(Fir Subah Hogi)
लेखिका : शमीम बानो कुरेशी
"कल सुबह सुबह तो तू मुम्बई जा रहा है ना अब्दुल?"
"हाँ बानो, बस जाने से पहले एक बार मेरी मुठ्ठ मार दे, तो मजा आ जाये !"
"भोसड़ी के, चोद ही ले ना एक बार?"
"उह्. नहीं बस मुठ्ठी मार दे एक बार जम कर, लण्ड का सारा कस बल निकल जाये !"
"तू भी भेन चोद ! एकदम...