चुप रहा तो मम्मी ने मेरे लंड को अपनी चूत से जकड़कर पूछा बताओ ना वो तोड़े ना सुन रही है?

तब में बोला हाँ मम्मी, वो पूछने लगी क्या उसके बूब्स को कभी देखा है? कभी नहीं मम्मी, क्या तू उनको देखेगा? वो कैसे? पगले तू उसे देखने की कोशिश किया कर जब वो कपड़े बदले तब या जब वो नहाने जाए तब।

मैंने कहा हाँ ठीक है मम्मी, लेकिन वो दरवाज़ा बंद करके यह सब करती है हाँ लेकिन तू जब भी घर पर रहता है तब तू बिना अंडरवियर के लुंगी पहनाकर और अपने लंड को उसके अंदर खड़ा करके उसको दिखाया कर और सोते हुए लंड को बाहर निकाले रखना में उसको जानबूझ कर तुम्हारे रूम में झाड़ू लगाने भेज दूंगी और तू उसको अपना दिखाना और तुम अब उसके बूब्स को घूरा करो और उसको छूने की कोशिश किया कर।

अब में मम्मी की वो बातें सुनकर मस्त होकर तेज़ी से धक्के देकर चोदने लगा और वो तेज़ी से चुदती हुई हाए हाए करती बोली आह्ह्ह बहन को देखने की बात सुनकर इतना मस्त हो गया कि मम्मी की चूत की धज्जीयां उड़ा रहा है।

मेरी कमर को अपने दोनों पैरों से कसकर बोली हाँ चोद अपनी मम्मी को आह्ह्ह आज मुझे चोद कल से अपनी बहन पर लाइन मारना और उसको पकड़कर चोदना। फिर 4-5 धक्के लगाकर में झड़ने लगा और झड़ने के बाद में मम्मी से चिपककर बोला मम्मी सुहाना तो मेरी छोटी बहन है भला में उसके साथ कैसे? उन्होंने कहा कि जब तू अपनी माँ के साथ चुदाई कर सकता है तो अपनी बहन के साथ क्यों नहीं?

फिर मैंने कहा कि मम्मी आपकी बात और है, वो पूछने लगी ऐसा क्यों? मम्मी आप पापा के साथ सब कर चुकी है और अब उनके ना रहने पर में तो उनकी कमी पूरी कर रहा हूँ, लेकिन सुहाना तो अभी अनछुई बिना चुदी है तू यही कहना चाह रहा है ना? हाँ मम्मी बेटा अब तेरी बहन 19 की हो गयी है और इस उम्र में लड़कियों को बहुत मस्ती आती है आजकल वो कॉलेज भी जा रही है और मुझे लगता है कि उसके कॉलेज के कुछ लड़के उसको फँसाने की कोशिश कर रहे है और आस पड़ोस के भी कुछ लड़के तेरी बहन पर नज़रे जमाए है। अगर तू उसे घर पर ही उसकी जवानी का मज़ा उसे दे देगा तो वा बाहर के लड़कों के चक्कर में नहीं पड़ेगी और उससे अपनी बदनामी भी नहीं होगी। फिर में बोला हाँ माँ आप सही कह रही हो, में अपनी बहन को बाहर नहीं चुदने दूँगा, सच मम्मी सुहाना के बूब्स बहुत मस्त दिखते है मम्मी आप ही उसको तैयार करो।

वो बोली हाँ में करूँगी बेटा में उसको भी यही सब धीरे धीरे समझा दूँगी और फिर अगले दिन जब में सुबह सुबह उठा तो मैंने देखा कि वो मेरे रूम में झाड़ू लगा रही है। में उसको देखने लगा वो कसी हुई कमीज़ पहने हुए थी और झुककर झाड़ू देने से उसके लटक रहे बूब्स हिल हिलकर बहुत प्यारे लग रहे थे। तभी उसकी नज़र मुझ पर पड़ी मुझे अपने बूब्स को घूरता हुए पाकर वो मुड़ गयी और जल्दी से झाड़ू पूरी करके चली गयी, में उठा और फ्रेश होकर नाश्ता करके टीवी देखने लगा। Jabardast Chudai

उस दिन छुट्टी थी इसलिए किसी को कहीं नहीं जाना था और मम्मी भी टीवी देख रही थी। अब सुहाना भी आ गई मैंने उसको अपने पास बैठा लिया में उसकी कसी कमीज़ से झाँकते बूब्स को ही देख रहा था। अब मम्मी ने मुझे देखा तो वो चुपके से हंसकर इशारा करते हुए कहने लगी हाँ तुम बिल्कुल ठीक जा रहे हो। Jabardast Chudai

अब सुहाना कभी कभी मुझे देखती तो अपने बूब्स को घूरता हुए पाकर वो एकदम सिमट जाती थी, आख़िर वो उठकर मम्मी के पास चली गयी मम्मी ने उसको अपने गले से लगाते हुए पूछा क्यों क्या हुआ बेटी? वो बोली कुछ नहीं मम्मी, तो तू यहाँ क्यों आ गयी बेटी जा भाई के पास बैठ मम्मी ववववाह ब्ब भैया वा फुसफुसते हुए बोली। अब मम्मी भी उसी की तरह फुसफुसाई क्या भैया? मम्मी भैया आज कुछ अजीब हरकते कर रहे है वो धीरे से बोली, तो मम्मी ने कहा क्या कर रहा है तेरा भाई? मम्मी यहाँ से चलो तो बताऊँ और मम्मी उसको ले अपने रूम की तरफ गयी और मुझे भी पीछे आने का इशारा किया। Jabardast Chudai

में उन दोनों के रूम के अंदर जाते ही जल्दी से मम्मी के रूम के पास पहुंच गया और मम्मी ने दरवाज़ा पूरा बंद नहीं किया था और में पर्दे से छुपकर उन दोनों को देखने लगा। अब मम्मी ने सुहाना को अपनी गोद में बैठा लिया और वो बोली क्या बात है बेटी जो तू मुझे यहाँ ले आई है? मम्मी आज भैया मुझे अजीब सी नज़रों से देख रहे है जैसे कॉलेज के।। क्या पूरी बात बताओ सुहाना बेटी मम्मी आज भैया मेरी इनको बहुत घूर रहे है जैसे मुझे हमेशा मेरे कॉलेज में लड़के घूरते है। Jabardast Chudai

अब मम्मी ने उसके बूब्स को पकड़ा तो वा शरमाती सी बोली ज्ज्ज जी मम्मी, अरे बेटी अब तू जवान हो गयी है और तेरे यह बूब्स बहुत प्यारे आकर्षक हो गए है, इसलिए कॉलेज में लड़के इनको घूरते है और तेरा भाई भी इसलिए देख रहा होगा कि उसकी बहन कितनी सुंदर है और उसके बूब्स कितने जवान है? तो वो बोली मम्मी आप भी वो अब शरमाई। अरे बेटी मुझसे क्या शरमाना बेटी कॉलेज के लड़कों के चक्कर में मत आना वरना बदनामी होगी अगर तू अपनी जवानी का मज़ा लेना चाहती है तो मुझे बताना। अब वो बोली मम्मी आप तो जाइए हटिए।

अब वो बोली अच्छा बेटी एक बात तू मुझे बता जब भैया तेरी दोनों मस्त जवानियों को घूरते है तो तुझे कैसा लगता है? मम्मी हटिए में जा रही हूँ, अरे पगली फिर शरमाई चल बता कैसा लगता है जब तुम्हारे भैया इनको देखते हैं? जी ज्जई अच्छा तो लगा, लेकिन वो, कुछ नहीं।

अब माँ उससे बोली बेटी क्या तू जानती है बाहर के लड़के तेरे यह देखकर क्या सोचते है? क्या मम्मी? यही कि हाए तेरे दोनों अनार कितने कड़क और रसीले है, वो सब तेरे इन अनारो का रस पीना चाहते है मम्मी अब आप चुप रहिए मुझे बहुत शरम आती है, अरे बेटी वैसे एक बात है इनको लड़के के मुँह में देकर चुसवाने में बहुत मज़ा आता है और जानती हो लड़के इनको चूसकर बहुत मज़ा देते है अगर एक बार कोई लड़का तेरे अनार चूस ले तो तेरा मन रोज़ रोज़ चुसवाने का करेगा और अगर कोई तेरी नीचे वाली चाटकर तुझे चोद दे तब तू बिना लड़के के रह ही नहीं पाएगी।

अब में बाहर जा रही हूँ और मम्मी मुझे नहीं करवाना यह सब, हाँ बेटा कभी किसी बाहर के लड़के से कुछ भी नहीं करवाना वरना बहुत दर्द और बदनामी भी होती है, हाँ अगर तेरा मन हो तो तू मुझे जरुर बताना।

अब मम्मी कहने लगी अच्छा बेटी चलो अब कुछ खाना खा लिया जाए, तेरा भाई भूखा होगा जा तू उससे पूछ वो क्या खाएगा? जो खाने को कहे बना देना। फिर में भागकर टीवी देखने आ गया थोड़ी देर बाद सुहाना आ गई और वो मुझसे बोली भैया, मैंने हूँ की आवाज निकाली, भैया आपको जो भी खाना हो बता दीजिए में बनाती हूँ मम्मी आराम कर रही है।

अब में उसके बूब्स को घूरते हुए अपने होंठो पर जीभ को फेरता हुए बोला क्या क्या खिलाओगी? वो मेरी इस हरक़त से शरमा गई और नज़रे झुकाकर बोली जो भी आप कहें? मैंने उसका हाथ पकड़कर अपने पास उसको बैठाया और उसके बूब्स को घूरता हुआ बोला में खाऊंगा तो बहुत कुछ, लेकिन पहले तुम इनका रस पिला दो।

फिर वो चकित होकर पूछने लगी ज्ज जी क्या भैया किसका रस? वो बहुत घबराती सी बोली। अब में बात को बदलते हुए बोला मेरा मतलब है पहले एक चाय ला दे फिर जो चाहे बना लो और वो अब चली गई और में उसको जाते हुए देखता रहा। फिर करीब पांच मिनट के बाद वो चाय लेकर आई तो मैंने उसको कहा अपने लिए नहीं लाई? वो बोली कि में नहीं पियूंगी। फिर मैंने उससे कहा पियो ना लो इसी में पीलो एक साथ पीने से आपस में प्यार बढ़ता है और वो मेरी बात सुनकर शरमाई।

कुछ सोचकर मेरे पास में बैठ गयी तो मैंने वो कप उसके होंठो से लगा दिया और उसने एक चुस्की ली। फिर मैंने बार पी लिया और इस तरह से पूरी चाय खत्म हुई, तो वो बोली अब खाने का इंतज़ाम करती हूँ और मैंने उसका हाथ पकड़कर खींचते हुए कहा अभी क्या जल्दी है थोड़ी देर रूको बहुत अच्छा प्रोग्राम आ रहा है उसको देखो मेरे खींचने पर वो मेरे ऊपर आ गिरी थी और वो उठने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मैंने उसको हटने नहीं दिया।

अब वो बोली हाए भैया हटिए क्या कर रहे है? मैंने कहा कि कुछ भी तो नहीं टीवी देखो में भी देखता हूँ ठीक है, लेकिन छोड़ीए तो में ठीक से बैठकर देखूं। अब मैंने कहा हाँ ठीक से बैठ सुहाना, मेरी छोटी बहन अपने बड़े भाई की गोद में बैठकर देखो ना टीवी, वो चुप रही और हम दोनों टीवी देखने लगे। फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उसके हाथों को अपने हाथों से इस तरह दबाया कि उसकी कमीज़ सिकुड़कर आगे को हुई और उसके दोनों बूब्स दिखने लगे थे और जब उसकी नज़र अपने बूब्स पर पड़ी तो वो जल्दी से मेरी गोद से उतर गयी और तभी मम्मी ने उसे आवाज़ दी तो वो उठकर चली गयी और में भी पहले की तरह पर्दे के पीछे छुपकर देखने लगा।

फिर वो अंदर गयी तो मम्मी ने उससे पूछा क्या हुआ बेटी सोहेल ने बताया नहीं वो क्या खाएगा? व्वाह वो मम्मी भैया ने। क्या भैया ने बताओ ना बेटी क्या किया तेरे भाई ने? वो भैया ने मुझे अपनी गोद में बैठा लिया था और फिर और फिर।। और फिर क्या? और और कुछ नहीं अरे अगर तेरे भाई ने तुझे अपनी गोद में बैठा लिया तो क्या हुआ आख़िर वो तेरा बड़ा भाई है, अच्छा यह बता उसने गोद में ही बैठाया था या कुछ और भी किया था? और तो कुछ नहीं मम्मी भैया ने फिर मेरी दोनों को देख लिया था।

अब माँ उससे हंसकर कहने लगी मुझे लग रहा है कि मेरे बेटे को अपनी बहन के दोनों रसीले बूब्स पसंद आ गए है तभी तो वो बार बार इनको देख रहा है, बेचारा मेरा बेटा अपनी ही बहन के बूब्स को पसंद करता है, अगर बाहर की कोई लड़की होती तो जी भरकर देख भी लेता, लेकिन तेरे साथ वो डरता होगा अच्छा बेटी यह बता जब तुम्हारे भैया तेरे बूब्स को घूरता है तो तुमको कैसा लगता है? ज्जज्ज जी मम्मी वो वो लगता तो अच्छा है, लेकिन हाँ लेकिन क्या बेटी? अरे तुझे तो खुश होना चाहिए कि तुम्हारा अपना भाई ही तुम्हारे बूब्स का दीवाना हो गया है। अगर में तेरी जगह होती तो में तो किसी बहाने से अपने भाई को दिखाती।

फिर वो बोली क्या सच मम्मी? हाँ बेटी में सच कह रही हूँ क्या तुझे अच्छा नहीं लगता कि कोई तेरा दीवाना हो और हर वक़्त बस तेरे बारे में सोचे और तुझे देखना चाहे तुझे चोदना चाहे? मम्मी आप भी अरे बेटी कोई बात नहीं जा तू अपने भाई को उस बेचारे को दो चार बार अपनी दोनों मस्त जवानियों की झलक कभी कभी दिखा दिया कर और वैसे उस बेचारे की बिल्कुल भी ग़लती नहीं है, तू है ही इतनी मस्त कड़क जवान कि वो क्या करे? देख ना अपने दोनों बूब्स को लग रहा है अभी कमीज़ फाड़कर बाहर आ जायेगी जा तू भाई के पास जाकर टीवी देख और बेचारे को अपनी झलक दे तब तक में खाने का इंतजाम करती हूँ और खाना तैयार होने पर में तुम दोनों को बुला लूँगी।
 
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