खुले आसमान के नीचे बजाया चुत का भोंपू

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नमस्कार दोस्तों,

आज मैं आपको लिसा की चुदाई की बड़ी ही मनमोहक कहनी सुनाने जा रह हूँ और उम्मीद करूँगा की आप इसका खूब ही आनंद उठाएंगेजितना की मैंने उसकी चुत करने में उठाया था | दोस्तों लिस इतनी जल्दी ही अपनी चुत देने वालो मिएँ से नहीं थी इसीलिए मैंने मैंने तो उसे पटाकर रखा ही था साथ ही उसके दिमाक को कामुक विचारों में लाने के लिए एक लड़की को भी पता रखा था जोकि समय - समय पर उसके कामुक बात सुना - सुनकर उत्तेजित कर देती थी | अब उसका मन भी कुम्ता की ओर बढ़ने लगा तगा था और कुछ ही दिनों में वो भी अपनी चुत मेरे लंड से हरी पिली करवाने के लिए तैयार हो गयी और मैंने भी एक अच्छा सा प्लान बनाया |

मैंने उसे अपने श्र से दूर कहीं पहाड़ियों पर घुमाने के ले गए और रास्ते के सफर के लिए मैं अपनी गाडी लिए रखी थी जिसमें हम दोनों खूब बातें और कभी चुम्मा- चाटी करते हुए गए थे | मैं चाहे तो उसे अपनी गाडी में भी चोद सकता था पर खुले मौहोल में आसमान के नीचे चुत रंगीन करने का मज़ा ही कुछ और है | मैं उसे एक अच्छे - खासी चडाई पर अपनी गाडी को खड़ी कर पैदल ही ले गया जहाँ दूर - दूर तक हर घास, नीचे खायो और उप्पर खुला आसमन था | वहीँ मैंने उसकी गौद में लेटकर कुछ देर बात की फिर उसकी होंठों को चूमने से शुरुआत करनी चालू कर दी | मैंने गर्म होकर अपने भी पूरे कपड़े खोल दिया उससे लिपटते हुए उसके चुचों को मसलता हुआ पीने लगा |

मैं उसके चुचों को पीते हुए उसकी पैंट के उप्पर से उसकी चुत के उप्पर खुजली करते हुए उसे वासना में डुबाने लगा और फिर उसकी पैंट को खोलते हुए उसके पैंटी को भी फेंका | मैं वहीं लेटकर लिसा की चुत की अपने जीभ से चाटने लगा और उसे वहीँ नरम घासों में लिटाकर उसकी चुत के अंदर ऊँगली करने लगा | अब मैंने उसकी टांगों को उप्पर की ओर उठाते हुए चुत का छेद में थूका और अपने लंड को वहीँ कुछ देर मसलने लगा | अब जब मैंने पूरी तरह जोश में आते हुए उसकी चुत में अपने लंड को घुसाया तो उसकी निकलती हुई सिस्कारियां मेरे हौसले को बदहवा देने लगी जिससे कुछ ही पल में मैंने अपने लंड को अपनी रफ़्तार को सातवें आसमान पर पहुंचा दिया |

अब मैं जोर - जोर का झटका मारने लगा जिससे उसकी भारी सिसकियाँ निकलने लगा | मैं बिलकुल मस्त हो चूका था उसकी चुत को चोदे जाने में और अब उसकी चुत पर थूक गिराता हुआ यूँही अपने लंड की छींटें भी मारने लगा जिससे कुछ ही देर में मेरे लंड का मुठ भी निकल पड़ा और अब जाकर मैंने चैन की आह भरी | उसके बाद अब भी मैं लिस की चुत को चाटकर उसकी चुत में बेहिसाब तरीके से ऊँगली अंदर - बहार किये जा रहा था और इतनी गज़ब की तेज़ी में उसकी चुत भी बह गयी और उसे खुले ठन्डे मौहोल में हम एक दूसरे के उप्पर नंगे ही लेट गए |
 
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