sexstories

Administrator
Staff member
मेरे ऑफिस में बॉस मुझ पर पूरी तरह से लट्टू हो चुके थे, मै भी उनको ऊपरी मजे दे देती थी। जिससे हम दोनों ही खुश थे। अब बॉस मुझे रोज अपने केबिन में बुला लेते और अपनी गोदी में बिठाकर मुझे स्मूच करने लगते। बॉस रोज मुझे कोई न कोई काम के बहाने मुझे ऑफिस टाइम के बाद भी रोक लेते, और सबके जाने के बाद मुझे केबिन में बुलाकर चुमाचाटी शुरू कर देते। और रोज चौकीदार के आने तक हमारा यही काम चलता था। अब तक तो वो चौकीदार भी पक्का समझ चुका था, लेकिन बॉस की वजह से उसने मुझसे कभी कोई बदतमीजी वाली बात नही की। लेकिन उसकी वो कुटिल मुस्कान ही मुझसे सब कह जाती।

बॉस मुझे चोदने की फिराक में थे, लेकिन हर बार मै कोई बहाना बनाकर टाल देती। हम रोज उपर से मजे लेकर एक-दूसरे को शांत करते थे। लेकिन अब चुत में बहुत ज्यादा खुजली होने लगी थी, जो बस उपरी मजे लेकर मिटने का नाम नही ले रही थी। और यह खुजली मिटाने के लिए अब मै बॉस से रोज खुलकर मजे लेने लगी। पहले मै बॉस का लंड कभी नही चूसती थी, लेकिन जब से चुत में खुजली बढ गई है तब से मै रोज ही उनका मूसल सा लौडा मुंह मे भरकर चूसने लगी थी। अब रोज ऐसा ही चल रहा था।

एक दिन बॉस ने दोपहर के समय मुझे अपने केबिन में बुलाया और मुझे अपनी गोदी में बिठाकर मेरे आमों को मसलते हुए कहने लगे, "रश्मि ऑफिस के काम से मुझे एक हफ्ते के लिए लखनऊ जाना है। मेरे साथ ऑफिस का एक और कर्मचारी चाहिए, तो मै सोच रहा था कि, क्यूं ना तुम्हे अपने साथ ले जाऊं। सारा खर्चा कंपनी देगी, तो उसकी चिंता करने की जरूरत नही है।"

यह मेरे लिए अच्छा मौका था, तो मैने भी बॉस के होठों पे एक चुम्बन देते हुए ओके कह दिया। और फिर बॉस भी रोज की तरह मेरे दूधों से खेलने लग गए। और मुझे आगे की डिटेल्स बताने लगे, "हमे कल निकलना होगा, और वहां एक होटल में रूम बुक कर दिया है। कल सुबह ९:३० बजे की ट्रेन है। और तुम कल आते वक्त अपनी अच्छे से सफाई करके आना, अब खुलकर पूरे मजे करेंगे।"

यह कहते हुए बॉस ने अपना हाथ मेरी सलवार के अंदर घुसा दिया और पैंटी को साइड में हटाकर चुत को सहलाने लगे। जैसे ही उनका हाथ चुत के दाने को लगा, उन्होंने उसे अच्छे से रगडकर सहलाया, जिस वजह से मुझे खुद को रोक पाना असंभव सा हो गया। और थोडी ही देर में मेरी चुत ने पानी छोड दिया। फिर बॉस ने अपना हाथ बाहर निकालकर मुझे दिखाते हुए अपनी उंगलियां जिस पर मेरा कामरस लगा हुआ था, मुंह मे लेकर चाटने लगे।

फिर से उन्होंने अपना हाथ अंदर डालकर मेरा कामरस अपनी उंगलियों पे लेकर उसे मेरे सामने ला दिया। फिर बॉस ने मुझसे कहा, "तुम अपना रस चखना चाहोगी?"

मेरे उत्तर की प्रतीक्षा किये बिना ही बॉस ने अपनी उंगलियां मेरे मुंह मे घुसा दी। शुरू में तो कुछ कसैला और नमकीन सा स्वाद आया, लेकिन थोडी देर बाद वह अच्छा लगने लगा था। इसके बाद मै उठकर अपने कपडे ठीक करने लगी, तो बॉस बोले, "मैने तुम्हारी चुत को ठंडा कर दिया और तुम मेरे लंड को ऐसी ही हालत में छोड़कर जा रही हो।"

तो मैंने बॉस से कहा, "थोडा इंतजार कीजिए, सबके जाने के बाद आज आपको स्पेशल मजा दूंगी।"

यह कहते हुए मैने बॉस को आंख मारी और केबिन से निकल कर अपनी जगह पर आकर बैठ गई। अब मेरे मन मे खुशी की तरंगे उठने लगी थी, मै बस अपने मन में चुदाई के बारे में सोचने लगी।

अब ये कुछ घंटो का समय भी सालों सा लगने लगा, जैसे तैसे करके ऑफिस से एक एक करके सभी स्टाफ निकल गए। और मै बॉस की केबिन में जा पहुंची। केबिन में जाते ही मैने सीधे जाकर पैंट के ऊपर से ही बॉस के लंड को पकड लिया। बॉस कुछ काम कर रहे थे, तो उन्होंने मुझे थोडा रुकने के लिए बोला। लेकिन अब मै कहां रुकने वाली थी, मैने पैंट की चेन खोलकर अपना हाथ अंदर डाल दिया। थोडी देर बाद मैने बॉस के लंड को पैंट से बाहर निकाल दिया। लंड तो जैसे बाहर आने के लिए तडप रहा था, बाहर आते ही उसने अपना पूरा सर ऊपर उठाकर मुझे सलामी दी।

अब तक बॉस का भी ध्यान काम से पूरी तरह हट गया था, तो बॉस ने भी अपने काम को थोडा साइड रखकर मेरी तरफ अपना मोर्चा बढा दिया। मै बॉस के लंड को मस्त होकर अपनी हथेली में लेकर सहलाने लगी, और बीच बीच मे चुम भी लेती थी। अब बॉस ने मुझे खडी किया और मेरी कमीज को ऊपर उठा दिया जिससे मेरे बूब्स ब्रा में कैद उनके सामने आ गए। उन्होंने ब्रा निकालना चाहा तो मैंने मना कर दिया। तो उन्होंने मुझे अपने टेबल के नीचे बिठाकर मेरे मुंह मे अपना लंड ठूंस दिया।

अब तक मैने बॉस को मुझ पर इतना हावी होते कभी नही देखा था। अब बॉस मेरे मुंह को चोदने लगे थे। उन्होंने अपने दोनों हाथों से मेरे सर को पकडे रखा था और मेरे मुंह मे धक्के लगाने लगे। उनका लंड काफी मोटा था, तो मुझे अब बहुत तकलीफ हो रही थी। जैसे ही वो अपना लंड मेरे मुंह मे अंदर ठूंसना चाहते तो मै बस गुँ गुँ करके रह जाती। लेकिन आज बॉस मुझ पर कोई रहम नही दिखा रहे थे।

मेरा मुंह अब बहुत दर्द कर रहा था लेकिन बॉस तो आज कुछ अलग ही मूड में थे। बॉस का जल्दी से पानी निकल जाए इसलिए मैने उनके टट्टों को सहलाना चालू किया। बॉस कुछ और जोर जोर के धक्के लगाने के बाद मेरे मुंह मे ही झड गए। इस बार उन्होंने अपना लंड बाहर न निकालकर और अंदर पेल दिया, जिससे मुझे उनका सारा वीर्य पीना पडा। यह पहली बार था, जब मैंने पुरुष का वीर्य चखा और पिया। सारा वीर्य गटक जाने के बाद उन्होंने मेरे सर से अपनी पकड को ढीला किया, तब जाकर मेरी जान में जान आ गई।

फिर मै उठकर खुद को साफ करने के लिए वाशरूम जाने लगी, जो कि सर के केबिन में ही था। तो सर ने मुझे पीछे से कसके पकड लिया और उठाकर मुझे फिर से उनकी टेबल पर बिठा दिया। और फिर उन्होंने बडे प्यार से मेरे बिखरे हुए बालों को पीछे करके मेरी गर्दन पर किस करते हुए मेरी कान की लौ को अपने होठों के बीच दबा दिया। और मुझसे कहने लगे, "तुम्हे कैसा लगा आज का यह दौर, मजा आया या नही?"

तो मैंने भी नखरा करते हुए अपनी अदा के साथ उनसे कहा, "सारा मजा तो आप अकेले ही लूट रहे थे, आपके मजे के चक्कर मे मेरा मुंह दर्द करने लगा है।"

इस पर उन्होंने मेरे होठों पर अपने होंठ रखकर उन्हें चूसने लगे। अब तक काफी देर हो चुकी थी और घर जाकर कल के लिए तैयारी भी करनी थी तो हमने जल्दी से अपने कपडे ठीक किये, खुद को साफ करके हम आफिस से निकल लिए। रोज की तरह फिर बॉस ने मुझे अपनी कार से घर छोडा। घर के रास्ते मे सुनसान सडक देखकर बॉस ने मेरी सलवार में हाथ घुसाकर मेरी चुत के आसपास के बालों पर अपना हाथ ले जाकर कहा, "कल यह सब साफ करके आना।"

मैने हां कहकर उनका हाथ पकडकर बाहर निकाल दिया। और फिर मुझे घर के पास छोड़कर6बॉस निकल गए।
घर जाकर मैने घर मे खाना खाते समय सबको बता दिया कि, ऑफिस के काम से मुझे बॉस के साथ एक हफ्ते के लिए लखनऊ जाना है। और कल सुबह की ट्रेन है, सारा खर्चा कंपनी देगी तो चिंता करने की कोई जरूरत नही है। ऑफिस के काम से जा रही थी तो किसी के रोकने की कोई गुंजाइश ही नही थी।

रात में अपने कमरे में जाकर लेटने के बाद मुझे बॉस से कही बात याद आ गई। तो मैने वीट लिया और बाथरूम में जाकर अपने चुत के आसपास के सारे बालों पर लगा दिया और उसी के साथ अंडरआर्म्स के भी बालों को साफ कर दिया। फिर रात में सोने से पहले ही अपनी पूरी पैकिंग कर ली। मैने अपने सबसे सेक्सी वाले ब्रा पैंटी, दो पारदर्शी नाइटी, और कुछ कपडे बैग में डाल दिए।

सुबह उठकर मैने अपने आपको एक बार निहारा तो मुझे खुद पर गर्व होने लगा। फिर मैंने अपने सारे शरीर को अच्छे से रगड रगडकर साफ किया और नहाकर तैयार हुई। आज अंदर मैने एक रेड ब्रा पैंटी का सेट पहना हुआ था। ब्रा पैडेड होने की वजह से कमीज के ऊपर से मेरे चुचे ऐसे लग रहे थे, की देखने वालों का लंड खडा कर दे। और मै पूरी तरह से तैयार होकर सही समय पर स्टेशन जा पहुंची। मेरे जाने के बाद कुछ ही समय मे बॉस भी वहां आ पहुंचे।

बॉस को देखकर मेरी भी मन डोलने लगा। बॉस भी आज एकदम पूरी तैयारी करके आये थे। मेरे पास आते ही उन्होंने मुझे हग कर लिया और अपने हाथ पीछे ले जाकर मेरे चुतड़ों को सहला दिया। उनकी इस हरकत से मै तो एकदम दंग रह गई। फिर अलग होते ही उन्होंने मेरी तरफ देखकर आंख मार दी, जिससे मै शरमा गई।

आपको यह कहानी कैसी लगी, हमे कमेंट करके जरूर बताइए। मै आपकी प्यारी रश्मि आपके कमेंट का इंतजार करूँगी। धन्यवाद।
 
Back
Top