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मैं आराधना हूँ. मेरे पति का अच्छा खासा खेती बाड़ी का काम था, पर उनकी मृत्यु के बाद जैसे किसी चीज़ में शुख नहीं रहा, शारीरिक सुख ही छूट गया था. गेहूं की बोरिया उतार के शेरा ओटे के उपर बैठ गया और मैंने उसे पानी ला के दिया. मेरे पति के मरने के बाद शेरा ने ही सारे खेत की जिम्मेदारी संभाली थी और वो हर सीजन में अनाज या दूसरी फसल उगा के मुझे पैसे या तो अनाज घर तक पहुंचा देता था. Shera Ke Lund Se Apne Sex Ki Bhookh Mitai.

शेरा की इसी ईमानदारी ने मुझे उसके तरफ आकर्षित किया था. मुझे भी भरी जवानी में शरीर सुख का आसरा गुमाने के बाद एक वफादार और सुरक्षति साथी की तलाश थी जो मुझे अपने लंड का सहारा दे सके.

शेरा से मैं अक्सर चुदाई करवाती थी और उसका लंड मेरी 35 साल की ढलती जवानी का सहारा था. उसने आज तक जरा भी जाहिर नहीं होने दिया था की मैं उसका लंड लेती हूँ, दुनिया के सामने वो वही किसान था जो हमारे खेतो में जोतता था और हमारे घर का एक मुलाजिम था. शेरा की बीवी सुजाता भी हमारे सबंध से वाकिफ थी और उसे भी इसमें कोई एतराज नहीं था, वह शायद इसलिए की मैं शेरा और उसकी फेमिली की पूरी जिम्मेदारी उठाये हुए थी.

दिवाली पर सभी के कपडे और आये दिनों भी मैं सुजाता और उसके दो बच्चो को खुस रखती थी. मेरी पहली चुदाई की बात आज मैं आपको बताने जा रही हूँ..इस पुरुष प्रधान समाज में मेरा नाम छिपा रहे यही उचित हैं इसलिए आप मुझे आराधना से ही पहेचाने, जो मेरा असली नाम नहीं हैं.
रात को फार्म पे सोये हुआ शेरा का लंड देखा

यह तब की बात हैं जब मैं गर्मियों के चलते अपने बेटे अपूर्व और देवर सूरज के साथ फार्म पर ही सोती थी. अपूर्व की उम्र 13 साल हैं. उस दिन अपूर्व के दोस्त की बर्थ-डे पार्टी थी और वो अपने चाचा के साथ घर पे आया था. मैं फ़ार्म पर अकेली थी इसलिए शेरा वहाँ आया. उसकी कुटीर हमारे फ़ार्म वाले मकान से 50 मीटर के फासले पे था. शेरा अपनी चारपाई उठा के ले आया और उसने घर के बहार ही चारपाई बिछा दी. शायद सूरज ने उसे मेरे लिए बहार सोने को कहा था.

मैं भी अंदर सो गई, तभी छत पर नारियल गिरा और मेरी आँख खुल गई. मैंने बहुत कोशिश की लेकिन मैं सो नहीं पाई. मैंने घडी की तरफ देखा, 11:20 हुए थे और सूरज और अपूर्व को आने में अभी कम से कम एक घंटे से उपर की देर थी. मैं बहार आ गई और खुली हवा खाने लगी. शेरा अपनी चारपाई पर लेटा हुआ था, उसको देख मैं अपनी हंसी रोक नहीं पाई. बहार मंद मंद ठंडा पवन था और उसने अपनी धोती को उठा के अपने शरीर पर ओढ़ लिया था,

मेरी नजर तभी उसकी लंगोट के अंदर रहे उसके लंड के ऊपर पड़ी, उसका लंड उपर से ही कम से कम 9 इंच जितना लग रहा था. शायद वोह नींद में ही उत्तेजित हुआ था.
सहेला के लौड़े को खड़ा किया, शेरा पहले तो डर ही गया

शेरा का लौड़ा मुझे अंदर से जैसे की खिंच रहा था, कुछ साल से दबी हुई मेरी चूत की गर्मी जैसे की चूत के होंठो तक आ गई थी. मैंने खुद को रोकने के लिए रूम में जाके तकिये के निचे अपना सर रख दिया. लेकिन सच बताऊँ दोस्तों मुझे खुली और बंध आँख से सभी तरफ लौड़े ही लौड़े दिख रहे थे. काले लौड़े, लम्बे लौड़े, चौड़े लौड़े और बस लौड़े ही लौड़े. मेरा मन मुझे कहे रहा था की लंड सामने हैं ले ले आराधना वैसे भी फ़ार्म के अँधेरे और अकेलेपन मैं कौन देखेगा तुझे.!!!

शेरा का स्वभाव मुझे पता थी, और बिचारा वोह था भी गंवार इसलिए मेरी हिम्मत जैसे की इकठ्ठा हो गई. मैंने तकिया हटाया और मैं शेरा की चारपाई के कोने में जाके बैठ गई. मैंने एक लंबी सांस ली और शेरा के लौड़े के ऊपर हाथ रख दिया. वाह क्या गर्मी थी इस लंड में.!

मैंने जैसे ही उसके उपर हाथ रखा, शेरा थोडा हिला. उसने जैसे ही आंखे खोली उसने अपने लंड के उपर मेरा हाथ पाया. मैंने बहाना बताते हुए कहा, शेरा मुझे अंदर डर लग रहा हैं, तुम मेरे साथ अंदर आओ ना. सूरज बाबू कुछ देर में आ जाएंगे फिर तुम वापस बहार चले आना. शेरा आश्चर्य से मेरी तरफ देख के बोला, मालिकिन में सुजाता को बुलाऊँ वो आपके साथ अंदर रहेगी. मैंने कहाँ, नहीं उसकी नींद मत ख़राब करो, तुम आ जाओ काफी हैं.
शेरा मेरे साथ अंदर आया, उसने पलंग के पास निचे बैठक जमा दी. मैंने उसे कहा शेरा उपर आ जाओ कोई दिक्कत नहीं हैं. वोह कतराते हुए उपर बैठा. मैं वही लेट गई और मैंने जानबूझ के अपने स्तन दिखे इसलिए अपनी चुंदरी को हटा ली थी. शेरा की नजर मेरे स्तन पर पड़ी और मैंने उसकी तरफ देखा. शेरा की तरफ मेरी नजर में पूरी लालच भरी थी जिसे वह भी पढ़ रहा था. मैंने उसे कहा की तुम बहार मत जाना जब तक सूरज नहीं आता मुझे डर लग रहा हैं और नींद भी आ रही हैं. "Sex Ki Bhookh"

मैंने शेरा को कहा की मैं पलंग पर लेट जाती हूँ, लेकिन उसे उठने के लिए मैंने मना किया. पलंग सिंगल बेड था और मेरे लेटते ही शेरा की जांघ की साइड पर मेरी जांघ टच होने लगी. मैंने कुछ 1 मिनिट तक आँखे बंध की, शेरा को मैंने आँखे चुपके से थोड़ी खोल के देखा.

उसने अपना सर पलंग की बेठक पर जमा दिया था और वोह आँखे बंध करके लेट सा गया था. मैंने अपना हाथ हलाया और शेरा के टांग के उपर रख दिया, शेरा कुछ बोला नहीं और नाही वोह हिला. मेरा हाथ अब थोडा आगे गया और शेरा के लंड के उपर चला गया. शेरा का लंड अभी भी गर्म था, हां लेकिन वो थोडा सिकुड़ गया था. अब की शेरा हिला लेकिन मैंने अपना हाथ हटाया नहीं, बल्कि मैंने उसके लौड़े को सही तरह से पकड़ लिया. "Sex Ki Bhookh"
शेरा को शर्म आती थी, मेरी चूत रोये जाती थी.

मैंने जैसे उसका लौड़ा दबाया शेरा खड़ा हो गया. मैंने भी खड़े होक उसका लंड दुबारा पकड़ लिया. शेरा हक्का बक्का सा लग रहा था. वो बहार जाने को उतावला लग रहा था लेकिन मैंने उसे पकड़ के सिने से लगा लिया. इस खेत में मजदूरी करने वाले शेरा की छाती एकदम टाईट थी और उसके मसल बहुत मजबूत थे. शेरा को समझ नहीं आ रहा था की यह सब क्या हो रहा हैं, वोह शर्म की वजह से निचे देख रहा था और मैं उसके लौड़े को दबा रही थी. "Sex Ki Bhookh"

मैंने शेरा का लौड़ा पकड़ के सहलाना चालू किया और उसका पहाड़ी टारजन जैसा लंड थोड़ी देर में तो पूरा 10 इंच जितना लंबा हो गया था. मैंने उसकी धोती को निकाला और उसका लौड़ा देख के मेरी चूत एकदम से गीली हो गई थी. चूत को कब से एक लौड़े की तलाश थी जो उसकी प्यास बुझाये, जो उसमे पंपिंग कर के उसके अंदर नईं हवा भरे. शेरा ने पहली बार नजर उठाई और उसकी नजर में कई सवाल थे. मैंने इन सवालो को वही रहन दिया और अपने नाईट सूट की डोरी खोली और अपने स्तन को बहार लाते हुए उसे खोल दिया,

शेरा ने नजर उठा के मेरे चुंचे देखे और उसकी नजर वही गड गई. मैंने अपना हाथ से उसके हाथ को उठाया और मेरे चुंचो के उपर रख दिया. शेरा भी पहेली बार मस्ती में आता दिखा क्यूंकि उसने बड़े ही अजीब तरीके से मेरे चुंचे को दबाया. मेरे शरीर में उत्तेजना की लहर दौड़ गई. मैंने नाईट सूट को पूरा निकाला और अब मैं केवल एक पेंटी में थी. "Sex Ki Bhookh"
शेरा को चूत मुहं में दी, मस्त तरीके से चटवाई

शेरा वही अजीब तरीके से मेरे स्तन दबा रहा था, वो जैसे की संतरे का छिलका को नाख़ून मार रहा हो वैसे मेरे स्तन के अंदर अपना अंगूठा दबा रहा था. उसका अंदाज अजीब था लेकिन मेरे मजे में कोई कमी नहीं आ रही थी इस से. मैंने शेरा की फटी सी शर्ट उतार दी और यह मसलमेन मेरे सामने बिलकुल नंगा था. मैंने जैसे ही अपनी पेंटी उतारी शेरा मेरी चूत को देखने लगा. मैंने चूत को पसारे पलंग में लेट गई. मैंने शेरा को कहा, शेरा आजा मेरी चूत को चूस ले.

शेरा था पहेले से मुलाजिम और उसने मेरा हुक्म सर आँखों पर लेते हुए अपनी जीभ मेरी चूत के उपर लगाईं और वोह उसे जोर जोर से चूसने लगा. उसकी जबान चूत के होंठो पर घूम रही थी और वोह अपने दांत से चूत के होंठो को हलके हलके काट रहा था. मैं तो जैसे की सातवें आसमान पर थी.

मैंने शेरा का लंड हाथ में लिया और उसे मसलने लगी. शेरा का लंड बहुत उत्तेजित हो गया था और वोह किसी गर्म लोहे की तरह महसूस हो रहा था. मैंने उसके लंड को हिला के जैसे मुठ मारते हैं वैसे हिलाना चालू कर दिया. शेरा का लंड सच में बहुत सख्त था. शेरा इधर मेरी चूत से बहुत सारा पानी निकाल चूका था, उसके चूसने की स्टाइल ही इतनी उत्तेजक थी. "Sex Ki Bhookh"
शेरा का लंड सच में लोहा था, पूरा लोहा

चूत को कुछ देर तक कुत्तेकी तरह जीभ लपलपा के चाटने के बाद शेरा ने अपना मुहं चूत से हटाया. मैं भी उसके लंड का स्वाद चूत को चखाने के लिए आतुर थी. मैंने उसका लौड़ा हाथ में लिया और उसके सुपाड़े को अपने चूत के होंठो पर रगड़ा. शेरा का लंड सच में बहुत ही गर्म लग रहा था, जैसे की अभी चूले से उतारा हों.

शेरा की कदावर काया मुझ पे सवार हुई और उसने एक हल्का झटका दे के लौड़े को आधे से ज्यादा चूत के अंदर घुसाया. मेरे मुहं से आनदंभरी आवाजे निकलने लगी थी, इतने दिनों के बाद लंड का सुख मेरे लिए स्वर्ग से भी बढ़कर था. मैंने अपने हाथ शेरा की गांड पर रखे और उसे अपनी तरफ खिंचा. "Sex Ki Bhookh"

शेरा ने झटके धीमे धीमे तीव्र किये और वोह मेरी चूत में अपना लोहा रगड़ने लगा. सच कहूँ मित्रो, आज इस चुदाई से मेरी चूत में जो उत्तेजना जागी थी ऐसी उत्तेजना मुझे पहले कभी नहीं मिली थी. इसलिए मैं भी शेरा को चुदाई में पूरा सहयोग देने लगी और उसके प्रत्येक झटके के सामने मैं भी अपने कुलो को हिला के उसका प्रतिकार करने लगी. साथ ही मैं अपनी चूत के होंठो को कस रही थी जिस से उसके लंड को अंदर घर्षण और उत्तेजना मिल सके. शेरा मुझे किसी रंडी को चोद रहा हो वैसे ही ठोक रहा था, उसके प्रत्येक झटके से मेरा नशा बढ़ता जा रहा था.

कुछ 10 मिनिट की चुदाई में तो मैं दो बार झड़ चुकी थी और मेरे चूत का पानी शेरा के लंड के उपर ही आया था, शेरा रुके बीना 10 मिनिट तक वही झडप से मेरी ठुकाई करता रहा था. मेरे सर और पुरे बदन से पसीना छुट रहा था. मैंने शेरा को जोर से पकड़ा और वोह और भी जोर से मुझे ठोकने लगा. शेरा का टारजन जैसा लौड़ा पूरी 15 मिनिट के चुदाई के बाद नदी बहाने लगा. उसका सारा वीर्य मेरी चूत के अंदर चला गया था. मैंने उसे कस के जकड़ा हुआ था, "Sex Ki Bhookh"

वीर्य चूत की गहराई में लेना मुझे बहुत अच्छा लगता था और मैंने सारा पानी अंदर ही निकलवाया. वैसे भी मुझे पता हैं की कोन सी दवाई लुंगी तो गर्भ नहीं रहेगा. शेरा ने अपना लंड बहरा निकाला और उसने अपनी धोती उठा के लौड़े को साफ़ किया. मैंने भी पेंटी पहन के नाईट सूट वापस पहन लिया. शेरा को मैंने अब बहार सोने भेज दिया क्यूंकि सूरज और मेरा बेटे के आने का समय हो गया था. शेरा इस रात के बाद मुझे नियमित चोदता हैं, हम लोग कभी कबार खेत की फसल के बिच भी चद्दर बिछा के चुदाई करते हैं. मुझे भी इस से कोई खतरा नजर नहीं आता इसलिए मैं उसके लंड से अपनी भूख मिटा लेती हूँ..!!! "Sex Ki Bhookh"
 
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