Rabia Qureshi Ki Hindi Sex Story | Hindi Sex Stories

Rabia Qureshi Ki Hindi Sex Story

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Dec 25, 2016.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    जब उसकी समस्या को पढ़ा तो मेरे मन में उस लड़की से बात करने की इच्छा हुई, मैंने उसे मेल किया।
    मुझे भी उसका रिप्लाई मिला पर मुझे कुछ अजीब सा लगा, जब मैंने उससे और बात की तो पता चला कि वो किसी पुरुष परीक्षित कुमार की ईमेल आईडी है, परीक्षित ने ही उस लड़की की समस्या, जैसे उसने ही बताई थी, लिखी थी।

    मैंने उनसे उस लड़की की ईमेल आईडी मांगी तो उन्होंने सेफ्टी और प्राइवेसी की बात बोलकर आईडी नहीं दी। पर उन्होंने कहा कि मेरे सारे मेल उन्होंने फॉरवर्ड कर दिए हैं।

    मैं उस पुरुष से ही बात करने लगी और मैंने उन्हें मेरी हिन्दी सेक्स स्टोरीज के बारे में बताया।
    मैंने उस लड़की से बात करने के लिये ढेर सारे मेल किये, पर कोई जवाब नहीं मिला।

    2-3 दिन पहले ही मुझे एक मेल प्राप्त हुआ, वो ईमेल उस लड़की का था। मैंने उस लड़की को रिप्लाई किया, मैंने उसका नाम पूछा तो उसने राबिया कुरैशी बताया।
    हालांकि उसने ज्यादा बात तो नहीं की पर उसने मुझसे कहा- मेरी भी 6-7 चुदाई की कहानियाँ हैं, क्या उन्हें लिखने में मेरी मदद करेंगीं?
    मैंने उससे कहानी के बारे में कुछ बात की और फिर हाँ कह दिया।

    अब मैं भी ज्यादा बोर न करते हुए आपको कहानी पर ले चलती हूँ, सुनिये:

    हैलो फ्रेंड्स, मेरा नाम राबिया कुरैशी है। इस कहानी को लिखने से पहले मैं कुल 32 लंडों से चुद चुकी हूँ।

    पहले मैं आपको मेरे बारे में थोड़ा बता देती हूँ, मैं 26 वर्षीया तलाकशुदा लड़की हूँ, 20 वर्ष की उम्र में ही मेरा निकाह हो चुका था और 5 महीने के बाद ही तलाक भी हो गया था, पर मेरी सील 19 साल की उम्र में ही टूट गई थी।

    जब मेरा निकाह हुआ तब मैं बहुत ही खुश थी, पर मेरी यह ख़ुशी सुहागरात पर ही टूट गई, क्योंकि उनके लंड का आकार तो ठीक था पर वो कुछ ही देर में थक गए, हालांकि वो झड़े नहीं थे। सुहागरात में उन्होंने मुझे 3 बार चोदने की कोशिश की और हर बार थोड़ी ही देर में तक गए।
    वो किसी बीमारी से ग्रस्त थे जो मुझे बहुत दिनों के बाद पता चली। मुझे इस बात का भी पता बहुत बाद में चला कि वो किसी रंडी के साथ भी सेक्स करते थे। इतना जल्दी थकने के बाद भी किसी रंडी के लिये इतनी ताक़त उनमें कहाँ से आ जाती थी?

    कुछ दिन तक ऐसा ही चलता रहा, फिर मैंने उनसे इस बारे में बात की तो मुझसे झगड़ा करने लगे और फिर ये तो उनका रोज़ाना का ही काम बन गया और झगड़ा करने के बाद भी मुझ पर हर रात कम से कम 2 बार चढ़ते और कुछ ही देर में हांफ भी जाते, यहाँ तक कि मेरे पीरियड्स के दिनों में भी मुझे नहीं छोड़ा।

    एक तो उस घर की चारदीवारी में कैद रहना और किसी से बात नहीं करना मेरे लिये ये सब मुमकिन नहीं था। ऊपर से ऐसा लंड मिलना जो तुरन्त ही थक जाता हो, 5 महीनों तक मैं बहुत प्यासी रही।

    जैसे तैसे 5 माह निकले और फिर तलाक हो गया।
    क्योंकि वो इंसान भी बिल्कुल अच्छा नहीं था। वो मुझसे उम्र में 11 साल बड़े थे और वो न तो ज़्यादा पढ़े-लिखे थे और न ही कोई अच्छी शक्ल वाले अगर उनके पास कुछ था तो बस एक कसरती बदन और कुछ नहीं।
    कैसे हुआ, यह मेरा निजी मामला है।
     
  2. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    उसके बाद भी उन्होंने 2 निकाह और किये और वो दोनों भी किसी और के साथ भाग गईं।

    हालाँकि इस सदमे से बाहर आना मेरे लिये कोई आसान बात नहीं थी।
    फिर मैंने भी मेरे अम्मी-अब्बू से आगे की पढ़ाई की बात की, पहले तो उन्होंने मना कर दिया, मैंने भी उन्हें बहुत मनाया, 6 महीने तक कोई बात नहीं बनी तो मैंने मेरी एक घनिष्ठ सहेली नादिया अली से बोला क्योंकि एक वही है जो मेरे अम्मी और अब्बू को किसी भी बात के लिये मना सकती है।
    फिर उसने ही उन्हें मनाया, वे मान भी गए।

    पर मैंने जल्दी दूसरे निकाह के लिये मना कर दिया था, तो वो मान गए और आगे की पढ़ाई के लिये नादिया के साथ ही रहने लगी, नादिया अली जो कि मेरी बहुत ही ज़्यादा चुदक्कड़ सहेली है उसके बारे में मैं आपको अगली कहानी अगर लिखी तो बताऊँगी।

    हम दोनों ने साथ में ही MBA किया। पर मेरा पूरा 1 साल बर्बाद हो गया था निकाह के चक्कर में।

    अभी मैं एक निजी बहुराष्ट्रीय कम्पनी में एक बड़े पद पर हूँ और वेतन भी बहुत अच्छा है। मैं अभी मुम्बई में एक किराये के फ्लैट में नादिया के साथ रहती हूँ।

    कॉलेज से MBA करने तक मेरे 6 बॉयफ्रैंडस यानि यार रह चुके हैं जिनमें से 3 तो किसी काम के नहीं रहे, जो न तो मुझे चोद रहे थे और न ही किसी और लड़की जो और न ही उनके चक्कर में मैं किसी और से चुद पाई।
    मेरा चौथा बॉयफ्रेंड मुझे महीने में सिर्फ 1 या 2 बार ही चोदता था।

    पर मेरा पांचवा बॉयफ्रेंड अल्ताफ ज़रूर हफ्ते में कैसे भी समय निकालकर मुझे 2 बार चोदने आ जाता था फिर उसे भी कोई बीमारी लग गई तो मैंने ही उसे छोड़ दिया।

    किसी भी यार से मेरे 6-7 महीने से ज़्यादा सम्बन्ध नहीं रहे। पर अभी मेरा वर्तमान बॉयफ्रेंड आकाश ही ऐसा है जिससे मैं पिछले 2 सालों से चुद रही हूँ, वो मेरे लिये बहुत लकी है क्योंकि उसके बॉयफ्रेंड बनने के बाद ही मुझे इतनी अच्छी जॉब मिली और इन 2 सालों में 26 नए लंड भी।

    वैसे वो दूसरी लड़कियों को भी चोद चुका है, और मेरी सगी छोटी बहन को भी या यूँ कह दूं कि मेरी बहन उससे चुदी है जो उसने मुझे खुद ही बताया था।
    पर मुझे इससे कोई आपत्ति नहीं है क्योंकि मुझे सिर्फ उसका लंड चाहिये जो कि मुझे मिल जाता है।

    अब मैं मेरे फिगर के बारे में बताती हूँ, यहाँ मैं मेरा फिगर साइज़ नहीं लिखूंगी। मेरे मम्मे बहुत बड़े तने हुए हैं पर थोड़े नर्म हैं जिसे मैं कितना भी छुपाऊँ किसी भी कपड़े में दिख ही जाते हैं, पूरा जिस्म पूरा भरा हुआ पर दुबला है, बाल काले, हाइट 5.6 फ़ीट है, चूत हमेशा साफ़ रखती हूँ।

    मैं कपड़े सब तरह के पहनती हूँ, पर ज़्यादातर साड़ी वो भी पारदर्शी और ब्लाउज भी ऐसा कि जिसमें मेरे मम्मे ज़्यादा से ज़्यादा दिखा सकूँ, छोटे कपड़े भी बहुत पहनती हूँ, पर ऐसे कि मेरी जांघें दिख सकें!
    मैं खुद नहीं जानती कि मेरी जांघों में ऐसा क्या है कि ज़्यादातर लोग मेरी जाँघों के ही दीवाने हैं यहाँ तक कि मेरा बॉयफ्रेंड आकाश और नादिया भी, मैं अभी तक जिन 32 लंडों से चुदी हूँ उन सभी ने मेरे जिस्म और हुस्न की तारीफ़ की हो या न की हो पर मेरी जाँघों की ज़रूर की है।
     
  3. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    ब्रा-पेंटी मैं न के बराबर पहनती हूँ पीरियड्स को छोड़कर… चाहे मैं छोटे कपड़े ही क्यों न पहनूँ।
    मैं बिकिनी पहनने में भी शर्म नहीं करती हूँ, मुझे बिकिनी पहनना भी बहुत अच्छा लगता है।

    मै जिस तरह के भी कपड़े पहनती हूँ सारे नाभि के बहुत नीचे ही पहनती हूँ और अनजान बनकर नाभि को दिखाती हूँ, कि मुझे कुछ नहीं पता है।
    पर रात में ज़रूर नादिया के साथ पूरी नंगी होकर ही सोती हूँ जो कि मेरी सुहागरात से ही आदत पड़ चुकी है, पर नादिया जब भी घर में अकेली होती है तो पूरी नंगी ही रहती है और मैं भी बहुत बार उसके साथ नंगी रह जाती हूँ।

    अब मैं कहानी पर आती हूँ मैं मेरे बॉयफ्रेंड आकाश को ग्रुप सेक्स के लिये मना रही थी और मैंने मेरी सहेली नादिया अली को भी उसे चोदने के लिये बोल दिया था, नादिया खुद भी उससे चुदना चाहती थी, पर कोई फायदा नहीं था तो मैंने उससे ज़िद करना छोड़ दिया।

    जिस अफ्रीकन से मैंने पिछली बार चुदाई करवाई थी उसका नाम टेंडाई था, वो ज़िम्बाब्वे से था और ब्राज़ील में जॉब करता था, वो हमारी कम्पनी के सम्बन्ध में ही इंडिया आया था, पर इस तरह का नाम मैंने आज तक नहीं सुना था बड़ा अजीब सा नाम था।

    उसने मेरी चूत चुदाई के बारे में उसके दोस्तों को बताया रहा और वो मुझे उनसे भी चुदवाना चाहता था। यह सुनकर मेरी भी चूत और गांड में खुजली हो रही थी तो मैंने भी हाँ कह दिया था।

    हमारी कम्पनी भी साल में कुछ लोगों को विदेश भेजती है घूमने के लिये, और उनका खर्च भी उठाती है।
    मैं अपने बॉस को खुश रखती हूं तो इस बार मेरा नाम था विदेश यात्रा के लिए… मेरे बॉस ने मुझे कुछ जगह के नाम बताए तो मैंने ब्राज़ील को चुना।

    लेकिन जब मुझे मेरे साथ जाने वाले का नाम पता चला तो मेरे सारे अरमानों पर पानी फिर गया क्योंकि उन्होंने किसी पुरुष को भेजा, हालांकि उस समय कुछ समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूँ?
    मैं नादिया को मेरे साथ ले जाना चाहती थी।

    जब ऑफिस में लन्च हुआ तब मुझे मेरे बॉस से ही बात करने का ध्यान आया, पर मैंने उन्हें काम का बहाना बनाकर अगली सुबह कुछ ज़्यादा ही जल्दी बुला लिया।

    अगली सुबह मैं जब ऑफिस पहुंची तो बॉस मुझसे पहले ही पहुंच चुके थे मेरे बॉस का नाम अविनाश है उनकी उम्र 36-37 वर्ष है, शादीशुदा हैं और 2 बच्चों के पिता भी हैं, उनकी वाइफ भी बहुत ही खूबसूरत है।
    मेरे बॉस भी बहुत सारी लड़कियों के साथ सेक्स कर चुके हैं पर सिर्फ चुदक्कड़ लड़कियों के साथ में ही!

    मैं सीधा उनके केबिन में पहुंच गई, जाते ही उन्हें किस करने लगी, वो भी सम्भल नहीं पाये और उन्हें किस करते हुए ही मैंने उनकी पैंट खोल दी और उनके अंडरवीयर को भी खिसकाकर उनके लंड को चूसने लगी। उनका पूरी तरह लटका हुआ था, मैं उसे मुँह में लेकर चूसने लगी।

    तभी अविनाश सर बोले- क्या हुआ? मुझे काम के लिये बुलाया था तो ये सब क्यों कर रही हो?
    मैं- वो सब बाद में बताऊँगी सर, अभी मुझे थोड़ा रिलैक्स फील करवा दीजिये, बहुत ज़्यादा मचल रही हूँ मैं!
    अविनाश सर- क्यों आकाश से झगड़ा हो गया है क्या?
    अविनाश सर को भी मेरे और आकाश के शारीरिक सम्बन्ध के बारे में पता है।
     
  4. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    मैं- नहीं सर, ऐसा नहीं है।
    बस इतना बोलकर मैं उनके लंड को बिल्कुल लॉलीपॉप और आइसक्रीम की तरह चूसने लगी। 5 मिनट में ही उनका लंड कड़क हो गया.

    बॉस ने मेरी चूत चाट कर मज़ा दिया
    अब उन्होंने मुझे टेबल के सहारे झुकाकर खड़ा किया और मेरी साड़ी को मेरी कमर तक उठाकर मेरी चूत को चाटने लगे, पहले तो उन्होंने मेरी खुली हुई फांकों को होंठों में दबाया जिसे कि आकाश ने चोद चोदकर खोल रखा था, हल्के हल्के उसे खींचने भी लगे, और फिर मेरी चूत को चूसने लगे।

    मैं भी आअह्ह आआह्हह ईएस्स्सीईई की सिसकारी लेकर मज़े से चूत चटवा रही थी।
    उनके चूत चाटने का तरीका ही ऐसा है कि जब उन्होंने पहली बार मेरी चूत चाटी थी, तभी से ही मैं उनकी दीवानी हो गई हूँ। मैं क्या, जो भी लड़की उनसे चूत चटवायेगी वो भी उनकी दीवानी हो जायेगी।

    कुछ देर ऐसे ही उन्होंने मेरी चूत चाटी, अब मैं भी गर्म होने लगी तो मैंने मेरी साड़ी निकाल दी और अब मैं सिर्फ ब्लाउज और पेटीकोट में ही थी, ब्रा-पेंटी मैं पहनती नहीं हूँ।

    अब उन्होंने मुझे सीधा किया और मैंने मेरा पेटीकोट भी निकाल दिया अब मैं सिर्फ ब्लाउज में ही थी, जब मैं उसे भी निकालने लगी तो अविनाश सर ने मुझे रोक दिया, खड़े होकर मेरा ब्लाउज ऊपर किया, मेरे मम्मों को चूसने लगे और निप्पल को दांतों से हल्के हल्के काट भी रहे थे।

    तभी उन्होंने दो उंगलियाँ मेरे चूत में डाली और उंगली से ही मेरी चूत को चोदने लगे।
    तभी वो मुझे किस करने लगे और मेरे गले पर भी चुम्बन लगे। मैं भी आआह अह उम्म्ह… अहह… हय… याह… आह्ह्ह आआह्ह करने लगी। वो मुझे तब तक उंगली से चोदते रहे जब तक मैं झड़ने के करीब नहीं पहुंच गई।

    जैसे ही मैं झड़ने के करीब पहुंची, मेरा बदन अकड़ने लगा, सर भी समझ चुके थे तो उन्होंने भी अचानक उंगली को बाहर निकाल लिया, मैं बहुत ज़्यादा तड़पने लगी, मेरी धड़कनें तेज़ हो गई और एक अजीब सी आग मेरे पूरे जिस्म में लग गई थी, क्योंकि ऐसा उन्होंने मेरे साथ पहले कभी नहीं किया था।

    पर मैंने उनसे लंड डालने के लिये रिक्वेस्ट की तो उन्होंने मुझे घुटनों के बल बैठाकर लंड चूसने के लिये कहा, मैंने थोड़ी देर चूसकर फिर लंड को चूत में डालने के लिये कहा तो उन्होंने मेरे मुँह को चोदना शुरू कर दिया।

    कुछ देर तक ऐसे ही मेरे मुँह को चोदते रहे, मैं उनसे बार बार लंड डालने के लिये बोलती रही पर उन्होंने मेरी नहीं सुनी।
    फिर वो सोफे पर लेट गए और मुझे 69 के आसन में ले आये और फिर मेरी चूत को चाटने लगे। मैं आँखें बन्द करके मेरी चूत को चुसवा रही थी, मैं सारी तड़प भूल चुकी थी क्योंकि उनके चूत को चुसने को चाटने का तरीका ही ऐसा है।

    मैं भी थोड़ी देर उनका लंड चूसती और फिर आनन्द से सिसकारी लेने लगती।
    अब मैं फिर से झड़ने वाली थी और अविनाश सर ने फिर से चूत को उनकी उंगली से चोदना शुरू कर दिया। मैं फिर से तड़पने लगी और इस बार तो पहले से भी ज़्याद आग लग चुकी थी, इस बार उन्होंने मुझे किस करना शुरू कर दिया और मेरी एक टांग उनके कन्धे पर रख कर 3-4 झटकों में ही लंड को पूरा चूत के अंदर डाल दिया और धक्के लगाने लगे।
     
  5. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    सच में मैं तो जन्नत की सैर करने लग गई थी, मेरी आँखें तो अपने आप ही बन्द हो चुकी थी, मैं भी बस इतना ही कह रही थी या फिर ये कहूँ कि मेरे मुँह से ही निकल रहा था- और चोदिये सर ऐसे, बाद चोदते रहिये, बहुत ही मज़ा आ रहा है।

    उन्होंने अब मेरे पैरों को उनके कन्धों पर रख लिया था और दोनों हाथों से मेरी कमर को पकड़ लिया। मैंने मेरे दोनों हाथों से उनकी कलाइयों को पकड़ लिया और अब पहले से भी तेज धक्के लगाने लगे। उन्होंने इतनी तेज गति से धक्के लगाये कि मैं 1 मिनट में ही झड़ गई।

    मेरे झड़ने के कुछ देर बाद सर ने भी धक्के लगाने रोक दिए और मैं उनके सर को पकड़कर किस करने लगी, उनका लंड अभी भी मेरी चूत में फंसा हुआ था।
    कुछ देर ऐसे ही उन्हें किस करने के बाद उन्होंने लंड को मेरी चूत से निकाला और मेरे मुँह के पास में ले आये, मैं उसे चूसने लगी जो कि मेरी चूत के रस से गीला था और एक चटपटा से स्वाद आ रहा था, पर मज़ा भी बहुत आ रहा था उसे चाटने में।

    कुछ देर बाद उन्होंने उनकी शर्ट और बनियान भी निकाल दी, और जब मैं मेरा ब्लाउज निकालने लगी तो उन्होंने मुझे रोक दिया और सोफे पर ही कुतिया बना दिया और अब पीछे से मेरी चूत को चोदने लगे, और मेरे चूतड़ पर मार भी रहे थे, मैं भी उनका बराबर साथ दे रही थी- आआह्ह आआःह्ह ऊऊन्ह्ह ईएससी आअह्ह… बहुत मज़ा आ रहा है, ऐसे ही चोदिये।

    कुछ देर बाद उन्होंने मुझे घोड़ी बनने के लिये कहा, मैंने वैसा ही किया, सर घोड़ी बनाकर मेरी चूत को चोदने लगे और मेरे मम्मों को मसल भी रहे थे क्योंकि मेरा ब्लाउज मेरे मम्मों के ऊपर ही था।

    इसी दौरान मैं दूसरी बार झड़ गई। अब सर भी झड़ने वाले थे तो उन्होंने धक्कों की गति को और बढ़ा दिया और मुझसे पूछने लगे- मेरा निकलने वाला है, कहाँ पर निकालूँ?
    मैं- जहाँ पर आप चाहें सर!

    कुछ देर बाद उन्होंने लंड को मेरी चूत से निकाला और मुझे सीधा बैठाकर पहले तो लंड मेरे मुँह में देकर उसे मेरे मुँह को चोदा और जब लगभग उनका वीर्य निकलने पर आया तो उन्होंने सारा वीर्य मेरे चेहरे पर गिरा दिया और कुछ मेरे ब्लाऊज मम्मों पर भी गिर गया था।

    अविनाश सर हाँफते हुए सोफे पर बैठ गए, मैं भी फर्श पर ही बैठी रही मैंने भी चेहरे पर और मम्मों पर गिरा हुआ सारा वीर्य भी उंगली से साफ़ कर चाट लिया।

    अविनाश सर का भी लंड पूरी तरह सामान्य हो चुका था, जैसे ही वो बाथरूम की तरफ जाने लगे, मैं भी मेरा ब्लाउज निकालकर उनके साथ उनकी कमर और हाथ रखकर बाथरूम चली गई।
    अंदर जाकर उनके लंड के टोपे को तो पहले चाटा, फिर उसे पानी से धोया और सर बाहर आ गए। उसके बाद मैंने भी मेरे मम्मों और चेहरे को पानी से साफ किया और बाहर आ गई।

    तब तक अविनाश सर भी कपड़े पहन चुके थे, उन्होंने मुझे उनकी गोदी में बैठाया और मेरे मम्मों को चूसने लगे।
    मैं उनके बालों को सहलाने लगी। थोड़ी देर बाद उन्होंने मेरे मम्मों से मुँह को निकाला, मेरी जाँघों को सहलाया, और मेरी जाँघों की तारीफ़ करने लगे- राबिया, ऐसा क्या है तुम्हारी जाँघों में कि मैं इनका दीवाना हो गया हूँ, मेरी नज़र और हाथ तुम्हारी जाँघों से ही नहीं हटते।
     
  6. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    मैं- पता नहीं सर, ये तो मेरी पहली चुदाई से पहले ही ऐसी है।
    अविनाश सर- क्या आकाश भी?
    मैं- जी सर, वो भी मेरी जांघों का दीवाना है, पर जब भी मेरा चुदाई का मन होता है तो वो रोमांटिक बात करने लगता है तो मैं तुरन्त ही उसका हाथ मेरी नंगी जाँघों पर रख देती हूँ।

    मैं और अविनाश सर चुदाई की सारी बाते खुलकर करते हैं, मैं भी उनसे आकाश से चुदाई की बातें शेयर करती हूँ, इसलिये हम दोनों में कोई पर्दा नहीं है।

    अविनाश सर- वो सब ठीक है! पहले ये बताओ कि मुझे इतनी जल्दी ऑफिस क्यों बुलाया? सिर्फ चुदने के लिये या कोई और काम भी है?

    मैं- सर क्या आप ब्राज़ील मेरे साथ नादिया को भेज सकते है, मैं उस एम्प्लॉयी के साथ कम्फ़र्टेबल नहीं हूँ, आप उसे किसी दूसरी जगह भेज दीजिये।

    अविनाश सर- बस इतनी सी बात! तो इसे तो तुम फ़ोन पर भी बता सकती थी। इतना सब कुछ करने की क्या ज़रूरत थी?
    मैं- कुछ नहीं सर बस ऐसे ही। आपसे भी सेक्स किये हुए 1 महीना हो गया था तो सोचा दोनों ही काम…..

    और फिर अविनाश सर हंसने लगे और जाने के लिये बोलने लगे, पर तभी मैंने उनसे एक बार और मेरी चूत चाटने के लिये रिक्वेस्ट की, तो वो मुस्कुराये और फिर मेरी चूत को चाटने लगे। चूत चाटने के बाद मैंने उनसे ऑफिस थोड़ी देर से आने के लिये बोला, और कहा की नादिया भी मेरे साथ ही आएगी, तो उन्होंने हाँ कह दिया।