Sali Jija Se Shadi Karna Chahti Thi- Part 1

Discussion in 'Hindi Sex Stories' started by sexstories, Jan 26, 2017.

  1. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    मैं प्रथम अपनी हिंदी सेक्स स्टोरी लेकर हाज़िर हूँ। यह वाकिया अभी से कुछ दिनों पहले का ही है.. जब मेरा किसी काम से बाहर अपनी साली के गाँव में जाना हुआ।
    मेरी साली पलक.. जिसकी उम्र करीब 28 साल है, उसका फिगर 34-28-36 का है।

    मेरी साली मुझे पसन्द करती थी
    मेरी शादी के पहले से ही जब मेरा अफेयर चल रहा था, तब से ही मेरी और पलक की बहुत अच्छी बनती थी। तब उस समय भी कुछ कुछ उमंगें एक-दूसरे के लिए हम दोनों के मन में थीं.. मगर हम दोनों कभी एक-दूसरे से कुछ कह नहीं पाए।

    फिर एक दिन पलक की शादी हो गई और वो अपने ससुराल चली गई। अब तो वो एक बच्चे की माँ भी है। मगर अभी भी उसका जब फोन आता है.. तो दिल में एक उम्मीद फिर से जाग जाती है।

    तो हुआ कुछ यूँ कि मुझे ऑफिस के काम से उसके शहर जाना पड़ा। मेरी बीवी ने उसे पहले ही फोन करके बता दिया था कि तेरे जीजू आ रहे हैं।

    वो फोन पर मुझसे बोली- जीजू आप आएँगे तो हमारे घर में ही रुकिएगा। हम आपको अपने से दूर किसी होटल में नहीं रुकने देंगे।
    मैंने भी कहा- ठीक है साली जी.. इस बार तुम्हें भी अपनी सेवा का मौका देंगे।

    मैं तय दिन पर उसके शहर पहुँचा, उसका पति मुझे स्टेशन लेने आया था, मुझे वहाँ पहुँचने में शाम हो गई थी.. तो हम दोनों स्टेशन से सीधे एक एक बियर मारने चले गए और रात करीब 8 बजे हम दोनों पलक के पास घर पहुँचे।
    वहाँ पलक मेरा इंतज़ार कर रही थी।

    कसम से यारों आज तो वो क्या बला की खूबसूरत लग रही थी.. घर में घुसते से ही उसका पति बोला- अरे वाह, आज जीजा आने वाला था तो बड़ा बन-संवर के बैठी हो।

    वो बोली- और क्या.. आप तो हमारी कद्र ही नहीं करते हो.. तो इसीलिए आज मैं अपने जीजा के ही लिए सज-संवर रही हूँ।
    हम सभी ने उस बात को हँसी में टाल दिया।

    फिर मैं फ्रेश होकर जब खाना खाने आया तो उसका पति घर में नहीं था, मैंने पूछा- ये कहाँ चला गया है?
    वो बोली- तुम्हारी बियर से उनका पेट नहीं भरता है.. तो वो और इंतजाम करने गए हैं।
    मैं चुप रहा।

    मेरी साली अपने पति से दुखी थी
    वो बोली- चलो जीजू हम लोग खाना खा लेते हैं.. उन्हें तो आने में देर हो जाएगी।
    मुझे भी बहुत भूख लगी थी।
    मैंने भी कहा- सही है।

    फिर पलक ने हम दोनों के लिए खाना लगाया और हम दोनों टेबल पर बैठ कर खाना खाने लगे और इधर-उधर की बातें करने लगे। मगर बार-बार मुझे लग रहा था कि वो बात तो मुझसे कर रही है मगर उसका मन कहीं और लगा हुआ है।

    मैंने शरारत भरे लफ्जों में पूछ ही लिया- क्या बात है पलक.. पति के बिना खाने में मन नहीं लग रहा है क्या?
    वो बोली- नहीं.. ऐसी कोई बात नहीं है.. ये तो उनका रोज़-रोज़ का ही काम है।
    फिर मैंने पूछा- क्या बात है फिर तुम्हारा ध्यान कहीं और क्यों है?

    मगर उसने बात को वहीं टाल दिया, मैंने भी पर्सनल लाइफ के बारे में ज़्यादा पूछना ठीक नहीं समझा।

    फिर हम दोनों ने खाना खाया।
    वो बोली- चलो सैर करके आते हैं।

    उसका बच्चा सो गया था तो हम दोनों उसके घर के सामने के पार्क में टहलने लगे। बड़ी ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी और उसने उस रात को काले कलर का गाउन पहना था जो बहुत ही टाइट था और उसमें से उसकी ब्रा और पैन्टी का शेप भी बाहर दिख रहा था।
     
  2. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    हम दोनों टहलने लगे और एकदम से उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मेरा हाथ पकड़ कर ही टहलने लगे। फिर हम दोनों एक बेंच पर जाकर बैठ गए।

    वो बोली- क्या यार, कहाँ हम दोनों शादी करके फंस गए हैं.. पहले के ही दिन कितने अच्छे थे।

    फिर हम दोनों पुराने दिनों की बातों में खो गए और हमें समय का ख्याल ही नहीं रहा। कुछ देर बाद हम दोनों घर में अन्दर आ गए।

    कुछ देर बाद उसका पति भी नशे में टुन्न हो कर आ गया। मैं अपने कमरे में था उसके पति की कुछ चिल्लाने की आवाजें आने लगीं.. फिर सब कुछ शांत हो गया।

    मैं अपने कमरे में टी.वी. देख रहा था तभी वहाँ से पलक मेरे रूम के गेट पर आ गई और मुझसे बोली- क्या हुआ, तुम सो क्यों नहीं रहे हो?

    मैंने कहा- तुम भी तो नहीं सो रही हो।
    वो बोली- मुझे तो अक्सर रातों को देर तक अकेले जागने की आदत सी है।
    फिर मैंने उससे कहा- क्या हुआ कुछ प्राब्लम है क्या?
    वो बोली- नहीं.. कुछ ख़ास नहीं हर किसी की फैमिली में छोटी-मोटी प्रॉब्लम्स तो होती रहती हैं।

    मैंने पूछा- क्या तुम्हारे पति सो गए?
    वो बोली- हाँ.. वो तो रोज़ ही मुझसे पहले सो जाते हैं.. शाम को ऑफिस से पीकर ही आते हैं और फिर घर में भी दो-चार पैग पी लेते हैं.. तो जल्दी सो जाते हैं। उनकी इसी आदत की वजह से मैं उनसे खुश नहीं रहती हूँ।

    मैंने कहा- किस आदत से.. दारू पीने की या जल्दी सोने की?
    वो हल्के से हँस कर बोली- दोनों आदतों से.. तुम ज़्यादा दिमाग़ मत लगाओ।
    हम दोनों मुस्कुरा दिए।

    फिर मैंने उसे कुरेदना शुरू कर दिया तो वो टूट गई और बताने लगी- मेरा पति शराब का आदी हो गया है और जब से ये बच्चा हुआ है तब से उसे मुझमें इंटरेस्ट सा ही नहीं रह गया है। वो हर समय मुझ पर शक़ करता रहता है। मैं किसी से बात करती हूँ तो मुझसे लड़ाई करता है।

    यह कहते कहते वो रोने लगी, वो बिस्तर के कोने पर पैर नीचे लटका कर बैठी हुई थी और मैं बिस्तर पर तकिये से टिक कर बैठा था। उसका रोना देख कर मैं उठा और उसके आँसू पोंछने उसके पास गया।

    जब मैं बेड के किनारे पर उसके सामने खड़ा हुआ तो मुझे उसके गाउन के डीप नेक में से उसकी ब्रा और उसमें क़ैद कबूतरों के थोड़े-थोड़े दर्शन होने लगे, मैंने अपने हाथों में उसका चेहरा लिया और उसके आँसू पोंछने लगा।

    इसी के साथ ही साथ नीचे मेरे बरमूडे में मेरा तंबू भी तनने लगा था.. जिसे शायद उसने देख लिया था।

    मैंने उसे चुप कराया और मैंने उससे कहा- मैंने तुम दोनों की सब बातें सुन ली थीं और मैं कल ही यहाँ से निकल कर किसी होटल में रूम लेकर रुक जाऊँगा.. तुम टेन्शन मत लो।

    वो बोली- दरअसल वो कल बाहर जा रहा है और उसे इसी बात का डर है कि वो बाहर जाएगा और हम दोनों अकेले इस घर में रहेंगे.. तो कुछ ग़लत कर लेंगे। इसी बात पर वो मुझसे लड़ रहा था।

    मैंने उससे कहा- ठीक है कल उसके जाने के पहले मैं होटल में चला जाऊँगा.. तुम टेन्शन मत लो।
    वो कुछ नहीं बोली।
    फिर मैंने उससे कहा- जाओ अब तुम भी सो जाओ।
     
  3. sexstories

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    वो अपने कमरे में चली गई.. मगर उसके मम्मों की एक झलक देखने के बाद मुझे कहाँ नींद आने वाली थी।

    साली की पेंटी
    अब मैं बालकनी में चला गया.. जहाँ पर उन सबके कपड़े सूख रहे थे और उनमें पलक का एक रेड कलर का सलवार-कुर्ता और ब्लैक फ्लॉवर प्रिंट वाली पैन्टी और ब्रा भी टंगे थे।
    उन्हें देखते ही जाने मेरे मन में क्या आया कि मैंने उन्हें अपने हाथ में लिया और सूँघा तो उम्म्ह… अहह… हय… याह… मेरे बरमूडे में मेरा लंड खड़ा होकर बाहर ही निकलने को हो गया।

    मैं उसके कपड़े लेकर अपने कमरे में आ गया और दरवाजा बंद कर लिया। अब मैं उसके कपड़ों को सूंघते चाटते हुए मुठ मारने लगा और उसकी सलवार में ही झड़ गया।

    फिर मैंने उसकी पैन्टी मैंने अपने बैग में अपने सामान के साथ रख ली और बाकी कपड़े मैंने वापस बाल्कनी में टांग दिए। अब जाकर मुझे कुछ चैन मिला था और कुछ देर बाद मुझे नींद आ गई।

    अगली सुबह जब मैं उठा तो पलक का पति सो ही रहा था और पलक अपने बच्चे को स्कूल भेजने के लिए तैयार कर रही थी।

    मैंने उससे कहा- मैंने अपना सारा सामान पैक कर लिया है और मैं थोड़ी देर में निकल रहा हूँ। तुम अपने पति को बता देना कि मुझे कुछ अर्जेंट काम आ गया था तो मैं वापस अपने शहर चला गया हूँ।

    वो कुछ नहीं बोली और किचन में चली गई।

    मैं नहाने चला गया। मैंने देखा कि बाथरूम में फिर पलक का रात वाला ब्लैक गाउन और शायद कल जो उसने ब्रा-पैन्टी पहनी होंगी.. वो टंगे हुए थे। इससे मेरा मुठ मार कर उसके कपड़ों में झड़ने का एक राउंड और हो गया।

    मैंने नहा कर नाश्ता किया और अपना सामान लेकर चला गया। मैं उसके घर से थोड़े ही दूर एक होटल में रूम लेकर वहीं आराम करने लगा, बिस्तर पर लेटे-लेटे ही मुझे जाने कब नींद लग गई।

    तभी मेरे फोन की घंटी बजी और देखा तो फोन पलक का ही था।
    मैंने उससे पूछा- कैसी हो?
    वो बोली- ठीक हूँ.. वो चले गए हैं और मुझे अच्छा नहीं लग रहा है कि मेरा घर होते हुए भी तुम एक होटल में रुके हुए हो।

    यह कह कर वो फोन पर ही रोने लगी.. तो मैं उसे चुप कराने लगा और फिर मैंने बोला- चलो ठीक है.. आज हम साथ में लंच करते हैं। मैं घर आ जाता हूँ या तुम यहीं होटल आ जाओ।
    वो बोली- नहीं.. अभी बच्चा स्कूल से आएगा तो अच्छा होगा कि तुम्हीं घर आ जाओ।

    मैं दिन में फिर उसके घर पहुँच गया और जाते-जाते मैंने बाज़ार से उसके लिए एक ड्रेस भी ले ली थी। मैंने जाते से ही उसे वो ड्रेस गिफ्ट में दी.. तो वो बहुत खुश हो गई।

    उसने लंच लगाया और हम दोनों ने लंच किया।
    वो बोली- अब जबकि मेरा पति नहीं है तो क्यों ना तुम यहीं रुक जाओ क्योंकि मेरा पति तो एक हफ्ते के लिए बाहर गया हुआ है।

    तो मैंने मना कर दिया।

    आज उसने एक महरून कलर की नाइटी पहनी हुई थी जो कि उसके बदन से चिपकी हुई थी और उसकी ब्रा की आउटलाइन भी साफ़ साफ़ दिख रही थी मगर नीचे उसकी पैन्टी नहीं दिख रही थी.. तो मैं समझ गया कि उसकी पैन्टी तो चोरी हो गई है तो वो कैसे पहनेगी।
     
  4. sexstories

    sexstories Administrator Staff Member

    दिल की बात जुबां पे आ ही गई
    वो बर्तन वगैरह जमाकर आ गई और हम दोनों उसके बेडरूम में ही बैठ गए। अब आज मैं बिस्तर के कोने में था और वो बिस्तर पर तकिए से टिक कर बैठी हुई थी।

    तभी वो बोली- कितना अच्छा होता कि तुम्हारी और मेरी शादी हो जाती हम दोनों की कितनी जमती है और हम दोनों को एक-दूसरे की पसंद नापसंद का भी कितना ख्याल रहता है। हम दोनों मिलकर एक पर्फेक्ट मैच बनाते।

    मैंने कहा- ठीक है.. कोई बात नहीं.. शादी नहीं हुई तो क्या हुआ हम पर्फेक्ट मैच तो अभी भी बना सकते हैं।

    यह कहते हुए मैंने उसे एक आँख मार दी और वो भी धीरे से मुस्कुराने लगी।

    इसके आगे की दास्तान बहुत मस्त होने वाली है आप अपने मेल मुझे जरूर भेजिएगा।
     
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