यह कहानी मेरी सहेली ईशा की है, इसे मैं खुद लिख रही हूं तो मैं खुद को ईशा मान लेती हूँ और ईशा का पति राकेश की जगह मैं अपने पति रवि का नाम लिखूंगी।
हमारी शादी को दस साल बीत चुके थे, शादी की सालगिरह पास आ रही थी, मेरे पति रवि ने कहा- इस बार कुछ नया करने का मन कर रहा है।
मेरा माथा ठनक गया… ‘इन्हें...