कुसुम के साथ सेक्स का मजा

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Antarvasna, hindi sex story: मेरे कॉलेज की पढ़ाई पूरी हो चुकी थी और मैं अब नौकरी की तलाश में था और जल्द ही मुझे नौकरी भी मिल गई मैं इस बात से बड़ा खुश था। पापा बैंक में नौकरी करते हैं और वह हमेशा ही मुझे कहते है कि रोहित बेटा तुम अपने काम पर हमेशा ही ध्यान दिया करो।

मैं बिल्कुल भी अपने काम को लेकर कभी सीरियस नहीं था लेकिन अब समय के साथ मैं काफी ज्यादा बदलने लगा था। एक दिन मैं पापा मम्मी के साथ उनके एक दोस्त की पार्टी में गया हुआ था उस पार्टी में मुझे कुसुम मिली कुसुम से मैं पहले भी मिल चुका था। कुसुम मेरी बहन की दोस्त है और उससे पहले भी मेरी मुलाकात कई बार हो चुकी थी लेकिन उस दिन जब मैं कुसुम को मिला तो मुझे कुसुम से मिलकर बड़ा ही अच्छा लगा। जब हम दोनों ने एक दूसरे से मुलाकात की तो उसके बाद हम दोनों की मुलाकातों का सिलसिला आगे बढ़ने लगा और हम दोनों एक दूसरे को जब भी मिलते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता।

एक दिन कुसुम मुझे मिली उस दिन मैंने कुसुम को कहा कि तुम आजकल क्या कर रही हो तो कुसुम ने मुझे बताया कि वह अपना बुटीक खोलना चाह रही थी लेकिन उसके पास पैसे नहीं थे। उसने मुझे इस बारे में बताया तो मैंने कुसुम की मदद करने के बारे में सोचा और मैंने कुसुम की मदद की। मैंने जब उसकी मदद की तो उसके बाद हम दोनों की दोस्ती और भी ज्यादा बढ़ती चली गई।

मैं कुसुम को अच्छे से समझता था और वह भी मुझे अच्छे से समझने लगी थी हम दोनों एक दूसरे को प्यार करने लगे थे और हम दोनों एक दूसरे के साथ जब भी होते तो हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगता। कुसुम के बारे में मेरी फैमिली को भी पता चलने लगा था तो मैं चाहता था कि अपनी फैमिली को मैं इस बारे में बता दूं।

मैंने जब पापा मम्मी से कुसुम के बारे में बात की तो उन्हें इस बात से कोई एतराज नहीं था वह लोग बड़े खुश थे कि कुसुम हमारे घर की बहू बन जाएगी। कुसुम का हमारे घर पर अक्सर आना जाना भी लगा रहता था इसलिए उन लोगों को इस बात से कोई भी परेशानी नहीं थी और मैं भी बड़ा खुश था कि कुसुम के साथ में मैं समय बिता पा रहा था।

एक दिन हम दोनों साथ में ही बैठे हुए थे उस दिन हम पार्क में बैठे हुए थे लेकिन वहां पर कुछ लोग आकर बैठ गए जो कि काफी ज्यादा शराब के नशे में थे और उन लोगों के साथ में मेरा झगड़ा हो गया। वह लोग हम दोनों को परेशान कर रहे थे लेकिन वहां पर कुछ लोग आसपास में खड़े थे जिनकी मदद से वह लोग वहां से चले गए और फिर हम दोनों अपने घर लौट आए थे।

कुसुम मुझे कहने लगी कि रोहित मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं और यह कहकर वह मेरे गले लग गई। मुझे भी बड़ा अच्छा लगा जब कुसुम और मैं एक दूसरे के साथ थे और कुसुम मेरे गले लगी हुई थी। अब हम दोनों जल्द से जल्द शादी करना चाहते थे मैं चाहता था कि कुसुम के साथ मैं शादी कर लूं।

मैंने अब कुसुम से इस बारे में कहा तो कुसुम भी मेरी बात मान गई और वह मेरे साथ शादी करने के लिए तैयार थी। हमारी फैमिली को हम दोनों के रिश्ते से कोई भी ऐतराज नहीं था इसलिए हम दोनों ने शादी करने का फैसला कर लिया था। जब हम दोनों ने फैसला किया तो पापा और मम्मी भी खुश थे और कुसुम के परिवार वाले भी खुश थे। हम दोनों की थोड़े समय मे शादी हो गयी हमारी शादी धूमधाम से हुई और जब हम दोनों की शादी हो गई तो उसके बाद कुसुम पापा और मम्मी का ध्यान रखने लगी।

कुसुम घर की देखभाल अच्छे से करती और इसी बीच मेरी छोटी बहन के लिए भी रिश्ते आने लगे थे। उसके लिए भी काफी सारे रिश्ते आने लगे थे और हम लोग उसकी शादी करवाने के लिए भी तैयार हो चुके थे। जल्द ही उसके लिए एक अच्छा रिश्ता आया और हम लोगों ने उसकी शादी करवा दी। महिमा की शादी हो जाने के बाद वह अपने ससुराल चली गई थी और हम लोग बड़े ही खुश थे कि महिमा की शादी एक अच्छे परिवार में हुई है।

कुसुम भी घर का ध्यान अच्छे से रख रही थी और सब कुछ बड़े ही अच्छे से चल रहा था। मैं इस बात से बहुत ज्यादा खुश था कि कुसुम मेरे परिवार का ध्यान अच्छे से रख पा रही है। हालांकि शुरुआत में ऐसा बिल्कुल भी नहीं था कुसुम को काफी ज्यादा समस्याओं का सामना करना पड़ा था और उसके बाद ही वह घर में एडजस्ट कर पाई थी। काफी दिन हो गए थे कुसुम अपने पापा मम्मी से भी नहीं मिली थी तो उसने मुझे कहा कि मैं पापा मम्मी से मिलना चाहती हूं। मैंने कुसुम को कहा कि ठीक है तुम पापा मम्मी को मिलने के लिए चली जाओ और वह पापा मम्मी को मिलने के लिए कुछ दिनों के लिए चली गई। वह दो-तीन दिन तो वहीं पर रही और फिर वह वापस लौट आई।

कुसुम काफी खुश थी तो मैंने कुसुम को कहा कि तुम्हें अब तो अच्छा लग रहा होगा तो वह कहने लगी कि हां मैं काफी दिनों से पापा मम्मी से मिली नहीं थी तो सोचा कि उनसे मिल लेती हूं। मैंने कुसुम को कहा कि तुमने बहुत ही अच्छा किया की उनसे मिलने चली गयी। उस दिन मेरी भी ऑफिस की छुट्टी थी इसलिए हम दोनों घूमने के लिए साथ में चले गए। जब हम लोग घूमने के लिए गए तो हम दोनों को ही बड़ा अच्छा लगा और हम दोनों ने साथ में काफी अच्छा टाइम स्पेंड किया फिर हम लोग घर लौट आए थे।

अब हम लोग घर लौट आए थे। जब उस रात को हम साथ में लेटे हुए थे तो मेरा मन सेक्स करने का हो रहा था। काफी दिन हो गए थे हम दोनों ने शारीरिक संबंध भी नहीं बनाए थे। उस दिन जब मैंने कुसुम के होंठों को चूमना शुरू किया तो वह भी पूरी तरीके से रोमांटिक मूड में आ गई और गर्म होने लगी। जब उसकी गर्मी बढ़ने लगी थी तो मैं भी गर्म हो गया था। मैंने कुसुम को कहा मैं तुम्हारी चूत के अंदर अपना लंड डालना चाहता हूं। वह कहने लगी इसमें भला पूछने की कौन सी बात है मैंने कुसुम को कहा तुम मेरे लंड को अपने मुंह में ले लो।

वह मेरे लंड को बड़े अच्छे से सकिंग करने लगी थी जिस तरीके से वह मेरे मोटे लंड को चूस रही थी उस से मेरी गर्मी बढ़ती ही जा रही थी और कुसुम की गर्मी भी बढ़ती जा रही थी। हम दोनों बहुत ही ज्यादा गरम हो चुके थे जब मैंने कुसुम से कहा मुझे तुम्हारे स्तनों को चूसना है तो कुसुम ने अपने बदन से अपने कपड़े उतार दिए थे वह मेरे सामने नंगी लेटी हुई थी। उसके नंगे बदन को देखकर मैं बड़ा खुश था मैंने उसके स्तनों को चूसना शुरू कर दिया। मैं उसके स्तनों को बड़े अच्छे से चूस रहा था और उसकी गर्मी को मैं बढाए जा रहा था।

जब मैं उसकी गर्मी को बढ़ा रहा था तो वह बहुत ही अच्छे से गरम हो चुकी थी। वह मेरे लंड को अपनी चूत में लेने के लिए तैयार हो चुकी थी मैंने उसकी योनि को चाटना शुरू किया तो उसकी योनि से मैंने पानी बाहर निकाल कर रख दिया था। उसकी चूत से बहुत ही अधिक मात्रा में पानी बाहर निकलने लगा था। कुसुम की योनि से बहुत ज्यादा पानी बाहर निकल रहा था जिस कारण मैंने उसकी चूत में लंड घुसा दिया और मेरा लंड कुसुम की चूत मे जाते ही वह बड़ी जोर से चिल्लाई।

वह मुझे बोली मेरी योनि में दर्द होने लगा है और उसकी चूत में बड़ा दर्द होने लगा था। मैं उसे बहुत तेज गति से धक्के मारे जा रहा था। जिस तरीके से मैं उसे चोद रहा था उससे मुझे मजा आने लगा था और उसको भी बड़ा अच्छा लग रहा था जब वह मेरा साथ दे रही थी। हम दोनों एक दूसरे का साथ अच्छे से दे रहे थे। एक दूसरे के साथ हम लोगों ने काफी देर तक शारीरिक सुख का मजा लिया लेकिन उसकी चूत से कुछ ज्यादा ही गर्म पानी बाहर की तरफ निकलने लगा था वह बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही थी।

मैंने भी कुसुम की चूत के अंदर अपने माल को गिरा दिया मेरा माल कुसुम की चूत के अंदर जा चुका था लेकिन अब दोबारा से मैं उसके साथ शारीरिक सुख का मजा लेना चाहता था क्योंकि मेरी इच्छा अभी तक पूरी नहीं हुई थी इसलिए मैंने दोबारा से उसकी चूत के अंदर अपने लंड को घुसा दिया। मैने अपने लंड को उसकी योनि में डालते ही वह बहुत जोर से चिल्ला कर बोली मुझे मजा आने लगा है।

मैं कुसुम को तेजी से चोदने लगा। कुसुम की चूत से बहुत ज्यादा पानी बाहर की तरफ को निकलने लगा था वह मुझे कहने लगी तुम बस मुझे ऐसी ही धक्के मारते रहो। मैंने उसे काफी देर तक ऐसे ही धक्के मारे। जब मेरा वीर्य बाहर की तरफ को निकलने लगा था तो मैंने कुसुम से कहा मैं तुम्हारी चूत में मार को गिराना चाहता हूं। वह भी मेरा साथ अच्छे से देने लगी थी। कुसुम को बहुत ज्यादा अच्छा लग रहा था मैंने उसकी चूत में अपने माल को गिरा कर अपनी इच्छा को पूरा कर दिया था कुसुम और मैं साथ में लेटे हुए थे। जब हम दोनों साथ थे तो हम लोगों को बड़ा ही अच्छा लगा। उसके बाद हम दोनों ने एक बार और सेक्स किया।

मुझे बड़ी गहरी नींद आ गई थी मैं सो चुका था जिस तरीके से मैंने कुसुम के साथ सेक्स किया उससे हम दोनों को बहुत ही अच्छा लगा। जब भी हम दोनों एक दूसरे के साथ शारीरिक सुख का मजा लेते तो हम दोनों को बड़ा ही अच्छा लगता और हम दोनों बड़े खुश हो जाते। जब हम दोनों एक दूसरे के साथ में सेक्स किया करते तो हम दोनों को अच्छा लगता। जब भी मैं कुसुम की चूत का आनंद लेता हूं तो मै खुश हो जाता हूं।
 
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