Village ki sexy ladki ki chut ki pyas bujhai - Hindi desi kahani
ये कहानी २००५ की है, जब मैं 12थ का एग्जाम दे चूका था और चूँकि रिजल्ट आने में कुछ टाइम था, तो मैं फ्री था. डिस वाज फर्स्ट टाइम, आई हेड सेक्स विद समवन. एग्जाम खत्म हुए १ वीक हुए था और मैं अपनी आज़ादी की जिंदगी जी रहा था. एक दिन मैं सुबह - सुबह अपने बरामदे में के बाहर बैठ कर ब्रश कर रहा था. तभी मेरे पड़ोस के घर से बड़ी ही खूबसूरत लड़की बाहर निकली. मैंने उसे इससे पहले कभी नहीं देखा था. मैंने अंदाज़ा लगाया, कि वो यहाँ पर अपने रिलेटिव के यहाँ आई हुई थी. वो निकली, शी हेड ए लुक अराउंड. डेफिनेटली टुवर्ड्स मी टू. और फिर पड़ोस की बुआ से बातें करने लग गयी.
मेरी पहली ही नजर उस की नजर से लड़ गयी और मैं उसको बड़े ही गौर से देखने लगा. मैं जानबूझकर बाहर जहाँ पर हैंडपंप लगा था, वहां जा कर फ्रेश हुआ और फिर से आ कर बैठ गया. थोड़ी देर में वो वहां से चली गयी और इस तरह से मैंने उसको पहली बार देखा.
१ या २ दिन तक मैंने उसे नोटिस किया और उसकी टाइमिंग वगैरह नोटिस किया. फिर मैंने नोटिस किया, कि वो भी मुझे अच्छाखासा घूरने लगी थी. मेरे बरामदे का डोर और उसके बरामदे की खिड़की आमने - सामने ही थी. मैं अपने बरामदे के बाहर अक्सर चेयर लगाके बैठ जाता था और वो अपने बरामदे की खिड़की के पास बैठ जाती थी. थोड़ी - थोड़ी देर में वो मेरी तरफ नज़ारे घुमा कर कर देख लेती थी. मुझे भी लगने लगा था, कि सब कुछ सेट है. बस एक बार शुरुआत करने की जरूरत है और ये भी ख्वाहिश एक दिन पूरी हो गयी.
हुआ यु कि, पड़ोस की बुआ थी, जिन से वो पहले दिन बात कर रही थी. वो भी अनमैरिड थी और वो दोनों हमेशा उनके घर पर बैठा करते थे और टाइम पास किया करते थे. और मेरी भी बुआ से बहुत अच्छीखासी बनती थी. एक दिन मैं ऐसे ही घूमते हुए उनके घर जा पंहुचा. वो भी वहां पर बैठी हुई थी. बुआ बोली - बहुत दिनों से तू नहीं आया? क्या बहुत ज्यादा बिजी हो गया है? मैं भी पूरी फ्लिर्टिंग करते हुए बोला - "नहीं बिजी नहीं हु. आजकल आप किसी किसी और ही बिजी रहती है. इसलिए डिस्ट्रूब नहीं किया". मेरी इस बात को सुनकर दोनों जोरो से हंस पड़े. फिर मैं उनके साथ ही बैठ गया और फिर शुरू हो गयी हम लोगो की यूज़वल बकचोदी. बीच - बीच में हम दोनों एक दूसरे को घूर भी लेते थे. बात करते - करते पता चला, कि उस ने भी 10थ के एग्जाम दिए है और रिजल्ट था, इसलिए वो यहाँ आ गयी थी अपनी नानी के घर लिए. और मुझे उसका नाम भी उसी दिन पता चला. उसका नाम सोनी था.
फिर ये सिलसिला चल पड़ा. हमें बुआ का घर एक प्लेटफॉर्म की तरह मिल गया था मिलने के लिए और बातें करने के लिए. हम दोनों बहुत ही जल्दी खुल चुके थे. हम लोग अब ऑलमोस्ट हर तरह की बातें शेयर करने लगे थे. पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, कि मैं आगे बड़ सकु. क्योंकि आई वाज वेरी नई टू डिस गेम. एक दिन ऐसे ही हम तीनो बैठे हुए बातें कर रहे थे और बुआ को किसी काम से थोड़ी देर के लिए बाहर जाना पड़ा. जैसे ही वो बाहर गयी, हम दोनों बिलकुल शांत हो गए और थोड़ा सा अनकफोर्टब्ले सा फील होने लगा.
फिर अचानक से उस ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे हाथ पेपर दे कर वहीं से चली गयी. आई वाज सरप्राइज लाइक हेल. आई वाज प्रेटी मच श्युर, आईटी विल टर्न आउट एज लव लेटर और मेरे अंदर उसको पढ़ने की चूल मचने लगी. मैं भी बाहर आया और बुआ को बोला, कि मैं भी जा रहा हु और बाद में आ जाऊंगा. और वहां कर अपने बरामदे में पहुंच गया. मैंने लेटर खोल कर पढ़ा. आई वाज राइट. मेरे पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे. आईटी वाज माय फर्स्ट लव लेटर आई एवर गोट. मैंने भी बिना देर किये हुए आनन- फानन में रिप्लाई लिखा एंड समहाउ आई मैनेज्ड तो डिलीवर टू हेर. और इस तरह से हम दोनों की लव स्टोरी शुरू हो गयी.
फिर हम कुछ दिनों तक यूँही शाम को अँधेरे में मिलते रहे फॉर फ्यू मिनट एंड वी वेर टू फ़ास्ट और हम लोगो के बीच किस और फोरप्ले स्टार्ट हो चूका था.
फिर एक दिन शाम को उसने मुझे बरामदे में आने का इशारा किया. ऑलमोस्ट अँधेरा हो चूका था. मैं वहां गया, तो उसने मेरे वहां पहुंचते ही मुझे जोर से भीच लिया अपनी बाहो में और फिर मैंने उसके चेहरे को उठाया और एक जोरदार किस कर दिया. फिर मैंने धीरे से उसके चुके दबा दिए बोला - आज क्या बात है, कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है? उसने कुछ जवाब नहीं दिया. मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा था और एक हाथ से उसकी गांड को रहा था. फिर मैं उसको लेकर वहीँ पड़ी हुई चारपाई पर बैठ गया. मैंने उसकी कमीज़ के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, उसकी ब्रा के ऊपर से ही.
फिर उसने कान आ कर बोला, मुझे आप से मिलना है. मैंने कहा - मिल तो रहे है. फिर कहा - ऐसे नहीं, अकेले में. फिर मैंने कहा, अभी भी तो अकेले ही है. कौन सा भीड़ में है? फिर वो चिढ़ गयी और बोली, मेरा मतलब कहीं और के लिए था. जहाँ सिर्फ हम दोनों हो थोड़े टाइम के लिए. ये सुन कर मैं कुछ सरप्राइज हो गया, लेकिन अंदर खुश भी था. - बताओ, कहाँ मिलना है और कब मिलना है? उसने थोड़ा सोचा और कहा - खाना खाने के बाद सब सोने चले जाते है और मैं और बुआ जी उनके यहाँ पर बैठ कर बातें करते है. मुझे जल्दी नींद नहीं आती है. मैं घर दूंगी, कि बुआ जी के के यहाँ जा रही हु. थोड़ी देर उनसे बातें करके मैं निकल जाउंगी. हम दोनों नाना जी के खलियान में चलेंगे. रात में वहां पर कोई नहीं होता है है. - आईडिया अच्छा है. चलो मैं खाना खाने के बाद बरामदे रहूँगा. मुझे इशारा कर देना निकलने से पहले.
हमारी डील पक्की हो गयी. कुछ घंटे ही बाकी थी मिलने में. आई वाज वेरी एक्ससटेड बट मुझे कुछ एहसास नहीं था, कि रात को क्या होने वाला है? मेरे दिमाग में बस इतना ही था, कि हम मिल रहे है. मैं आज टाइम से थोड़ा पहले ही खाना खा कर बरामदे के बाहर चेयर डाल कर बैठ गया. तक़रीबन आधा घंटे के बाद वो बाहर आई और बुआ के घर में चली गयी. तबतक मैक्सिमम लोग थे. गांव जल्दी सो जाते है. १० मिनट में यूही बैठा रहा. फिर वो बुआ के घर से निकली और मेरी तरफ बड़ी. मेरे पास पहुंच कर उस ने धीरे से कहा - मैं निकल रही हु. ५ मिनट के बाद यहाँ से धीरे से निकलना.
मैंने कहा - ठीक है गयी. मेरी एक्ससटमेंट की बात ना पूछो. आई कैंट एक्सप्लेन. मैं भी इंतज़ार नहीं कर पाया और ५ मिनट के अंदर मैं भी निकल गया. धीरे - धीरे वाक करते हुए, मैं खिलहान पहुंच गया. वहां बिलकुल शांति थी अंदर घर धीमी रोशिनी आ रही थी. मैं दबे पाँव गेट की तरफ बढा और जैसे ही गेट तक पंहुचा. वो गेट पर ही खड़ी थी. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अंदर की तरफ खींच लिया. फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गए, जहाँ पर चारपाई पड़ी हुई थी. अंदर पहुंच कर हम दोनों खड़े हो गए और एक दूसरे को बड़ी ही ख़ामोशी से देख रहे थे.
फिर मैंने उसको हग किया और उसे किस करने लगा और उसकी बेक फेरने लगा. उसने भी मुझे टाइट हग कर लिया. किस करने रही थी. फिर मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर आ गया और मैंने उसकी कुर्ती के ऊपर से उसकी चूचियों को मसल रहा था. उसकी आँखे बंद हो गयी और उस ने धीरे - धीरे मोअन करना चालू कर दिया.
फिर उसने खुद ही मेरे दूसरे हाथ को पकड़ कुर्ती दिया और अपनी चूचियों पर रख दिया. मैंने भी उसकी चूची को ब्रा के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया और दबाने लगा. फिर मैंने उसकी कुर्ती निकाल दी और उसकी ब्रा को भी खोल दिया. अब उसकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थी. मध्यम साइज की चूचियाँ और पिंक निप्पल एकदम कड़क हो चुके थे. मैंने उसको वहां लिटाया भूखे शेर की तरह चूचियों पर टूट पड़ा और चूसने लगा. उसकी मॉनिंग भी गहरी होती गयी. वो अब अपनी गांड को उठा कर अपनी चूत को मेरे लण्ड से रगड़ रही थी.
मैंने अपना एक हाथ सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया और फिर उसकी चूत लगा. वो पूरी तरह से एक्साइट हो चुकी थी. वो अपनी गांड को उठा - उठा कर मेरे हाथ पर अपनी चूत को रगड़ रही थी सर अपनी चूचियों दबाए जा रही थी. मैं समझ गया था, कि वो चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. मैंने उसकी सलवार को पुल्ल कर के निकाल दिया और साथ ही पैंटी भी निकाल दी. फिर वो उठी और मेरे लोअर को खींच कर नीचे कर दी और मेरे अंडरवियर से मेरे लण्ड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से ऊपर - नीचे करने लगी. मुझे तो सच में बड़ा मजा आने लगा था. मेरी तो आँखे बंद होने लगी थी.
फिर लोअर और अंडरवियर निकाल दिया और फिर उसको लेटाया और एक बार फिर से मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका कंट्रोल लूज होने लगा और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली - बहुत हो गया ऊँगली करना. अब ये डालो. मैं भी बेताब था अपने लण्ड को उसकी चूत में डालने को. मैंने बिना देर किये हुआ अपने लण्ड सूपड़ा उसकी चूत पर निशाना लगाया और एक जोर का झटका दिया. पर निशाना चूक गया. मैंने फिर से ट्राय किया बट नो लक. फिर उसने खुद ही मेरा लण्ड पकड़ चूत किया और मुझ से कहा, कि आराम से डालो. मैं कहीं भाग नहीं रही हु.
फिर मैंने इस आराम से से डाला लण्ड अंदर चले गया. उसकी हलकी सी सिसकारी निकली और उस ने मुझे कस कर पकड़ लिया. फिर उसने मुझे रुकने को बोला. मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा और किसिंग करता रहा. फिर जब उसको थोड़ा रिलैक्स फील हुआ, तो उसने अपनी कमर हिलनी शुरू कर दी और मुझे समझ आया गया, कि वो चुदाई के लिए तैयार है. मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए और कुछ ही शॉट्स में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अंदर चले गया.
ये देख कर मैं हैरान रह गया और मैं समझ गया, कि ये आलरेडी चुदी हुई माल है. फिर मैंने धीरे - धीरे धक्कों की स्पीड बड़ाई और वो भी अपनी गांड को उठा कर मेरे लण्ड अपनी चूत में ले रही थी. बीच - बीच में हम किसिंग भी कर रहे थे और मैंने उसकी चूचियों को मसल रहा था और किस भी कर रहा था. वो पुरे मजे ले कर चुदवा रही थी. मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरी तरह से टाइट हो चूका था. चूत में लण्ड की रगड़ से मेरा एक्ससटमेंट और भी ज्यादा बढ़ रहा था. कुछ धक्कों के बाद उसने मुझे अचानक कस कर पकड़ लिया और अपने पैरो टाइट कर लिया. मुझे लगा जैसे मेरा लण्ड उसकी चूत में जाम हो गया. मैंने समझ गया, की वो झड़ रही है. मैंने धक्के लगाने चालू रखे. फिर थोड़ी देर में उसका बदन ढीला पड़ गया. मैंने अपनी स्पीड स्लो कर दी और उसको किस किया. वो पागलो की तरह मुझे चुम रही थी और मेरे बैक पर हाथ फेर रही थी.
फिर उसने कहा, कि मैं झड़ चुकी हु. मैंने कहा, लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा हु. उसने धीरे से दांत काटते हुए कहा, अब तुम्हारी बारी है. चलो शुरू हो जाओ. पेलते जाओ अपने लण्ड को मेरी चूत के अंदर. बहुत अच्छा है तुम्हरा लण्ड और चोदते भी अच्छा हो. पहली बार उसने चुदाई और लण्ड की बाते की, तो मुझे भी मजा आ गया. मैंने कहा, फिर से रेडी हो जाओ. एक और राउंड मारना है. और फिर मैंने एक जोर का धक्का मारा. उस ने भी अपनी गांड को उठा कर धक्के का जवाब दिया और कहा, मैं हमेशा रेडी हु चुदाई के लिए. जितना मर्जी हो, उतना चोद लो.
मैं और भी ज्यादा जोश में आ गया और जोर - जोर से धक्के देने लगा. वो भी गांड उठा - उठा कर अपनी चूत रही थी और फिर उसकी पकड़ और भी ज्यादा टाइट हो गयी. और उसने पैर इस तरह से टाइट कर लिए, कि मेरा लण्ड उसकी चूत में टाइट फस गया था. २ ३ मिनट के और धक्कों के बाद मुझे लगा, कि मैं भी वाला हु. मैंने उसको कहा, कि मैं भी झड़ने वाला हु. तो उसने कहा, अंदर ही डाल दो. मैं पिल्स ले लुंगी. फिर मैंने ८ १० धक्के और मारे और अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया.
फिर ऐसे ही मैं थोड़ी देर उसके ऊपर पड़े रहा और फिर उस से कहा, चलो घर चलते है. देर हो रही है. हलाकि मैं एक राउंड और मारना चाहता था. लेकिन उसने मना कर दिया और बोली - आज ही सारी मलाई खानी है. क्यों कल कहीं जा रहे हो? मैंने कहा - नहीं तो. तो वो बोली, कल के लिए कुछ बचा कर रखो. फिर हम दोनों जोर से हसने लगे और कपडे पहन कर घर वापस आ गए.
ये कहानी २००५ की है, जब मैं 12थ का एग्जाम दे चूका था और चूँकि रिजल्ट आने में कुछ टाइम था, तो मैं फ्री था. डिस वाज फर्स्ट टाइम, आई हेड सेक्स विद समवन. एग्जाम खत्म हुए १ वीक हुए था और मैं अपनी आज़ादी की जिंदगी जी रहा था. एक दिन मैं सुबह - सुबह अपने बरामदे में के बाहर बैठ कर ब्रश कर रहा था. तभी मेरे पड़ोस के घर से बड़ी ही खूबसूरत लड़की बाहर निकली. मैंने उसे इससे पहले कभी नहीं देखा था. मैंने अंदाज़ा लगाया, कि वो यहाँ पर अपने रिलेटिव के यहाँ आई हुई थी. वो निकली, शी हेड ए लुक अराउंड. डेफिनेटली टुवर्ड्स मी टू. और फिर पड़ोस की बुआ से बातें करने लग गयी.
मेरी पहली ही नजर उस की नजर से लड़ गयी और मैं उसको बड़े ही गौर से देखने लगा. मैं जानबूझकर बाहर जहाँ पर हैंडपंप लगा था, वहां जा कर फ्रेश हुआ और फिर से आ कर बैठ गया. थोड़ी देर में वो वहां से चली गयी और इस तरह से मैंने उसको पहली बार देखा.
१ या २ दिन तक मैंने उसे नोटिस किया और उसकी टाइमिंग वगैरह नोटिस किया. फिर मैंने नोटिस किया, कि वो भी मुझे अच्छाखासा घूरने लगी थी. मेरे बरामदे का डोर और उसके बरामदे की खिड़की आमने - सामने ही थी. मैं अपने बरामदे के बाहर अक्सर चेयर लगाके बैठ जाता था और वो अपने बरामदे की खिड़की के पास बैठ जाती थी. थोड़ी - थोड़ी देर में वो मेरी तरफ नज़ारे घुमा कर कर देख लेती थी. मुझे भी लगने लगा था, कि सब कुछ सेट है. बस एक बार शुरुआत करने की जरूरत है और ये भी ख्वाहिश एक दिन पूरी हो गयी.
हुआ यु कि, पड़ोस की बुआ थी, जिन से वो पहले दिन बात कर रही थी. वो भी अनमैरिड थी और वो दोनों हमेशा उनके घर पर बैठा करते थे और टाइम पास किया करते थे. और मेरी भी बुआ से बहुत अच्छीखासी बनती थी. एक दिन मैं ऐसे ही घूमते हुए उनके घर जा पंहुचा. वो भी वहां पर बैठी हुई थी. बुआ बोली - बहुत दिनों से तू नहीं आया? क्या बहुत ज्यादा बिजी हो गया है? मैं भी पूरी फ्लिर्टिंग करते हुए बोला - "नहीं बिजी नहीं हु. आजकल आप किसी किसी और ही बिजी रहती है. इसलिए डिस्ट्रूब नहीं किया". मेरी इस बात को सुनकर दोनों जोरो से हंस पड़े. फिर मैं उनके साथ ही बैठ गया और फिर शुरू हो गयी हम लोगो की यूज़वल बकचोदी. बीच - बीच में हम दोनों एक दूसरे को घूर भी लेते थे. बात करते - करते पता चला, कि उस ने भी 10थ के एग्जाम दिए है और रिजल्ट था, इसलिए वो यहाँ आ गयी थी अपनी नानी के घर लिए. और मुझे उसका नाम भी उसी दिन पता चला. उसका नाम सोनी था.
फिर ये सिलसिला चल पड़ा. हमें बुआ का घर एक प्लेटफॉर्म की तरह मिल गया था मिलने के लिए और बातें करने के लिए. हम दोनों बहुत ही जल्दी खुल चुके थे. हम लोग अब ऑलमोस्ट हर तरह की बातें शेयर करने लगे थे. पर मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी, कि मैं आगे बड़ सकु. क्योंकि आई वाज वेरी नई टू डिस गेम. एक दिन ऐसे ही हम तीनो बैठे हुए बातें कर रहे थे और बुआ को किसी काम से थोड़ी देर के लिए बाहर जाना पड़ा. जैसे ही वो बाहर गयी, हम दोनों बिलकुल शांत हो गए और थोड़ा सा अनकफोर्टब्ले सा फील होने लगा.
फिर अचानक से उस ने अपना हाथ आगे बढ़ाया और मेरे हाथ पेपर दे कर वहीं से चली गयी. आई वाज सरप्राइज लाइक हेल. आई वाज प्रेटी मच श्युर, आईटी विल टर्न आउट एज लव लेटर और मेरे अंदर उसको पढ़ने की चूल मचने लगी. मैं भी बाहर आया और बुआ को बोला, कि मैं भी जा रहा हु और बाद में आ जाऊंगा. और वहां कर अपने बरामदे में पहुंच गया. मैंने लेटर खोल कर पढ़ा. आई वाज राइट. मेरे पैर जमीन पर नहीं पड़ रहे थे. आईटी वाज माय फर्स्ट लव लेटर आई एवर गोट. मैंने भी बिना देर किये हुए आनन- फानन में रिप्लाई लिखा एंड समहाउ आई मैनेज्ड तो डिलीवर टू हेर. और इस तरह से हम दोनों की लव स्टोरी शुरू हो गयी.
फिर हम कुछ दिनों तक यूँही शाम को अँधेरे में मिलते रहे फॉर फ्यू मिनट एंड वी वेर टू फ़ास्ट और हम लोगो के बीच किस और फोरप्ले स्टार्ट हो चूका था.
फिर एक दिन शाम को उसने मुझे बरामदे में आने का इशारा किया. ऑलमोस्ट अँधेरा हो चूका था. मैं वहां गया, तो उसने मेरे वहां पहुंचते ही मुझे जोर से भीच लिया अपनी बाहो में और फिर मैंने उसके चेहरे को उठाया और एक जोरदार किस कर दिया. फिर मैंने धीरे से उसके चुके दबा दिए बोला - आज क्या बात है, कुछ ज्यादा ही प्यार आ रहा है? उसने कुछ जवाब नहीं दिया. मैं उसकी चूचियों को दबाने लगा था और एक हाथ से उसकी गांड को रहा था. फिर मैं उसको लेकर वहीँ पड़ी हुई चारपाई पर बैठ गया. मैंने उसकी कमीज़ के अंदर हाथ डाल दिया और उसकी चूचियों को दबाने लगा, उसकी ब्रा के ऊपर से ही.
फिर उसने कान आ कर बोला, मुझे आप से मिलना है. मैंने कहा - मिल तो रहे है. फिर कहा - ऐसे नहीं, अकेले में. फिर मैंने कहा, अभी भी तो अकेले ही है. कौन सा भीड़ में है? फिर वो चिढ़ गयी और बोली, मेरा मतलब कहीं और के लिए था. जहाँ सिर्फ हम दोनों हो थोड़े टाइम के लिए. ये सुन कर मैं कुछ सरप्राइज हो गया, लेकिन अंदर खुश भी था. - बताओ, कहाँ मिलना है और कब मिलना है? उसने थोड़ा सोचा और कहा - खाना खाने के बाद सब सोने चले जाते है और मैं और बुआ जी उनके यहाँ पर बैठ कर बातें करते है. मुझे जल्दी नींद नहीं आती है. मैं घर दूंगी, कि बुआ जी के के यहाँ जा रही हु. थोड़ी देर उनसे बातें करके मैं निकल जाउंगी. हम दोनों नाना जी के खलियान में चलेंगे. रात में वहां पर कोई नहीं होता है है. - आईडिया अच्छा है. चलो मैं खाना खाने के बाद बरामदे रहूँगा. मुझे इशारा कर देना निकलने से पहले.
हमारी डील पक्की हो गयी. कुछ घंटे ही बाकी थी मिलने में. आई वाज वेरी एक्ससटेड बट मुझे कुछ एहसास नहीं था, कि रात को क्या होने वाला है? मेरे दिमाग में बस इतना ही था, कि हम मिल रहे है. मैं आज टाइम से थोड़ा पहले ही खाना खा कर बरामदे के बाहर चेयर डाल कर बैठ गया. तक़रीबन आधा घंटे के बाद वो बाहर आई और बुआ के घर में चली गयी. तबतक मैक्सिमम लोग थे. गांव जल्दी सो जाते है. १० मिनट में यूही बैठा रहा. फिर वो बुआ के घर से निकली और मेरी तरफ बड़ी. मेरे पास पहुंच कर उस ने धीरे से कहा - मैं निकल रही हु. ५ मिनट के बाद यहाँ से धीरे से निकलना.
मैंने कहा - ठीक है गयी. मेरी एक्ससटमेंट की बात ना पूछो. आई कैंट एक्सप्लेन. मैं भी इंतज़ार नहीं कर पाया और ५ मिनट के अंदर मैं भी निकल गया. धीरे - धीरे वाक करते हुए, मैं खिलहान पहुंच गया. वहां बिलकुल शांति थी अंदर घर धीमी रोशिनी आ रही थी. मैं दबे पाँव गेट की तरफ बढा और जैसे ही गेट तक पंहुचा. वो गेट पर ही खड़ी थी. उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और मुझे अंदर की तरफ खींच लिया. फिर हम दोनों अंदर के रूम में चले गए, जहाँ पर चारपाई पड़ी हुई थी. अंदर पहुंच कर हम दोनों खड़े हो गए और एक दूसरे को बड़ी ही ख़ामोशी से देख रहे थे.
फिर मैंने उसको हग किया और उसे किस करने लगा और उसकी बेक फेरने लगा. उसने भी मुझे टाइट हग कर लिया. किस करने रही थी. फिर मेरा एक हाथ उसकी चूचियों पर आ गया और मैंने उसकी कुर्ती के ऊपर से उसकी चूचियों को मसल रहा था. उसकी आँखे बंद हो गयी और उस ने धीरे - धीरे मोअन करना चालू कर दिया.
फिर उसने खुद ही मेरे दूसरे हाथ को पकड़ कुर्ती दिया और अपनी चूचियों पर रख दिया. मैंने भी उसकी चूची को ब्रा के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया और दबाने लगा. फिर मैंने उसकी कुर्ती निकाल दी और उसकी ब्रा को भी खोल दिया. अब उसकी नंगी चूचियाँ मेरे सामने थी. मध्यम साइज की चूचियाँ और पिंक निप्पल एकदम कड़क हो चुके थे. मैंने उसको वहां लिटाया भूखे शेर की तरह चूचियों पर टूट पड़ा और चूसने लगा. उसकी मॉनिंग भी गहरी होती गयी. वो अब अपनी गांड को उठा कर अपनी चूत को मेरे लण्ड से रगड़ रही थी.
मैंने अपना एक हाथ सलवार के ऊपर से ही उसकी चूत पर रख दिया और फिर उसकी चूत लगा. वो पूरी तरह से एक्साइट हो चुकी थी. वो अपनी गांड को उठा - उठा कर मेरे हाथ पर अपनी चूत को रगड़ रही थी सर अपनी चूचियों दबाए जा रही थी. मैं समझ गया था, कि वो चुदने के लिए पूरी तरह से तैयार है. मैंने अपना हाथ बढ़ा कर उसकी सलवार का नाड़ा खोल दिया. मैंने उसकी सलवार को पुल्ल कर के निकाल दिया और साथ ही पैंटी भी निकाल दी. फिर वो उठी और मेरे लोअर को खींच कर नीचे कर दी और मेरे अंडरवियर से मेरे लण्ड को बाहर निकाल लिया और अपने हाथ से ऊपर - नीचे करने लगी. मुझे तो सच में बड़ा मजा आने लगा था. मेरी तो आँखे बंद होने लगी थी.
फिर लोअर और अंडरवियर निकाल दिया और फिर उसको लेटाया और एक बार फिर से मैं उसकी चूचियों को चूसने लगा और उसकी चूत में ऊँगली करने लगा. थोड़ी देर ऐसा करने पर उसका कंट्रोल लूज होने लगा और उसने मेरा लण्ड पकड़ लिया और बोली - बहुत हो गया ऊँगली करना. अब ये डालो. मैं भी बेताब था अपने लण्ड को उसकी चूत में डालने को. मैंने बिना देर किये हुआ अपने लण्ड सूपड़ा उसकी चूत पर निशाना लगाया और एक जोर का झटका दिया. पर निशाना चूक गया. मैंने फिर से ट्राय किया बट नो लक. फिर उसने खुद ही मेरा लण्ड पकड़ चूत किया और मुझ से कहा, कि आराम से डालो. मैं कहीं भाग नहीं रही हु.
फिर मैंने इस आराम से से डाला लण्ड अंदर चले गया. उसकी हलकी सी सिसकारी निकली और उस ने मुझे कस कर पकड़ लिया. फिर उसने मुझे रुकने को बोला. मैं थोड़ी देर ऐसे ही रुका रहा और किसिंग करता रहा. फिर जब उसको थोड़ा रिलैक्स फील हुआ, तो उसने अपनी कमर हिलनी शुरू कर दी और मुझे समझ आया गया, कि वो चुदाई के लिए तैयार है. मैंने धक्के मारने शुरू कर दिए और कुछ ही शॉट्स में मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत के अंदर चले गया.
ये देख कर मैं हैरान रह गया और मैं समझ गया, कि ये आलरेडी चुदी हुई माल है. फिर मैंने धीरे - धीरे धक्कों की स्पीड बड़ाई और वो भी अपनी गांड को उठा कर मेरे लण्ड अपनी चूत में ले रही थी. बीच - बीच में हम किसिंग भी कर रहे थे और मैंने उसकी चूचियों को मसल रहा था और किस भी कर रहा था. वो पुरे मजे ले कर चुदवा रही थी. मेरा लण्ड उसकी चूत में पूरी तरह से टाइट हो चूका था. चूत में लण्ड की रगड़ से मेरा एक्ससटमेंट और भी ज्यादा बढ़ रहा था. कुछ धक्कों के बाद उसने मुझे अचानक कस कर पकड़ लिया और अपने पैरो टाइट कर लिया. मुझे लगा जैसे मेरा लण्ड उसकी चूत में जाम हो गया. मैंने समझ गया, की वो झड़ रही है. मैंने धक्के लगाने चालू रखे. फिर थोड़ी देर में उसका बदन ढीला पड़ गया. मैंने अपनी स्पीड स्लो कर दी और उसको किस किया. वो पागलो की तरह मुझे चुम रही थी और मेरे बैक पर हाथ फेर रही थी.
फिर उसने कहा, कि मैं झड़ चुकी हु. मैंने कहा, लेकिन मैं अभी नहीं झड़ा हु. उसने धीरे से दांत काटते हुए कहा, अब तुम्हारी बारी है. चलो शुरू हो जाओ. पेलते जाओ अपने लण्ड को मेरी चूत के अंदर. बहुत अच्छा है तुम्हरा लण्ड और चोदते भी अच्छा हो. पहली बार उसने चुदाई और लण्ड की बाते की, तो मुझे भी मजा आ गया. मैंने कहा, फिर से रेडी हो जाओ. एक और राउंड मारना है. और फिर मैंने एक जोर का धक्का मारा. उस ने भी अपनी गांड को उठा कर धक्के का जवाब दिया और कहा, मैं हमेशा रेडी हु चुदाई के लिए. जितना मर्जी हो, उतना चोद लो.
मैं और भी ज्यादा जोश में आ गया और जोर - जोर से धक्के देने लगा. वो भी गांड उठा - उठा कर अपनी चूत रही थी और फिर उसकी पकड़ और भी ज्यादा टाइट हो गयी. और उसने पैर इस तरह से टाइट कर लिए, कि मेरा लण्ड उसकी चूत में टाइट फस गया था. २ ३ मिनट के और धक्कों के बाद मुझे लगा, कि मैं भी वाला हु. मैंने उसको कहा, कि मैं भी झड़ने वाला हु. तो उसने कहा, अंदर ही डाल दो. मैं पिल्स ले लुंगी. फिर मैंने ८ १० धक्के और मारे और अपना सारा माल उसकी चूत में डाल दिया.
फिर ऐसे ही मैं थोड़ी देर उसके ऊपर पड़े रहा और फिर उस से कहा, चलो घर चलते है. देर हो रही है. हलाकि मैं एक राउंड और मारना चाहता था. लेकिन उसने मना कर दिया और बोली - आज ही सारी मलाई खानी है. क्यों कल कहीं जा रहे हो? मैंने कहा - नहीं तो. तो वो बोली, कल के लिए कुछ बचा कर रखो. फिर हम दोनों जोर से हसने लगे और कपडे पहन कर घर वापस आ गए.