मेरा नाम अमित है.. मैं एक छोटे से शहर में रहता हूँ।
बात उस समय की है, जब मैं जवान हुआ ही था। मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मैं बहुत ही आकर्षक लड़का हूँ। मेरा किसी लड़की को चोदने का बहुत मन होता था।
मेरे मोहल्ले में एक फैमिली रहती है.. जो हमारे परिवार से बहुत क्लोज है। उनके घर में एक आंटी हैं जो बहुत सुन्दर हैं। उनका फिगर 38-36-38 का है, उनका नाम कविता है। वो हमेशा मेरे से मजाक किया करती थीं। कभी वो मुझे पकड़ लेतीं तो कभी पूछतीं कि तेरा खड़ा होता है?
मैं आंटी की इस तरह की बातों से शरमा जाता था। एक दिन की बात है उस दिन तो आंटी ने हद ही कर दी, उन्होंने मेरे लंड को पकड़ लिया और पूछा- कभी हिलाते हो?
मैं फिर शरमा गया और भाग गया लेकिन मन में उनको चोदने की इच्छा होने लगी, मुझे उनकी हरकतें बहुत अच्छी लगती थीं।
एक रात मैं घूमने गया, तो उनके घर कविता आंटी अकेली थीं, उनकी दो बेटियाँ हैं। इस वक्त उसका सारा परिवार शादी में कहीं गया था।
उस रात कविता आंटी अकेली टीवी देख रही थीं.. उन्होंने मुझे जाते देखा तो बुला लिया और मुझसे बात करने लगीं। वो इस समय बिस्तर में अधलेटी सी थीं।
आंटी टीवी देखते हुए मुझसे बोलीं- कभी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कुछ किए हो.. मतलब उसको कहीं घुमाने ले गए हो?
मैं बोला- मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है।
तो आंटी बोलीं- लगता है अभी तक जवान नहीं हुए हो?
मैं बोला- पता नहीं।
इस पर आंटी बोलीं- ज्यादा बनो मत.. मैं बताऊं जवान हुए हो या नहीं?
मैं बोला- बताओ..!
मेरा इतना बोलना था कि आंटी ने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ कर दबा दिया, मुझे बहुत दर्द हुआ। मैंने जानबूझ कर कुछ ज्यादा ही रिएक्ट किया तो वो ये देखकर थोड़ा डर गईं और मुझसे बोलीं- सॉरी गलती से हो गया।
मैंने गुस्सा होने का नाटक किया तो बोलीं- दिखाओ तो क्या हुआ है?
मैं शरमाने लगा तो वो बोलीं- शरमाओ मत.. दिखाओ तो किधर क्या हुआ है?
मैं भी यही चाह रहा था।
फिर वो मेरे पास आकर मेरे पैन्ट को खोलने लगीं। मैं कुछ नहीं बोला बस मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं।
आंटी ने अपने हाथों से मेरा पैन्ट खोल कर नीचे सरका दिया और अंडरवियर के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया। आंटी का हाथ लगते ही मेरा लंड एकदम से तन गया। आंटी ने तुरंत हाथ बाहर निकाला और बोलीं- बाप रे कितना मोटा और बड़ा है? किसी को कुछ मत बोलो तो तुमको मैं भी कुछ करके दिखाऊँ?
मैं बोला- नहीं बोलूंगा।
फिर तुरंत मेरी चड्डी खोल कर लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगीं, आंटी मेरे लंड को किस करने लगीं।
मेरा बुरा हाल था.. मुझे बहुत मजा भी आने लगा था।
आंटी बोलीं- चलो बिस्तर में आ जाओ।
मैं बिस्तर पर आ गया।
आंटी ने मुझसे कपड़े खोलने को बोला।
मैं कपड़े खोलने लगा।
आंटी ने अब अपने पूरे कपड़े खोल दिए आंटी के दूध मस्त और बड़े थे, मैं दबाने लगा।
आंटी पोजीशन में आकर मेरे लंड को अपने चूत के छेद में लगा कर घिसने लगीं। मेरा पूरा लंड आंटी की चूत के पानी से गीला हो गया। आंटी बोलीं- हाँ अब आराम से डाल दो.. और जब दर्द हो तो रुक जाना।
मैं भी चुप होकर चुदाई का मजा लेने लगा। मैंने धक्का मारा तो लंड आंटी की चुत में घुस गया।
उनके मुँह से ‘आआआ ऊऊजु..’ की आवाजें आने लगीं।
आंटी कुछ पलों बाद मेरे ऊपर आ गईं और पूरे जोर से मेरे लंड के ऊपर चूत को घुसा दिया।
कसम से मैं अपने आपको रोक नहीं सका। पहली बार चूत की गरमी को महसूस किया था।
वो बोलीं- आह.. कितना बड़ा है अमित.. तुम पहले क्यों नहीं मिले आआआ उह्ह्ह… मजा आ गया.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उझह्ह्ह् स्स्स्स्स् स्स्स.. असली लंड का मजा आज मिल रहा है।
कुछ देर की चुदाई के बाद मैं अपने माल को रोक नहीं पाया और आंटी की चुत में पूरा रस भर दिया।
वो बोलीं- अभी तो मजा आ रहा था अमित.. इतनी जल्दी निकाल दिया.. चलो कोई बात नहीं.. दूसरी बार में मजा आएगा।
मैंने बोझिल आँखों से पता नहीं किस झोंक में कह दिया कि आंटी दूसरी बार तो आपकी बेटी को चोदूंगा।
आंटी मेरी बात सुनकर हंसने लगीं और बोलीं- ठीक है, मेरे साथ ही उसको भी चोद लेना.. मैं मना नहीं करूँगी।
उनकी बात सुनकर मुझे बड़ा मजा आया और दूसरी चुदाई को लेकर सपने बुनने लगा। हालांकि मुझे तो पहली बार में ही आंटी चुत का मजा आ गया था।
आपक मेरी आपबीती अच्छी लगी या नहीं, मुझे प्लीज़ रिप्लाई करना।
बात उस समय की है, जब मैं जवान हुआ ही था। मेरे लंड का साइज 7 इंच है और मैं बहुत ही आकर्षक लड़का हूँ। मेरा किसी लड़की को चोदने का बहुत मन होता था।
मेरे मोहल्ले में एक फैमिली रहती है.. जो हमारे परिवार से बहुत क्लोज है। उनके घर में एक आंटी हैं जो बहुत सुन्दर हैं। उनका फिगर 38-36-38 का है, उनका नाम कविता है। वो हमेशा मेरे से मजाक किया करती थीं। कभी वो मुझे पकड़ लेतीं तो कभी पूछतीं कि तेरा खड़ा होता है?
मैं आंटी की इस तरह की बातों से शरमा जाता था। एक दिन की बात है उस दिन तो आंटी ने हद ही कर दी, उन्होंने मेरे लंड को पकड़ लिया और पूछा- कभी हिलाते हो?
मैं फिर शरमा गया और भाग गया लेकिन मन में उनको चोदने की इच्छा होने लगी, मुझे उनकी हरकतें बहुत अच्छी लगती थीं।
एक रात मैं घूमने गया, तो उनके घर कविता आंटी अकेली थीं, उनकी दो बेटियाँ हैं। इस वक्त उसका सारा परिवार शादी में कहीं गया था।
उस रात कविता आंटी अकेली टीवी देख रही थीं.. उन्होंने मुझे जाते देखा तो बुला लिया और मुझसे बात करने लगीं। वो इस समय बिस्तर में अधलेटी सी थीं।
आंटी टीवी देखते हुए मुझसे बोलीं- कभी अपनी गर्लफ्रेंड के साथ कुछ किए हो.. मतलब उसको कहीं घुमाने ले गए हो?
मैं बोला- मेरी कोई गर्ल फ्रेंड नहीं है।
तो आंटी बोलीं- लगता है अभी तक जवान नहीं हुए हो?
मैं बोला- पता नहीं।
इस पर आंटी बोलीं- ज्यादा बनो मत.. मैं बताऊं जवान हुए हो या नहीं?
मैं बोला- बताओ..!
मेरा इतना बोलना था कि आंटी ने मेरे पास आकर मेरे लंड को पकड़ कर दबा दिया, मुझे बहुत दर्द हुआ। मैंने जानबूझ कर कुछ ज्यादा ही रिएक्ट किया तो वो ये देखकर थोड़ा डर गईं और मुझसे बोलीं- सॉरी गलती से हो गया।
मैंने गुस्सा होने का नाटक किया तो बोलीं- दिखाओ तो क्या हुआ है?
मैं शरमाने लगा तो वो बोलीं- शरमाओ मत.. दिखाओ तो किधर क्या हुआ है?
मैं भी यही चाह रहा था।
फिर वो मेरे पास आकर मेरे पैन्ट को खोलने लगीं। मैं कुछ नहीं बोला बस मैंने अपनी आँखें बंद कर लीं।
आंटी ने अपने हाथों से मेरा पैन्ट खोल कर नीचे सरका दिया और अंडरवियर के अन्दर हाथ डाल कर मेरे लंड को पकड़ लिया। आंटी का हाथ लगते ही मेरा लंड एकदम से तन गया। आंटी ने तुरंत हाथ बाहर निकाला और बोलीं- बाप रे कितना मोटा और बड़ा है? किसी को कुछ मत बोलो तो तुमको मैं भी कुछ करके दिखाऊँ?
मैं बोला- नहीं बोलूंगा।
फिर तुरंत मेरी चड्डी खोल कर लंड अपने हाथ में ले लिया और सहलाने लगीं, आंटी मेरे लंड को किस करने लगीं।
मेरा बुरा हाल था.. मुझे बहुत मजा भी आने लगा था।
आंटी बोलीं- चलो बिस्तर में आ जाओ।
मैं बिस्तर पर आ गया।
आंटी ने मुझसे कपड़े खोलने को बोला।
मैं कपड़े खोलने लगा।
आंटी ने अब अपने पूरे कपड़े खोल दिए आंटी के दूध मस्त और बड़े थे, मैं दबाने लगा।
आंटी पोजीशन में आकर मेरे लंड को अपने चूत के छेद में लगा कर घिसने लगीं। मेरा पूरा लंड आंटी की चूत के पानी से गीला हो गया। आंटी बोलीं- हाँ अब आराम से डाल दो.. और जब दर्द हो तो रुक जाना।
मैं भी चुप होकर चुदाई का मजा लेने लगा। मैंने धक्का मारा तो लंड आंटी की चुत में घुस गया।
उनके मुँह से ‘आआआ ऊऊजु..’ की आवाजें आने लगीं।
आंटी कुछ पलों बाद मेरे ऊपर आ गईं और पूरे जोर से मेरे लंड के ऊपर चूत को घुसा दिया।
कसम से मैं अपने आपको रोक नहीं सका। पहली बार चूत की गरमी को महसूस किया था।
वो बोलीं- आह.. कितना बड़ा है अमित.. तुम पहले क्यों नहीं मिले आआआ उह्ह्ह… मजा आ गया.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… उझह्ह्ह् स्स्स्स्स् स्स्स.. असली लंड का मजा आज मिल रहा है।
कुछ देर की चुदाई के बाद मैं अपने माल को रोक नहीं पाया और आंटी की चुत में पूरा रस भर दिया।
वो बोलीं- अभी तो मजा आ रहा था अमित.. इतनी जल्दी निकाल दिया.. चलो कोई बात नहीं.. दूसरी बार में मजा आएगा।
मैंने बोझिल आँखों से पता नहीं किस झोंक में कह दिया कि आंटी दूसरी बार तो आपकी बेटी को चोदूंगा।
आंटी मेरी बात सुनकर हंसने लगीं और बोलीं- ठीक है, मेरे साथ ही उसको भी चोद लेना.. मैं मना नहीं करूँगी।
उनकी बात सुनकर मुझे बड़ा मजा आया और दूसरी चुदाई को लेकर सपने बुनने लगा। हालांकि मुझे तो पहली बार में ही आंटी चुत का मजा आ गया था।
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