हाय फ्रेंड्स, मैं रमेश 22 साल का हूँ। मेरे लंड का साइज मैंने कभी नापा नहीं है लेकिन इतना है कि ये किसी भी लड़की को चोद कर संतुष्ट करने के लिए काफी है।
ये स्टोरी मेरी और मेरी ट्यूशन टीचर की है। मैं उस वक्त 12 वीं में पढ़ रहा था। मेरी इंग्लिश कमजोर थी.. सो मेरे पेरेंट्स ने मुझे पास की एक ट्यूशन वाली लेडी टीचर के पास पढ़ने के लिए भेज दिया। उसका नाम कंचन था (नाम बदला है)
वो ट्यूशन के साथ साथ स्टिचिंग भी करती थी। वो विवाहित थी और उसके दो बच्चे भी थे। एक लड़की.. जो कि 5 या 6 साल की होगी और एक लड़का था.. जो कि अभी एक साल का था।
उस टीचर का पति ड्रिंक बहुत करता था और उसके साथ रोज लड़ाई करता था। वो मेरी पड़ोस में ही रहती थी.. सो हमें रोज उन दोनों के लड़ाई-झगड़े की आवाज आती रहती थी।
कंचन बहुत मस्त माल थी। उसका फिगर 36-30-34 का था.. जो उसने मुझे बाद में मेरे पूछने पर बताया था। उसके पास और भी लड़के-लड़कियां ट्यूशन पढ़ने आते थे। वो मेरी पड़ोस में रहती थी.. तो वो मुझ पर ज्यादा ध्यान देती थी क्योंकि वो चाहती थी कि उसे मेरे घर से कोई कंप्लेंट न आए कि उसने मुझे ठीक से नहीं पढ़ाया।
टीचर की चूची
एक दिन जब वो नीचे बैठ कर सूट की कटिंग कर रही थी.. तो उसके कमीज में से चूचे दिख रहे थे। उसके चूचे बहुत मस्त थे.. मैं उसे चोर नजर से देखता रहता था।
एक दिन मैं टीचर के पास ट्यूशन पढ़ने गया.. तो वहाँ उसने सबको घर वापस भेज दिया। मैं उसके पड़ोस में रहता था, उसने मुझे वहीं रुकने के लिए बोला क्योंकि शायद उसे मुझसे कुछ काम था।
उसने मुझसे कहा- बेडरूम में बैठ कर अपना लेसन रिवाईज कर लो।
जैसे ही उसने मुझसे कहा.. मैं उसके बेडरूम में चला गया और उसके बिस्तर पर बैठ कर लेसन रिवाईज करने लग गया। करीब 15-20 मिनट बाद उसका बेटा जो कि अभी दूध पीता था.. वो सो कर उठ गया और रोने लगा, शायद उसे भूख लगी थी।
वो भागते हुए बेडरूम में आई और उसने अपने बेटे को उठाया और उसे चुप करवाने लगी।
लेकिन बेटे को शायद भूख ज्यादा लगी थी.. तो वो चुप नहीं हो रहा था।
अब टीचर वहीं मेरे सामने बैठ कर अपना एक चूचा निकाल कर उसे दूध पिलाने लगी।
वाओ.. क्या संतरा था टीचर का.. एकदम गोरा और ऊपर से गुलाबी सा कड़क निप्पल।
मैं उसे चोर नजर से देख रहा था और वो मुझे नोटिस कर रही थी।
मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मैं लौड़े को सैट करने लगा.. तो उसने मुझे देख लिया और गुस्से में बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैं डर गया।
मैं- कुछ नहीं..
कंचन- तुमने नीचे हाथ लगाया था.. क्या हुआ.. तुम तुम पढ़ाई की तरफ क्यों ध्यान नहीं लगा रहे हो.. क्या है नीचे.. बताओ?
मैं- कुछ नहीं मेम.. सॉरी..
कंचन- आजकल तुम पढ़ाई से ज्यादा कहीं और ही ध्यान लगा रहे हो। मुझे आज ज्यादा काम है.. फिर भी मैंने सब को छुट्टी दे दी और तुम्हें ट्यूशन पढ़ा रही हूँ।
मैं- कहा सॉरी मेम..
वो बोली- ओके.. पढ़ाई की तरफ ध्यान दो।
मैं पढ़ाई करने लगा लेकिन चोर नजर से उसके मम्मों को बार-बार देख भी रहा था। उसने मुझे मम्मों को देखते हुए फिर पकड़ लिया।
ये स्टोरी मेरी और मेरी ट्यूशन टीचर की है। मैं उस वक्त 12 वीं में पढ़ रहा था। मेरी इंग्लिश कमजोर थी.. सो मेरे पेरेंट्स ने मुझे पास की एक ट्यूशन वाली लेडी टीचर के पास पढ़ने के लिए भेज दिया। उसका नाम कंचन था (नाम बदला है)
वो ट्यूशन के साथ साथ स्टिचिंग भी करती थी। वो विवाहित थी और उसके दो बच्चे भी थे। एक लड़की.. जो कि 5 या 6 साल की होगी और एक लड़का था.. जो कि अभी एक साल का था।
उस टीचर का पति ड्रिंक बहुत करता था और उसके साथ रोज लड़ाई करता था। वो मेरी पड़ोस में ही रहती थी.. सो हमें रोज उन दोनों के लड़ाई-झगड़े की आवाज आती रहती थी।
कंचन बहुत मस्त माल थी। उसका फिगर 36-30-34 का था.. जो उसने मुझे बाद में मेरे पूछने पर बताया था। उसके पास और भी लड़के-लड़कियां ट्यूशन पढ़ने आते थे। वो मेरी पड़ोस में रहती थी.. तो वो मुझ पर ज्यादा ध्यान देती थी क्योंकि वो चाहती थी कि उसे मेरे घर से कोई कंप्लेंट न आए कि उसने मुझे ठीक से नहीं पढ़ाया।
टीचर की चूची
एक दिन जब वो नीचे बैठ कर सूट की कटिंग कर रही थी.. तो उसके कमीज में से चूचे दिख रहे थे। उसके चूचे बहुत मस्त थे.. मैं उसे चोर नजर से देखता रहता था।
एक दिन मैं टीचर के पास ट्यूशन पढ़ने गया.. तो वहाँ उसने सबको घर वापस भेज दिया। मैं उसके पड़ोस में रहता था, उसने मुझे वहीं रुकने के लिए बोला क्योंकि शायद उसे मुझसे कुछ काम था।
उसने मुझसे कहा- बेडरूम में बैठ कर अपना लेसन रिवाईज कर लो।
जैसे ही उसने मुझसे कहा.. मैं उसके बेडरूम में चला गया और उसके बिस्तर पर बैठ कर लेसन रिवाईज करने लग गया। करीब 15-20 मिनट बाद उसका बेटा जो कि अभी दूध पीता था.. वो सो कर उठ गया और रोने लगा, शायद उसे भूख लगी थी।
वो भागते हुए बेडरूम में आई और उसने अपने बेटे को उठाया और उसे चुप करवाने लगी।
लेकिन बेटे को शायद भूख ज्यादा लगी थी.. तो वो चुप नहीं हो रहा था।
अब टीचर वहीं मेरे सामने बैठ कर अपना एक चूचा निकाल कर उसे दूध पिलाने लगी।
वाओ.. क्या संतरा था टीचर का.. एकदम गोरा और ऊपर से गुलाबी सा कड़क निप्पल।
मैं उसे चोर नजर से देख रहा था और वो मुझे नोटिस कर रही थी।
मेरा लंड भी खड़ा हो गया। मैं लौड़े को सैट करने लगा.. तो उसने मुझे देख लिया और गुस्से में बोली- ये क्या कर रहे हो?
मैं डर गया।
मैं- कुछ नहीं..
कंचन- तुमने नीचे हाथ लगाया था.. क्या हुआ.. तुम तुम पढ़ाई की तरफ क्यों ध्यान नहीं लगा रहे हो.. क्या है नीचे.. बताओ?
मैं- कुछ नहीं मेम.. सॉरी..
कंचन- आजकल तुम पढ़ाई से ज्यादा कहीं और ही ध्यान लगा रहे हो। मुझे आज ज्यादा काम है.. फिर भी मैंने सब को छुट्टी दे दी और तुम्हें ट्यूशन पढ़ा रही हूँ।
मैं- कहा सॉरी मेम..
वो बोली- ओके.. पढ़ाई की तरफ ध्यान दो।
मैं पढ़ाई करने लगा लेकिन चोर नजर से उसके मम्मों को बार-बार देख भी रहा था। उसने मुझे मम्मों को देखते हुए फिर पकड़ लिया।