Sali Ki Chudai Karke Raat Ki Rani Banaya

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फ्रेंड्स, साली की चुदाई की इस सेक्स स्टोरी में आपको सागर जैन का प्यार भरा नमस्कार। मेरी शादी हुए अभी नौ महीने ही हुए हैं। मेरी वाइफ को पहला बच्चा होने वाला है, इस वजह से मेरी सास और दो सालियां देख-रेख करने के लिए गोरखपुर से दिल्ली आई हुई हैं। मैं कल ही अपने वाइफ को नर्सिंग होम में भर्ती करवा के आया हूँ।

डॉक्टर ने कहा कि अभी दो दिन लगेंगे, चिंता की कोई बात नहीं है। तो मेरी सास मेरी वाइफ के पास ही रुक गईं और रात को मैं सोने के लिए अपने फ्लैट पे आ गया।

रात को करीब 10 बजे जब घर आया.. तो मेरी दोनों सालियां बैठ कर टीवी देख रही थीं। फिर हम तीनों ने बाहर जाकर चिकन तंदूरी और रूमाली रोटी खाई और वापस आ गए। मेरी बड़ी साली सोने चली गईं और छोटी साली जो 18 साल की है.. हम दोनों टीवी पर आमिर खान की पीके फिल्म देखने लगे।

लम्बे सोफे पर मेरी साली पेट के बल लेट कर टीवी पर फिल्म देख रही थी, सो उसकी दोनों चूचियाँ दब कर बाहर को निकल रही थीं। मैं करीब दस मिनट से उसे देख रहा था।

मेरी साली है भी बड़ी ही खूबसूरत.. होंठ एकदम गुलाबी, भरा-पूरा शरीर.. मस्त उभरी हुई गांड, लम्बे-लम्बे बाल, एकदम दूध सी गोरी-चिट्टी, वो इस रूप में कातिल हसीना लग रही थी।

मूवी खत्म हुई और हम दोनों सोने के लिए जाने लगे, तो साली जाते-जाते मजाक में बोल गई- जीजाजी, आपने दीदी के साथ क्या किया कि आज वो इस हालात में हैं?
मैंने भी वैसे ही रिप्लाई कर दिया- मैं आपकी दीदी की रोज रात को चुदाई करता था, इस वजह से इस हालात में हैं।
वो इस खुल्लम-खुल्ला बात से झेंप गई और शर्म से बोली- छी:.. आपको ऐसी बात कहते शर्म नहीं आती?
मैंने कहा- जब पूछने वाले को शर्म ही नहीं.. तो मुझे क्यों शर्म आनी चाहिए?

तो मेरी साली बोली- मैं अगर दीदी की जगह पर होती तो एक साल तक छूने ही नहीं देती।
मैंने कहा- फिर मैं आपकी जबरदस्ती चुदाई कर देता।
साली बोली- आप में इतनी हिम्मत कहाँ है कि मुझे पकड़ पाते, अभी भी मैं चैलेंज करती हूँ कि आप मुझे नहीं पकड़ पाओगे।
मैंने कहा- अच्छा.. ऐसी बात.. फिर देखो!

मैं उस पर झपटा तो वो बचने के लिए इधर-उधर भागने लगी। मैं उसको पकड़ने के लिए दौड़ता रहा, मेरा ड्राइंग रूम फुटबाल का मैदान बन गया था। कभी वो सोफे के पीछे तो कभी फ्रिज के पीछे.. वो मुझे छका रहा थी। अंत में वो भागकर बेडरूम में चली गई और दरवाजा अन्दर से बंद करने लगी। मैं बाहर से खोलने के लिए जोर लगा रहा था और वो अन्दर से बंद करने के लिए जोर लगा रही थी। इसी जद्दोजहद में मैंने तगड़ा धक्का लगाया और कमरे के अन्दर चला गया।

फिर मैंने उसको बेड पर पटककर उसको अपने बस में कर लिया।

वो मुस्करा कर बोली- बस इससे क्या होता है?
मैंने कहा- अच्छा जी.. लो अब बताओ और मैंने हाथ को दबा के उसको गाल पर और होंठों पर किस करने लगा।

वो मेरी पकड़ में कसमसा रही थी.. पर मैंने भी कसके जकड़ा हुआ था।

फिर वो बोली- केवल किस करने से क्या होता है।
मैंने उसकी चूचियों पर हाथ रख दिया, वो सीरियस हो गई, वो बोली- जीजू ये गलत बात है।

मैंने हाथ नहीं हटाया, वो विरोध भी नहीं कर रही थी। मैंने उसको ढीला छोड़ दिया लेकिन चूचियों पर से हाथ नहीं हटाया।
वो बोलने लगी- दीदी जग जाएगी तो क्या सोचेगी, ये गलत बात है।
मैंने कहा- कोई गलत बात नहीं है, मैं आपके साथ जबरदस्ती नहीं करूंगा, अगर मन हो तो आज की रात रंगीन हो सकती है।

वो कुछ भी नहीं बोली, तो मैं समझ गया कि उसे आज लंड चखने का मन कर रहा है।

मैंने उसकी चूचियाँ दबाना चालू रखीं और उसे किस करने लगा। वो मदहोश होने लगी, उसकी आँखें लाल-लाल होने लगीं। वो अपने होंठों को बार-बार जीभ से चाट रही थी। मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू किया तो वो मेरी बनियान को खोलने लगी। कुछ ही पलों में उसने मेरी बनियान को खोल कर बेड से नीचे फ़ेंक दी।

मैंने उसकी टी-शर्ट को भी निकाल दिया। वो अन्दर ब्लैक ब्रा पहने हुई थी, मैंने पीछे से हुक खोल के उसकी ब्रा को ढीला कर दिया। अब मेरे सामने उसकी दो बड़ी-बड़ी चूचियाँ थीं।

मैंने उसकी रसभरी चूचियों को दबाना शुरू किया और उसकी पिंक-पिंक निप्पल जो गुलाब की बड की तरह थे.. मैं अपने दोनों होंठ से पकड़ कर दबाने लगा।

वो सेक्सी आवाज़ निकालने लगी, वो मदहोश हो गई थी। फिर मैंने उसकी जीन्स की ज़िप को खोला.. उसने अपने चूतड़ थोड़ा उठाए और मैंने जीन्स को निकाल दिया। अब वो ब्लैक कलर को पेंटी में बड़ी ही खूबसूरत लग रही थी। मैंने ऊपर से उसकी चुत के ऊपर हाथ फेरा.. तो वो सिहर गई। मैं समझ गया कि साली वर्जिन है.. क्योंकि मेरे हरेक टच पर वो सिहर रही थी। उसे शर्म भी आ रही थी.
पर क्या करें साली को वासना की आग लग चुकी थी। इस वक्त मैं ही साली की चुत की चुदाई करके उसकी चुदास को बुझा सकता था।

मैंने उसकी पेंटी को खोल दिया और उसकी टांग उठाई और फैलाकर जीभ से चूत को चाटने लगा। फिर अपने जीभ को चूत में घुसाने की कोशिश करने लगा, पर उसकी चूत काफी टाइट थी।
उसने कहा- जीजू अब देर मत करो.. मेरी प्यास बुझा दो.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… मुझे और मत तड़पाओ प्लीज।

मैंने अपना लंड बाहर निकाला और उसकी चूत पर रख कर धक्का लगा दिया। वो आँख बंद करके चीख उठी, उसकी चीख से मेरी बड़ी साली जो दूसरे कमरे में सोई थीं.. उठ गईं और दौड़कर कमरे में आ गईं।
पर यहाँ का माजरा कुछ और ही था, फिर वो ये सब देख कर तुरंत ही चली गई।

मैं अब तक अपना आधा लंड साली की चूत में घुसा चुका था।

बड़ी साली आई पर उसको मेरी छोटी साली देख नहीं पाई थी। मैंने सोचा अब चुत में लंड दे ही दिया है.. तो क्या डरना, जो होगा सो देखा जाएगा। बस धकापेल साली की चुदाई शुरू कर दी। कुछ ही देर में चुत भी निहाल हो गई और लगभग बीस मिनट की चुदाई में खेल खत्म हो गया, साली की सील टूट चुकी थी।

दूसरे दिन बड़ी साली ने मुझे मुस्कुरा कर देखा तो मैं समझ गया कि आज रात इस साली की चुदाई का नम्बर है।

उस सेक्स स्टोरी को भी लिखूंगा.. आप मेल कीजिएगा।
 
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