आकर्षक बदन का माया जाल

sexstories

Administrator
Staff member
आकर्षक एकाउंटेंट की जवानी

सेक्सी बदन, मचलता मन और तड़पता लंड। जी हां तो हमारे आफिस के माया मैडम को देख कर आपके लंड की काया अपने आप बदलने लगती है। माया मेरे कम्पनी की एकाउंटेंट है और मैं हूं एडमिन। हम दोनों का चेम्बर एक ही है और दोनों ही आस पास बैठते हैं। माया मैडम अभी अविवाहित हैं और उनकी काया गजब की है। साड़ी पहनने के वावजूद उभरी गांड पिछवाड़े से अपने चवन्नी के छेद को कहां छुपा पाती है और साथ में देखा जाय तो वो कितना भी पल्लू से अपने सीने को ढंक लें नुकीली चूंचियों के उभार साड़ी के उपर से झलक ही जाते हैं।

अभी तो गांड और चूंचियों की बात की। काले काले नागिन से बाल जब लहरा के कभी पीछे गांड पर जाते हैं तो बरबस आपका ध्यान गांड के छेद पर जाता है और जब वही बाल झटकने के बाद चूंचियों पर आगे चले आते हैं तो आपका सारा ध्यान आपके चूंचों पर चला जाता है। छत्तीस के साईज वाले चूंचे बड़े तो हैं पर कतैई ही लटके हुए नहीं हैं। किसी कुंवारी अक्षत योनि कन्या की तरह से वह चूंचे एकदम तने हुए गोलाई में सुन्दर उभार लिये हुए आपके कवि छैला मन को जगाने वाले हैं।

कमर की बात करें तो आप को बता दें कि कमल के फूल के नाल की तरह पतली कमल देखने में इतनी नाजुक लगती है कि लगता है कि बड़ी चूंचिओं का बोझ सम्भालने में कितनी दिक्कत महसूस होती होगी इसे, पर काश, आपको पता होता कि इस कमर को कितनी बोझ सहने की क्षमता से उपर वाले ने लैस किया है। गजब का बदन, गजब की कंटीली कमर और सीने और कमर का वक्र इतना चिकना और रसीला कि बस पूछो मत। सांसे लेते समय जब उसके सीने के उभार उपर नीचे होते हैं तो आफिस के कर्मचारी बाथरुम में जाकर हल्का होने लगते हैं।

माया को ये सब पता है पर क्या करे। अभी तक उसकी शादी नहीं हुई। हमारे बास की बुरी नजरों को झेलते हुए उसको दो साल हो गये पर उसकी दाल न गली। माया बहुत सुलझी हुई सुन्दर सुशील लड़की है। मैं भी उसका दीवाना था। पास पास चेम्बर होने से हम दोनों के बीच दोस्ती अच्छी थी, साथ लंच शेयर करना, चाय पीना और फिर खाली टाइम में फेसबुक पर चैटिंग करना। मैं उसे चाहता था, ये बात उसको पता थी। बस इंतजार था मुझे इजहार करने का।

सहकर्मी को आकर्षक डायमंड रिंग देकर चोदा

अप्रील का महीना, और मेरा प्रमोशन हो गया। मुझे सीनियर एकाउंटेंट बनाके प्रमोट कर दिया बास ने, पर माया को नहीं किया। वजह थी कि उसके चूत का न मिल पाना। मैंने इस बार दांव खेला। इस बार की सैलरी और इंक्रीमेंट मिला कर चालीस हजार रुपये की एक डायमंड रिंग खरीदी। मैने माया को शाम को डिनर पर आमंत्रित किया। रेस्ट्रां में डिनर के बाद मैने घुटनों के बल बैठ कर उसको आईलव यू प्रपोज किया और फिर रिंग उसके हाथों में पहना दी। मारे खुशी के माया की सांसें अटक गयीं। मैं भी एक हैंडसम और संभावनाओं से भरपूर नौजवान हूं और इसलिए उसको अच्छा लग रहा था। उस डायमंड रिंग को देख कर तो वो फूली न समाई।

अगले दिन वो मेरे फ्लैट पर आई। आज उसने खाना बनाया और फिर हम दोनों ने एक साथ डिनर किया। उसने कहा कि हम दोनों को लिविंग इन रिलेशन में रहकर एक दूसरे को समझना चाहिए। मैं तो यही चाहता ही था। कमरे में एक ही बेड था और अच्छा था। हम दोनों लेटे। एक दूसरे की आंखों में आंखें डाले थोड़ी देर तक और फिर खुद ब खुद उसके हाथ मुझे अपने घेरे में लेते चले गये। सच में गुरु पैसा हो तो लड़कियां ऐसे ही बिस्तर पर आती हैं

उसने मुझे अपनी बाहों में कस कर के एक जोरदार चुम्मा लिया। मेरे हाथ खुद ब खुद उसकी सांडी पर फिसलते हुए उसकी जांघों के चिकनाई का जायजा लेने लगे। यही बदन जिसको मुझे तलाश थी, आज मेरे बाहों में था। उसने मुझे चूमना जारी रक्खा और मैने उसकी साड़ी घुटनों से उपर सरका दी। उसकी गोरी गोरी चिकनी टांगें मुझे दीवाना कर रहीं थी। मैं उठ कर बैठ गया और उसके तलवे चूसने लगा। अंग़ूठे को चूसने पर माया को बहुत चुदास चढने लगी। मैने अपने होटों को उपर सरकाया और साड़ी के अंदर अपना मुह घुसा दिया। वो मेरे सर को नहीं देख पा रही थी पर अपने टांगों के बीच में मेरे मुह को जरुर महसूस कर रही थी।

वो अपने चूंचे दाब कर बस आह आह कर रही थी। उसको चुदास का भूत घेर चुका था। मैने उसकी चूत का रस पेटीकोट ओढ के पी लिया। अब बारी थी उसका मुखचोदन करने की। मैं खड़ा हो गया और वो बेड पर बैठी थी। उसके सामने खड़े होकर मैने अपना लंड उसके सम्मुख कर दिया। वो समझ गयी, मुह में लेकर उसने अपने होठों से कमाल का घर्षण करना शुरु किया कि मुझे आनंद की सरिता में बहते हुए मजा आने लगा था। इस देसी मुख मैथुन को पाने के लिए कौन बेकरार नहीं हो जाता, पर माया की माया अपार थी।

जल्द ही मेरा लंड खड़ा होकर औजार की तरह से हो गया। खड़े लंड को लेकर मैने माया के उपर धावा बोल दिया। वो खुद ही कुतिया की तरह चार पैरों पर हो गयी। मैं उसके पीछे आकर अपने लन्ड को उसके चूत के दरवाजे पर टिका चुका था। टिकाने के बाद अब मैने उसके लंबे बालों वाली चोटी पकड़ी और फिर दे दनादन गोल। धकापक फचाफच और पकापक की भयंकर आवाजें उसकी पनियाली चूत में आते जाते लंड से पैदा हो रहीं थी। नानस्टाप आधें घंटे तक चूत को चोदने पर उसमें कामरस की बाढ आ चुकी थी। जैसे ही मैने लंड खींचा भलभलाते हुए रसीली नारियल की तरह से पानी बाहर निकला। मैने अपनी जीभ आगे करके इस खूश्बूदार द्रव को पी लिया और फिर उसकी चूत को चाट कर एकदम सफाचट कर दिया। जब मैं इस बार उसकी चूत चाट रहा था तो वो दायें बायें गांड हिलाते हुए अपनी फुद्दी मेरे मुह पर जोर जोर से रगड़ने लगी थी। इसके बाद मैने उसके नंगे चूंचों पर मूठ मारकर अपना पानी उसके आकर्षक गोरे बदन पर छिड़क दिया।
 
Back
Top