Sex Stories Padh Kar Apni Chut Kirayedar Se Chudwa Li

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दोस्तो, मेरा नाम साही है, मैं नियमित रूप से अन्तर्वासना की सेक्स स्टोरीज पढ़ती हूँ। मुझे इधर की बहुत सी कहानियां सच्ची लगती हैं.. और बहुत मजा भी आता है।
खैर.. मैं अपनी पहली चुदाई की कहानी जोकि एक सच्ची घटना है, आपको बताने जा रही हूँ। चूंकि ये मेरी पहली चुदाई की कहानी है.. इसलिए मैं चाहती हूँ कि सभी लड़के अपने लंड को अपने हाथ में ले लें और लड़कियां अपनी उंगली चूत में ही रखें।

मेरी उम्र 24 वर्ष, कद 5 फुट 3 इंच है। मेरा रंग गोरा है, चूत बिल्कुल साफ़ है, बोबे बिल्कुल तने हुए 34 इंच के हैं और गांड तो हाहाकारी है।

ये बात कुछ साल पहले की है। उस वक्त मैं अपने मम्मी-पापा के साथ कानपुर में रहती थी। मेरी दादी की तबियत अचानक ख़राब हो जाने के कारण मम्मी पापा को दिल्ली जाना पड़ा, पर मेरी परीक्षा होने के कारण मैं नहीं जा पाई। मेरा एक पेपर रह गया था, जिसे देने मैं रुक गई थी। पापा किरायेदार के भरोसे मुझे छोड़ कर गए थे।

मैं पहली बार घर में अकेली रही तो सभी की मेरी बहुत फ़िकर हो रही थी। लिहाजा हमारे किरायेदार बार-बार आकर मुझसे मेरा हाल पूछ रहे थे। हमारे घर में किराये से एक फैमिली रहती थी, जिसमें अशोक (34) उसकी बीवी अंकिता और एक बेटी रहती थी। उसी वक्त किसी जरूरी काम से अशोक की बीवी को भी उसके मायके अचानक जाना पड़ गया था और अपनी बेटी को साथ लेकर चली गई थी।


अशोक की तो जैसे मनचाही मुराद पूरी हो गई थी। दरअसल मुझ पर उसकी गन्दी नजर बहुत पहले से थी.. ये बात मैं समझती भी थी, पर किसी से कहना कभी ठीक नहीं लगा।
मैं अन्तर्वासना सेक्स स्टोरीज पढ़ती थी तो मुझे सेक्स नॉलेज पूरी थी.

खैर.. अशोक की बीवी अपनी बेटी के साथ निकल गई.. उस वक़्त शाम का समय था, मैंने अपने लिए कुछ खाने को बनाया और खाकर अपनी पढ़ाई करने बैठ गई।
करीब 11 बजे अशोक का फ़ोन आया, उसने मुझे सीधे फ़ोन उठाते ही कहा- बोल कब आ जाऊं तेरी चूत फाड़ने?

मैं यह सुन कर हैरान थी.. मेरी समझ में ही नहीं आया कि इसका क्या जवाब दूँ।
मैं कुछ कहती.. इसके पहले वो फिर बोला- एक बात बता.. तेरी चूत अब तक कितने लंड ले चुकी है?

मैं उस पर चिल्लाई और फ़ोन काट दिया। मुझे बहुत गुस्सा आया, पर अगले दिन एग्जाम होने के कारण मैंने सब कुछ इग्नोर कर दिया।

अगले दिन जब मैं अपना पेपर देकर घर आई.. तो बहुत थकी हुई थी। घर में घुसते ही मैं नहाने चली गई, कुछ देर बाद जब मैं बाथरूम से बाहर आई तो देखा कि अशोक मेरे बिस्तर पर बैठा था, उसने अपना लंड हाथ में पकड़ा हुआ था।

मैं उसे देख कर बहुत जोर से चिल्लाई- तू अन्दर कैसे आ गया?
वो बोला- तेरा बाप मुझे एक्स्ट्रा चाभी दे कर गया था.. तो आ गया!
मुझे बहुत गुस्सा आया और मैंने कहा- निकल मेरे घर से बाहर..!

इस पर उसने जवाब दिया- मैं तेरे घर में नहीं.. तेरी चूत में अपना लंड घुसेड़ने आया हूँ।
वो मेरे पास आया मेरे बोबे हाथ फेरता हुआ बोला- तेरे मम्मे बहुत शानदार हैं।

मैंने उसे धक्का दिया, पर उसने मुझे पकड़कर कर बिस्तर पर डाल दिया और मेरे ऊपर चढ़ गया। अब वो मेरे बोबे दबाते हुए मुझे समझाते हुए बोला- देख मैं भी अकेला हूँ और तू भी.. चल मजे करते हैं। दो-तीन दिन की बात है, तू नहीं भी मानेगी तो मैं तुझे छोड़ने वाला तो हूँ नहीं.. इससे अच्छा है कि तू भी मेरा साथ दे.. तुझे भी बहुत मजा आएगा।

मैंने अन्तर्वासना की कहानियों की चुदाई को याद किया.. कुछ सोचा फिर कहा- ठीक है।
वो बहुत खुश हो गया और बोला- ऐसे हाँ करने से नहीं चलेगा.. कुछ करके बताना पड़ेगा कि तू तैयार है।
मैंने कहा- क्या करूँ?
तो बोला- चल मेरे लंड को ज़रा हिला और मुझे बता कि तूने आज तक कितने लंड खाए हैं।
मैंने उसके लंड को अपने हाथ में लेकर हिलाना शुरू किया और कहा- आज तक एक भी नहीं लिया।

ये सुन कर वो तो जैसे पागल हो गया। वो बोला- मतलब तेरी चूत अभी तक कुंवारी है.. मैं आज तेरी सील तोडूंगा?
मैंने कहा- हाँ..

अब वो मेरे ऊपर से उठा और मेरा टॉप उतार दिया और मेरा पजामा नीचे खींच कर बोला- तू नंगी होकर मेरे लंड को चूस।
मैंने अपनी ब्रा और पेंटी भी निकाल दी और उसे बिस्तर पर लेटने को कहा। उसका लंड एकदम तना हुआ था और बहुत मोटा था।

मैंने उससे पूछा- कितना लम्बा है?
तो वो बोला- नाप ले पूरा 7 इंच का है।

मैंने उसके लंड को अपने मुँह में भर लिया और लॉलीपॉप की तरह चूसने और चाटने लगी। वो लंड चुसाई को बहुत एन्जॉय कर रहा था।

इधर मेरी चूत में भी आग लगी हुई थी तो मैंने भी धीरे-धीरे अपनी चूत को उसके मुँह पर रख दी। अब हम 69 की हालत में थे। उसने अपने दोनों हाथों से मेरे चूतड़ों को पकड़ लिया और मेरी गीली और गर्म चूत पर अपनी जुबान फेरने लगा।

उफ्फ्फ्फ्फ़.. चुत चटवाने का क्या मजा रहा था दोस्तो.. मैं एकदम गर्म होकर अपनी चूत उसके मुँह पर दबा रही थी ताकि वो बहुत तेज़ी से चूसे।
पर उसने तो कुछ और ही सोच रखा था।

पहले तो वो मेरी चूत चूस रहा था और अपनी जुबान डाल रहा था, मैं पूरी तरह से मदहोश थी कि तभी अचानक उसने मेरी चूत की होंठों पर काट लिया। मैं चीख पड़ी और उठने की कोशिश करने लगी, पर उसने मुझे बहुत कसके पकड़ रखा था।

वो पागलों की तरह मेरी चूत को चूस-चूस कर काट रहा था। उसने अपने पैरों से मेरा सर पकड़ लिया और मुझे लेकर एकदम से पलट गया। अब मैं नीचे थी और वो मेरे ऊपर था।

फिर उसने भी वही किया.. अपने लंड को मेरे मुँह में दबा-दबा कर भरने लगा, मेरी तो जैसे सांस ही अटक गई। उसका लंड आधे से भी ज्यादा मेरे मुँह में जा चुका था और वो मेरी चूत को अपने थूक से नहला रहा था।

उउफ्फ.. मैं बता नहीं सकती दोस्तों.. मैं किस जन्नत में घूम रही थी।

काफी देर ये सब होने के बाद मैं एक बार अपना पानी छोड़ चुकी थी। फिर वो उठा और मेरे ऊपर सीधा बैठ गया और बोला- कैसा लगा?
मेरी साँसें बहुत तेज़ थीं.. मैंने कहा- मुझे बहुत मजा आया।
तो वो बोला- इससे भी ज्यादा मजा चाहिए?
मैंने ‘हाँ’ में सर हिला दिया तो वो बोला- सबसे ज्यादा मज़ा जब आता है जब मज़ा, सजा जैसे मिले।
मैंने कहा- क्या मतलब?

तो उसने एक जोरदार पंच मेरे बोबे पर मारा.. मैं बुरी तरह से चीखी तो वो बोला- समझ आया मतलब?
मैंने कहा- प्लीज़ ऐसे मत करो।
तो उसने गुस्से से मेरे दोनों बोबे दबोचे और बोला- मुझे ये ही पसंद है.. मैं अपनी बीवी अंकिता को भी ऐसे ही चोदता हूँ.. उसकी गांड मारता हूँ और तुझे भी ऐसे ही चोदूंगा।
मैंने कहा- ठीक है।

फिर उसने मेरे बोबे चूसने शुरू किए और दूसरे हाथ से मेरे दूसरे बोबे को दबाना चालू कर दिया। उसकी पकड़ बहुत मजबूत थी और दर्द देने वाली भी थी। वो मेरे बोबे ऐसे चूस रहा था.. जैसे आज तो दूध ही निकाल देगा। उसने अपने एक हाथ से मेरी चूत को सहलाना शुरू किया।

ओह्ह्ह्ह्ह.. एक मर्द की छुअन क्या मस्त होती है.. मैं पूरी तरह से मस्त हो कर बस मजे ले रही थी।

उसने धीरे से अपनी उंगली मेरी चूत में डाली और अचानक बोला- तेरी चूत तो बहुत टाइट है।
मैंने कहा- आज तक किसी ने चोदी ही नहीं है।
वो बोला- आज मैं तेरी चुदाई करूँगा, आज तुझे लड़की से औरत बनाऊंगा और तुझे चोद-चोद कर तेरी चूत फाड़ डालूँगा।
मैंने कहा- सिर्फ कहोगे या कुछ करोगे भी?

इस पर उसने मेरा गला पकड़ लिया और दूसरे हाथ से पंच बना कर मेरे पेट में कुछ जबरदस्त मुक्के मारे।

मुझे बहुत दुखने लगा, उसने कहा- दर्द हुआ?
मैंने कहा- हाँ बहुत..
तो बोला- और ले..

ये कहते हुए उसने अपना लौड़ा मेरी चूत पर रखकर एक जोरदार धक्का लगा दिया और आधा लंड अन्दर कर दिया।
मेरे मुँह से ‘ओह्ह्ह.. माँम्म्म्म.. उफ्फ्फ.. ऊऊ.. ऊफ़्फ़..’ की तेज आवाज़ आने लगी। क्या भयानक दर्द हुआ, ऐसा लगा जैसे मेरी चूत फट कर बाहर निकल गई है।

मैंने उससे रुकने को कहा, पर वो कहाँ सुनने वाला था। उसने दोबारा धक्का देना शुरू किया और अपना लंड को पूरा अन्दर करके ही माना। दर्द से मेरी हालत ख़राब हो गई। मैं हल्की सी बेहोशी में जाने लगी कि उसने मेरे मम्मों और पेट पर मुक्कों की बरसात कर दी। मैं अचानक होश में आई.. मैं दर्द से रोने लगी।

फिर उसने मुझे पेलना चालू किया। अपने दोनों हाथों से मेरे मम्मों को दबा कर उसने ज़ोरदार झटके देना शुरू किए।
‘उफ्फ्फ.. उम्म्म.. माँआआआ मर गईइइ.. उम्म्ह… अहह… हय… याह… आआईईई..’
वो धकापेल मेरी चुदाई करता ही जा रहा था। पूरे रूम में ‘फच्च फच्च..’ की आवाजें आ रही थीं।

कुछ देर बाद मुझे भी बहुत मजा आने लगा था, तब मैं उससे चिल्ला-चिल्ला कर कह रही थी- और दम दिखा साले, फाड़ दे मेरी चूत.. आज मुझे और चोद.. और तेज़ और तेज़..
वो मेरी बातों से और जोश में आकर मेरी चूत की चुदाई करता जा रहा था। काफी देर बाद मेरा पानी निकल गया। मैं रिलेक्स फील करके चिल्लाने लगी- बस बस कर..

पर वो कहाँ रुकने वाला था। करीब 20 मिनट के बाद वो मेरी चूत में झड़ गया। उस वक्त मुझे अपनी चूत में बहुत गरम फील हुआ, वो निढाल से होकर मेरे ऊपर गिर गया। कुछ देर बाद वो जब हटा तब हमने देखा मेरी चूत और उसके लंड पर खून लगा था और कुछ चादर पर भी लग गया था।

वो बोला- बधाई हो, आज तू लड़की से औरत बन गई।
हम दोनों बहुत थके हुए थे तो सो गए।
 
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